उस समय मैं दिल्ली में अपने भाई के साथ रहकर पढ़ाई कर रहा था.
मेरे मम्मी पापा गांव में ही रहते हैं. गांव में हमारी बड़ी खेती है.
पापा खेती का काम देखते हैं.
दिल्ली में मेरे भैया अपनी जॉब करते थे, वे दिन में ऑफिस निकल जाते थे और शाम को वापस आते थे.
तब तक मैं अपनी पढ़ाई के लिए कॉलेज जाता और कोचिंग आदि जाकर वापस आ जाता था.
उसी समय मेरे भैया के रिश्ते की बात चलने लगी.
उनका रिश्ता तय हो गया और हम सबने गांव में भैया की शादी का लुत्फ उठाया.
मेरे घर में भाई की शादी थी और शादी के बाद घर में प्यारी सी भाभी आ गईं.
भाभी की उम्र 29 साल है. वे एकदम हल्का सा सिंदूर मिले दूध की तरह गोरी हैं.
चूंकि हम लोग पंजाबी हैं, तो भाभी भी पंजाबन कुड़ी हैं. उनकी साढ़े पांच फिट की हाइट बड़ी ही मस्त है.
भाभी के 36 इंच के दूध तो मानो ऐसे हैं, जैसे दो गोल बड़े आकार के गुब्बारे उनके सीने पर बंधे हों.
बलखाती कमर 30 इंच की और पिछवाड़े में 38 इंच आकार के एकदम गोल तरबूज जैसे चूतड़ हैं.
कोई भी एक बार में ही उन्हें चोदने की कामना करने लगेगा.
मुझे भी भाभी बड़ी हॉट लगती हैं. मगर मैं उन्हें सम्मान की नजर से देखता था.
भाभी को घर में आए 6 महीने निकल गए थे.
मेरी उनसे बहुत घुटने लगी थी.
मुझे अपनी भाभी से बेहद प्यार हो गया था मगर ये प्यार सिर्फ देवर भाभी वाला प्यार था.
इसमें सेक्स वाली कोई भावना नहीं थी.
इस तरह से भाभी को घर में धीरे धीरे दो साल हो गए.
भैया भाभी का रोजाना सेक्स गेम होता है, ये मुझे मालूम था. क्योंकि भैया के कमरे के बाहर बनी खिड़की से उन दोनों की कामुक आवाजें मुझे सुनाई देती थीं और मैं बस मुस्कुरा कर रह जाता था.
लगातार चुदाई होने के बाद भी भाभी को संतान नहीं हो रही थी.
यह चिंता का विषय था.
मैंने एक दिन भाभी से कहा- मुझे बड़ा दुख होता है कि मुझे चाचा कहने वाला कोई नहीं है.
यह सुनते ही भाभी उदास हो गईं और धीमी आवाज में बोलीं- मैं क्या करूँ भैया … मेरे हाथ में थोड़े ही कुछ है. तुम्हारे भैया भी बहुत कोशिश करते हैं, पर तुम्हें चाचा कहने वाला मेरे पेट में आ ही नहीं रहा है.
मैंने उनकी तरफ देखा और न जाने किस झौंक में कह दिया- यदि मेरे भाई से कुछ नहीं हो सकता तो मैं क्या मर गया हूँ?
भाभी ने मेरी तरफ हैरानी से देखा और बिना कुछ कहे वे उधर से उठ कर चली गईं.
बाद में मुझे जानकारी हुई कि मेरे भैया में ही कुछ प्राब्लम थी, जिस वजह से भाभी को बेबी नहीं हो पा रहा था.
इस बात का मैंने फायदा उठाया.
अब मैं भाभी को वासना की नजर से देखने लगा था.
भाभी भी मेरी नजरों को समझने लगी थीं पर शायद वे पहल नहीं करना चाहती थीं.
एक दिन मैं भाभी की पैंटी सूंघ कर लंड हिला रहा था.
मेरे लंड का साइज 6 इंच है और ये किसी भी लड़की, भाभी, आंटी को फुल सॅटिस्फाइ कर सकता है.
मैं बाथरूम में लौड़े को हिला रहा था और अपनी भाभी के मादक जिस्म को याद कर रहा था.
कुछ ही देर में मेरे लौड़े का सारा माल निकल कर भाभी की पैंटी पर छप गया.
मैं भाभी की पैंटी को साफ करने लगा.
इतने में भाभी ने बाथरूम का दरवाजा बजा दिया- देवर जी क्या कर रहे हो. मुझे टॉयलेट जाना है, तुम जल्दी से बाहर आओ.
मैं जल्दी बाजी में घबरा गया और पैंटी को खूंटी पर लटका कर बाहर आ गया.
बाहर आया तो उस समय लंड एकदम कड़क था.
भाभी ने सीधा मेरे लंड की तरफ ही देखा.
उस समय गर्मी का मौसम था, तो मैंने केवल एक शॉर्ट्स पहना था, उसके अन्दर कुछ नहीं था.
चूंकि हिलाने के कारण मेरा लंड अब भी टाइट था तो शॉर्ट्स में से फूला हुआ साफ दिखाई दे रहा था.
भाभी ने लौड़े की अकड़न को देख कर ताड़ लिया कि मैं बाथरूम में लंड के साथ खेल रहा था.
वे एक पल देखने के बाद हंसी और वॉशरूम में अन्दर चली गईं.
मैं सर झुकाए अपने लौड़े को कोस रहा था कि मादरचोद झड़ने के बाद भी अकड़ा था.
भोसड़ी वाले ने इज्जत की वाट लगवा दी.
कुछ देर बाद भाभी बाथरूम से बाहर निकलीं और मुझे घूरती हुई बोलीं- देवर जी, अब तुम काफ़ी बड़े हो गए, शादी कर लो. ऐसे तो अपने आपको कमजोर ही करते रहोगे.
मैंने उनकी बात का मर्म समझ लिया और मना करते हुए कह दिया- मुझे जब तक आप के जैसी जोरू नहीं मिलेगी, तब तक नहीं करूँगा.
इतने में उन्होंने मुझे अपनी पैंटी दिखाई, जो मैंने वॉशरूम में गंदी कर दी थी.
उनकी पैंटी में चूत वाली जगह पर माल के दाग थे.
भाभी ने उसे मेज पर रखा और बोलीं- बताओ देवर जी … तुमने क्या किया है मेरी पैंटी के साथ?
मैंने सॉरी बोलते हुए कहा- सॉरी भाभी आगे से नहीं करूँगा.
मगर भाभी मुझसे लगातार यही कह रही थीं कि आने दो तुम्हारे भैया को … मैं उनसे ही तुम्हारी शिकायत करूंगी कि ये सब घर में चल रहा है. आज पैंटी पर दाग बनाया है, कल को सीधे सीधे मेरे दामन पर भी दाग लगा सकते हो!
ये सब कहते हुए उन्होंने मेरे ऊपर बड़ा गुस्सा किया.
मैं लगातार माफी मांगता रहा और उनके पैर छूकर क्षमा कर देने की बात कहता रहा.
फिर आख़िर में उन्होंने मेरे आगे शर्त रखी- यदि तुम मेरा एक काम करोगे, तो नहीं बोलूँगी.
मैंने- क्या काम?
उन्होंने कहा- तुम्हें मालूम है कि मुझे बच्चा नहीं हो रहा है. क्यों नहीं हो पा रहा है ये सब भी तुमको मालूम है. इसी वजह से हम दोनों पति पत्नी की आपस में बनती नहीं है और मुझे भी अपनी सास की जली-कटी सुननी पड़ती है. क्या तुम मेरी मदद कर सकते हो?
मैंने उनकी लालसा को भांप लिया था, तब भी मैंने अनजान बनते हुए कहा- हां भाभी आपको मुझसे कैसी मदद चाहिए?
उन्होंने सपाट शब्दों में कहा- सेक्स करोगे मेरे साथ? मुझे मां बना दोगे?
मैंने कहा- भाभी, मैं अभी उम्र में बहुत छोटा हूँ.
भाभी ने कहा- हां वो तो मैंने देखा था कि तुम कितने छोटे हो. फालतू की बात मत करो … समझे!
मैंने फिर से चिरौरी की ताकि भाभी को ये न लगे कि मैं खुद ही उन्हें चोदना चाहता हूँ.
‘भाभी प्लीज!’
‘फिर मैं सबको बता देती हूँ कि तुमने मेरे कपड़ों के साथ क्या हरकत की थी.’
मैंने नाटक करते हुए भाभी के सामने कान पकड़ते हुए कहा- प्लीज मुझे माफ कर दीजिए. आगे से ऐसी गलती नहीं होगी.
उन्होंने कहा- तुम समझते क्यों नहीं हो … मेरी मदद करने के लिए कह रही हूँ मैं तुमसे … कोई ऐयाशी करने के लिए नहीं कह रही हूँ. यदि तुमने मेरा साथ नहीं दिया तो मुझे मजबूरी में ऐसा कदम उठाना पड़ेगा, जो हमारे परिवार के लिए अच्छा नहीं होगा.
अब मैं समझ गया कि भाभी मेरी मजबूरी का फायदा नहीं उठा रही हैं.
उन्हें मेरे साथ की जरूरत थी और मेरा भी फर्ज बनता है कि मैं भाभी के साथ संभोग करके उन्हें मां बनाऊं.
मैंने हामी भर दी और कह दिया कि भाभी जैसा आप ठीक समझो.
उन्होंने मुसकुराते हुए मेरे माथे पर एक चुंबन किया और कहा- मैं सब सैट करती हूँ.
भैया को ऑफिस की तरफ बाहर जाना होता रहता था.
उन्हें भाभी ने इस सबके बारे में बता दिया था कि मैं देवर जी से सेक्स करके बच्चे की चाह पूरी करना चाहती हूँ. मुझे हर हाल में मां बनना है.
उन्होंने Xxx प्रेगनंट सेक्स के लिए भाभी से कह दिया था- ठीक है, तुम देख लो. कैसे क्या करोगी. जैसा तुम्हें अच्छा लगे सो करो.
ये सब बातें मुझे भाभी ने काफी बाद में बताई थीं.
दो दिन बाद भैया बाहर गए थे.
मैं रात को भाभी के कमरे में गया.
उधर भाभी नहीं दिखीं.
मैंने आवाज दी तो भाभी वॉशरूम में से बोलीं- आ रही हूँ … तुम कमरे से बाहर जाओ. मैं जब आवाज दूँ तो अन्दर आ जाना.
तो मैंने ओके कह दिया और उनके कमरे से बाहर चला गया.
कुछ देर बाद भाभी ने आवाज दी.
मैं उनके कमरे में चला गया.
भाभी बिल्कुल दुल्हन की ड्रेस में थीं और उन्होंने मेरे साथ सुहागरात मनाने की पूरी तैयारी की हुई थी.
मैंने उन्हें खुश होकर देखा और उनके पास जाकर बैठ गया.
भाभी ने दूध का गिलास उठा कर मेरे होंठों से लगा दिया.
मैंने एक घूंट पी कर गिलास भाभी के होंठों से लगा दिया.
सच में दूल्हे जैसी फीलिंग आ रही थी. भाभी मुझको अपनी बीवी सी ही लगने लगी थीं.
उसके बाद भाभी ने बाजू में रखा हुआ केक उठाया और मुझे खड़ा करके मेरे हाथ में अपना हाथ लगवा कर उसे कट किया.
मैंने केक का पहला पीस उठा कर भाभी को खिलाया.
भाभी ने आधा केक मुँह में दबा कर आंखों से इशारा किया.
मैं समझ गया कि भाभी साथ में केक खाने की कह रही हैं.
मैंने अपने मुँह बढ़ा कर भाभी के होंठों में दबा केक का बाकी का हिस्सा अपने होंठों में ले लिया और हम दोनों ने केक खा कर होंठों से होंठों को जोड़ दिया.
उसके साथ ही मैंने नीचे रखे केक में अपना हाथ दिया और उसमें से केक को नोंच कर उनके गाल पर मल दिया.
भाभी की मुस्कान खिल उठी.
मैंने उनके होंठों के केक को खाकर उन्हें स्मूच करने लगा.
भाभी भी साथ दे रही थीं तो हम दोनों कोई 15 मिनट तक एक दूसरे को चूस कर मजा लेते रहे.
मैं अब उनकी गांड भी दबा रहा था, उनकी चूत से मेरा लंड टच हो रहा था.
उन्होंने शरारती अंदाज में कहा- ये क्या है … इतना हार्ड?
मैंने कहा- खोल कर देख लो जान!
उन्होंने मेरे पैंट की चैन को खोल दिया और हाथ अन्दर डालकर लंड को पकड़ लिया.
मेरा कड़क लंड महसूस करते ही उनकी आंखें खुशी से चमकने लगीं.
भाभी बोलीं- इतना बड़ा और टमाटर सा मोटा सुपारा … ये कैसे किया?
यह कह कर भाभी एकदम से नीचे बैठ गईं और चूसने लगीं.
उन्होंने मेरे लौड़े को 5 मिनट तक चूसा और नशीली आंखों से कहा- साले, तू तो बड़ी लंबी रेस का घोड़ा निकला … भैन के लवड़े.
भाभी ने मुझे गाली देकर जोश बढ़ाया तो मैंने भी उनके एक दूध को दबाते हुए कहा- हां मेरी रंडी भाभी, आज तुम्हें पेट से करके ही छोड़ूँगा.
वे एकदम से खिल उठीं और बोलीं- तुम्हारे मुँह में घी शक्कर मेरे देवर जी. अब जल्दी से पेलो और मां बना दो मुझे.
मैंने कहा- इतनी जल्दी भी क्या है मेरी जान. पहले तो मुँह में घी शक्कर की बात को सुधारो. अब मेरे मुँह में किशमिश दो.
ये कह कर मैंने उन्हें पूरी नंगी कर दिया और उनके दूध आज़ाद कर दिए.
आह क्या रसीले दूध थे भाभी के … बड़े इतने कि 38 बी साइज़ के होंगे.
मैंने झट से उनके एक दूध पर मुँह लगा दिया.
भाभी खुद अपने हाथ से अपनी मीठी किशमिश मेरे मुँह में देने लगीं ‘आह चूस लो मेरे निप्पल मेरी जान.’
मैंने थोड़ा सा निप्पल को काटा, तो भाभी ने गाली दी- धीरे कर भोसड़ी के … कहीं भागी नहीं जा रही हूँ.
ये मेरा फर्स्ट टाइम था तो मैंने जल्दी से उनकी चूत पर हाथ रख दिया और रगड़ने लगा. ऊपर दूध चूस रहा था और नीचे चूत मसल रहा था.
तभी मैं नीचे हुआ और उनकी चूत पर मुँह लगा दिया.
वे चिल्ला उठीं- ये क्या कर रहा है लवड़े!
मैंने कहा- आज आपको मजा आ जाएगा भाभी.
मैं भाभी की चूत जीभ से पूरी अन्दर तक चाट रहा था.
तभी अचनाक से उन्होंने मेरा मुँह अपनी टांगों में कस लिया और झटके लेती हुई झड़ने लगीं.
उन्होंने अपनी चूत से ढेर सारा माल मेरे मुँह में झाड़ दिया.
आह अह करती हुई जब तक भाभी पूरा नहीं झड़ गईं, तब तक उन्होंने मेरे सर को अपनी टांगों से छोड़ा ही नहीं.
मैंने भी उनकी चूत का सारा रस चाट लिया और चूत को चाट कर चमका दी.
भाभी ने मुझे उठाया और सीने से लगा कर किस करने लगीं.
मैंने उनके दूध दबाए और कहा- अब दोनों एक साथ करते हैं.
भाभी राजी थीं.
हम दोनों 69 में आ गए.
उन्होंने मेरा लंड चूसा, मैंने फिर से चूत चाटी.
कुछ 5 मिनट चूसने के बाद मेरा लंड बिल्कुल हार्ड हो गया था.
मैंने कहा- अब चूत को मौका दो!
भाभी चित लेट गईं.
मैंने लंड सैट करके पेला तो फिसल गया.
फिर से मैंने कोशिश की तो फिर से फिसल गया.
उन्होंने हंसते हुए कहा- जरा रूको चूतिया नंदन … साला अनाड़ी से चुदाई और सर का बवाल.
भाभी ये कह कर जोर से हंसने लगीं.
अब उन्होंने अपने हाथ से लंड पकड़ा और अपनी चूत पर रख कर कहा- अब लगाओ धक्का.
जैसे ही मैंने धक्का मारा, मेरा लंड चीरता हुआ चूत में घुस गया.
तभी भाभी की चीख निकली और उन्होंने मुझे गाली दे दी- उई मां मादरचोद ने फाड़ दी … बहन के लंड साले तेरी भैन की चूत कुत्ते … आराम से कर भोसड़ी के … साले का लंड है या लोहे का सरिया है.
अब मैं उनके ऊपर पूरा लेट गया और धीरे धीरे धक्के लगाने लगा.
साथ ही मैं भाभी के बूब भी दबा रहा था.
उनको मजा आने लगा था.
मैंने धक्के तेज कर दिए.
जैसे जैसे मैंने धक्के तेज किए, पूरे कमरे में उनकी आह आह की आवाज गूँजने लगी.
भाभी की चूत से प्रीकम आ गया था, जिससे लंड सटासट आने जाने लगा था.
अब भाभी को लंड से सही मजा आ रहा था, उनकी टांगें हवा में उठ गई थीं.
मैं और तेज तेज शॉट मारने लगा था.
भाभी किसी बाजारू रंडी की तरह आह आह कर रही थीं और कह रही थीं- चोद मां के लौड़े … और तेज तेज पेल.
मैं समझ गया था कि उनका आने वाला है.
तभी उन्होंने माल छोड़ दिया.
मेरा अभी नहीं हुआ था.
फिर मैंने उन्हें घोड़ी बना कर चोदा. इस आसन में मेरा लंड भाभी की चूत की पूरी गहराई में उतर चुका था.
चूत बिल्कुल फट चुकी थी क्योंकि भाभी ने दर्द होने पर बताया था कि तेरे भैया का केवल 4 इंच का है और ये 6 इंच का है.
शायद इसी लिए भाभी की चूत से थोड़ा खून भी आ गया था.
अब मैंने एक तेज झटका मारा, जो सीधा भाभी की बच्चेदानी में जाकर टच हुआ.
भाभी को बहुत दर्द हुआ, फिर खुशी हो गई थीं.
वे कह रही थीं- लगता है आज जी बच्चा निकाल दोगे!
मैं हंसने लगा और उन्हें चोदने में लगा रहा.
फिर भाभी दुबारा से झड़ गईं.
मेरा अभी भी नहीं निकला था.
भाभी ने कहा- अब मुझे ऊपर आना है. मुझे लंड की सवारी करनी है.
मैंने उन्हें लौड़े पर ले लिया और उन्होंने गांड उछाल उछाल कर लौड़े को अन्दर तक लिया.
काफी देर तक मैंने रिवर्स्ड काउ गर्ल पोज में भाभी की मारी.
अब मेरा आने वाला था.
मैंने इसी पोज में वीर्य चूत के अन्दर छोड़ दिया.
भाभी भी मेरे साथ में झड़ गईं.
उनके चेहरे पर बड़ी खुशी थी.
वे सीधी होकर लेट गईं.
उन्हें प्रेग्नेंट होना था इसलिए वे ध्यान दे रही थीं कि वीर्य चूत से बाहर ना आए.
कुछ आधा घंटा तक भाभी सीधी ऐसे लेटी रही मानो इंजन में ग्रीसिंग चल रही हो.
फिर वे खड़ी हुईं.
उन्हें टॉयलेट जाना था.
मैं उनको गोदी में उठा कर ले गया, पेशाब करवाने लगा.
उनकी चूत में से सीटी बजने की आवाज आ रही थी.
बाद में उन्हें बिस्तर पर लाकर मैंने उन्हें फिर से दो बार और चोदा और हर बार अपना माल उनकी चूत में ही टपकाया.
चौथी बार की चुदाई में मेरा लंड झड़ने का नाम नहीं ले रहा था तो मैंने भाभी की गांड मारने का फ़ैसला किया.
भाभी भी राजी थीं.
अब मैंने भाभी की 38 साइज की गांड मारी.
कुछ देर तक मैंने उन्हें डॉगी स्टाइल में चोदा और उनकी गांड में ही झड़ गया.
उसके बाद मैं वहीं सो गया.
सुबह हमने फिर से सेक्स किया.
अगले एक हफ्ते तक मैंने भाभी के साथ धुआंधार सेक्स किया.
उस महीने में भाभी के पीरियड बंद हो गए थे.
उन्होंने चैक किया तो वह प्रेग्नेंट हो गई थीं.
आज उनके पास 3 साल का बेबी है.