भाई ने दीदी को बनाया बीवी

पढ़िए अनिल और उसकी बड़ी दीदी कविता की सच्ची सेक्स स्टोरी, जहां भाई-बहन का रिश्ता बदल जाता है प्यार और चुदाई के जज्बे में। दीदी की शादी से पहले और बाद की हॉट मोमेंट्स, चूत चुदाई, बूब्स दबाना और प्रेग्नेंसी तक की पूरी कहानी। हिंदी सेक्स स्टोरी जो आपको गर्म कर देगी!

मेरा नाम अनिल कुमार है और घर में सब मुझे अनिल कहते हैं। अब मैं आपको अपनी सच्ची कहानी सुनाने जा रहा हूँ। पहले मैं अपनी फैमिली के बारे में बता दूँ। मेरे परिवार में चार सदस्य हैं – मम्मी, पापा, एक बड़ी बहन और सबसे छोटा मैं। ये कहानी मेरी और मेरी बहन की है। मेरी बहन का नाम कविता है और वो बहुत खूबसूरत जिस्म की मालकिन है, मतलब वो बेहद सुंदर है, रंग गोरा और बड़े-बड़े बूब्स। वो MBBS कर रही है। अब मैं अपने बारे में बताता हूँ – मेरा रंग भी गोरा है क्योंकि मम्मी-पापा दोनों गोरे हैं। मेरी हाइट 5.11 इंच है, मेरे लंड का साइज 7 इंच है और मैं MBA कर चुका हूँ।

ये कहानी अब से एक साल पहले की है। अब दीदी की उम्र शादी लायक हो चुकी थी, दीदी इस समय 25 साल की हो चुकी थीं और मैं दीदी से 2 साल छोटा हूँ। एक अच्छा रिश्ता होने से घर में सब खुश थे और सब अब शादी की तैयारियों में लग गए थे क्योंकि 2 महीने बाद की शादी फिक्स हो चुकी थी। तो अब मेरा शेड्यूल भी काफी बिजी चल रहा था। गवर्नमेंट जॉब होने के कारण मम्मी-पापा को तो जॉब पर जाना पड़ता था और शादी की ज्यादातर तैयारियाँ मुझे ही करनी थीं।

एक दिन जब मैं सुबह उठा तो देखा दीदी किचन में चाय बना रही थीं। दीदी घर में नॉर्मली सलवार सूट ही पहनती हैं लेकिन आज दीदी सलवार और टी-शर्ट में थीं। मैंने पहले कभी दीदी के लिए इस तरह नहीं सोचा था, मतलब सेक्स के लिए, लेकिन जब मैं उठकर किचन की तरफ गया तो दीदी को देखकर मेरा लंड एकदम से कड़ा हो गया। दीदी ने नीचे ब्रा भी नहीं पहन रखी थी और उनकी चूचियों के निप्पल टी-शर्ट में से क्लियरली दिख रहे थे। मैंने पजामा पहन रखा था और नीचे अंडरवियर भी नहीं था। दीदी को ऐसे देखकर मेरा लंड एकदम टाइट हो गया था और शायद दीदी ने भी मुझे देख लिया था लेकिन मैंने फिर भी अनजान बनने की कोशिश की और दीदी से पूछने लगा, “दीदी क्या कर रही हो?” दीदी ने बताया वो चाय और ब्रेकफास्ट बना रही हैं मेरे लिए क्योंकि मम्मी-पापा सुबह ही चले गए थे। फिर मैंने और दीदी ने साथ मिलकर ब्रेकफास्ट किया और फिर मैं मारुति के शोरूम में चला गया कार की बुकिंग के लिए।

मुझे घर वापसी में रात हो गई और तब तक मम्मी-पापा डिनर खाकर सो चुके थे। मैं आते ही सीधा अपने कमरे में चला गया और कपड़े चेंज करने लगा। मैं अभी सिर्फ अंडरवियर में ही था और सुबह की बात तब भी माइंड में घूम रही थी सो मेरा लंड फिर से खड़ा हो गया। और तभी दीदी रूम में आईं और पूछने लगीं, “तुम क्या खाओगे?” और दीदी ने मेरे लंड को देख लिया। मैंने दीदी से कहा, “दीदी मैं अपने रूम में ही डिनर करूँगा और जो बना रखा है वो ले आओ।” तो दीदी चली गईं और मैंने अपना अंडरवियर उतार कर पजामा पहन लिया और अब भी मेरा लंड कड़ा ही था। और तभी दीदी रूम में डिनर लेकर आ गईं। फिर हम दोनों भाई-बहन ने साथ में डिनर किया और दीदी फिर चली गईं और फिर मैं भी सो गया।

कुछ दिन ऐसे ही चलता रहा और फिर मम्मी-पापा मामा के घर चले गए शादी की इनफॉर्मेशन और इनविटेशन देने के लिए और वहाँ से सब रिश्तेदारियों में जाना था तो मम्मी-पापा को कम से कम एक वीक लगने वाला था। तो मैंने अपनी प्लैनिंग बनाई कि कैसे दीदी से सेक्स किया जाए। तभी मुझे याद आया कि क्लोरोफॉर्म क्यों न यूज की जाए। और फिर अस यूजली दीदी मेरे रूम में डिनर लेकर आईं तो मैंने दीदी से कहा, “दीदी मुझे पानी पीना है।” दीदी पानी लेने गईं तभी मैंने दीदी के मिल्क में नींद की गोली डाल दी और फिर हम दोनों ने साथ में डिनर किया। फिर गोली ने अपना असर दिखाना शुरू कर दिया और दीदी को कुछ देर में नींद आ गई और दीदी वहीं मेरे रूम में ही सो गईं। फिर मैंने दीदी को क्लोरोफॉर्म दी और दीदी बेहोश हो गईं। अब मेरा काम बहुत आसान हो गया था। मैंने पहले तो दीदी को हिलाया और उन्हें आवाज दी ये चेक करने के लिए कि कहीं उन्हें होश तो नहीं है लेकिन कोई रिस्पॉन्स नहीं मिला। मैं समझ गया अब मैं फ्री हूँ।


फिर मैंने दीदी के बूब्स को दबाना शुरू किया। वाह क्या सॉफ्ट बूब्स थे! फिर मैंने दीदी की टी-शर्ट को ऊपर उठाना शुरू किया और कुछ ही देर में मैंने दीदी की टी-शर्ट को निकाल दिया। अब दीदी मेरे सामने ब्रा और सलवार में थीं। फिर मैंने दीदी की सलवार को भी निकाल दिया। अब दीदी सिर्फ ब्रा और पैंटी में थीं। दीदी ने व्हाइट कलर की ब्रा और पैंटी पहन रखी थी। अब मुझसे और सहन नहीं हो रहा था और मैं दीदी की चूचियों को ब्रा के ऊपर से ही दबाने लगा। मुझे बहुत मजा आ रहा था। फिर मैंने दीदी को उल्टा लेटा दिया और पीछे से ब्रा का हुक भी खोल दिया। ब्रा का हुक खुलते ही दीदी की बड़ी-बड़ी चूचियाँ एकदम से उछल कर बाहर आ गईं। वाह क्या चूचियाँ थीं दीदी की! फिर मैंने दीदी की एक चूची को मुँह में लिया और चूसने लगा और साथ ही साथ दूसरी चूची को दबाते रहा। फिर ऐसे ही दूसरी चूची को चूसा और फिर मैंने दीदी के होंठों को चूसा। क्या चूचियाँ और क्या सॉफ्ट होंठ थे दीदी के!

अब मैं और इंतजार नहीं कर सकता था तो मैंने जल्दी से दीदी की पैंटी को भी उतार दिया और देखा कि दीदी की चूत पर एक भी बाल नहीं था, सिर्फ गोरी चिट्टी चूत थी। फिर मैंने दीदी की चूत पर अपना मुँह रख दिया और चूत को चाटने लगा और बीच-बीच में चूत में जीभ भी डाल रहा था। अब चूत को चाटने के बाद मैंने सोचा क्यों न अब असली काम शुरू किया जाए और मैंने अपने सारे कपड़े निकाल दिए और दीदी की तरह नंगा हो गया।

अब मैंने अपना लंड दीदी की चूत पर रखा और प्रेस किया लेकिन लंड चूत में जा ही नहीं रहा था। फिर मैं उठा और तेल लेकर आया और बहुत सारा तेल अपने लंड पर और फिर दीदी की चूत पर लगाया। और मैं अब ये भी भूल गया था कि मैं क्या कर रहा हूँ और किसके साथ कर रहा हूँ। मुझे ये भी डर नहीं था अगर सबको पता चल गया तो क्या होगा। मैं तो बस अपने आप को रोक ही नहीं पा रहा था। फिर मैंने तेल लगे लंड को चूत पर रखा और जोर से धक्का मारा और मेरे लंड का सुपाड़ा दीदी की चूत में चला गया और चूत से खून निकलने लगा लेकिन मुझे कोई डर नहीं था क्योंकि दीदी तो पहले से ही बेहोश थीं। और बिना किसी परवाह के मैंने दूसरा धक्का लगाया और इस बार लंड आधे से ज्यादा दीदी की चूत में चला गया और खून भी निकलता जा रहा था। फिर मैंने तीसरा धक्का लगाया और पूरा लंड दीदी की चूत में डाल दिया। अब मैं कुछ देर के लिए रुक गया और फिर लंड को पूरा बाहर निकाला तो देखा पूरा लंड और दीदी की चूत खून से लथपथ थी और बेड पर भी खून गिर गया था। फिर मैंने लंड को फिर से चूत पर रखा और एक ही धक्के में पूरा लंड दीदी की चूत में डाल दिया और आगे-पीछे करने लगा।

मैं अपनी जिंदगी में पहली बार सेक्स कर रहा था और वो भी अपनी सगी बहन के साथ। मैं तो सातवें आसमान पर था, मुझे बहुत मजा आ रहा था। 10-12 मिनट से मैं लगातार अपनी दीदी की चूत में धक्के लगा रहा था और फिर लगा कि मेरा पानी छूटने वाला है तो मैंने अपनी स्पीड बढ़ाई और 15 मिनट के बाद अपना सारा पानी अपनी बड़ी दीदी की चूत में ही डाल दिया और कुछ देर ऐसे ही दीदी के ऊपर पड़ा रहा। फिर मैंने अपना लंड दीदी की चूत से निकाला तो देखा दीदी की पूरी चूत खून और मेरे लंड के पानी से भर गई थी और खून और लंड के पानी का मिश्रण चूत से बाहर आ रहा था और बेड पर भी गिर गया। मैं दीदी के साइड लेट गया और कुछ देर आराम करने के बाद मैंने फिर से दीदी की चूचियाँ दबाने लगा। ऐसा करते-करते लंड फिर से खड़ा होने लगा और मेरा मन फिर से दीदी को चोदने का हुआ और मैंने फिर से दीदी की चूत पर लंड रखा और अपनी प्यारी दीदी की चूत में डाल दिया और चोदने लगा। इस बार मैंने करीब 30 मिनट तक दीदी की चूत को चोदा और फिर अपने लंड का सारा पानी दीदी की कोमल और सॉफ्ट चूत में छोड़ दिया। चूत इस बार फिर से पानी से भर गई और बहुत सारा लंड का पानी बेड पर भी फैल गया।

अब मैं दीदी के ऊपर ही पड़ा-पड़ा दीदी की सॉफ्ट-सॉफ्ट चूचियों को दबाता रहा। अब मैं बहुत थक गया था पर मेरा मन भी नहीं भरा था और मुझे लगा अगर कल दीदी ने मम्मी-पापा को सब बता दिया तो वो मुझे जरूर मार डालेंगे। और इसी लिए मैंने सोचा क्यों न एक बार और से किया जाए और फिर मैंने दीदी की चूत को तीसरी बार चोदा और इस बार भी सारा पानी चूत में ही छोड़ दिया। और मुझे पता ही नहीं चला मुझे कब नींद आ गई क्योंकि मैं बहुत थक गया था। सुबह दीदी मुझसे पहले उठ गईं और उन्होंने अपने आप को और मुझे बिलकुल नंगा देखा और अब भी मेरा लंड खड़ा था जिस पर लंड का पानी और दीदी की चूत का खून लगा था। दीदी ये सब देखकर रोने लगीं और मुझे भी जाग आ गई। दीदी रो रही थीं। मैंने अनजान बनते हुए जैसे मुझे कुछ पता ही नहीं दीदी से पूछा, “दीदी क्या हुआ?” तो दीदी बोलीं, “मैं मम्मी-पापा को सब बता दूँगी तुमने मेरे साथ क्या-क्या किया है।”

अब मैं बहुत डर गया था और सोचने लगा और फिर मेरे माइंड में एक आइडिया आया। मुझे आइडियाज बहुत जल्दी आते थे क्योंकि मैं MBA जो था। मैंने बिना टाइम वेस्ट करते हुए कहा, “दीदी ये सब तो अब आप वैसे भी करने वाली थीं अपने हसबैंड के साथ। अगर मेरे साथ कर लिए तो क्या हुआ और मैं तो वैसे भी आपका इकलौता भाई हूँ। क्या मेरा आप पर इतना भी हक नहीं है?” और फिर मैंने दीदी को अपनी लास्ट बात कही कि अगर वो मम्मी-पापा को सब बता देंगी तो मैं सुसाइड कर लूँगा और इसका इल्जाम आप पर होगा। दीदी ये सुनकर एकदम से चुप हो गईं और डर भी गईं और कुछ देर तक रूम में बिलकुल सन्नाटा रहा और फिर दीदी ने कहा कि मुझे ऐसा नहीं करना चाहिए था क्योंकि भाई-बहन में ये सब नहीं होता। फिर मैंने दीदी से कहा, “मुझे माफ कर दो दीदी, मैं अपने आप को रोक ही नहीं पाया।” और फिर मैं दीदी को इमोशनली ब्लैकमेल करने लगा और फिर दीदी बिलकुल शांत हो गईं और उन्होंने प्रॉमिस किया कि वो किसी को कुछ नहीं बताएँगी। मैंने फिर सोचा यही सही मौका है और मैंने दीदी से कहा, “दीदी प्लीज मुझे एक बार और करना है।” दीदी ने साफ इनकार कर दिया और उठकर जाने लगीं तो मैंने दीदी को पकड़ लिया और बेड पर खींच लिया और दीदी से कहा, “प्लीज दीदी अब ये सब हो तो चुका ही है अगर एक बार और हो गया तो क्या होगा?” और फिर दीदी ने बेड पर लगा खून और लंड का पानी देखा।

दीदी ने कहा, “ये क्या है? तुमने रात भर मेरे साथ…………” मैंने दीदी से फिर से सॉरी मांगी और रिक्वेस्ट करने लगा और बार-बार रिक्वेस्ट करने के बाद दीदी मान गईं लेकिन उन्होंने कहा सिर्फ एक बार और। फिर मैंने दीदी को बेड पर लिटा दिया और चूमने लगा और चूचियों को दबाने लगा। अब दीदी भी गर्म हो रही थीं। फिर मैंने दीदी की चूत चाटनी शुरू कर दी तो दीदी को और भी मजा आने लगा और दीदी आआआ उुुुह्ह्ह की आवाजें निकाल रही थीं। फिर मैंने अपना लंड दीदी की चूत पर रखा और दीदी की चूत में धक्का लगाया और एक ही धक्के में सारा लंड चूत में चला गया और दीदी की चीख निकल गई लेकिन मुझे कोई डर नहीं था क्योंकि घर पर कोई नहीं था।


दीदी को पेन हो रहा था और मैं धक्के लगाए जा रहा था और करीब 20 मिनट बाद मैं झड़ने को हुआ तो मैंने दीदी से कहा, “दीदी मैं झड़ने वाला हूँ।” तो दीदी ने कहा, “अंदर मत डालना नहीं तो मैं प्रेग्नेंट हो जाऊँगी।” लेकिन मैं अंदर ही छोड़ना चाहता था तो मैंने दीदी से कहा, “दीदी रात को भी तो अंदर ही डाला था तो अब क्या होता है?” और दीदी से रिक्वेस्ट करने लगा और फिर दीदी मान गईं और मैंने अपना सारा पानी दीदी की चूत में छोड़ दिया और दीदी के ऊपर ही पड़ा रहा। इस बीच दीदी दो बार झड़ चुकी थीं। अब दीदी ने मुझे से कहा, “अनिल आज मुझे बहुत मजा आया है और मैं बहुत खुश हूँ।” और अब मौका देखते ही मैंने दीदी से कहा, “दीदी मुझे ये हक दो कि मैं आपके साथ डेली सेक्स कर सकूँ।”

शुरू में तो दीदी मना करती रहीं और फिर मेरे बार-बार कहने पर मान गईं और फिर मम्मी-पापा के आने तक मैंने अपनी दीदी के साथ खूब मजे से सेक्स किया और दीदी को खुश किया। दीदी घर में नंगी ही रहती थीं और जब मेरा दिल होता तो मैं दीदी को चोद देता था। ये सिलसिला दीदी की शादी तक चलता रहा। हमें जब भी टाइम मिलता मैं दीदी को चोद देता था। और फिर दीदी की शादी हो गई और फिर दीदी लगभग 2 महीने के बाद घर आईं तो मैंने उनसे पूछा, “दीदी जीजा जी कैसे चोदते हैं?” तो दीदी ने मुझसे कहा, “उनका तो बस 4 इंच का ही है और उन्होंने तो अब तक बस 2-3 बार ही सेक्स किया है और पानी भी नहीं निकलता उनका।” मुझे सुनकर बुरा लगा और फिर मैं और दीदी खाना खाकर सो गए।

अब दीदी मेरे साथ मेरे रूम में ही सोती थीं और मैं डेली रात को दीदी से सेक्स करता था और दीदी कहती थीं अगर मैं न होता तो वो तो सेक्स की भूखी ही रह जातीं। फिर दीदी ने कहा वो माँ बनना चाहती हैं लेकिन जीजा जी में तो दम ही नहीं था तो दीदी मुझसे बोलीं, “अनिल मैं तेरे बच्चे को जन्म देना चाहती हूँ।” और मैं दीदी को जब भी चोदता था तो सारा पानी चूत में ही डाल देता था। अभी दीदी को आए कुछ ही दिन हुए थे ही हमें पता चला कि एक कार एक्सीडेंट में दीदी के ससुर, सास और जीजा जी की डेथ हो गई। दीदी बहुत रो रही थीं लेकिन मैंने दीदी को समझाया कि दीदी… इसी बीच मेरी जॉब दिल्ली लग गई तो मैंने मम्मी-पापा को कहा कि दीदी भी मेरे साथ रहेगी तो वो मान गए और हम एक फ्लैट ले कर रहने लगे। मुझे पता चला कि दीदी प्रेग्नेंट हैं तो ये सुनकर दीदी और मैं दोनों बहुत खुश थे और फिर दीदी ने मेरे बेटे को जन्म दिया। वो बहुत ही सुंदर था और मम्मी-पापा ये सोचकर खुश थे कि ये बच्चा जीजा जी का है लेकिन ये तो मैं और दीदी ही जानते थे कि ये मेरा बच्चा है।

अब हम अपने फ्लैट में जब मैं जॉब से आ जाता हूँ तो दीदी से डेली सेक्स करता हूँ और यहाँ पर सब यही सोचते हैं कि हम हसबैंड-वाइफ हैं और हम सेक्स का मजा ले रहे हैं और मैं और दीदी दोनों बहुत खुश हैं।

आपको मेरी सच्ची कहानी कैसी लगी प्लीज मुझे मेल करना।

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