बैंगलोर की सेक्सी टीचर सानिया बेग की सच्ची कहानी, जहां सर अब्बास ब्लैकमेल कर उसे अपने घर बुलाते हैं। किस से शुरू होकर पैशनेट सेक्स तक की हॉट जर्नी, कंसेंट के साथ। पढ़िए ये उत्तेजक हिंदी सेक्स स्टोरी फुल डिटेल्स में!
दोस्तों, मैं आपकी अपनी सानिया बेग हूं, बैंगलोर से। काफी टाइम हो गया, आप लोगों के लिए मेरी कोई नई स्टोरी नहीं आई। कुछ लिखी भी थी, लेकिन पता नहीं आपकी सानिया को जगह क्यों नहीं मिल सकी। नए फ्रेंड्स के लिए बता दूं, मेरी ऐज करीब 28 है, बिग बूब्स 36 से ऊपर, वेरी सेक्सी लुकिंग, मेल्स के लिए हसीन ख्वाब। पिछली स्टोरीज में “मुझे पता न था” पहली बार कभी न बोली “ना चाहते हुए भी” और “सोनिया ने क्या किया” अभी रिलीज नहीं हुई, शायद ये भी आ जाए।
फ्रेंड्स, जब मैंने टीचिंग जॉइन की थी, तब मेरी ऐज 22 थी। एक पब्लिक स्कूल में, जहां सर अब्बास ने मुझे देखते ही जॉब दे दी, और कुछ ज्यादा पूछा नहीं। सर अब्बास की ऐज 36 होगी, टॉल, स्मार्ट और गुड लुकिंग, उनके चेहरे पर मूंछें भी थीं, जो उन्हें और भी अट्रैक्टिव बनाती थीं। कुछ टाइम में मेरी दोस्ती एक बॉय विजय से हो गई, वो सो क्यूट, 26, स्मार्ट। आई लाइक हिम वेरी मच, हम अक्सर बाहर भी जाते, लेकिन कुछ रॉन्ग रिलेशन नहीं हुआ। एक बार पता नहीं विजय को क्या हुआ, उसने मुझे ऑफिस में किस कर दी। मैं मना करती रही, लेकिन उसने कर ली। वो मोमेंट इतना अचानक था कि मैं कुछ समझ ही नहीं पाई, लेकिन दिल में एक अजीब सी एक्साइटमेंट भी थी।
कुछ दिन बाद मुझे सर अब्बास ने ऑफिस बुलाया और कहा, “मुझे तुम्हारे बारे में बहुत रॉन्ग रिपोर्ट्स मिली हैं। तुम एक हिंदू बॉय के साथ गलत हो।” मुझे शॉक लगा, मैंने कहा, “ऐसा कुछ नहीं है सर।” तो सर ने कहा, “तुम उसके साथ बाहर जाती रही हो, और पता नहीं क्या-क्या करती रही हो। ये बहुत बड़ा इश्यू बन जाएगा, मुस्लिम और हिंदू का।” मैं थोड़ा गुस्से में बोली, “सर, ऐसा कुछ नहीं है, वो सिर्फ मेरा कोलीग है और कुछ नहीं।” सर ने आगे से और गुस्से में टेबल से एक पैकेट निकाल कर मुझे दिया, “इसे खोलो।” ओह माय गॉड, वो पिक्चर थी जिसमें विजय ने मेरे होंठों को अपने होंठों में ले रखा था, और उसकी बाहें मेरे जिस्म के इर्द-गिर्द थीं। मैं परेशान हो गई, “ये क्या हुआ, कैसे हुआ?” सर ने कहा, “जब तुम स्कूल के अंदर ये करती रही हो तो बाहर क्या-क्या होगा?” मैं माफी मांगने लगी, लेकिन सर ने कहा, “अपने अब्बू को कल बुलाना, फिर देखते हैं क्या हो सकता है। बहुत प्रॉब्लम है।”
मैं रो रही थी, लेकिन सर ने कुछ नहीं कहा और सख्ती से बोले, “कल अब्बू को साथ लाना।” मैं बहुत अपसेट हो गई। शाम को घर आई तो पता चला अब्बू हॉस्पिटल गए हैं चेकअप के लिए, उन्हें हार्ट प्रॉब्लम थी। अब मैं बहुत डर गई कि अब्बू को कुछ न हो जाए। सुबह स्कूल गई तो सर ने सबसे पहले अब्बू का पूछा। मैं फिर रोने लगी, “अब्बू हार्ट पेशेंट हैं सर, प्लीज कुछ करें, इसे मैनेज कर लें।” सर ने कहा, “मैं कैसे करूं ये? और बहुत सारे लोगों को पता है, ये फसाद का कारण भी बन सकता है।” मैंने उनके पांव पकड़ लिए, तो उन्होंने कहा, “अच्छा, कल करते हैं कुछ। कल संडे है, तुम मेरे घर आ जाना, वहीं कुछ सोचते हैं।”
मैं सारी रात परेशान रही, जागती रही। सुबह अम्मी को बताया कि स्कूल में पार्टी है, तैयार होकर सर के घर पहुंची। सर ने दरवाजा खुद ही खोला, अंदर दाखिल हुई तो और कोई नहीं था। सर ने बताया कि उनकी बीवी और चाइल्ड उनकी सास के घर गए हुए हैं। सर मुझे अपने कमरे में ले गए, बिठा कर गुस्से से पूछा, “मुझे सच बताओ, विजय ने तुम्हारे साथ क्या-क्या किया है?” मैंने कहा, “सर, वो सिर्फ एक किस, उसने जबरदस्ती दी थी, उसके इलावा कुछ नहीं हुआ।” सर ने कहा, “जब तुम उसके साथ होटल में जाती हो तो वो बहुत कुछ जबरदस्ती कर सकता है। सच बताओ, वरना मैं कुछ नहीं कर सकता।” मैंने कहा, “सर, मैं कभी उसके साथ किसी होटल के रूम में नहीं गई।” सर ने मुझे एक थप्पड़ मार दिया, “झूठ बोलती हो, अब मैं कुछ नहीं कर सकता। तुम्हारे अब्बू जब तुम्हारी वजह से मर जाएंगे तो फिर पता चलेगा।” मैं रोना शुरू हो गई, तो उन्होंने मुझे कंधों से पकड़ कर बेड पर बिठा लिया और प्यार करने लगे। मैं उनके गले से लग गई, मैं तो उन्हें अपना बड़ा समझ कर उनके गले लगी, लेकिन उन्होंने मेरे माथे से प्यार करते-करते मेरे होंठों पर किसिंग करना शुरू कर दिया।
अब मैंने उन्हें छोड़ दिया, लेकिन उन्होंने मुझे अपनी बाहों में दबोच लिया और मेरे होंठों को सख्ती से अपने होंठों में ले लिया। उनका हाथ मेरे बूब्स प्रेस करने लगा। मेरे बिग-बिग बूब्स को दबाते-दबाते वो पागल हो गए, और साथ कहते जा रहे थे, “मेरी जान, मैं तुम्हें बचा लूंगा, तुम मेरी जान हो।” मैं डर गई थी, और मुझसे कोई फैसला नहीं हो रहा था कि अब क्या करूं। लेकिन कहीं न कहीं, मेरे दिल में एक अजीब सी चाहत जाग रही थी। मैंने सोचा, शायद ये सही तरीका है सब ठीक करने का। मैंने खुद को उनके हवाले कर दिया, अपनी मर्जी से। फौरन ही उन्होंने मेरी शर्ट खींच दी, अब मेरे बूब्स उनके सामने थे। उन्होंने ब्रा को भी तोड़ डाला और मेरे 36 को पूरा मुंह में लेने की कोशिश करने लगे, काटने लगे। अब मुझसे भी काबू नहीं हो रहा था। वो चाइल्ड की तरह चूस रहे थे, और मैंने उनके सर को दबा कर अपने बूब्स की तरफ प्रेस कर दिया। अब क्या था, उनकी तो लक खुल गई। वो मेरे बूब्स को पकड़ कर मुंह में डाल रहे थे।
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वो अपनी जीभ मेरे मुंह में, आंखों, कानो, बूब्स, गले, पेट, बाजू पर फेर रहे थे, और मैं आंखें बंद किए लेटी थी। उनका लंड मेरी टांगों के दरमियान लग रहा था, और मुझे अजीब सी खुमारी चढ़ रही थी। उन्होंने मेरा शलवार भी उतार दिया और मेरी चूत में उंगली करने लगे, अपनी जीभ भी फेरने लगे। अब मेरा दिल कर रहा था कि वो मेरी चूत में कुछ डालें, अपना बड़ा सा लंड। उन्होंने अपनी पैंट उतारी, उफ्फ्फ, इट्स ह्यूज! मैं मर जाऊंगी इतना बड़ा, मैंने अभी तक नहीं देखा था, और इतना मोटा। अब मैं डर रही थी, लेकिन अब बचना तो पॉसिबल नहीं था। लेकिन कहीं अंदर से मैं चाह रही थी ये सब, अपनी मर्जी से। मैंने उन्हें कहा, “सर, प्लीज, अगर आप चाहें तो… मैं तैयार हूं।” उन्होंने मुस्कुरा कर कहा, “हां मेरी जान, मैं तुम्हें खुश रखूंगा।”
अब्बास मेरे ऊपर लेटा, मेरी टांगें अपने कंधों पर रखी। मुझे कुछ अंदाजा था, मैंने पिलो को मुंह में लिया और सख्ती से दबा लिया। अब्बास ने उसका टॉप ही मेरे अंदर किया कि मेरी आंखें बाहर आ गईं, और मेरी सिसकारियां निकल गईं। वो मेरी तरफ देख कर मुस्कुराया और थोड़ा और अंदर किया, फिर और। मेरी आंखों से आंसू निकल रहे थे, पिलो मेरे मुंह से छूट चुका था, और मेरी चीखें निकल रही थीं, जैसे मुझे जबा किया जा रहा है। लेकिन धीरे-धीरे दर्द में मजा आने लगा। उन्होंने मेरी टांगें नीचे उतार दी और थोड़ा सा और अंदर किया। टांगें नीचे रखने से थोड़ा सा सुकून आया था, लेकिन दर्द अब भी हो रहा था, और अभी उसका सिर्फ हाफ लंड अंदर गया था। अब उसने मेरे मुंह पर हाथ रखा, अपनी आंखें बंद की और एक झटका मारा। और मैं… हां दोस्तों, मैं जैसे मर गई। ऐसी तकलीफ कभी नहीं हुई, हो भी नहीं सकती। मेरी चूत को कोई नाइफ से काट रहा था, और मुझे होश नहीं था। इतना फील हो रहा था कि कोई मुझे मार रहा है। मेरी चूत फूल चुकी थी, और उसका लंड ईजली जा रहा था। अब मुझे कुछ अजीब सा लग रहा था, जिंदगी का मजा। मैं फरिग होने वाली थी। मेरी फटी हुई चूत भी मजा लेने लगी। मैंने अब्बास को खींच कर अपने ऊपर कर लिया और उसे कहने लगी, “करो प्लीज, अब और करो, जोर-जोर से करो। अब मैं कह रही हूं, अब करो।” मैं पागलों की तरह उससे लिपट रही थी, और फरिग हो गई, और बेहोश हो गई। आंखें बंद कर ली, हाथ बेड पर फेंक लिए और रिलैक्स। लेकिन वो अब भी कर रहा था, और अब मैं बहुत टूट चुकी थी, थक गई थी। थोड़ी देर में वो भी फरिग हो गया और अपना सारा पानी मेरे पेट पर छोड़ दिया।
अब वो मुझे हिला रहा था, बुला रहा था, आवाजें दे रहा था, लेकिन मुझे कुछ नहीं सुनाई दे रहा था। मैं डीपली सोती रही। डियर फ्रेंड्स, बताना जरूर कैसी लगी स्टोरी। लेकिन ये सब मेरी मर्जी से हुआ, मैंने खुद को उसके हवाले किया क्योंकि कहीं अंदर से मैं भी चाहती थी ये इंटीमेसी। अब हमारी रिलेशनशिप और भी स्ट्रॉन्ग हो गई, और सर अब्बास ने सब मैनेज कर लिया। सेक्सी मोमेंट्स में वो इतना पैशनेट थे कि मैं हर बार और ज्यादा चाहती थी। उनके टच से मेरे जिस्म में आग लग जाती थी, और वो बड़ा लंड मुझे हर बार नए मजे देता था। अब मैं उनकी हो गई थी, पूरी तरह से, अपनी खुशी से।