यह हिंदी सेक्स स्टोरी एक 24साल के विजय की है, जो अपनी 51 साल की सेक्सी बुआ के साथ पहली बार चुदाई करता है। बुआ की मोटी जांघें, बड़े ब्रेस्ट और हिलती गांड ने उसे पागल कर दिया। रात में अकेले होने पर शुरू हुई वासना भरी रातें, चाटना, चोदना और रोजाना मजा। पढ़ें यह इंसेस्ट सेक्स कहानी।
हेलो, मैं विजय हूँ, 24 साल का हूँ, लेकिन मुझे मैच्योर लेडीज को फक करना बहुत पसंद है, वो भी जिनका बॉडी मासिव हो। अब मैं अपनी स्टोरी शुरू करता हूँ, कैसे मेरा ड्रीम ट्रू हुआ। मैं इंजीनियरिंग का स्टूडेंट हूँ। सेमेस्टर के बाद मैं अपनी बुआ के घर गया। मेरी बुआ 51 साल की हैं, लेकिन इतनी सेक्सी कि क्या बताऊँ। उनका बॉडी वोलुप्टुअस है, ब्रेस्ट और बटॉक्स दोनों मासिव हैं, और जब वो चलती हैं तो उनकी गांड हिलती है, मानो कोई साउथ की ब्लू फिल्म की हीरोइन लगती हैं। मुझे ऐसी ही आंटीज पसंद हैं। अब मैं आपको कहानी बताता हूँ।
मुझे बचपन से ही अपनी साथ की लड़कियों की बजाय उनकी मम्मी ज्यादा अच्छी लगती हैं। जब मैं बुआ जी के यहाँ छुट्टी पर गया तो घर पर सब लोग थे। बुआ जी की दो लड़कियाँ हैं, एक 31 और दूसरी 34 साल की, दोनों की शादी हो चुकी है। घर में सिर्फ बुआ और उनके हसबैंड रहते हैं। जिस दिन मैं पहुँचा, बुआ बहुत खुश हुईं। हम लोगों ने खूब एन्जॉय किया, खाना-पीना, बातें। अगले दिन जब सोकर उठे तो पता चला फूपा जी 4-5 दिन के लिए बाहर जा रहे हैं, उनकी कंपनी का काम था। हम सबने नाश्ता किया और फूपा जी चले गए। मैं भी नहाकर घूमने चला गया, मेरे कुछ फ्रेंड्स थे वहाँ। रात में वापस आया तो बुआ खाना बना रही थीं। अभी तक सब नॉर्मल था। फिर हम खाना खाकर टीवी देखने लगे। थोड़ी देर बाद मुझे नींद आने लगी। मैंने बुआ से कहा तो उन्होंने कहा, “फूपा जी तो हैं नहीं, तू ऐसा कर हमारे बेडरूम में सो जा।” जैसे ही बुआ ने ये कहा, मैं बहुत खुश हो गया क्योंकि बड़ी औरतों के साथ सेक्स करना मुझे अच्छा लगता है, और आज मौका था। मैं और बुआ घर में अकेले थे। मैंने तुरंत हाँ कर दी और जाकर लेट गया, बुआ का आने का इंतजार करने लगा।
बुआ दिन में साड़ी पहनती हैं, लेकिन सोते टाइम साड़ी निकाल देती हैं, सिर्फ ब्लाउज और पेटीकोट पहनती हैं। आधा घंटा बाद बुआ टीवी बंद करके सोने आईं, हमेशा की तरह साड़ी उतार दी। मैं सोने का नाटक कर रहा था, और हल्की आँख खोलकर देख रहा था। बुआ मेरे बगल में लेट गईं। मैं बुआ के सोने का इंतजार कर रहा था। लगभग २ घंटे इंतजार करता रहा, लेकिन मेरी हिम्मत नहीं हुई कि मैं उन्हें टच भी कर पाऊँ, और इंतजार करते-करते मैं सो गया। रात में अचानक मेरी आँख खुली, मुझे टॉयलेट लगी थी। मैं उठा तो देखा बुआ सो रही थीं। मैंने देखा बुआ का पेटीकोट दोनों टांगों के घुटनों से काफी ऊपर उठ चुका था। मुझे बहुत अच्छा लग रहा था। मैंने कभी किसी आंटी को ऐसे नहीं देखा था। मैं बाथरूम गया और तुरंत लौटकर आया। बुआ सो रही थीं। मैं धीरे से बुआ के पास गया और बड़ी हिम्मत करके उनका पेटीकोट ऊपर उठाने लगा। मेरे हाथ काँप रहे थे, डर लग रहा था कि कहीं बुआ जाग न जाएँ। मैं रुक गया, लेकिन मेरा मन नहीं मान रहा था। मैंने हिम्मत करके दुबारा पेटीकोट उठाना शुरू किया, धीरे-धीरे पूरा उठा दिया। अब मुझे बुआ की चूत दिखने लगी। मैं डर के मारे काँप रहा था। मैंने पहली बार किसी औरत को नंगा देखा था।
उनकी मोटी-मोटी जांघें एकदम व्हाइट थीं, मन कर रहा था कि बुआ को तुरंत चोद दूँ, लेकिन डर लग रहा था। फिर मैंने बुआ की चूत को धीरे से टच किया, और स्मेल ली। पागल कर देने वाली खुशबू आ रही थी। मैं पूरी सावधानी से अपना काम कर रहा था। बुआ की दोनों टांगें आपस में मिली थीं। मैंने उन्हें धीरे से अलग करना चाहा। जैसे ही मैंने अलग करने के लिए टांग उठाई, बुआ जाग गईं। मेरी तो हालत खराब हो गई। मुझे समझ नहीं आ रहा था क्या करूँ। बुआ उठ के बैठ गईं। उन्होंने मुझसे पूछा, “क्या कर रहा था?” मैं डरते हुए बताया, “मुझे बड़ी औरतें बहुत अच्छी लगती हैं, अपनी साथ या छोटी लड़कियाँ नहीं। आज आपको ऐसे देखा तो कंट्रोल नहीं कर पाया।” बुआ कुछ देर चुप रहीं, फिर बोलीं, “तेरे फूपा जी तो ५८ साल के हो चुके हैं, और मुझे चोद भी नहीं पाते। मेरा भी मन नहीं करता, लेकिन आज तूने मेरी वासना को जगा दिया है। यही दिन हैं मजा करने के, फिर कहाँ ये चुदाई का सुख मिल पाएगा। तेरे फूपा ये सुख दे नहीं सकते, तो तू ही दे दे।” ये कहते हुए बुआ लेट गईं।
मैं ये सब सुन के खुश हो गया कि पहली बार वो भी 51 साल की औरत के साथ। मैं उन्हें पागल की तरह चाटने लगा, उनकी जांघों को, कभी दूध को, कभी चूत को। बुआ की चूत इतनी गीली हो चुकी थी कि मेरी जीभ फिसल रही थी। उनकी मोटी जांघें मेरे चेहरे को दबा रही थीं, और वो सिसकारियाँ भर रही थीं, “आह विजय, चाट अच्छे से, मेरी चूत सूखी पड़ी थी इतने दिनों से।” मैंने उनकी ब्लाउज खोली, उनके मासिव ब्रेस्ट बाहर आ गए, निप्पल्स हार्ड हो चुके थे। मैं उन्हें चूसने लगा, जैसे कोई बच्चा दूध पी रहा हो। बुआ ने धीरे-धीरे मेरे कपड़े उतार दिए। मेरा लंड खड़ा हो चुका था, रॉक हार्ड। मुझे बहुत मजा आ रहा था।
फिर बुआ ने मुझे चोदना सिखाया क्योंकि मैं तो पहली बार सेक्स कर रहा था। उन्होंने कहा, “बेटा, धीरे से डाल, मेरी चूत तैयार है तेरे लिए।” मैंने अपना लंड उनकी चूत पर रगड़ा, वो इतनी वेट थी कि आसानी से अंदर चला गया। बुआ की गांड बहुत मोटी और गोरी थी, मैं चोदते हुए उसे थपथपाता रहा। बुआ को चुदने में बहुत मजा आ रहा था, वो चिल्ला रही थीं, “फक मी हार्डर विजय, तेरे फूपा कभी ऐसे नहीं कर पाते। आह, कितना मोटा है तेरा लंड!” हम दोनों पसीने से तर हो गए, मैंने उन्हें डॉगी स्टाइल में चोदा, उनकी गांड हिल रही थी हर थ्रस्ट पर। बुआ की सिसकारियाँ कमरे में गूँज रही थीं, “ओह गॉड, कितना सुकून है, चोद मुझे और जोर से!”
फिर मैंने अपनी स्पीड बढ़ाई, और हम दोनों एक साथ झड़ गए। बुआ की चूत से जूस निकल रहा था, और मेरा कम उनके अंदर। हम थक कर लेट गए, लेकिन रात अभी बाकी थी। मैंने उन्हें फिर से किस किया, उनकी बॉडी को सहलाया। बुआ बोलीं, “विजय, तूने मुझे जवान कर दिया आज।” अगली सुबह हम साथ नहाए, बाथरूम में फिर से सेक्स किया। मैं उनकी गांड को साबुन लगाता, और वो मेरा लंड सहलातीं। दिन में भी मौका मिलते ही चोदता। चार दिन बाद फूपा जी आ गए, लेकिन फिर भी हम मौका मिलते ही संभोग करते। बुआ को बहुत मजा आने लगा था। मैं बुआ के यहाँ दस दिन रुका, फिर वापस आ गया। अब मुझे या बुआ को जब भी मौका मिलता है, या तो मैं उनके घर जाता हूँ या वो हमारे यहाँ आ जाती हैं। हमारी सेक्स लाइफ अब फुल ऑन है, हर बार नई पोजीशन्स ट्राई करते हैं, जैसे 69, या एनल भी। बुआ कहती हैं, “विजय, तू मेरा सेक्सी हीरो है।” और मैं कहता हूँ, “बुआ, तुम्हारी बॉडी है ही इतनी हॉट!”