कुंवारी स्टूडेंट की सील तोड़ी

नमस्कार मेरे मित्रगणों  और सुनाइए कैसे आप सब  मेरा नाम प्रभुदास   है और में 25 साल का हूँ. सभी तड़पती भोसड़े  वाली भाभियों और आंटियों को मेरे लंड का नमस्कार, दोस्तों मुझे कुंवारी लड़कियों और चोदा पेली  आंटियों की सेक्स की आशा  भोसड़े  को अपने लंड से संतुष्ट करना बहुत अच्छा लगता है, मेरा लंड 6 इंच लंबा है. दोस्तों बहुत लंबे समय में इतनी सारी चोदा पेली  कहानियां पढ़कर एक दिन मेरा भी मन हुआ कि में भी अपनी एक सच्ची कहानी आप सभी लोगो को सुना दूँ जिसमे मैंने एक स्टूडेंट के साथ सेक्स किया और उसकी तड़पती हुई भोसड़े  को अपने लंड से चोदकर शांत किया, वो मेरी चुदाई से इतनी संतुष्ट हुई कि उसने मुझे उस पहली चुदाई के बाद भी अपनी चुदाई के बहुत मौके दिए और मैंने उस कुंवारी भोसड़े  को अपने लंड से चोद चोदकर भोसड़ा बना दिया और अब में आप …

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Drishyam, ek chudai ki kahani- 12

हेल्लो दोस्तों, अब आगे की कहानी पढ़िए! इस बात को कुछ दिन बीत गए। कालिया जब भी मौक़ा मिलता सिम्मी की आँख से आँख मिला कर उसे इशारा कर उसका ध्यान खींचने में लगा हुआ था। सिम्मी कुछ लाज की मारी कुछ डर कर कालिया की आँख से आँख मिलाने से कतराती थी। कालिया को देख कर सिम्मी को कालिया से चुदाई वाला वाक्या आँखों के सामने दिखने लगता और वह अपनी नजरें निचीं कर वहाँ से हटकर चली जाती। पर वह जानती थी की कालिया की कामुक नजरें उसके पीछे भी उसके मटकते हुए नितम्बों को एकटक देखती होंगी। यह सोचकर सिम्मी का बदन रोमांच से भर जाता। अर्जुन के चाचा और चाची को नजदीक के एक गॉंव में कोई रिश्तेदार की शादी में एक दिन के लिए जाना था। जब उन्होंने अर्जुन और सिम्मी को भी साथ चलने को कहा तब अर्जुन ने चाचाजी को कहा की वह …

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Drishyam, ek chudai ki kahani- 11

हेल्लो दोस्तों, अब आगे की कहानी पढ़िए! कालिया सिम्मी से बातचीत करने का मौक़ा ढूंढता रहता था। हालांकि सिम्मी कालिया से बातचीत टालने की कोशिश करती थी। कालिया के बारेमें सिम्मी के मन में हमेशा एक अजीब सा द्वन्द चलता रहता था। एक तरफ उसका मन कालिया की और आकर्षित हो रहा था हालांकि उसे पता था की कालिया मतलब बुरा समाचार। ख़ास तौर से जबसे कालिया के बदन की बू सिम्मी ने सूंघी थी और जब से कालिया के लण्ड की ताकत सिम्मी ने अपनी चूत में महसूस की थी तब से उसका मन कालिया के बारे में ख़याल आते ही डाँवांडोल हो जाता था। सिम्मी को कुछ हद तक बुरा भी लगता था की कालिया इतनी बात करने की कोशिश कर रहा था और वह उसे बिलकुल बात नहीं कर रही थी। कालिया भी तो ढीट था। वह हतोत्साहित नहीं होता था। एक दिन तंग आ कर सिम्मी …

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Drishyam, ek chudai ki kahani- 10

हेल्लो दोस्तों, अब आगे की कहानी पढ़िए! अर्जुन ने महसूस किया की उस दोपहर के बाद शायद कालिया का भी ह्रदय परिवर्तन होने लगा था। अब वह पहले की तरह बातबात में गुंडा गर्दी पर नहीं उतर आता था। अर्जुन ने भी कालिया का साथ दिया और धीरे धीरे कालिया और अर्जुन की दोस्ती पक्की हो गयी। अर्जुन से मिलने के लिए अक्सर कालिया अर्जुन के चाचाजी की दूकान पर वैसे ही आने लगा। जब मौक़ा मिलता तब कालिया और अर्जुन बैठ कर ताश खेलते या इधरउधर की बातें करते। कालिया ने आहिस्ते आहिस्ते अर्जुन के करीब आकर उसे उकसाना शुरू किया। कालिया में आया हुआ बदलाव देख कर अर्जुन के चाचा सबसे ज्यादा खुश हुए, क्यूंकि उन्होंने देखा की कालिया जो सामान की मार्किट में किल्लत होती थी वह सामान चाचा जी की दूकान पर सबसे पहले और ज्यादा तादाद में पहुंचा देता था। इससे चाचाजी की सेल भी …

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Drishyam, ek chudai ki kahani-9

हेल्लो दोस्तों, अब आगे की कहानी पढ़िए! सिम्मी यह समझ नहीं पा रही थी की पहले जैसी नफरत के बदले सिम्मी के मन में कालिया के प्रति कुछ शारीरिक आकर्षण का भाव क्यों उठ रहा था। कहीं ना कहीं सिम्मी को ऐसा लगा की कालिया की चुदाई में वह अपने आप को अपने मन में पूरी तरह निर्दोष नहीं कह सकती थी। अगर वह कालिया का लण्ड देखकर हँसी ना होती और अगर उसने कालिया का लण्ड देखने की जिज्ञासा ना दिखाई होती तो शायद कालिया की जबरदस्ती करने की हिम्मत ही नहीं होती। दूसरे अगर उसने अपनी जान की परवाह किये बिना कालिया का पुरजोर विरोध किया होता तो भी कालिया सिम्मी पर जबरदस्ती ना करता। शायद सिम्मी को पता था की कालिया की उतनी हिम्मत नहीं होती की सिम्मी को जान से मार दे और शायद सिम्मी कहीं ना कहीं चाहती थी की कालिया उसपर जबरदस्ती करे। सिम्मी …

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Drishyam, ek chudai ki kahani-8

हेल्लो दोस्तों, अब आगे की कहानी पढ़िए! इधर अर्जुन को उस दिन वह मौक़ा मिला जिसकी उसे हफ़्तों से तलाश थी। जब वह घर पहुंचा तो चाचा चाची खाना खा कर अपने बैडरूम में जा चुके थे। अर्जुन ने रोशनदान से जब छुप कर देखा तो पाया की चाचा और चाची दोनों नग्न हालत में बिस्तर पर लेटे हुए थे। चाचा चाची की चूँचियों से खेल रहे थे और चाची चाचाके लण्ड को हिला रही थी। चाचा फिर उठ खड़े हुए और चाचीजी की टाँगें फैला कर उसकी टाँगों के बिच में अपना मुंह घुसा कर चाचीजी की चूत को चाटने लगे। यह देख कर अर्जुन भी अपना लण्ड निक्कर से निकाल कर सीढ़ी पर बैठ कर हलके से हिलाने लगा। चाचीजी की चूत को अच्छी तरह चाटने और चाचीजी को काफी गरम करने के बाद चाचाजी चाचीजी के ऊपर सवार हो गए और अपना लण्ड चाचीजी की चूत में …

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Drishyam, ek chudai ki kahani-7

हेल्लो दोस्तों, अब आगे की कहानी पढ़िए! सिम्मी ने डरते हुए पर अनिवार्य को स्वीकारते हुए कालिया का तगड़ा चिकना लण्ड अपने हाथ में लिया और उसे स्त्री सहज कर्तव्य भावना से सहलाने लगी। उसके सहलाने में प्यार कम और भय ज्यादा था। कालिया के लण्ड को अपनी चूत के छिद्र में घुसने में जितनी ज्यादा देर लगे उतना अच्छा यह सोच कर सिम्मी कालिया के लण्ड को सहलाये जा रही थी। अब यही लण्ड उसकी चूत में जाना था। वह कैसे घुसेगा यह चिंता सिम्मी को खाये जा रही थी। उसे मन ही मन में यह डर था की कहीं उस रात की चुदाई के बाद वह ज़िंदा नहीं बचेगी। जब कालिया उसकी चूत में लण्ड डालेगा तो उसका क्या हाल होगा वह भगवान ही जाने। पर जो होना है वह तो होना ही है। यह सत्य सिम्मी समझ चुकी थी। उसे कालिया का लण्ड अपनी चूत में डलवाना …

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Drishyam, ek chudai ki kahani-6

हेल्लो दोस्तों, अब आगे की कहानी पढ़िए! कालिया उठ खड़ा हुआ और फुर्ती से उसने वह गद्दा फर्श पर बिछा दिया और सिम्मी को वहाँ लेटने को कहा। सिम्मी क्या करती? चुपचाप कालिया के इशारे पर वह वहाँ जा कर लेट गयी और कालिया को उसके बदन पर सवार होने का इंतजार करने लगी। नंगी सिम्मी को गद्दे पर लेटे हुए देख कालिया का दिमाग उत्तेजना और उन्माद से जैसे घूम रहा था। फिर भी वह सिम्मी को अपना साथ दे उसकी उम्मीद में सिम्मी की चूत में अपनी दो उंगलियां डाल कर सिम्मी को उँगलियों से ही चोदने लगा। सिम्मी कालिया के उंगली चोदन से एकदम बेबाक हो रही थी। सिम्मी का पूरा बदन कामाग्नि की आग में जल रहा था। उसके पुरे बदन में जैसे बिजली का करंट सा दौड़ रहा था। कालिया के उँगली चोदन से गद्दे पर इधर उधर हो कर छटपटा रही थी। कभी ना …

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Drishyam, ek chudai ki kahani-5

हेल्लो दोस्तों, अब आगे की कहानी पढ़िए! सिम्मी समझ गयी की जो होना है सो होगा ही, चिल्लाने से कुछ होने वाला नहीं है। सिम्मी चुप होकर वहीँ वैसे की वैसे खड़ी हो गयी। सिम्मी ने बिना बोले ही कालिया को अपनी रजामंदी का इजहार कर दिया। पहली बार सिम्मी किसी मर्द को अपना बदन सौंप रही थी। अबतक उसने ऐसे चुदाई के किस्से सखियों के साथ गपशप में सुने थे। हंस कर सारी सखियाँ यही कहती थीं की अगर उनके साथ ऐसा कभी हो तो वह चुदाई करने वाले से पहले तो हो सके उतना विरोध करेगी। पर अगर उनकी कुछ नहीं चली तो फिर वह उस रेप को एन्जॉय करेगी। यह कभी सिम्मी ने सपने में भी सोचा नहीं था की कभी उसके अपने साथ भी ऐसा कुछ हो सकता था। उसकी सपनों की रानी सिम्मी ने जब अपनी सहमति का इजहार किया तो कालिया का दिल जोर …

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Dost Ki Maa Ki Jabardast Chudai Kahani

Mein aap ko sachi kahani batany jaa raha hun mein mumbai mein rehta hu. Mera naam Akshay hain aur meri umer 26 saal hain mein ek handsome admi hu. Mera kaam marketing hain. Waisay mera kaam mumbai ke bahar ka hi hain. Ek din mein apnay office ke kaam se dehli gaya tah. Waha mujhe 2 mahiney kaam tah. Mein ek dost ke ghar gaya aur waha par stay kiya. ghar mein uncle unki patni aur ek beta tah Vijay jo ka further studies keliye canada gaya hua tah jis se meri achi dosti hai aur us ki patni rupali woh kafi jawaan thi around 20 saal. Jab mein ghar pocha to sirf uncle aur unki patni thi. Mujhay unho ne ek room de diya. Mein pehle baat kartey waqt bohet sharmata tah specially jab mein kisi ladki se baat karta tah. Ek din uncle aur unki patni shopping keliye …

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