पहले खाला फिर हलाला -१

#आंटी_की_कहानी

दोस्तो, मेरे नाम आमिर है. मैं हैदराबाद का रहने वाला हूँ, मेरी उम्र 21 साल है. मैं अपने अम्मी अब्बा की इकलौती संतान हूँ. मैंने विदेश से पढ़ाई की है और पढ़ाई पूरी कर कुछ दिन पहले ही घर वापिस आया हूँ.

कुछ दिन पहले सब लोग एक शादी में दिल्ली गए हुए थे. वहां पर मेरे अम्मी के चाचा के बेटी यानि मेरी खाला नूरी भी आयी हुई थी. अम्मा ने मुझे उनसे मिलवाया. नूरी खाला बहुत सुन्दर हैं, एकदम गोरा रंग, गोल चेहरा बड़ी बड़ी काली आँखें सुन्दर तीखे नैन नक्श मीठी आवाज … खाला बहुत हंसमुख हैं.

मुझे पता चला कि खाला शादी के कुछ ही साल बाद ही जवानी में ही बेवा हो गयी थी. मेरी खाला से अच्छी बन गयी और बातचीत में पता चला कि खाला की चार बेटियाँ हैं और उनमें से एक की शादी हो चुकी है.

जब सगाई हो रही थी तो खाला मेरे साथ ही बैठी थी. शादी के दौरान खाला ने मेरे साथ खूब अपनी सेल्फ़ियाँ ली और मुझसे पूछा कि मेरी कितनी गर्लफ्रेंड हैं.

मैंने बताया- अभी तीन साल बाद विदेश से घर वापिस आया हूँ, कोई गर्लफ्रेंड नहीं है.

तो खाला ने पूछा- विदेश में कितनी गर्लफ्रेंड थी?

मैंने कहा- बहुत सारी.

तो खाला ने मुस्कुरा के पूछा- फिर तो बहुत मजे किये होंगे?

इससे पहले मैं जवाब देता, खाला का फ़ोन आ गया और खाला उठ कर चली गयी.

उसके बाद खाला मेरी अम्मी से मिली और फिर कहीं नज़र नहीं आयी. मैंने पता किया तो पता चला किसी कारण से खाला को इमरजेंसी में वापिस अपने घर कश्मीर अर्जेंट जाना पड़ा है इसीलिए वे चली गयी.

मैं सगाई में बोर होता रहा क्योंकि मेरे वहां कोई परिचित या दोस्त नहीं थे.

सगाई हो गयी तो अम्मी अब्बू ने बुलाया और कहा- बेटा आमिर, नूरी खाला से तो तुम मिल ही चुके हो, एक जरूरी काम से तुम्हें नूरी खाला के पास कश्मीर जाना होगा, उनका बहुत जरूरी काम है हम शादी बीच में छोड़ कर जा नहीं सकते और वहाँ जो खाला कहें, वह हमारा हुक्म मान कर पूरा करना.

मैंने सर झुका कर आदाब बजाया और अगली फ्लाइट से कश्मीर श्रीनगर निकल गया.

कश्मीर मैंने देखा भी नहीं था और नूरी खाला का साथ मुझे अच्छा लगा था.

वहाँ जाकर जो कुछ मालूम हुआ, उससे मेरे कान सुर्ख हो गए, मेरी 1 कजिन जिसका नाम सारा था और उम्र लगभग १९ साल थी की शादी हमारे कजिन इमरान से हुई थी और उनका आपस में बहुत प्यार मोहब्बत था, पता नहीं क्या हुआ कि उसने ग़ुस्से में आकर मेरी कजिन सिस्टर को तलाक़ दे दिया और इसी कारण से वह शादी में भी नहीं आयी थी.

इस तलाक देने के बाद मेरे कजिन को बहुत पछतावा हुआ और इमरान ने दोबारा सारा से शादी करने की ख्वाहिश की, मौलवी साहेब बोले- शरीयत के रूल से सारा को हलाला से गुजरना होगा और कम से कम एक रात के लिए किसी और की बीवी बनना पड़ेगा, तब ही इन दोनों की शादी हो सकती है.

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नूरी खाला ने मुझे बताया कि वो एक रात की शादी मुझको सारा से करनी होगी. जब मुझे यह बात मालूम हुई तो मैंने मन ही मन कहा- चलो एक रात की ही बात है, मज़े कर लो आमिर साहब!

मैंने हामी भर ली और कहा- खाला, आपकी बेटी का घर बस जाए, मुझे उससे ज्यादा कुछ नहीं चाहिए.

नूरी खाला बहुत खुश हुई और मुझे गले लगा कर प्यार किया और बोली- बेटा, कभी कुछ भी चाहिए हो तो बेझिझक मांग लेना.

अगले दिन निकाह होने की बात तय हो गयी. खाला का घर काफी बड़ा था, मुझे रात में अलग कमरा सोने के लिए दिया और मैं सोने के तैयारी करने लगा.

कुछ देर बाद मेरा मोबाइल बजा और खाला का फ़ोन था, उन्होंने कहा- सो गए थे क्या?

तो मैंने कहा- सोने की तैयारी कर रहा था.

खाला बोली- तुम मेरे कमरे में आओ!

और फ़ोन कट गया.

मैं खाला के कमरे में गया तो देखा कि एक मोहतरमा लाल कपड़ों में दुल्हन बन घूंघट ओढ़े मेरा बिस्तर पर इंतजार कर रही थी. फिर मैं उनके पास गया और पूछा- खाला, ये सब क्या है?

खाला बोली- आमिर, आज तुम्हारा इम्तेहान है. तुम्हें सारा से सिर्फ शादी ही नहीं करनी, उसके साथ सोना भी है और शौहर बीवी की तरह चोदना भी है. मैं पक्का करना चाहती हूँ कि तुम उसे चोद पाओगे या नहीं.

मैंने कहा- आपको ऐसा क्यों लगता है?

तो खाला ने सारा की पूरी कहानी बताई, खाला बोली- इमरान मेरे भाई का बेटा है, उसी ने जिद कर के सारा से शादी की थी लेकिन शादी के बाद पता चला उसका लंड बहुत छोटा था और वह सारा को चोद ही नहीं पाता था. इसी कारण दोनों में झगड़ा हुआ और इमरान ने गुस्से में सारा को तलाक दे दिया. अब मैं चाहती हूँ हलाला के जरिये ही सही, कम से कम एक बार तो सारा को चुदाई का पूरा सुख मुझ से मिल जाए.

अब वे यह देखना चाहती थी मेरा लंड कितना बड़ा है और क्या मैं ठीक से चोद पाता हूँ या नहीं! इसीलिए उन्होंने ये सारा इंतज़ाम किया था.

फिर नूरी खाला बोली- आमिर, मेरे साथ आराम से करना क्योंकि मैं भी कुंवारी हूँ!

मैं फिर चौंका- ये कैसे?

तो खाला बोली- मेरी चारों बेटियाँ मेरी बड़ी आपा की औलाद हैं. बिमारी से आपा के इन्तकाल के बाद तुम्हारे खालू भी बीमार रहने लगे तो बच्चों की देखभाल के लिए मेरा निकाह आपा के शौहर से कर दिया गया. और बिमारी के कारण सुहागरात भी नहीं मनी और निकाह के कुछ दिन बाद ही वे चल बसे और तुम्हारी ये नूरी खाला शादी कर के भी कुंवारी रह गयी. आज इसी बहाने तुम्हारी खाला की हसरतें भी पूरी हो जाएंगी.

तो मैं खाला को गले लगा कर बोला- खाला, मुझसे एक बार चुदने के बाद मुझसे चुदे बिना रह नहीं पाओगी.

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खाला ने लाल लहंगा, चोली चुनरी और ढेर सारे गहने पहने हुए थे और साथ में गजरा और फूलों से शृंगार किये हुए स्वर्ग से आयी हुई अप्सरा लग रही थी. मेरा तो लंड उसे देख कर बेकाबू हो गया और मेरी हालत काम रोग से ग्रस्त हो गयी.

खाला बिस्तर के पास शर्मायी हुई अपने पैरों की तरफ देख रही थी. उसने हल्का सा घूंघट किया हुआ था. उसका चेहरा शर्म और आगे जो होने वाला था, सोच कर लाल हो रहा था, वह थोड़ी सी घबराई हुई थी.

मैं थोड़ा सा आगे होकर और उनका हाथ अपने हाथ में ले लिया और उनको बेड पर ले गया.

या खुदा !! उनका नर्म गर्म हाथ पकड़ते ही मेरे तनबदन की आग और भड़क गयी और मेरा लंड सनसनाता हुआ पूरा 8 इंची बड़ा हो गया और सलामी देने लगा.

मैंने नूरी खाला की तारीफ करना शुरू कर दिया. मैंने कहा- खाला, बहुत सुन्दर हो आप, आप मेरे सपनों की रानी हो, जबसे आपको देखा है, तब से आपसे बहुत प्यार करता हूँ मैं और आपको पाना चाहता था. आज अल्लाह के करम से आप मेरी हो गयी हैं.

वह और भी शर्माने लगी और मेरे बहुत कहने पर मीठी आवाज़ में बोली- मैं भी आप को प्यार करती हूँ.

दूध जैसी गोरी चिट्टी लाल गुलाबी होंठ नाज़ुक होटों के नीचे काला तिल! नाक पर बड़ी नथ, मांग में टिका बालों में गजरा, उनका चेहरा नीचे को झुका हुआ था इतनी सुन्दर दुल्हन देख मेरे मुँह से निकला वाह !! तुम तो क़यामत हो मेरी जान!

मेरा लंड फुफकारने लगा. मैंने धीरे से उनके चेहरे को ऊपर किया, नूरी खाला की आँखें बंद थी. इतनी सुन्दर नूरी खाला मुझे अता फरमाने के लिए मैंने अल्लाह का शुक्रिया अदा किया और बोला- मेरी जान, अपनी आँखें खोलो और मुझे देखो!

उन्होंने आँखें खोली और हल्की से मुस्करायी मैंने उनके ओंठों पर एक नर्म सा चुम्बन ले लिया. यह उनका पहला चुम्बन था, वह फिर शर्मा कर सिमट कर मुझ से लिपट गयी.

मैंने खाला को अपने गले लगाया और पीठ पर हाथ फिराया, उनकी पीठ बहुत चिकनी थी, मैंने पूछा- क्या आपको मालूम है सुहागरात में क्या करते हैं?

उन्होंने अपना सर हाँ में हिलाया और मुझसे और कस का लिपट गयी.

मेरे हाथ ने महसूस किया उन्होंने बैकलेस चोली पहनी हुई थी जो सिर्फ दो डोरियों से बंधी हुई थी और ब्रा नहीं पहनी हुई थी फिर मेरे फिसल हाथ की कमर तक पहुँच गए थे … क्या चिकनी नरम और नाजुक कमर थी.

मेरे हाथ फिसल कर उनकी गांड पर पहुँच गए थे. उन्होंने लहंगा अपनी नाभि की नीचे और चूत के ऊपर पहना हुआ था. उनकी गांड की दरार को मैंने महसूस किया. ‘आअह्ह्ह…’ उनकी सिसकी निकल गयी.

मैंने फिर पूछा- खाला, क्या आप तैयार हो?

उन्होंने हाँ में सर हिलाया और धीरे से बोली- इस रात का इंतज़ार तो हर लड़की करती है.

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मेरे सपनों की रानी मेरे साथ थी दुल्हन बन मेरे से चुदने को तैयार!

मैंने फिर से कहा- आप सबसे सुन्दर, गोरी मस्त माल हो. आपको देखकर मैं तो दीवाना हो गया हूँ!

मैंने हल्की सी आवाज में बोला- आई लव यू खाला! आपको मालूम नहीं है मेरी क्या हालत है. मेरे मन आपको देखते ही बेकाबू हो जाता है, तुम तो मेरे दिल की मलिका हो!

मैं आगे बोला- आपके गुलाबी नर्म गुलाब के पंखुरियों जैसे होठों का रस चूसना शुरू करे तो रूकने का नाम ही न ले। मैंने आज तक तुम जैसी सेक्सी लड़की नहीं देखी!

मैंने फिर उनको अपने से हल्का सा दूर किया, हाथों से उनका चेहरा ऊपर किया और होंठों पर एक लम्बी किस की. उनकी आँखें बंद थी, मैंने उनके होंठों को छोड़ कर चेहरा ऊपर किया तो खाला ने आँखें खोली और मुस्करायी.

मैं फिर मैं उनके ओंठों को चूमने लगा और वह भी मेरा साथ देने लगी. फिर मैंने अपनी जीभ उनके मुँह में डाल दी और वह मेरी जीभ को चूसने लगी. फिर मैंने भी उनकी जीभ को चूसा. मेरी जीभ जब उनकी जीभ से मिली तो उनका शरीर सिहरने लगा.

फिर मैंने अपने होंठ उनके ओंठों से अलग किये हम दोनों मुस्कराये और फिर बेकरारी से लिप किस करने लगे और चूमते चूमते हमारे मुंह खुले हुये थे जिसके कारण हम दोनों की जीभ आपस में टकरा रही थी और हमारे मुंह में एक दूसरे का स्वाद घुल रहा था।

कम से कम 15 मिनट तक लिप किस करता रहा, वह मेरा लिप किस में भरपूर साथ दे रही थी. खाला को दर्द हो रहा था मगर खाला मुझ से भी ज्यादा प्यासी थी, उने दर्द में भी मज़ा आ रहा था।

हम लोग एक दूसरे को किस करने लगे थे. मैंने खाला की पीठ, कमर पर अपनी उंगलियाँ फेरनी शुरू कर दी थीं. मेरे हाथ उनके कन्धों पर थे और वह मुझको अपनी ओर खींच रही थी और उसी बीच मेरे हाथ उनके चोली पर से होते हुए खाला की पीठ कमर पर होते हुए उनके स्तनों पर पहुँच गये. मेरा हाथ चोली के ऊपर से स्तनों को दबा रहा था. खाला की आँखें पूरी तरह से बंद थी. वह मेरे हर प्रयास को अनुभव कर रही थी और उसका पूरा मजा ले रही थी.

फिर मैंने धीरे से उन्हें अपनी बांहों में लिया और उनके ओंठों पर चूमना जारी रखा. अब नूरी खाला सिहरकर मुझसे लिपट गयी थी और उनकी 38 साईज की चूचियां मेरे सीने से दब गयी थी. मैंने उत्तेजना में उन्हें जकड़कर अपनी बांहों में मसल डाला.

तो नूरी खाला ने कहा- आमिर, मेरे दूल्हे, धीरे करो, बहुत दर्द होता है

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