नमस्कार मेरे मित्रगणों और सुनाइए कैसे आप सब , में आप लोगों का ज़्यादा समय नहीं लेना चाहता हूँ इसलिए में सीधा अपनी आज की सच्ची कहानी सुनाने जा रहा हूँ. दोस्तों यह बात तब की है जब मेरी दीदी और जीजाजी गुजरात के सूरत शहर में रहते थे. मेरे जीजाजी एक सरकारी ऑफिस में नौकरी करते थे उन्ही दिनों मेरे जीजाजी को ड्रग्स लेने के एक गंदी आदत लग गयी और वो धीरे धीरे उसी में डूबते चले गये. मोटी गांड वाली लड़कियों की बात ही कुछ और है.
क्या गजब चुदकड़ अंदाज थी उनका वो शौक पहले से ज्यादा बढ़ने लगा जिसकी वजह से अब हर रोज उनके नये नये दोस्तों को वो अपने साथ में घर तक भी लाने लगे थे, जिसकी वजह से दीदी ने उनको उस काम को बंद कर देने के लिए बहुत बार कहा और वो उनसे नाराज भी बहुत होती थी, लेकिन जीजाजी को उनको बातों से कोई भी फर्क नहीं पड़ा और वो अपने काम में लगे रहे. लड़किया क्युआ गजब चुदकड़ होती है दोस्तों.
मेरे मित्रगणों क्या मॉल थी उसकी चुची पीकर मजा आ गया दोस्तों शुरू में तो यह सब उन्ही तक सीमित था, लेकिन एक दिन उनके कुछ अय्याश दोस्तों ने ड्रग्स दिलाकर मेरी दीदी की चुदाई करने का प्लान बनाया और उन दिनों घर की हालत कुछ ठीक नहीं थी और जीजाजी को ड्रग्स लेने के पैसे भी कम पड़ रहे थे, इसलिए वो अपने अय्याश दोस्तों के कहने में आकर उनके चंगुल में फँस गये. फिर उस रात को बारिश भी बहुत ज़ोर से हो रही थी और मेरे जीजाजी अपने साथ में उनके चार दोस्तों को भी साथ में लेकर आ गए थे. उनके बीच पहले कुछ देर तक ड्रग्स का दौर चला और फिर उसके बाद में शराब का नंबर आ गया और जब वो सभी लोग पूरे नशे में आ गये तो उन्होंने मेरी दीदी को अपने पास बुलाया. मै एक नंबर का आवारा चोदा पेली करने वाला लड़का हु मुझे लड़किया चोदना अच्छा लगता है.
मेरे प्यारे दोस्तो चुची पिने का मजा ही कुछ और है फिर दीदी के पास आते ही उन्हे चुपके से जीजाजी के उन दोस्तों ने ड्रग्स का इंजेक्शन दे दिया, जिसके नशे की वजह से थोड़ी देर के बाद दीदी भी अब उनके बीच में अपने दोनों पैरों को पूरा फैलाकर खुद ब खुद बैठ गयी. अब दो दोस्त उनके पैरों के पास बैठकर उनकी जाँघो को सहला रहे थे और दो उनके बड़े बड़े आकार के चूचिया को बुरी तरह से जोश में आकर दबाकर मज़े ले रहे थे और मेरी दीदी भी उस नशे में होने की वजह से उनकी उस गंदी हरकत का पूरा पूरा मज़ा ले रही थी. ये कहानी पढ़ कर आपका लंड खड़ा नहीं हुआ तो बताना लड खड़ा ही हो जायेगा .
मेरे मित्रगणों चुत छोड़ने के बाद सुस्ती सी आ जाती है भी मज़े के साथ साथ अब बड़ा जोश आ रहा और कुछ देर में वो एकदम रंडी की तरह बन गयी. वो वैसी ही हरकते करने लगी और अब उन्होंने अपनी साड़ी को पूरा ऊपर उठाकर अपनी चूत के फाँक को वो अपने एक हाथ से फैलाकर सामने वाले आदमी को दिखाने लगी और अब वो उससे कहने लगी कि बहनचोद ऐसे क्या घूर घूरकर देखता है चल आगे आकर इसमे उंगली डाल दे. क्या बताऊ मेरे मित्रगणों उसको देखकर किसी लैंड टाइट हो जाये.
मेरे मित्रगणों मने बहुत सी भाभियाँ चोद राखी है फिर उस आदमी ने दीदी की उस बात को सुनकर उसी समय बिना रुके उनकी चूत में अपनी तीन उँगलियों को डाल दिया. उस समय दीदी की चूत से गाढ़ा सा चूत रस बह रहा था और वो बड़े मज़े से अपनी चूत को उंगली से चुदवा रही थी और अब वो आह्ह्ह्हह ऊऊह्ह्ह्ह मेरे राजा ज़ोर से घुसाओ ना हाँ मज़ा आ गया, पूरा दम लगाओ. अब वो ऐसे दूसरे दोस्तों को उसका रही थी और उसके उकसाने से वो चारों दोस्त अब एकदम जानवर बन गये और वो मेरी दीदी के कपड़े फाड़ने लगे. मेरे मित्रगणों क्या मलाई वाला माल लग रहा था.
चुदाई की कहानी जरूर सुनना चाहिए मजे के लिए उसके बाद वो दीदी के बड़े बड़े चूचिया को बुरी तरह से दबाने उनका रस निचोड़ने लगे और निप्पल को अपने मुहं में लेकर काटने लगे और अब तक उस आदमी ने तो अपना पूरा हाथ ही दीदी की चूत में डाल दिया और वो अपने हाथ को आगे पीछे करने लगा जिसकी वजह से दीदी की हालत इतनी ज्यादा खराब हो गई कि वो अब उन सभी को गालियाँ बकने लगी आह्ह्ह्हह्ह उफफ्फ्फ्फ़ बहनचोद तुम लोगों को तो में अपनी चूत में पूरा अंदर तक घुसा लूँगी और एक को तो उसने अपने सामने किया और उसके लंड को छूने लगी. साथियो की पुराणी मॉल छोड़ने का मजा ही कुछ और है.
अब सुनिए चुदाई की असली कहानी फिर दूसरे को उसने अपने सामने खड़ा करके वो उसके भी लंड को एक साथ चूसने लगी और उनकी मुठ भी मारने लगी. उस समय वो एकदम रंडी बन गयी और वो सिसकियाँ ले रही थी. अब एक आदमी ने पीछे से जाकर दीदी की गांड में अपना लोहे जैसा दस इंच का लंड उसकी गांड में डालकर धक्के देकर वो चुदाई करने लगा और दीदी रंडी की तरह सिसकियाँ भरकर अपनी गांड मरवाने लगी. मेरे मित्रगणों एक बार चोदते चोदते मेरा लंड घिस गया.
वहा का माहौल बहुत अच्छा था मेरे मित्रगणों दोस्तों दीदी को अब अपनी गांड मरवाने में बड़ा मज़ा आ रहा था. वो कहने लगी आह्ह्ह्ह्ह्ह उफफ्फ्फ्फ़ हाँ जाने पूरा अंदर हाँ और ज़ोर से धक्के मारो. अब वो भी दीदी को बुरी तरह से उसकी गांड में अपना लंड ठोक रहा था और कह रहा था ले मेरी रंडी, अपनी गांड में मेरा लंड ले मेरी साली कुतिया रंडी, आज में तेरी इस भोसड़ी को फाड़कर रख दूँगा और तुझे में आज दस लोगों से चुदवाऊंगा और तेरी चूत में घोड़े का लंड भी डलवाऊंगा, तुझे में आज असली रंडी बना दूंगा. मेरे मित्रगणों उस लड़की मैंने चुत का खून निकल दिया.
वहा जबरजस्त माल भी थी मेरे मित्रगणों फिर दीदी बोली कि हाँ मेरे राजा मेरा पति तो बिना काम का है उसका लंड तो खड़ा भी नहीं होता इसलिए तुम आज मुझे दस लोगों से ज़रूर चुदवाना मेरी चूत की खुजली को मिटा देना और तुम मेरी गांड को भी फाड़ दो और उसके बाद वो कुछ देर तक धक्के देने के बाद दीदी की गांड में ही झड़ गया. मेरे मित्रगणों चोदते चोदते चुत का भोसड़ा बन गया.
ऐसे माहौल कौन नहीं रहना चाहेगा मेरे मित्रगणों फिर उसके बाद अब दीदी को फिर एक उनके आगे आकर आगे से उनकी चूत में और एक पीछे से गांड में अपना लंड डालकर वो दोनों धक्के देने लगे और दीदी उनके साथ अपनी चुदाई के दोनों तरफ से मज़े लेने लगी थी और वो बहुत जोश में आकर जमकर चुदवाने लगी थी, लेकिन तब भी उसकी प्यास नहीं बुझ रही थी और उन दोनों के झड़ जाने के बाद मेरी दीदी अब मेरे जीजाजी का लंड बाहर निकालकर वो ज़ोर से लंड को हिलाने लगी और करीब दो मिनट में ही उनके लंड का पानी बाहर निकल गया और वो उनको एक लात. मारते हुए वापस उस पहले आदमी के पास चली गयी और अब वो उसके लंड को अपने मुहं में लेकर चूसने लगी. मेरे मित्रगणों एक बार मैंने अपने गांव के लड़की जबरजस्ती चोद दिया.
उह क्या मॉल था मेरे मित्रगणों गजब उसका लंड 12 इंच का था और इतने समय तक बाकी के लोग भी सो गये. फिर दीदी उसके काले लंबे लंड को बहुत प्यार से करीब दस मिनट तक चूसती रही और बीच बीच में वो मुठ भी मार रही थी. फिर उस आदमी ने अब दीदी के दोनों पैरों को पूरा फैलाकर चूत पर अपने लंड को सेट कर दिया और एक जोरदार धक्के के साथ अपने आधे लंड को चूत के अंदर ठोक दिया जो सीधा बच्चेदानी से जा टकराया. मेरा तो मन ही ख़राब हो जाता था मेरे मित्रगणों .
क्या बताऊ मेरे मित्रगणों मैंने चुदाई हर लिमिट पार कर दिया दोस्तों उस एक धक्के की वजह से मेरी दीदी का सारा नशा उसी समय पूरा गायब हो गया और वो दर्द की वजह से एकदम छटपटाने लगी, उसके मुहं से आईईईईइ स्स्सीईईईईइ में मर गई यह कैसा दर्द दे दिया तुमने मुझे ऊउईईईइ माँ अब में क्या करूं मेरी चूत में जलन हो रही है. फिर उसने एक बार फिर से बिना रुके अपनी तरफ से एक और जोरदार धक्का मार दिया, जिसकी वजह से अब पूरा का पूरा लंड दीदी की चूत को चीरते हुए बच्चेदानी को धक्के मारने लगा और वो अपने एक हाथ से दीदी का मुहं बंद करके अपने दूसरे हाथ में उसके एक चूचिया को पकड़कर ज़ोर ज़ोर से मसलने लगा और वो गंदी गंदी गालियाँ बकते हुए मेरी रंडी दीदी को लगातार धक्के देकर उनकी चुदाई करने लगा. कुछ भी हो माल एक जबरजस्त था .
उसको देखकर किसी का मन बिगड़ जाये अब मेरी दीदी कामवासना में जोश में आकर बोलने लगी उफफ्फ्फ्फ़ हाँ चोद मुझे कुत्ते आईईई हाँ बहनचोद आज तू ऐसे ही इससे भी जोरदार धक्के देकर मेरी इस प्यासी चूत को फाड़ दे और तू मेरे ऊपर ज़रा भी रहम मत कर, तू मुझे एक रंडी की तरह चोद, तू अपनी एक उंगली को मेरी गांड में डालकर मेरी गांड को भी चोद दे आह्ह्हह्ह हाँ आज मुझे तू चुदाई के पूरे पूरे मज़े दे, जिनके लिए में बहुत सालों से तरस रही हूँ और आज तू मेरी इस प्यासी चूत की प्यास को बुझा दे. मेरे मित्रगणों मैंने किसी भाभी को छोड़ा नहीं है.
उह भाई साहब की माल है उसकी चुत की बात ही कुछ और है अब उसको दीदी की यह बातें सुनकर पहले से ज्यादा जोश आ गया और उसने अब ज़ोर ज़ोर से धक्के देकर दीदी की चुदाई करना शुरू कर दिया और उसने कुछ देर बाद ही मेरी रंडी दीदी की चूत को फाड़ दिया, जिसकी वजह से उसकी चूत से अब पानी के साथ साथ खून के भी निशान दिखने लगे थे और इस बीच मेरी दीदी चार बार झड़ चुकी थी और इतनी जबरदस्त चुदाई के बाद अब उसका भी झड़ने का समय आ गया था और इसलिए उसने ज़ोर से कसकर मेरी दीदी के सर के बालों को पकड़कर उसके मुहं में अपने लंड को जबरदस्ती डाल दिया. फिर दीदी उससे अपने मुहं की चुदाई करवाने लगी और उसके अंडो को भी वो अपने एक हाथ से धीरे धीरे सहलाने लगी और अपने दूसरे हाथ से वो उसकी मुठ भी मारने लगी और लंड को सहलाने लगी थी. मेरे मित्रगणों एक बार स्कूल में चुदाई कर दिया बड़ा मजा आया.
मेरे मित्रगणों चोदते चोदते कंडोम के चीथड़े मच गए दोस्तों उस आदमी ने कुछ देर बाद अपना एक हाथ दीदी की चूत में डाल दिया और आगे पीछे करने लगा. उसके साथ साथ वो दीदी के मुहं को भी ज़ोर ज़ोर से धक्के देकर उनकी चुदाई करने लगा और अंत में मेरी रंडी दीदी के मुहं में वो झड़ गया. मेरी दीदी उसके लंड का रस गटक गई. दोस्तों आज पहली बार मेरी दीदी की बहुत जमकर चुदाई हुई थी, इसलिए वो दर्द और थकान की वजह से वहीं पर उन सभी के बीच में सो गयी और उसको कुछ दर में ही बहुत गहरी नींद आ गई. दोस्तों यह थी मेरी छिनाल बहन की रंडी बनकर अपनी चुदाई के मज़े लेने की पूरी कहानी, जिसमे उसने पहली बार गेर मर्दों से अपनी चुदाई के बहुत मज़े लिए और वो यह सब काम करके खुश भी थी. ओह्ह उसके यह का चुम्बन की तो बात अलग है एक बार मैंने अपने मौसी की लड़की को जबरजस्ती चोद दिया मेरे मित्रगणों कई बार जबरजस्ती शॉट मरने में चुत से खून निकल गया.