बीवी की मस्त चुदाई – हॉट थ्रीसम स्टोरी हिंदी में

हाय दोस्तो, कैसे हो आप सब? उम्मीद है कि आप लोग भी ज़िंदगी के मज़े ले रहे होंगे। आज मैं एक ऐसी कहानी लेकर आया हूं जो आपकी रातों को और गर्म बना देगी। ये स्टोरी मेरी बीवी की है, जो बिल्कुल सच्ची घटना पर बेस्ड है। पढ़ते-पढ़ते आपका मन करेगा कि हाथ खुद-ब-खुद नीचे चला जाए। मेरी बीवी, नाम रिया, देखने में कमाल की सुंदर और सेक्सी है। उसका फिगर 34-36-40 का है, उम्र करीब 28-30 के बीच, वो ऐसी लगती है जैसे कोई हॉट मॉडल हो। मैं उसे रोज़ चोदता था, लेकिन वो पूरी तरह संतुष्ट नहीं होती थी। वो कहती, “डार्लिंग, तुम्हारा लंड तो अच्छा है, लेकिन कम से कम 8 इंच का होना चाहिए ना? तब जाकर मजा आएगा।” हमारे बच्चे हॉस्टल में रहते हैं, घर में सिर्फ हम दोनों ही थे, तो मौके मिलते रहते थे।

एक शाम की बात है, मैं कमरे में आया तो देखा रिया बिस्तर पर लेटी हुई है। उसने नाइटी पहनी थी, और दोनों घुटने मोड़े हुए थे। नाइटी ऊपर सरक गई थी, और अंदर की चूत साफ नजर आ रही थी। वो गीली-गीली चमक रही थी, जैसे पानी से भरी हो। मैंने धीरे से हाथ लगाया, तो पता चला लार से पूरी भरी हुई है। मैं समझ गया कि उसकी चूत लंड की प्यासी है। मैंने सोचा, आज तो इसे अच्छे से संतुष्ट करूंगा। लेकिन मन में ये भी था कि शायद उसे कुछ एक्स्ट्रा चाहिए।

अगले दिन हम दोनों किसी काम से जनसेवा केंद्र गए। वहां मेरा दोस्त अनूप गुप्ता मिला। वो 35-36 साल का जवान आदमी है, मजबूत बॉडी, चौड़ी छाती, और हैंडसम फेस। जैसे ही उसने मुझे देखा, गर्मजोशी से हाथ मिलाया और रिया को देखकर बोला, “भाभी जी, नमस्ते!” रिया भी मुस्कुराई और बोली, “नमस्ते अनूप जी, कैसे हैं आप?” मैंने अपना काम निपटाया, जाते वक्त मैंने कहा, “अरे अनूप, कभी घर आओ ना, चाय पीते हैं।” वो मुस्कुराया और बोला, “जरूर भाई, जल्दी आऊंगा।”

शाम को घर लौटे, रात के 8 बजे होंगे। अचानक दरवाजे पर नॉक हुई। मैंने खोला तो अनूप खड़ा था, हाथ में मिठाई का डब्बा और एक झोला। मैं हैरान हो गया, लेकिन वो बोला, “भाई, तुमने बुलाया था ना? आज मेरा बर्थडे है, सो मिठाई लाया हूं।” रिया अंदर से आई, बोली, “हैप्पी बर्थडे अनूप जी! बैठिए, मैं पानी लाती हूं।” अनूप ने झोले से ओल्ड मॉन्क की बॉटल निकाली। रिया ने देखा तो मुस्कुराकर बोली, “वाह, पीने-पिलाने का प्लान है क्या? मैं ग्लास और नमकीन लाती हूं।” हम तीनों बैठे, पीने का दौर चला। नशा चढ़ा तो अनूप बोला, “यार, तुम्हारी बीवी तो मस्त माल है। क्या फिगर है, क्या स्माइल! मैं तो फैन हो गया।” मैंने देखा रिया शरमाकर मुस्कुरा रही है, लेकिन उसकी आंखों में एक चमक थी, जैसे वो एंजॉय कर रही हो। मुझे लगा, अनूप का मूड तो रिया को चोदने का है, लेकिन रिया भी इंटरेस्टेड लग रही है। मैंने सोचा, अगर सबकी सहमति हो तो क्यों नहीं? रिया को खुश देखना चाहता हूं।

नशे में मैं उठा और अंदर कमरे में गया। रिया पहले से ही बिस्तर पर लेटी थी, शायद नींद का बहाना कर रही थी। अनूप भी पीछे-पीछे आ गया और रिया के पास बैठ गया। वो धीरे से रिया की जांघों पर हाथ फेरने लगा, बोला, “भाभी जी, आप इतनी हॉट हो, मैं कंट्रोल नहीं कर पा रहा।” रिया ने आंखें खोलीं, लेकिन दूर करने की बजाय मुस्कुराई और बोली, “अनूप जी, ये क्या कर रहे हो? लेकिन… अगर सबकी मर्जी हो तो…” मैंने देखा, वो सहमत लग रही है। अनूप ने उसके गाल पर किस किया, रिया ने भी रिस्पॉन्स दिया। अब सब क्लियर था – ये कंसेंट से हो रहा है। अनूप ने रिया को अपनी बाहों में लिया, उसकी चूचियां मसलने लगा। रिया की सांसें तेज हो गईं, वो बोली, “ओह अनूप जी, धीरे… लेकिन मजा आ रहा है।” अनूप ने एक हाथ से उसकी चूत सहलाई, उंगली अंदर डाली। रिया गरम हो गई, बोली, “हां, ऐसे ही… मैं तैयार हूं।”

अनूप ने रिया को पूरी नंगी कर दिया। उसका बदन देखकर मेरा लंड खड़ा हो गया – गोरी चमड़ी, बड़े-बड़े बूब्स, मोटी गांड। अनूप ने भी कपड़े उतारे, उसका लंड कच्छे में तनकर बाहर आने को बेताब था। रिया ने देखा तो बोली, “वाह, ये तो असली लंड है! 8 इंच से ज्यादा, मोटा और हार्ड।” वो अनूप के लंड पर हाथ फेरने लगी, कच्छा उतारा और मुंह में ले लिया। चूसते हुए बोली, “डार्लिंग (मुझे देखकर), आज दोनों मिलकर मुझे चोदो। मेरी चूत फाड़ दो, मैं चाहती हूं ये।” मैं भी शामिल हो गया, अपना लंड रिया के हाथ में दिया। वो हिलाने लगी। अनूप ने रिया की चूत चाटी, जीभ अंदर-बाहर की। रिया आहें भरने लगी, “ओह्ह… आह्ह… अनूप जी, चूसो इसे… पानी निकल रहा है, पी लो सारा।” उसका पानी निकला, अनूप ने चाट लिया। फिर मैंने चाटा, स्वाद कमाल का था।

अब अनूप ने रिया की टांगें फैलाईं, अपना लंड चूत पर सेट किया। रिया बोली, “हां, डालो अंदर… मैं सहमत हूं, चोदो मुझे जोर से।” अनूप ने धक्का मारा, पूरा लंड अंदर। रिया चीखी, “आह्ह… दर्द हो रहा है, लेकिन मजा भी… और जोर से!” अनूप ने स्पीड पकड़ी, फच-फच की आवाजें कमरे में गूंजने लगीं। रिया की चूत में रगड़ इतनी तेज कि वो पागल हो गई, “हां अनूप जी, पेलो… और जोर से… ओह्ह, क्या लंड है तुम्हारा! मेरी चूत खुश हो गई।” मैं देख रहा था, अनूप दबाकर चोद रहा है, रिया भी कमर उचकाकर साथ दे रही है। फिर अनूप ने मुझे इशारा किया, मैंने अपना लंड डाला और चोदा। रिया बोली, “दोनों मिलकर… हां, ऐसे ही… मैं तुम दोनों की हूं आज।”

करीब आधा घंटा चुदाई चली, अनूप झड़ गया। उसका गरम वीर्य रिया की चूत में भरा। रिया आंखें बंद करके मजा ले रही थी, बोली, “ओह्ह, कितना अच्छा लगा… थैंक यू अनूप जी।” थोड़ी देर बाद रिया उठी, चूत साफ की, वापस आई और अनूप के बगल में लेट गई। उसका गीला लंड फिर मुंह में लिया, चूसने लगी। अनूप ने मुंह में धक्के मारे, साथ ही रिया की चूत में उंगलियां डालीं। मैं भी सटकर उसकी चूचियां मसलीं, निप्पल्स चूसे। रिया बोली, “फिर से चोदो ना… मैं रेडी हूं।” अनूप उठा, रिया की टांगें फैलाईं, लंड घुसेड़ा। इस बार और जोर से पेला, रिया की गांड उचक रही थी, “हां… पेलो… फाड़ दो मेरी चूत… ओह्ह, क्या मजा है!” पूरी रात चुदाई चली – कभी डॉगी स्टाइल, कभी राइडिंग, कभी मैं, कभी अनूप। रिया बार-बार पानी छोड़ती, लेकिन कहती, “और… मैं थक नहीं रही, ये मेरी सहमति है।”

सुबह अनूप गया, लेकिन रिया बोली, “डार्लिंग, थैंक यू इसे बुलाने के लिए। अब मैं संतुष्ट हूं।” दोस्तो, कैसी लगी ये स्टोरी? कमेंट जरूर करना।

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