शकीला आंटी की बाथरूम चुदाई: सर्दियों में गर्म सेक्स का मजा



यह एक रियल हिंदी सेक्स स्टोरी है जिसमें रहमान अपनी पड़ोसी शकीला आंटी के साथ गर्मागर्म चुदाई करता है। सर्दियों में गीजर ठीक करने से शुरू हुई यह कहानी बेडरूम में जाकर खत्म होती है, जहां वे दोनों होंठ चूसने, चूत चाटने, लंड चूसने और गांड मारने के मजे लेते हैं। शकीला के गोल-मटोल मम्मे और सेक्सी गांड की डिटेल्स के साथ यह स्टोरी आपको मदहोश कर देगी। पढ़ें और एंजॉय करें!

हेलो लड़कियों और लड़कों, रहमान फिर से हाजिर है। अगर किसी की गांड में खुजली हो रही हो, तो मेरे पास आकर मरवा लो। शाही लंड से गांड मारना मेरा पुराना काम है। अब अच्छे लोगों को मैं एक कहानी सुनाने वाला हूं। आज मैं अपनी एक ऐसी कहानी सुनाने जा रहा हूं, जो बिल्कुल रियल है, और मैं उस कहानी को याद करके मुट्ठ मारता रहता हूं। ये शकीला और मेरी कहानी है। शकीला मेरे पड़ोस में एक आंटी का नाम है, और वो करीब 36 साल की होगी। उसका फिगर, वाह, तुम सोच भी नहीं सकतीं। मम्मे इतने गोल-मटोल कि जी चाहता है फौरन दबा दूं। और गांड ऐसी जैसे बड़े-बड़े नारियल रखे हों, बिल्कुल अंजुमन जैसी थी मेरी शकीला। वो मेरे पड़ोस में रहती थी, लेकिन उसे चोदने के लिए कोई तरीका समझ नहीं आ रहा था।

फिर एक दिन क्या हुआ कि सर्दियां आ गईं। हमारी छत और शकीला की छत बराबर-बराबर में थीं। मैं अपनी छत पर दिन में खड़ा था, और शकीला भी अपनी छत पर कुछ कर रही थी। उसका गीजर खराब हो गया था। मैं उसे देख रहा था, और उसे चलाना नहीं आ रहा था। मैंने हिम्मत करके कहा, “आंटी, क्या मैं इसे ठीक कर दूं?” शकीला ने मेरी तरफ देखा और मुस्कुराकर कहा, “हां, प्लीज आ जाओ।” मैं नीचे उतरा और उसके घर की बेल बजाई। वो भी नीचे आ गई थी। उसने कहा, “प्लीज इसे चला दो, मुझसे ठंडे पानी से नहीं नहाया जाता।” मैं उसके घर में दाखिल हो गया, और ऊपर जाकर मैंने गीजर चला दिया।

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जब मैं वापस आने के लिए उसकी सीढ़ियों से उतर रहा था, तो वो मेरे आगे-आगे चल रही थी, अपने सेक्सी कुल्हे हिलाते हुए। अचानक वो थोड़ी स्लो हो गई, और मैं उसके बिल्कुल पास हो गया। मेरा हाथ उसके कुल्हों को छूने लगा। उसने कोई ऐतराज नहीं किया, बल्कि हल्की सी मुस्कान दी, जैसे वो भी चाहती हो कि मैं और आगे बढ़ूं। मेरी हिम्मत और बढ़ गई। मैंने थोड़ा सा उसके कुल्हों पर हाथ का दबाव बढ़ा दिया। उसके बाल मेरे फेस से टच हो रहे थे, और मेरा लंड बिल्कुल तैयार उसकी गांड मारने के लिए हो गया था। हम दोनों नीचे पहुंचे, तो उसने कहा, “पहले मैं देख लूं कि पानी गर्म हो गया है या नहीं। तुम कमरे में आ जाओ।” मैं बेड पर बैठ गया, और वो बाथरूम में चली गई।

दो मिनट बाद वो वापस आई, तो उसके जिस्म पर कोई कपड़ा नहीं था। वो पूरी नंगी थी, उसके गोल-मटोल मम्मे हिल रहे थे, और उसकी चूत पर हल्के बाल थे जो मुझे मदहोश कर रहे थे। मुझे एक करंट सा लगा। उसने सेक्सी आवाज में कहा, “हां, अब गर्म है गीजर। और तुम… क्या तुम मुझे छूना चाहते हो? मैं तुम्हें पसंद करती हूं, रहमान।” मैंने उसकी आंखों में देखा और कहा, “शकीला, मैं तुम्हें बहुत चाहता हूं। लेकिन मैं कुछ भी तभी करूंगा जब तुम राजी हो।” उसने मुस्कुराकर कहा, “हां, मैं राजी हूं। आओ, मुझे अपनी बाहों में ले लो।”

मैं उछलकर उसके पास गया और उसे अपनी गोद में उठाकर बेड पर ले आया। अब मैंने उसके होंठ चूसने शुरू किए, वो इतने रसीले थे कि मैं रुक ही नहीं पा रहा था। मेरे हाथ उसके मम्मों को दबाने लगे, वो मुलायम और बड़े थे, जैसे आम के फल। शकीला की सिसकारियां निकल रही थीं… “आआआह… आआआऊऊऊच… और जोर से दबाओ, जान। मैं तुमसे चुदवाने के लिए कब से बेकरार हूं। मेरे शौहर का लंड किसी काम का नहीं है, जान-ए-मन। तुम मुझे चोदोगे ना?” मैंने कहा, “मेरी प्यारी शकीला, मैं तुम्हें ऐसा चोदूंगा जैसे आज तक किसी ने किसी को नहीं चोदा होगा। लेकिन याद रखना, सब कुछ तुम्हारी मर्जी से।”

उसने मेरे कपड़े उतारने शुरू किए, और मैंने उसके। अब मैंने उसकी चूत में अपना मुंह रख दिया। वो इतनी गीली थी, उसके जूस का टेस्ट मीठा और नमकीन था। मैंने जीभ से चाटना शुरू किया, ऊपर-नीचे, घुमाकर। मेरी उंगली अंदर-बाहर कर रही थी, और वो सिसकारियां ले रही थी, “ओह रहमान, क्या कर रहे हो… आआआह… और चाटो, मेरी चूत तुम्हारी है।” मैंने बहुत देर तक उसके जूस को टेस्ट किया, वो कम से कम दो बार झड़ी। अब शकीला से रहा नहीं जा रहा था। उसने मुझे बेड पर लिटाया और मेरा लंड अपने मुंह में ले लिया। वो चूस रही थी जैसे कोई आइसक्रीम, ऊपर-नीचे, जीभ घुमाकर। “तुम्हारा लंड कितना बड़ा और मोटा है, जान। मुझे ये चाहिए अंदर।”


फिर उसने मेरे लंड को अपनी चूत में डाला और उछलने लगी। ऊपर-नीचे, तेज-तेज। उसके मम्मे हिल रहे थे, मैं उन्हें दबा रहा था। वो चिल्ला रही थी, “चोदो मुझे… हां… और तेज… आआआह…” मैंने उसे नीचे किया और ऊपर से चोदना शुरू किया, गहराई तक धक्के मारते हुए। उसकी चूत इतनी टाइट थी कि मजा दोगुना हो रहा था। मेरी मन्नी का एक-एक कतरा वो पी गई, जैसे वो उसका अमृत हो। थोड़ी देर बाद मैंने कहा, “शकीला जान, तुम्हारी गांड में मेरा लंड जाएगा तो तुम्हें वो मजा आएगा जो आज तक किसी से नहीं आया होगा। लेकिन अगर तुम नहीं चाहो, तो नहीं।” पहले तो उसने मना किया, लेकिन फिर मुस्कुराकर बोली, “ठीक है, ट्राई करते हैं। लेकिन धीरे से, और अगर दर्द हो तो रुक जाना।” मैंने थोड़ा सा ऑयल लगाकर उसकी गांड को स्लिपरी बनाया, और धीरे-धीरे अंदर डाला। वो सिसकारी, “आआआह… धीरे… हां, अब अच्छा लग रहा है।” मैंने इतनी देर तक उसकी गांड मारी कि शाम हो गई। हर धक्के के साथ वो और सेक्सी हो रही थी, उसकी गांड मेरे लंड को निचोड़ रही थी।


फिर जब मेरी मन्नी निकली, तो सारी मन्नी मैंने उसके मम्मों पर बिखेर दी। वो चमक रहे थे, और वो उन्हें मसल रही थी। फिर हम दोनों लिपटकर सो गए। थोड़ी देर बाद उसने कहा, “आओ, नहा लें। पानी तो गर्म ही है।” हम बाथरूम में गए, शावर के नीचे। पानी की बूंदें उसके जिस्म पर गिर रही थीं, उसे और सेक्सी बना रही थीं। हमने एक-दूसरे को फिर से चोदा, दीवार से सटाकर, पानी में फिसलते हुए। उसकी सिसकारियां गूंज रही थीं, “ओह रहमान, तुम मुझे खुश कर देते हो। और चोदो…” हमने खूब एंजॉय किया।

मैं उसे पूरे 4 साल चोदता रहा, हर दिन नई पोजिशन ट्राई करते हुए, उसकी मर्जी से। कभी किचन में, कभी छत पर, कभी कार में। लेकिन फिर मेरा वहां से ट्रांसफर हो गया, और मैं यहां कराची आ गया। जिसे ये स्टोरी पसंद आए, उसे सलाम। जिसे बुरी लगे, उसे भी सलाम। और जिसे ऐतराज हो, उसकी गांड में मेरा लंड।

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