बारिश में साली के साथ गर्मागर्म सेक्स स्टोरी – जीजू ने वर्जिन साली को चोदा

पढ़िए एक सच्ची हिंदी सेक्स स्टोरी, जहां बारिश की तेज बौछारों में भीगकर जीजू और साली के बीच वो गर्मागर्म रोमांस शुरू होता है, जो घर पहुंचते ही जुनून की आग में बदल जाता है। वर्जिन साली की टाइट चूत में पहली बार लंड डालकर जोरदार चुदाई, नए-नए पोजीशन में मजा, और वो सेक्सी सिसकारियां जो आपको भी मदहोश कर देंगी। इस हॉट कहानी में डूब जाइए, जहां हर पल कामुकता की लहरें उठती हैं।

मैं पिछले एक साल से इस साइट पर सेक्स स्टोरीज पढ़ता हूं, और कई बार खुद भी अपनी जिंदगी की ट्रू इंसिडेंट्स शेयर किए हैं। हर बार मैं सिर्फ रियल लाइफ की बातें ही लिखता हूं, क्योंकि वो ही सबसे ज्यादा excite करती हैं। मैं 35 साल का हूं, एवरेज बिल्ड वाला—न ज्यादा मोटा, न पतला। मेरा काम ऐसा है कि मैं घर से बाहर ज्यादा रहता हूं, लेकिन फैमिली के साथ टाइम स्पेंड करना पसंद है। मेरी बीवी की छोटी बहन नीशा, जो 20-22 साल की है, वो मेरे घर के पास ही रहती है। वो एकदम फ्रेश, innocent टाइप की लड़की है—गोरी चिट्टी, लंबे बाल, और फिगर ऐसा कि कोई भी देखकर मदहोश हो जाए। उसके बूब्स राउंड और फर्म, कमर पतली, और हिप्स कर्वी। वो अभी तक वर्जिन थी, और मैं हमेशा सोचता था कि काश कोई मौका मिले तो…

एक दिन, जुलाई के महीने में, मौसम गर्म और उमस भरा था। नीशा को एम्प्लॉयमेंट एक्सचेंज जाना था, जॉब के लिए कुछ फॉर्म्स सबमिट करने। वो मेरे साथ आई, क्योंकि उसकी स्कूटी खराब थी। हम दोनों बाइक पर निकले—मैं ड्राइव कर रहा था, और वो पीछे बैठी। रास्ते में बातें कर रहे थे, वो हंस-हंसकर बता रही थी अपनी कॉलेज की स्टोरीज। अचानक आसमान काला हो गया, और जोरदार बारिश शुरू हो गई। बिजली कड़क रही थी, पानी की तेज धाराएं गिर रही थीं। हम रास्ते के बीच में थे, कोई शेल्टर नहीं मिला। मैंने बाइक साइड में रोक दी और एक बड़े पेड़ के नीचे खड़े हो गए, लेकिन बारिश इतनी तेज थी कि वो पेड़ भी बचाव नहीं कर पाया।

मिनटों में हम दोनों सर से पांव तक भीग चुके थे। नीशा की व्हाइट टी-शर्ट पूरी तरह गीली हो गई थी, और उसके अंदर की ब्लैक ब्रा साफ नजर आ रही थी। उसके बॉल्स—मतलब उसके बड़े, गोल स्तन—टी-शर्ट से चिपककर इतने उभरे हुए थे कि मैं अपनी आंखें हटा ही नहीं पा रहा था। पानी की बूंदें उसके चेहरे से बह रही थीं, होंठ गीले और चमकदार लग रहे थे। वो अपने हाथों से छाती छुपाने की कोशिश कर रही थी, लेकिन बारिश में सब बेकार। मेरा दिल जोरों से धड़क रहा था, बॉडी में गर्मी सी दौड़ रही थी। मैंने धीरे से कहा, “नीशा, तुम्हारा फिगर तो कमाल का है यार… बारिश में और भी सेक्सी लग रही हो।” वो शर्मा गई, उसके गाल लाल हो गए, और आंखें नीची करके बोली, “जीजू, आप बहुत naughty हो… ऐसी बातें मत करो ना।”

उसकी ये shy वाली स्माइल ने मेरी हिम्मत और बढ़ा दी। मैंने हंसते हुए कहा, “अरे, साली तो आधी घरवाली होती है न! और बारिश में ऐसे भीगकर तो कोई भी कंट्रोल नहीं कर पाएगा।” वो कुछ नहीं बोली, बस मुस्कुराती रही और मेरी तरफ देखती रही। बारिश थमने का नाम नहीं ले रही थी, पानी की ठंडक में भी हमारी बॉडीज गर्म हो रही थीं। मैंने कहा, “चलो घर चलते हैं, क्योंकि मुझे पता था कि दीदी ऑफिस गई हुई है। घर पर कोई नहीं होगा, हम सूखे कपड़ों में चेंज कर लेंगे।” वो सहमत हो गई, और इस बार बाइक पर बैठते वक्त वो मुझे टाइट से पकड़कर बैठी। उसके सॉफ्ट बूब्स मेरी पीठ से चिपक रहे थे, पानी की वजह से वो और भी मुलायम लग रहे थे। मैं महसूस कर रहा था उनकी गर्माहट, और मेरा लंड तुरंत हार्ड हो गया। वो बार-बार मेरी कमर पर हाथ फेर रही थी, शायद वो भी feel कर रही थी मेरी बॉडी की टेंशन। रास्ते भर बारिश में हम भीगते रहे, लेकिन मन में सिर्फ एक ही खयाल था, आज कुछ hot होने वाला है।

घर पहुंचते ही हम दोनों अंदर घुसे। दरवाजा बंद करते ही मैंने नीशा को देखा—उसके बाल गीले, कपड़े चिपके हुए, और बॉडी की हर कर्व साफ दिख रही थी। मैंने टॉवल लपेटा और उसे भी एक दिया। वो रूम में चेंज करने गई, लेकिन जैसे ही बाहर आई—एक लूज टॉप और शॉर्ट्स में—मैं खुद को रोक नहीं पाया। मैंने उसका हाथ पकड़ा और उसे अपनी बाहों में खींच लिया। उसकी बॉडी इतनी सॉफ्ट और गर्म थी, जैसे मखमल का तकिया। वो थोड़ा resist कर रही थी, बोली, “जीजू, क्या कर रहे हो? छोड़ो ना… दीदी आ जाएंगी तो…” लेकिन मैंने उसे और टाइट होल्ड किया, उसके कान में फुसफुसाया, “कोई नहीं आएगा, बस हम दोनों हैं… तुम्हें छूने का मन कर रहा है।” मैंने उसके गीले होंठों पर किस कर दिया—डीप, पैशनेट किस। जीभ से जीभ मिलाकर, जैसे हम दोनों एक-दूसरे को पी रहे हों। वो पहले oppose कर रही थी, लेकिन धीरे-धीरे वो भी respond करने लगी, उसके हाथ मेरी पीठ पर घूमने लगे।

मैंने उसके कपड़े उतारने शुरू कर दिए—पहले टी-शर्ट ऊपर की, फिर ब्रा खोली। उसके बूब्स—बड़े, गोल, टाइट और पिंक निपल्स वाले—मेरे सामने थे। मैंने उन्हें दोनों हाथों से दबाया, मसला, और निपल्स को मुंह में लेकर चूसा। वो सिसकारियां ले रही थी, “आह… जीजू… धीरे… इतना जोर से मत… उफ्फ…” उसकी आवाज में वो सेक्सी moan थी जो मुझे और wild कर रही थी। नीशा की बॉडी में वो ताजगी थी—वर्जिन, untouched—जो मुझे पागल बना रही थी। मैंने अपना पैंट नीचे किया और अपना हार्ड लंड उसके हाथ में दे दिया। वो शर्मा रही थी, आंखें बंद करके, लेकिन धीरे-धीरे हिलाने लगी। उसकी उंगलियां इतनी सॉफ्ट थीं कि मैं groan कर उठा। फिर मैंने कहा, “नीशा, मुंह में लो ना… प्लीज…” वो हिचकिचाई, लेकिन फिर झुककर चूसने लगी। उसकी गर्म जीभ लंड के टिप पर घूम रही थी, चूसते-चूसते वो और excite हो गई। मैं उसके बाल पकड़कर गाइड कर रहा था, “यस… ऐसे ही… साली, तुम तो एक्सपर्ट हो…”

फिर मैंने उसे बेड पर लिटा दिया। उसकी चूत देखी—पिंक, टाइट और पहले से गीली। मैंने थोड़ा वैसलीन उसकी चूत पर लगाया, और अपने लंड की सुपाड़ी पर भी। धीरे-धीरे रब करने लगा, क्लिटोरिस को टच करते हुए। नीशा की आंखें बंद थीं, वो कराह रही थी, “जीजू… आह… ये क्या कर रहे हो… इतना अच्छा लग रहा है…” मैंने धीरे-धीरे अपना लंड अंदर पुश किया। चूत इतनी टाइट थी कि पहले तो फिसला, लेकिन नीशा चिल्लाई, “जीजू, जोर से डालो… मैं सह लूंगी…” मैंने एक जोरदार धक्का मारा, और पूरा लंड अंदर चला गया। थोड़ा ब्लड निकला, दर्द से वो रोने लगी, लेकिन मैंने उसे किस करके शांत किया। फिर जोर-जोर से धक्के मारने लगा—पच-पच की आवाजें, उसकी सिसकारियां, “आह… जीजू… फक मी हार्ड… और जोर से… यस…” मैं उसके बूब्स दबाते, निपल्स चूसते हुए चोद रहा था। उसकी चूत की दीवारें मेरे लंड को टाइट होल्ड कर रही थीं, इतना मजा कि मैं कंट्रोल नहीं कर पाया। थोड़ी देर में हम दोनों झड़ गए—वो मेरे ऊपर कांपते हुए, और मैं उसके अंदर स्पर्म छोड़कर।

झड़ने के बाद हम बाथरूम में वॉश करने गए। लेकिन वहां पानी की फुहारों के नीचे खड़े होकर फिर से गर्म हो गए। नीशा की बॉडी पानी से चमक रही थी, उसके बूब्स उछल रहे थे। मैंने उसे दीवार से सटाकर पकड़ा, उसकी एक टांग उठाई और स्टैंडिंग पोजीशन में लंड डाला। इस बार वो और wild थी, बोली, “जीजू… डीपर… यस… मुझे चोदो जोर से…” मैं धक्के मारता रहा, उसके हिप्स पकड़कर, पानी की धार में हमारी बॉडीज स्लिप हो रही थीं। वो मेरे कंधे पर दांत गड़ा रही थी, “आह… आई लव योर लंड … इतना बड़ा और हार्ड…” इस बार ज्यादा टाइम लगा, क्योंकि हम थक चुके थे, लेकिन orgasm इतना intense था कि हम दोनों चिल्ला उठे।

इस घटना के बाद हमारा सिलसिला चल पड़ा। हम मौका निकालकर दिन में घर आते—कभी किचन में, जहां वो खाना बना रही होती और मैं पीछे से चिपक जाता, उसकी चूत में उंगली डालकर tease करता। कभी सोफे पर, जहां वो मेरे ऊपर बैठकर राइड करती, उसके बूब्स उछलते हुए। कभी डॉगी स्टाइल में, जहां मैं उसके हिप्स पकड़कर जोरदार थ्रस्ट करता, और वो pillow में मुंह दबाकर moan करती। कभी 69 पोजीशन में, जहां हम एक-दूसरे को चूसते, उसकी जीभ मेरे लंड पर और मेरा मुंह उसकी गीली चूत पर। हर बार सेक्स और intense होता, नीशा अब शर्माती नहीं, बल्कि खुद initiate करती—मुझे मेसेज करके बुलाती, “जीजू, आज आओ ना… मुझे तुम्हारा लंड चाहिए।”

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