बहन को चोदकर रखेल बनाया


नमस्कार मेरे मित्रगणों  और सुनाइए कैसे आप सब .. मेरी परिवार  में हम 6 लोग है.. मैं, माँ, पापा और मेरी दो बहनें.. जिनका नाम गीता  और अनुष्का    है. दोस्तों.. में आज आप सभी को मेरे द्वारा‍‌ जबरदस्ती गीता  के साथ बनाए गए गलत संबंधो के बारे बता रहा हूँ. मेरी बहन जब 18 साल की थी.. तब उसके चूचिया  मोटे होना शुरू हो गये थे. जब वो बारहवीं में पढ़ती थी. गीता  बचपन से ही बहुत सुंदर है और जैसे जैसे गीता  बड़ी होती गई वैसे वैसे उसकी जवानी चड़ती गई और गीता  कली से फूल बन गयी. अब जो भी गीता  को देखता है वो पागल हो जाता.. गीता  का गोरा बदन, मोटे मोटे चूचिया , मस्ताने चूतड़ मुझे बहुत पागल बना रहे थे और फिर धीरे धीरे मेरा नज़रिया मेरी बहन के लिए बदलने लगा. मुझे उसमे अपनी बहन कभी नहीं दिखती थी.. गीता  मुझे केवल एक लड़की दिखती थी.. जिससे में अपनी हवस मिटाना चाहता था. मोटी गांड वाली लड़कियों की बात ही कुछ और है.


 क्या गजब चुदकड़ अंदाज थी फिर गीता  धीरे धीरे बड़ी हुई.. दोस्तों गीता  एक बहुत ही अच्छे विचारो वाली लड़की थी और उसने शायद कभी नहीं सोचा होगा कि उसको प्यार करने वाला उसका भाई उसके साथ सेक्स करेगा. जब गीता  कॉलेज जाने के लिए तैयार होती थी.. तो में उसको हमेशा नंगा देखने की कोशिश करता रहता था. जब गीता  नहाने के लिए बाथरूम में जाती तो में बाथरूम की छोटी खिड़की से देखकर कई बार मुठ मारा करता था. दोस्तों में क्या कहूँ गीता  के जिस्म के बारे में.. उसका बदन बहुत ही चिकना, सुंदर, कामुक है. में हमेशा गीता  को चोदने के प्लान बनता रहता था.. लेकिन गीता  मेरे किसी भी प्लान में नहीं फंस पाई.. ना तो उसका कोई बॉयफ्रेंड था जिससे में उसको ब्लैकमेल कर सकूं और ना ही उसमें कोई ग़लत आदत थी.. जिससे में उसको फंसा सकूँ. वो बहुत ही सीधी साधी लड़की थी और में खुद को रोक नहीं पा रहा था.. उसकी जवानी ने मुझे हवस का पुजारी बना दिया था और अब उसकी चूत को चोदना मेरा सपना बन गया था. लड़किया क्युआ गजब चुदकड़ होती है दोस्तों.
 

 मेरे मित्रगणों  क्या मॉल थी उसकी चुची पीकर मजा आ गया फिर जब मेरे सभी प्लान फेल हो गये.. तब मैंने सोचा कि में गीता  को जबरदस्ती अपनी हवस का शिकार बनाऊंगा. कुछ दिन बाद मेरे मामा की शादी थी और यह मेरे लिए एक बहुत अच्छा मौका था और मेरे मामा की शादी में जाने के लिए माँ और पापा ने मुझ पर बहुत दवाब डाला.. लेकिन .मैंने मना कर दिया और मेरे मना करने पर गीता  ने सोचा कि भैया नहीं जा रहे.. तो में अपनी पढ़ाई छोड़कर कैसे मै एक नंबर का आवारा चोदा पेली करने वाला  लड़का हु मुझे लड़किया चोदना अच्छा लगता है.
जाऊँ? तो गीता  ने पापा से कह दिया कि पापा आप, माँ और अनुष्का    तीनों ही मामा की शादी में चले जाओ.. में और भैया यहीं पर रह जाते है और भैया के यहाँ पर रहते हुए में कॉलेज भी चली जाऊंगी और मेरी पढ़ाई भी खराब नहीं होगी. तभी गीता  की यह बात सुनकर में मन ही मन बहुत खुश हुआ. पापा, मम्मी गीता  की बात मान गये और मुझसे कहने लगे कि गीता  को घर पर बिल्कुल भी अकेला मत छोड़ना.. इसे कॉलेज ले जाने की और वापस लाने की तुम्हारी ज़िम्मेदारी है. तो मैंने अपना सर हाँ में हिलाते हुए पापा को जवाब दिया और तीन दिन बाद माँ और पापा शादी में चले गये. मैं और गीता  घर पर अकेले रह गये. मेरे प्यारे दोस्तो चुची पिने का मजा ही कुछ और है.


 ये कहानी पढ़ कर आपका लंड खड़ा नहीं हुआ तो बताना  लड खड़ा ही हो जायेगा  मैं अब कैसे भी गीता  को पाना चाहता था.. मुझे उसके जिस्म को देखकर अजीब अजीब ख्याल आने लगे और अगली सुबह जब गीता  नहाने जा रही थी.. तो मैंने बाथरूम की कुंडी तोड़ दी. जिससे बाथरूम अंदर से पूरी तरह से बंद नहीं हो पा रहा था. फिर उसने सोचा कि भैया तो अपने रूम में है और वो मुझे नहाने के लिए बोल कर नहाने चली गयी. मेरे रूम का दरवाजा बाथरूम से 80 डिग्री पॉइंट पर है.. जिससे मुझे बाथरूम में नहाने वाला बड़े आराम से साफ साफ दिख सकता था और यही जानकर मैंने बाथरूम की कुंडी तोड़ दी थी. तो गीता  मेरे गंदे इरादों से बेखबर होकर नहाने के लिए बैठी और फिर उसने अपना कुर्ता उतार दिया. दोस्तों उसने गुलाबी कलर की ब्रा पहन रखी थी और उसके मोटे मोटे चूचिया  ब्रा में से बाहर आने को मचल रहे थे और उसके मोटे मोटे चूचिया  देखते ही मेरा लंड खड़ा हो गया और पानी छोड़ने लगा. मेरे मित्रगणों  चुत छोड़ने के बाद सुस्ती सी आ जाती है    .

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 क्या बताऊ मेरे मित्रगणों   उसको देखकर किसी लैंड टाइट हो जाये फिर जैसे ही वो खड़ी हुई उसके चूचिया  ब्रा में ही लटककर आम की तरह झूलने लगे.. मुझे उसके चूचिया  का एकदम सही आकार दिखने लगा और फिर उसने अपनी सलवार खोलकर टावल लपेट लिया और खुद पर पानी डालने लगी. तो गीता  का भीगा बदन मुझे पागल किए जा रहा था और थोड़ी देर पानी डालने के बाद गीता  ने अपनी ब्रा उतार दी वाह दोस्तों कितने सुंदर थे गीता  के चूचिया  एकदम गोरे, उस पर भूरे कलर की निप्पल और इतने टाईट कि दबाने वाले को पूरा मज़ा मिल जाए. फिर जब गीता  अपने चूचिया  को साबुन लगाकर रगड़ रही थी.. तब में जानबूझ कर सामान का बहाना बनाते हुए रूम से बाहर निकल आया और उसके सामने आ गया वो आधी नंगी थी.. तो मैंने उसकी तरफ देखकर आँखे पलट ली .   मेरे मित्रगणों  मने बहुत सी भाभियाँ चोद राखी हैऐसे व्यवहार करने लगा जैसे मुझे कुछ भी मालूम नहीं था. तभी गीता  बोली कि भैया में नहा रही हूँ आप अपने रूम में जाओ और फिर में नाटक करते हुए रूम में चला गया. लेकिन मेरी आँखो में गीता  की नंगी तस्वीर घूम रही थी और में अब तक तीन बार उसके बारे में सोच सोचकर मूठ मार चुका था. फिर उसके बाद गीता  नहाकर बाथरूम से बाहर निकली और उसके गीले बाल उसके जिस्म पर फैल रहे थे और उसके मोटे मोटे चूतड़ ऊपर नीचे हो रहे थे. यह देखकर मेरा हाल बहुत बुरा हुए जा रहा था. गीता  जीन्स और टॉप पहनकर तैयार हो गई और मुझसे बोली कि भैया मुझे  कॉलेज छोड़कर आओ. मेरे मित्रगणों  क्या मलाई वाला माल लग रहा था.    


चुदाई की कहानी जरूर सुनना चाहिए मजे के लिए तब मैंने तैयार होकर बाईक बाहर निकाली और उसको कॉलेज छोड़कर आया. मेरी आंखो में पूरे दिन गीता  की नंगी तस्वीर घूमती रही.. शाम को गीता  का कॉलेज खत्म हुआ और में उसको वापस लेने गया. फिर उसको कॉलेज से घर लाने के बाद मैंने उसको बोला कि गीता  तुम खाना बनाओ में थोड़ी देर में आता हूँ और इतना कहकर में वहाँ से निकल गया और एक वाईन शॉप पर जाकर मैंने एक विस्की ली और उसे छुपाकर घर में रख दिया. फिर मैंने गीता  को खाने से जल्दी फ्री होने को कहा.. उसके खाना बनाने के बाद वो और में साथ खाना खाने लगे. फिर मैंने गीता  से सॉरी बोला.. तो वो बोली कि भैया किस बात की सॉरी? तो मैंने कहा कि आज सुबह मुझे ध्यान नहीं रहा और तुम नहा रही थी और में एकदम से तुम्हारे सामने आ गया. तो गीता  बोली कि कोई बात नहीं भैया.. आपको पता नहीं था इसलिए तो आप आए.. अगर आपको पता होता तो आप नहीं आते. फिर इसके बाद खाना खाकर गीता  मुझसे बोली कि भैया में सोने जा रही हूँ और उसके जाने के बाद मैंने विस्की की बोतल निकाली और आधी से ज्यादा विस्की पी ली.. मुझे विस्की पीते पीते रात के 11.30 बज गये और उसके बाद में पूरे नशे में हो गया. साथियो की पुराणी मॉल छोड़ने का मजा ही कुछ और है.


 अब सुनिए चुदाई की असली कहानी फिर में सारे घर की लाईट बंद करके गीता  के रूम की तरफ गया और उसका दरवाजा खटखटाया और दो, तीन बार दरवाजा खटखटाने के बाद गीता  ने दरवाजा खोला.. वो बहुत गहरी नींद में दरवाजा पकड़ कर खड़ी थी. उसकी आंखे अच्छे से खुल भी नहीं रही थी. वो बोली कि भैया क्या हुआ? क्या आपको कुछ चाहिए? इस पर मैंने बोला कि मुझे तू चाहिए.. तो गीता  बोली कि भैया में कुछ समझी नहीं और आपकी आंखे भी चढ़ रही है.. क्या हुआ आपको? वो बोलती रही और में उसके बेड पर जाकर बैठ गया. गीता  भी मेरे पास आकर बैठ गयी. फिर जल्दी से उठकर मैंने रूम का दरवाजा बंद कर दिया तो गीता  बहुत घबरा गई. वो बोली कि भैया आपको . हुआ है? आपने दरवाजा क्यों बंद किया? तो मैंने उसको बोला कि गीता  तू मुझे बहुत अच्छी लगती है और में उसके गाल को अपने हाथ से सहलाने लगा. तो उसने मेरे हाथों को छिटक कर दूर कर दिया. मैंने उससे कहा कि आज सुबह में तेरी जवानी देखकर पागल हो गया हूँ और अब तू मुझे खुश कर दे गीता . तभी गीता  बहुत डर गयी उसके माथे से पसीना बहने लगा वो मेरी इन बातों से बहुत घबरा गई थी. मेरे मित्रगणों  एक बार चोदते  चोदते  मेरा लंड घिस गया.

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 वहा का माहौल बहुत अच्छा था  मेरे मित्रगणों   फिर में धीरे धीरे उसकी तरफ बढ़ने लगा.. लेकिन वो पीछे जाने लगी और रूम के एक कोने में जाने के बाद मैंने उसके दोनों हाथ पकड़ लिए. तभी गीता  रोने लगी और मुझसे बोली कि भैया मुझे छोड़ दो प्लीज़ में आपकी बहन हूँ. इस रिश्ते को कलंकित मत करो. तभी मैंने उसके गाल पर एक ज़ोर से थप्पड़ मारा और उसको गोद में उठाकर बेड पर पटक दिया. वो मुझसे बचने की हर नाकाम कोशिश करने लगी और फिर इसी जबरदस्ती में मैंने उसका सूट पकड़कर फाड़ दिया और अब उसका बदन चमकने लगा मुझे उसकी पतली कमर साफ साफ दिखने लगी. उसके चूचिया  ब्रा में बहुत सुंदर लग रहे थे. फिर मैंने जबरदस्ती उसके सारे कपड़े फाड़ दिए.. वो बहुत ज़ोर ज़ोर से रोने, चीखने और चिल्लाने लगी. तो मैंने उसको बोला कि प्यार से चुदवाएगी या जबरदस्ती से.. दोनों तरीके से ही तुझे आज मेरी रंडी बनना होगा और इतना कहकर में उसके ऊपर लेट गया और उसके दोनों हाथ कसकर पकड़ लिए और अब वो मुझसे छूटने के लिए तड़पने लगी वो बिन पानी की मछली की तरह छटपटाने लगी. मेरे मित्रगणों  उस लड़की मैंने चुत का खून निकल दिया.


 वहा जबरजस्त माल भी थी मेरे मित्रगणों   वाह क्या जिस्म था गीता  का और जैसे ही में उसके चूचिया  के ऊपर आया तो मेरा लंड पूरी तरह से तैयार हो गया और में गीता  को चूमने और चाटने लगा. मैंने गीता  के सारे बचे हुए कपड़े भी उतार दिए.. गीता  रोए जा रही थी और उसका नंगा बदन देखकर में पूरी तरह से मदहोश हो गया. उसकी चूत पर काली काली झांटे क्या लग रही थी? उसके चूतड़ क्या मस्त लग रहे थे. फिर मैंने भी उसके सामने अपने कपड़े खोल दिए. अपने लंड को हाथ में लेकर सहलाने लगा और गीता  मुझे देखकर बहुत सहम गयी. फिर मुझे पूरी तरह नशे में देखकर वो बहुत डर गयी और अब वो समझ चुकी थी कि उसके साथ क्या होने वाला है? में अपने कपड़े उतारकर गीता  के ऊपर पर गिर पड़ा और मैंने अपना मुहं सीधा गीता  की चूत पर रख दिया उसके दोनों हाथ पकड़ कर उसकी चूत को अपनी जीभ से सहलाने, चाटने लगा. गीता  की चूत की खुश्बू मुझे पागल कर रही थी और अब मैंने अपनी जीभ गीता  की चूत में डाल दी और उसकी चूत को अंदर तक जीभ घुसाकर चूसने, चाटने लगा. मुझे बहुत मेरे मित्रगणों  चोदते चोदते चुत का भोसड़ा बन गया.
सेक्स का बुखार चढ़ रहा था. तो गीता  दर्द से चिल्ला रही थी और में अपने दोनों हाथों से गीता  के चूचिया  दबा रहा था. ऐसे माहौल कौन नहीं रहना चाहेगा मेरे मित्रगणों . 


 मेरे मित्रगणों  एक बार मैंने अपने गांव के लड़की जबरजस्ती चोद दिया फिर चूत को चूसते हुए में उसके चूचिया  पर आया और उसके चूचिया  को चूसने लगा और मैंने उसको एक थप्पड़ और मारा और उल्टा लेटा दिया और अपनी जीभ से उसकी गांड चाटने लगा और उसकी चूत में अपनी दो उंगलियाँ डालकर धीरे धीरे अंदर बाहर करने लगा.. लेकिन गीता  दर्द से बेहाल हो गयी और अब वो चुदक्कड रंडी की तरह चुपचाप बेड पर पड़ी यह सब करवा रही थी और धीरे धीरे सिसकियाँ लेने लगी. उसके बाद मैंने उसको सीधा किया और उसके बालों को पकड़ कर अपना लंड हिलाते हुए उसके मुहं में डाल दिया और लंड को ज़ोर ज़ोर से अंदर बाहर करने लगा और लंड के मुहं में जाते ही उसकी आँखों से आंसू बहने लगे.. उसकी सांसे ऊपर नीचे होने लगी.. लेकिन अब में पूरी तरह पागल हो चुका था और मुझे उसकी इस हालत पर बिल्कुल भी तरस नहीं आया. तो मैंने उसके दोनों पैरों को पूरी तरह से खोल दिया और अब मुझे उसकी लाल लाल कोमल सी चूत साफ नज़र आने लगी. उसकी चूत बहुत छोटी और कामुक थी. तो मैंने अपना लंड उसके मुहं से बाहर निकालकर सीधा उसकी चूत पर रखा और धीरे से धक्का देकर चूत में डाल दिया. उह क्या मॉल था मेरे मित्रगणों  गजब .

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 मेरा तो मन ही ख़राब हो जाता था मेरे मित्रगणों   वो दर्द से चिल्ला उठी और ज़ोर ज़ोर से रोने लगी और कहने लगी कि भैया प्लीज छोड़ दो मुझे.. आआहह में मर जाउंगी भैया छोड़ दो मुझे मेरी चूत फट जाएगी प्लीज भैया. तो मैंने उसको कहा की तुम चिंता मत करो में तुम्हे कुछ नहीं होने दूंगा तुम्हारी पहली चुदाई की वजह से तुम्हे थोड़ा दर्द होगा.. लेकिन थोड़ी देर बाद कम हो जाएगा और फिर में उसको अपनी पूरी ताक़त से चोदने लगा और ज़ोर ज़ोर से झटके देने लगा. तभी उसकी चूत से खून निकलना शुरू हो गया और में उसको और ज़ोर से चोदने लगा मैंने गीता  को कहा कि जानेमन मेरी रंडी कुतिया तेरी चूत आज मेरे लंड से फट गई है और तेरी सील टूट चुकी है. अब तू फ़िक्र मत कर बस चुपचाप चुदवा.. और में उसको और तेज चोदने लगा. कुछ भी  हो माल एक जबरजस्त था. 


 उसको देखकर  किसी का मन बिगड़ जाये  फिर उसके मुहं से आवाज़ आ रही थी आआअहह नहीं भैया मत करो.. आई माँ में मर जाउंगी.. बहार निकालो प्लीज में आपकी हर बात मानूंगी भैया.. इसे बाहर निकालो में दर्द से तडप रही .हूँ. तो मुझे बहुत जोश आ गया और मैंने गीता  की चूत में से लंड को बाहर निकालकर उसको उल्टा पटक दिया और उसकी गांड को अपने एक हाथ से फैलाकर गांड में अपना लंड डाल दिया.. गीता  फिर से बहुत ज़ोर से चिल्लाई भैया प्लीज मुझे छोड़ दो और अब मैंने अपनी स्पीड और बढ़ा दी और उसकी कमर को अपने दोनों हाथों से पकड़ कर ज़ोर से धक्के देने लगा.. लेकिन इस चुदाई से गीता  पूरी तरह बेहाल हो चुकी थी उसकी गांड में जैसे ही लंड अंदर बाहर होता वो और ज़ोर से सिसकियाँ लेने लगती और कहती भैया प्लीज धीरे करो में मर गई. अब मेरा पानी निकलने वाला था.. मेरे मित्रगणों  मैंने किसी भाभी को छोड़ा नहीं है.

 उह भाई साहब की माल है उसकी चुत की बात ही कुछ और है मैंने गीता  के बाल पकड़ कर अपना लंड उसके मुहं में दे दिया और ज़ोर ज़ोर से उसके मुहं में धक्के देने लगा और मैंने अपना सारा पानी उसके मुहं में निकाल दिया. करीब 10 मिनट तक अपने लंड को गीता  के मुहं में रखा. उसके बाद में उससे थोड़ा दूर हो गया और गीता  बेड पर दर्द की वजह से बहुत ज़ोर ज़ोर से रो रही थी और एक चुदी हुई रंडी की तरह पड़ी थी. में थोड़ी देर बेड पर पड़ा रहा और फिर उठा और बाथरूम जाकर लंड को साफ किया और नहाने के बाद बेड पर आकर सो गया. मेरे मित्रगणों  एक बार स्कूल में चुदाई कर दिया बड़ा मजा आया…


 मेरे मित्रगणों  चोदते  चोदते  कंडोम के चीथड़े मच गए फिर अगली सुबह जब मैंने उठकर देखा तो गीता  से ठीक तरह से चला भी नहीं जा रहा था. उसको मैंने दर्द की एक गोली दी.. तो वो मुझसे बात नहीं कर रही थी. तो मैंने उससे पूछा कि गीता  क्या तुम यह सब किसी को बताओगी? तो इस पर वो बोली कि भैया कुछ भी कहो मजा तो मुझे भी आया था.. में तो नाटक कर रही थी. अगर में ऐसा नहीं करती तो आप मुझे रंडी की तरह नहीं चोदते. तो में बिल्कुल चुप रहा और मैंने गीता  का दिल जीत लिया और दोस्तों आज गीता  मेरी बहन कम मेरी रखैल ज्यादा है. अब वो मुझसे बहुत खुश होकर चुदाई करवाती है और में उसकी बहुत चुदाई करता हूँ. अब वो अपनी इस चुदाई से बहुत खुश है और मेरे लंड को पकड़कर कभी अपनी गांड तो कभी अपनी चूत चुदवाती है और जब तक उसकी शादी नहीं होगी.. तब तक वो मुझसे चुदवाती रहेगी .. ओह्ह उसके यह का चुम्बन की तो बात अलग है एक बार मैंने अपने मौसी की लड़की को जबरजस्ती चोद दिया है उसके गांड मेरा मतलब तरबूज क्या गजब भाई है उसके गांड मेरा मतलब तरबूज क्या गजब भाई मेरे मित्रगणों  कई बार जबरजस्ती शॉट मरने में चुत से खून निकल गया.

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