पढ़िए एक सच्ची हिंदी सेक्स स्टोरी जहां देवर अपनी सेक्सी भाभी के साथ रोमांटिक और हॉट मोमेंट्स शेयर करता है। भाभी के बड़े बूब्स, गांड और पुसी की चुदाई की डिटेल्स के साथ एक्साइटिंग काहनी। अगर आप भाभी-देवर की चुदाई स्टोरी पसंद करते हैं, तो ये आपके लिए है!
आज मैं आपको अपनी और अपनी भाभी की सच्ची कहानी बताने वाला हूं। मैं नासिक में रहता हूं। मेरे कजिन भाई की शादी हुई तब मैं 23 साल का था। मेरा भाई और मैं बहुत क्लोज थे। मेरे भाई का नाम शाम है, और हां, मेरा नाम शरद है। मैं शाम के घर बहुत आना-जाना रखता था। शाम का लव मैरिज हुआ था। उसकी बीवी, यानी मेरी भाभी, शाम से एक साल बड़ी थी और मुझसे 8 साल बड़ी। उनकी शादी के कुछ साल बाद, यानी 1-2 साल बाद, मैं और भाभी एक-दूसरे से बहुत बातें करने लगे। तब भाभी 32 साल की थीं, लेकिन वो इतनी बड़ी लगती नहीं थीं। हम दोनों में बहुत हंसी-मजाक होता था। मेरा ऑफिस पार्ट टाइम था, और मैं दोपहर को 2 बजे छूट जाता था ऑफिस से। फिर मैं भाभी के घर चला जाता था। जब भी मैं घर जाता, भाभी मोस्टली टाइट टी-शर्ट और स्कर्ट में रहतीं। उनके बूब्स बहुत बड़े थे, और गांड भी। बहुत दिनों से मैंने मुठ नहीं मारी थी, तो मेरा ध्यान भाभी के बूब्स की तरफ जाने लगा। मैं बहुत एक्साइटेड हो गया था।
एक दिन मैंने भाभी से कह दिया, “भाभी, तुम मुझे बहुत अच्छी लगती हो… एक्टुअली, आई लव यू।” मैं कहने के बाद डर गया था, लेकिन भाभी ने नॉर्मल लिया वो। उन्होंने कहा, “आई लव यू टू शरद। हम भाभी-देवर हैं और दोस्त भी, तो दोस्ती में प्यार होता ही है।” भाभी ने अलग तरीके से लिया, लेकिन मैंने मन में सोचा, चलो इतना तो वो जान गईं।
कुछ महीनों बाद मैंने भाभी को फोन किया और कहा, “भाभी, आज हम बाहर मिलेंगे कहीं?” भाभी ने कहा, “ठीक है, मिलेंगे।” भाभी शाम को इंस्टीट्यूट जाती थीं। वो बोलीं, “ठीक है, मैं घर में (शाम को) फोन करती हूं, मुझे देर होने वाली है।” मैंने कहा, “ठीक है, हम 7 बजे गार्डन में मिलेंगे।” मैं 7 बजे गार्डन पहुंचा। 10 मिनट बाद भाभी आईं… वाह! भाभी ने साड़ी पहनी थी। साड़ी में वो एकदम दस लग रही थीं। उनकी फिगर… हम्म्म, कमर पतली और बूब्स और गांड जबरदस्त लग रही थीं। हम दोनों गार्डन में बेंच पर बैठे और बातें करने लगे। बातें करते-करते मैंने भाभी का हाथ अपने हाथ में ले लिया। भाभी एकदम चुप हो गईं। मैंने कहा, “बुरा लगा भाभी?” वो कुछ नहीं बोलीं। हम रोमांटिक टॉपिक पर बोल रहे थे… मैंने जानबूझकर ये टॉपिक निकाला था।
मैंने भाभी से पूछा, “भाभी, तुम 20-22 साल में बहुत सुंदर लग रही होगी ना?” वो बोलीं, “हां, कॉलेज में सब मुझे घूर के देखते थे। तब मेरी फिगर बहुत अच्छी थी।” मैंने कहा, “एक कहूं भाभी? आज भी तुम्हारी फिगर मस्त है।” वो मेरी तरफ देखने लगीं। फिर हम दोनों शांत बैठे। मैंने मन में ठान ली, आज कुछ तो करेंगे। मैंने कहा, “भाभी, मुझे आज एक ख्वाहिश है, तुम पूरी करोगी?” वो बोलीं, “हां, क्या है?” मैंने कहा, “मुझे तुम्हारे बूब्स को हाथ लगाना है।” भाभी कुछ नहीं बोलीं। हम थोड़ी देर बाद वहां से जाने लगे। भाभी बोलीं, “तुम्हारी ख्वाहिश तुम पूरी कर सकते हो।” मैं पागल हो गया। वही कोने में पेड़ के नीचे मैं भाभी के पीछे खड़ा हो गया और पीछे से उनके पल्लू के नीचे से हाथ डालकर बूब्स को छुआ। मैं पागल हो गया था… मेरी भाभी के बूब्स को मैं हाथ लगा रहा था। भाभी के बड़े बूब्स ब्लाउज में समा नहीं रहे थे। मैंने ब्लाउज पर से ही जोर से दबाए। भाभी को थोड़ा दर्द हुआ, लेकिन वो चुप रहीं। लगभग 20-30 सेकंड तक मैं बूब्स दबाता रहा… और पीछे से अपनी गांड को मेरा लंड चिपकाया था। पहली बार मैं किसी औरत के बूब्स दबा रहा था, वो भी अपनी भाभी के। मेरा लंड से पानी निकल गया। फिर हम अपने-अपने घर चले गए।
दो दिन बाद मैंने शाम को 7 बजे भाभी को मोबाइल किया और पूछा, “आज मिलोगी?” वो बोलीं, “आज इंस्टीट्यूट में काम है, तुम ऐसा करो 7:30 बजे मेरे इंस्टीट्यूट आजाओ।” मैंने कहा, “ठीक है।” मैं 7:30 बजे भाभी के इंस्टीट्यूट गया। भाभी अकेली थीं इंस्टीट्यूट में। वो बोलीं, “बैठो ना।” मैं भाभी के राइट साइड बैठा। वो कुछ लिख रही थीं। हाथ के नीचे से साइड व्यू से भाभी के ब्लाउज में बड़ा बूब जबरदस्त दिख रहा था। मेरा लंड खड़ा हो गया था। मैंने अपने दोनों जांघों में मेरा लंड दबाकर रखा था। भाभी का काम होते ही कहा, “बोल कैसे हो?” मैंने कहा, “तुम बोलो कैसी हो?” वो बोलीं, “ठीक हूं।” मैंने कहा, “भाभी, उस दिन मैंने आपके बूब्स सिर्फ दबाए, आज देखना भी चाहता हूं।” भाभी बोलीं, “पागल हो क्या शरद?” मैंने कहा, “प्लीज प्लीज प्लीज…” वो बोलीं, “ठीक है, लेकिन दूर से देखना।” मैंने कहा, “आचा।” फिर भाभी रूम के दरवाजे के पास गईं, डोर लॉक किया। मेरी तरफ मुड़ीं, मैं थोड़ा दूर रुका था। भाभी ने साड़ी का पल्लू हटाया… मेरी दिल की धड़कन तेज हो गई थी। फिर भाभी ने अपना रेड कलर का ब्लाउज और ब्रा ऊपर किया… ओhhhhhh… उनके बड़े बूब्स एकदम बाहर आ गए… वॉवwwww… मेरे सामने मेरी भाभी अपना ब्लाउज और ब्रा ऊपर करके मुझे बूब्स दिखा रही थीं। मैं नजदीक आने लगा तो भाभी ने ब्लाउज नीचे कर दिया। मैं पागल हो गया था। भाभी ने पूछा, “अच्छे लगे मेरे बूब्स?” मैंने कहा, “भाभी, तुम बहुत सेक्सी हो।” और मैंने पहली बार भाभी को अपनी तरफ खींचकर गले लगाया। उनके बड़े-बड़े बूब्स मेरे चेस्ट पर दब रहे थे। मैंने डेयरिंग करके भाभी की गांड के क्रैक में अपनी 4 उंगलियां डालीं और जोर से गांड दबाई। मैंने कहा, “भाभी, आज मुझे तुमको मेरा खड़ा हुआ लंड दिखाना है, दिखाओ?” भाभी बोलीं, “अभी नहीं।” फिर मैंने भाभी के पूरे बदन को हाथ लगाया और हम वहां से बाहर निकले।
दो दिन बाद मैंने एक पार्टी अरेंज की। सिर्फ मैंने भाभी और भाई को इनवाइट किया। हम तीनों एक बड़े गार्डन रेस्टोरेंट में गए। मैंने और भाई ने रम का ऑर्डर दिया। भाई ने भाभी से कहा, “तुम भी लो कुछ।” वो बोलीं, “तुम मंगवाओ ना कुछ।” भाभी के लिए वोडका मंगवाई। मैंने जानबूझकर कम पी, भाई ने पूरी क्वार्टर खत्म की और वो बीयर पीने लगा। भाभी 2 पेग पी रही थीं। भाभी भी मूड में आ गईं थीं। भाभी तब सज-धज के आईं थीं। पिंक कलर की साड़ी और पिंक कलर की ब्लाउज पहनी थी। मैं टेबल के नीचे से भाभी की लेग्स को अपनी लेग्स से स्पर्श कर रहा था। रात के 12 बज चुके थे। हम तीनों बातें कर रहे थे, मजाक कर रहे थे। और नीचे से मेरा काम चालू था। भाई टॉयलेट के लिए गया, मैंने तुरंत अपना पैर भाभी की साड़ी के अंदर डाला। भाभी ने भी पैर थोड़े अलग किए। मेरा पैर भाभी की जांघों तक गया… वूओओव… मैंने जोर से पैर अंदर डाला, मेरे पैर को भाभी की चड्डी लगी। भाभी से पूछा, “कौन से रंग की अंदर चड्डी पहनी है?” भाभी शरमाईं। मैंने कहा, “बताओ ना!!!” भाभी बोलीं, “लैवेंडर रंग की है और उसपर लाइट येलो रंग के फ्लावर्स हैं।” मैंने पैर की उंगलियों से भाभी की पुसी को रगड़ना चालू किया। भाभी भी एक्साइट हो गईं। भाई आते देखकर मैंने पैर हटाया और भाभी को इशारा किया। वो भी ठीक बैठीं। फिर हम अपने-अपने घर चले गए।
उस रात के बाद मेरा मन नहीं लग रहा था। मैं भाभी के बारे में सोच-सोचकर पागल हो रहा था। अगले दिन मैंने भाभी को फोन किया, “भाभी, आज शाम को मिलना है, लेकिन अकेले। भाई घर पर नहीं है ना?” भाभी हंसकर बोलीं, “हां, शाम को वो ऑफिस से लेट आएंगे। तुम आ जाओ घर पर।” मैं शाम को 6 बजे भाभी के घर पहुंचा। भाभी ने दरवाजा खोला, वो टाइट जींस और टॉप में थीं। उनके बूब्स टॉप से बाहर आने को बेताब लग रहे थे। मैं अंदर आया, भाभी ने दरवाजा बंद किया। मैंने तुरंत भाभी को दीवार से सटाकर पकड़ लिया। “भाभी, अब और नहीं रुक सकता। मुझे तुम्हारी पूरी बॉडी चाहिए।” भाभी की सांसें तेज हो गईं, वो बोलीं, “शरद, ये गलत है… लेकिन मैं भी चाहती हूं।” मैंने भाभी के होंठों पर अपने होंठ रख दिए। हम दोनों किस करने लगे, गहरा, वाइल्ड किस। मेरी जीभ उनकी जीभ से खेल रही थी। मैंने हाथ से उनके टॉप को ऊपर किया और ब्रा के ऊपर से बूब्स दबाने लगा। भाभी की आह निकली, “आह्ह्ह… शरद…” मैंने उनका टॉप उतार दिया, ब्रा खोल दी। उनके बड़े, गोरे बूब्स मेरे सामने थे। मैंने उन्हें चूसना शुरू किया, एक निप्पल को मुंह में लेकर चूसा, दूसरे को हाथ से मसला। भाभी की आंखें बंद हो गईं, वो मेरे बालों में हाथ फेर रही थीं।
फिर मैंने भाभी की जींस उतारी। अंदर लैसी पैंटी थी, वो गीली हो चुकी थी। मैंने पैंटी उतारी और भाभी की पुसी को देखा… क्लीन शेव्ड, गुलाबी। मैं घुटनों पर बैठा और अपनी जीभ से चाटने लगा। भाभी चिल्लाईं, “ओह्ह्ह… शरद, ये क्या कर रहे हो… आह्ह्ह…” उनकी पुसी से रस बह रहा था। मैंने जीभ अंदर डाली, चाटता रहा। भाभी की टांगें कांप रही थीं। फिर भाभी ने मुझे खड़ा किया, मेरी पैंट उतारी। मेरा लंड खड़ा था, 7 इंच का, मोटा। भाभी ने उसे हाथ में लिया, “वाह शरद, कितना बड़ा है तेरा लंड।” वो घुटनों पर बैठीं और मुंह में ले लिया। सक्स देने लगीं, चूसतीं, चाटतीं। मैं पागल हो रहा था, “भाभी… आह्ह्ह… कितना अच्छा चूस रही हो।” कुछ मिनट बाद मैंने भाभी को बेड पर लिटाया। उनकी टांगें फैलाईं और अपना लंड उनकी पुसी पर रगड़ा। भाभी बोलीं, “डालो ना शरद… चोदो मुझे।” मैंने धक्का मारा, लंड अंदर गया। भाभी की चीख निकली, “आआआhhh… धीरे…” लेकिन मैं रुका नहीं, जोर-जोर से धक्के मारने लगा। उनके बूब्स उछल रहे थे, मैं उन्हें दबाता रहा। भाभी भी कमर उछालकर साथ दे रही थीं, “हां शरद… और जोर से… चोदो अपनी भाभी को…” हम दोनों पसीने से तर हो गए। 15 मिनट की चुदाई के बाद मैं झड़ने वाला था। मैंने पूछा, “कहां निकालूं?” भाभी बोलीं, “अंदर ही… मैं पिल्स लेती हूं।” मैंने अंदर ही झाड़ दिया। हम दोनों थककर लेट गए, एक-दूसरे को गले लगाकर।
उसके बाद हमारा रिश्ता और गहरा हो गया। हम जब भी मौका मिलता, चुदाई करते। भाभी अब मेरी लवर बन गईं। दोस्तों, ये मेरी सच्ची कहानी है। सेक्सी लगी तो कमेंट जरूर करना।