इस रोमांचक हिंदी सेक्स स्टोरी में पढ़ें कैसे दिल्ली का 24 साल का हॉर्नी लड़का अपनी 29 साल की हसीन भाभी के साथ मुंबई में भाई की गैरमौजूदगी में जमकर चुदाई करता है। ब्लू फिल्म देखने से शुरू हुई कहानी ओरल सेक्स, लंड चूसने, टाइट चूत में धक्के और गर्म पानी निकलने तक पहुंचती है। सेक्सी डिटेल्स से भरपूर ये स्टोरी आपको मदहोश कर देगी।
मैं दिल्ली से डॉन हूं, 24 साल का हॉट और हॉर्नी लड़का हूं। बहुत समय से सोच रहा था कि मैं भी आप सबके साथ अपनी लाइफ के हर एक लम्हे को शेयर करूं, और आज वो दिन आ ही गया। डियर फ्रेंड्स, बात आज से 6 महीने पहले की है जब मैं अपने भाई और भाभी के यहां मुंबई गया हुआ था। भाई एक कंपनी में जीएम है, उसे अक्सर कंपनी के काम से बाहर जाना पड़ता है। मैं जब अपने भाई के यहां मुंबई पहुंचा तो मुझे बहुत अच्छा लग रहा था। मुंबई तो बहुत बार गया हूं, लेकिन इस बार कुछ अलग ही खुशी थी, एक अनजानी खुशी। खैर, मैं और मेरी भाभी बहुत अच्छे दोस्त हैं। हम अक्सर सेक्स के टॉपिक पर बात किया करते हैं। मेरी भाभी जितनी हसीन है, उतना ही कातिल उसका जिस्म है। अक्सर मैं भाभी की मस्त गांड और मस्त चुचियां देखा करता था। मन करता था कि आज ही भाभी की गांड को चाटूं, लेकिन कभी ऐसा मौका नहीं मिल रहा था। भाभी की उम्र 29 है, उसका फिगर साइज 38-26-38 है। भाभी की गांड देखकर मैं मदहोश हो जाता हूं। अब तो मन था भाभी की चुदाई करने का। भाभी से मैं रात को 3 बजे तक बात करता और बीच-बीच में अपने लंड पर भी हाथ लगाता, भाभी को एहसास कराता कि भाभी समझ जाएं।
उस रात बहुत हो गई थी, सोना भी था। हम लोग सो गए और भाई भी भाभी को बुला रहा था। सुबह जब मैं उठा तो मैं भाभी के रूम में गया और देखा कि भाभी के टीवी पर एक ब्लू फिल्म की वीसीडी रखी है। मैं देखकर चौंक गया। मन में अब तो अजीब सी हलचल हो गई थी। मैं ब्लू फिल्म के फोल्डर को देख रहा था कि अचानक भाभी आ गई और जैसे ही मेरे हाथ में फोल्डर देखा तो वो शर्मा और घबरा कर भाग गई। मुझे तो ऐसा लगा कि भाभी आज भाई से न बोल दें, लेकिन ऐसा नहीं हुआ। मुझे नहीं पता था कि आज मुझे एक के बाद एक खुशी मिलेगी। जब भाई तैयार होकर अपना बैग लेकर जा रहा था तो भाई ने कहा कि अपनी भाभी का ख्याल रखना, मैं एक हफ्ते के लिए बाहर जा रहा हूं। मुझे तो मानो कोई प्रसाद मिल गया हो। मैं मन ही मन खुश हो रहा था कि आज अपना काम बन जाएगा। भाई चला गया था। अब लंच का टाइम हो चुका था। भाभी भी नहाकर तैयार हो चुकी थी। भाभी ने पिंक साड़ी पहनी हुई थी। भाभी क्या मस्त लग रही थी, कमाल की मदहोशी सेक्सी औरत लग रही थी।
अब तो भाभी मुझे से और मैं भाभी से कुछ नहीं बोल पा रहे थे। हम एक-दूसरे से झेंप रहे थे। लेकिन शुरुआत तो करनी थी ना। मैं भाभी से बोल पड़ा, “भाभी, क्या हुआ? बोलो ना।” भाभी मेरी तरफ देखकर हंसने लगी और कहा, “अदी, ऐसे किसी की कोई चीज नहीं देखते हैं।” मैंने भाभी को कहा, “ओके भाभी, नहीं देखूंगा। और अगर देख भी लिया है तो क्या हुआ? हम दोस्त भी तो हैं ना?” भाभी मुस्कुरा कर चली गई। हम लोग साथ में बैठकर लंच करने लगे। मैंने तब ही भाभी से कहा, “भाभी, एक बात जानना चाहता हूं। अगर बुरा ना मानो तो।” भाभी ने कहा, “क्या बात मालूम करनी है?” मैंने कहा, “बुरा तो नहीं मानोगी ना?” भाभी ने कहा, “नहीं पागल, बुरा नहीं मानूंगी। तुम बोलो।” मैंने भाभी से कहा, “भाभी, आपको ब्लू फिल्म देखकर कैसा लगता है?” भाभी एकदम घबरा गई और चुप हो गई। मैंने भाभी को फिर कहा, “प्लीज भाभी, बताओ ना प्लीज।” भाभी बहुत रिक्वेस्ट करने के बाद बोली, “बहुत अच्छी लगती है।” फिर मैंने भाभी से कहा, “भाभी, एक बात और।” भाभी बोली, “क्या?” मैंने भाभी से कहा, “भाभी, मुझे ऐसा लगता है कि तुम भाई से संतुष्ट नहीं हो पाती हो।” भाभी ने कहा, “नहीं, ऐसा तो कुछ नहीं है।” और मैं चुप हो गया।
दोपहर के 2 बजे थे। मैं अपने रूम में आराम कर रहा था और भाभी के बारे में सोच रहा था। तभी पता नहीं मुझे क्या हुआ, मैंने भाभी के रूम की तरफ गया तो मैं देखकर हैरान हो गया। भाभी ब्लू फिल्म देख रही थी और अपनी चूत में कैंडल डाल रही थी। लेकिन भाभी का काम ठीक नहीं हो पा रहा था। भाभी ने अपनी आंखें बंद कर रखी थीं। ये सब देखकर मेरा लंड बहुत टाइट हो गया था। मानो वो तो भाभी की चूत का आज भाजी बनाने वाला है। और मैं अपने लंड को हाथ से खूब मसल रहा था। लेकिन इससे कहां संतुष्टि मिलने वाली है। मुझे से नहीं रहा गया।
और मैं भाभी के रूम में घुस गया। लेकिन मैंने पहले दरवाजे पर नॉक किया, “भाभी, क्या मैं अंदर आ सकता हूं?” भाभी ने घबराकर आंखें खोलीं और कहा, “अदी, तुम?” मैंने कहा, “हां भाभी, मैं जानता था कि तुम भाई से खुश नहीं हो। लेकिन मैं यहां हूं, अगर तुम चाहो तो मैं तुम्हारी मदद कर सकता हूं।” भाभी इतनी मस्त हो चुकी थी कि वो सिर्फ और सिर्फ अपनी चूत में लंड डलवाना चाहती थी। लेकिन मैंने साफ कहा, “भाभी, अगर तुम सहमत हो, तभी मैं आगे बढ़ूंगा। तुम्हारी मर्जी के बिना कुछ नहीं।” भाभी ने मुस्कुराकर कहा, “हां मेरे प्यारे देवर, प्लीज मेरी प्यास बुझा ना। मैं तुम्हें चाहती हूं।” मैंने कहा, “हां मेरी प्यारी भाभी, आज तुम्हें ऐसा मजा दूंगा कि तुम याद रखोगी।” और मैंने भाभी को बेड पर अपनी गोदी में उठाकर ले गया। फिर मैं किचन में गया, वहां से बर्फ लेकर आया और अपने मुंह में लेकर भाभी के जिस्म पर लगाने लगा। भाभी किसी चीज को तलाश कर रही थी, आई मीन किसी चीज को पकड़ना चाह रही थी। भाभी ने मुझे से कहा, “अदी प्लीज यार, अपना कॉक मेरे हाथ में दो ना।” मैंने भाभी को कहा, “भाभी, खुद ही पकड़ लो।” भाभी ने मुझे अपने नीचे लिटाया और मेरे जिस्म से एक-एक कपड़ा उतार दिया। भाभी ने मेरा लंड देखा तो भाभी खुश हो गई। भाभी बोली, “मेरे राजा, कहां से लाए हो इतना मोटा लंबा कॉक?” तभी मैंने भाभी को कहा, “मेरी जान, अगर मजा लेना है तो लंड चूत कहो, तब ही मजा आएगा।” तो भाभी ने फिर कहा, “मेरे राजा, तुम्हारा लंड बहुत अच्छा है अदी। बहुत मोटा लंड है।”
मैं भाभी के पैरों में बैठ गया और भाभी के पैरों की उंगलियों को चाटने लगा। धीरे-धीरे उनके पूरे जिस्म को अपनी जीभ से चाट रहा था। वहीं भाभी का बुरा हाल हो रहा था। अब मैं भाभी की चूत को चाट रहा था और भाभी मेरे लंड को। मुझे भी बहुत मजा आ रहा था। भाभी की मदक सिसकियां मुझे और मदहोश कर रही थीं। “हां म्म्म मेरे राजा, मुझे से नहीं रहा जा रहा है। मेरी जान, मेरी चूत में अपना लंड डालो अदी। उंम्म मेरे राजा प्लीज डालो ना चूत में लंड।” भाभी की हालत और खराब हो रही थी। तकरीबन मैं भाभी को पूरा चाट चुका था और भाभी की चूत से हल्का-हल्का पानी भी निकल रहा था। और अब तो यकीन मानो मुझे से भी नहीं रहा जा रहा था। तभी मैंने भाभी से कहा, “मेरी जान, तैयार हो जाओ। तुम्हारा राजा तुम्हारी चूत में लंड डालने वाला है।” भाभी ने कहा, “मेरे राजा, मैं तैयार हूं। प्लीज अदी, तुम लंड डालो मेरी चूत में ह्ह्म्म।” लेकिन मैंने फिर कन्फर्म किया, “भाभी, तुम सच में चाहती हो ना? कोई जबरदस्ती नहीं।” भाभी ने कहा, “हां मेरे देवर, मैं पूरी तरह सहमत हूं। मुझे तुम्हारा लंड चाहिए।”
तभी मैंने भाभी की चूत के मुंह पर लंड रखा। भाभी की कंपकंपी बंद गई। भाभी ने कहा, “अदी प्लीज, धीरे-धीरे करना।” तभी मैंने अपना काम शुरू किया और भाभी की चूत के अंदर लंड जाने लगा। भाभी की चूत इतनी टाइट थी मानो जैसे कुंवारी चूत हो। मैंने जैसे ही तेज झटका मारा, भाभी की चीख निकल गई, “उई मां… मार गई… ह्ही अदी प्लीज, या तो अंदर करो या बाहर निकालो।” मैंने अंदर डालना ही अच्छा समझा और दूसरे ही झटके में पूरा लंड अंदर चला गया। भाभी ने मुझे अपनी बाहों में जकड़ लिया और मैं समझ गया था कि भाभी अभी धक्के नहीं मारने देगी। जब भाभी की चूत का दर्द कम हुआ तब कहीं जाकर मैंने भाभी की चूत पर दमदार वार करना शुरू किया। भाभी हर झटके में “म्मां मेरे राजा, और तेज, और तेज”। वहीं मेरी रफ्तार बढ़ती जा रही थी और मुझे भी मजा आ रहा था। और आखिरी वक्त आ ही गया। मेरे लंड से गर्म-गर्म पानी निकल ही रहा था कि भाभी की चूत से इतना पानी निकला कि मैं सोचने लगा कि ये पानी है या भाभी का पेशाब। और भाभी और मैं खूब खुश होकर एक-दूसरे की बाहों में चिपक कर सो गए।
जब हम लोगों की नींद खुली तब शाम के 7 बज चुके थे। भाभी ने मुझे से कहा, “मेरे प्यारे देवर जी, अब आप नहा लो। हम चौपाटी पर चलते हैं।” मैंने भाभी से कहा, “भाभी, आओ ना हम दोनों साथ नहाएं।” भाभी तैयार हो गई और हम बाथरूम में चले गए। हम दोनों नहाने लगे। तभी मेरा लंड फिर खड़ा हो गया। तभी भाभी ने कहा, “तुम्हारे लंड का साइज क्या है?” मैंने कहा, “मुझे नहीं पता।” भाभी ने जब मेरा लंड का साइज लिया तो मैं इतना खुश हुआ कि जिसका कोई हिसाब नहीं। मेरे लंड का साइज था 9 इंच लंबा और साढ़े तीन इंच मोटा। भाभी ने कहा, “मेरे देवर, तुम ही हो मर्द।” और हम लोग नहाकर तैयार होकर चौपाटी पर चले गए। अगर आपको मेरी रियल स्टोरी पसंद आई हो तो प्लीज मेल करना। और कोई भी लेडी, आंटी, भाभी, कॉलेज गर्ल मुझे से सेक्स करना या फोन सेक्स चाहती हो तो प्लीज मेल मी प्यारी भाभी आंटीज, मैं आपकी मेल का वेट करूंगा। बाय, फिर मिलेंगे।