मैडम को खुश किया – Madam Ko Khush Kiya

आज मैं आपको अपना असली अनुभव सुनाने जा रहा हूँ उम्मीद करता हूँ आपको पसंद आयेगा। मेरा नाम रोहित है और मेरठ में रहता हूँ। यह जून के शुरू की बात है। तब मेरी परीक्षाएँ ख़त्म हो चुकी थी। मेरी इंग्लिश की मैडम बहुत सेक्सी हैं। उनका नाम शगुफ्ता है। वे अट्ठाईस वर्ष की हैं। उनका कद सवा पाँच फ़ीट, कसा शरीर है, उनकी चूचियाँ बहुत बढ़िया हैं। और वो कपड़े भी ऐसे पहनती कि उसके जिस्म का कुछ हिस्सा नज़र आता। क्लास में आती उसके चुचूक खड़े होते थे। कसी कमीज़ पहनती और ब्रा भी कसी, तो चुचूक खड़े होने की वजह अपने निशान उस पर बना लेते। फिर पढ़ाई तो भाड़ ही में जानी थी। मैं रोज़ ख्यालों में उसके साथ प्यार करता। खैर मैं इंग्लिश पेपर लेकर उसके घर पेपर पर विचार-विमर्श करने गया। कितनी खूबसूरत लग रही थी शलवार-कमीज़ में। उसकी कमीज़ थोड़ी छोटी थी। उनके …

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Drishyam, ek chudai ki kahani-1

मेरी यह कहानी सत्य तथ्यों पर आधारित है पर पूर्णतया सत्य भी नहीं है। इसमें साहित्यिक दृष्टि से और खास कर इस माध्यम और पाठकों के परिपेक्ष में जो कुछ भी उचित परिवर्तन, सुधार, संक्षिप्तीकरण विस्तृति करण बगैरह करना चाहिए वह करने के पश्चात यह कहानी पाठकों के सामने प्रस्तुत की जा रही है। मेरी हर कहानी साधारण तयः सरल और स्त्री पुरुष के जातीय प्यार और कुछ जातीय (सेक्सुल) नवीनीकरण या साहसिकता से भरी हुई होती है। पर यह कहानी थोड़ी सी अलग है। इसमें जातीय साहसिकता की सिमा लांघ कर मानसिक विकृति कई लोगों के दिमाग में कैसे घर कर जाती है यह दर्शाने की कोशिश की गयी है। मेरी हर कहानी की तरह यह शायद पाठकों को यह कहानी भी लम्बी लगे तो उसके लिए मैं क्षमाप्रार्थी हूँ। मैं जानता हूँ की हर कहानी की तरह यह कहानी सिर्फ चुदाई की कहानी नहीं है। अतः ज्यादातर पाठकों …

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ट्रेन के टॉयलेट में भाभी की चुदाई – Real Hindi Story (Train Ke Toilet me Bhabhi ki Chudai)

हाई वाचक मित्रो, स्टोरीस की सभी स्टोरीस मैंने पढ़ी हुई हैं और आज मुझे अपनी स्टोरी भेजने का मन हुआ. मेरा नाम रोमिल हैं और मैं 21 साल का हूँ. यह सच्ची घटना आज से दो साल पहले हुई थी जब मैं अपने मम्मी पापा के साथ मुंबई से अमृतसर पश्चिम एक्सप्रेस में जा रहा था. हम लोग थ्री टायर एसी में सफ़र कर रहे थे और ट्रेन के वेस्टर्न टॉयलेट में मैंने एक मारवाड़ी सेक्सी भाभी की चूत मारी थी. यह मारवाड़ी भाभी वापी से ट्रेन में चढ़ी थी अपने पति के साथ. आइये आपको इस कहानी को विस्तार से बताता हूँ.मेरी बहन काजल की शादी अमृतसर में हुई हैं और हर साल एक बार हम दो दिन के लिए उसे मिलने जाते है. हम मुंबई से पश्चिम एक्सप्रेस से ही अक्सर जाते हैं, और अगर ट्रेन में जगह ना मिले तो फ्लाईट से चले जाते हैं. मैं अभी …

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अम्मी ने गांड मरवा दी मेरी

मेरा नाम हबीब है में मुंबई में रहता हूँ में १८ साल का हूँ ,घर में मेरी अम्मी (४६) और आपा (२२) के साथ रहता हूँ ,मेरे अब्बाजान दुबई में नोकरी करते है , में बचपन से ही सेक्स की जानकारी नहीं के बराबर रखता हु, और जब में 16 साल का था तो अब्बू ने मेरे को पि सि लाकर दिया था, or ghar  par  brodband  ka  कनेक्सन भी करवा दिया था,अब्बू हर तिन महीने से घर आते रहते है , आपा (जिसका नाम रजिया है ) कॉलेज छोड़ चुकी है ,  और बच्चो को टुसन पढ़ाती है, वो दिखने में बहुत ही हसीं है ,  अम्मी (जिसका नाम नजमा है ) थोड़ी मोटी है लेकिन पेट बहार नहीं आने दिया है , एक साल पहले मेरे अब्बू आये तो उन्होंने एक टूटर को मेरे लिए लगा दिया , वो टूटर hindu  था  और बहुत ही smart  था , …

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Meri boss ki chidai – XXX Hindi Story

मिस मोहिनी मेरी बॉस थी। उम्र रही होगी करीब २८ साल की। लम्बी करीब ५’८” और सारी गोलाईयां एकदम परफेक्ट .एक दिन हमारे आफिस का नेटवर्क गडबडा गया। कभी ऑन होता तो कभी ऑफ। उसदिन शनिवार था। मैं दिन भर उसी में उलझा रहा पर उस गुत्थी को सुलझा नहीं पाया। आखिर थक कर मैंने मैडम को कहा कि अगले दिन यानि रविवार को सुबह नौ बजे आकर इस को ठीक करने की कोशिश करूंगा। मैंने उनसे आफिस की चाभियां ले लीं। अगले दिन जब मैं नौ बजे ऑफिस पहुंचा तो देखा कि मोहिनी मैडम मेन गेट के सामने खडी हैं। मैंने उन्हें विश किया और पूछा “आप यहां क्या कर रही हैं”। वो बोलीं ” बस ऐसे ही। घर में बोर हो रही थी तो सोचा कि यहां आकर तुम्हारी मदद करूं”। हम दरवाजा खोलकर अन्दर गए। मैडम ने कहा कि आज इतवार होने की वजह से कोई नहीं आएगा। इसलिए सुरक्षा के …

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फ़ौज़ी अंकल

मैं उस समय लगभग अट्ठारह साल की थी, तब का यह किस्सा है। मेरे माता-पिता किसी की शादी में बाहर गए हुए थे। उस दिन मैं एक सेक्सी प्रोग्राम टीवी पर देख रही थी। उसमें एक लड़का लेटा था तथा एक लड़की उसके पास बैठ कर उसके बदन से मस्ती कर रही थी। फिर लड़की ने अपना कुरता खोल दिया, अब वो ब्रा में थी। फिर लड़के से उसने अपनी ब्रा का हुक खुलवा लिया। फिर लड़की ने लड़के के कमीज के सारे बटन खोल दिए। अब लड़का उसके स्तनों से खेलने लगा। लड़की को बड़ा मजा आ रहा था, लड़के का लंड भी उठ गया था तथा वो ऊपर को तन गया था। लड़के ने लड़की की सलवार का नाड़ा खोल दिया और उसकी पैंटी में हाथ डाल दिया। अब लड़की ने भी लड़के की पैंट के बटन खोल कर उसकी चड्डी में हाथ डाल दिया। मैं यह सब …

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मैं उस समय लगभग अट्ठारह साल की थी, तब का यह किस्सा है..

मेरे माता-पिता किसी की शादी में बाहर गए हुए थे। उस दिन मैं एक सेक्सी प्रोग्राम टीवी पर देख रही थी। उसमें एक लड़का लेटा था तथा एक लड़की उसके पास बैठ कर उसके बदन से मस्ती कर रही थी। फिर लड़की ने अपना कुरता खोल दिया, अब वो ब्रा में थी। फिर लड़के से उसने अपनी ब्रा का हुक खुलवा लिया। फिर लड़की ने लड़के के कमीज के सारे बटन खोल दिए। अब लड़का उसके स्तनों से खेलने लगा। लड़की को बड़ा मजा आ रहा था, लड़के का लंड भी उठ गया था तथा वो ऊपर को तन गया था। लड़के ने लड़की की सलवार का नाड़ा खोल दिया और उसकी पैंटी में हाथ डाल दिया। अब लड़की ने भी लड़के की पैंट के बटन खोल कर उसकी चड्डी में हाथ डाल दिया। मैं यह सब देख रही थी तथा बहुत मजा आ रहा था। मेरी भी चूत अभी …

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Majboori ka fayda uthaya

hello, doston main karachi ek school main principal hoon, first time aap ki khidmat main hazir ho raha hoon apni kahani lekar umeed hai pasand aayegi. Yeh ab se koi 2 saal pahle ki baat hai main apne office main tha ek 35 years ki ek khatoon dakhil huin aur apna taroof karaya k mera naam Rehana hai aur main tanveer ki khala hoon jo k aap k school main parhta hai. Main poocha k masla kia hai kahne lagin k teacher tanveer ko 9th class main Science ki class main nahi betha rahi hain kahti hain k marks kam jis ki wajah se tanveer ko science nahi mil sakti, lehaza aap se request hai aap meri madad karen maine unhain saaf saaf kah dya k school ki rules k mutabiq tanveer ko science nahi mil sakti. Woh yeh sun kar rone lagin aur rote huye kaha k mera ghar …

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चाचा का लण्ड चूसा और खींच खींच कर रस निकालने लगी

चाचा का लण्ड चूसा और खींच खींच कर रस निकालने लगी मेरे घर वाले जब अहमदाबाद में जब सेटल हुए तो मुझे पापा ने होस्टल में डाल दिया। होस्टल में रह कर मैंने एस.सी. की पढ़ाई पूरी की थी। मेरे होस्टल के पास ही पापा के एक दोस्त रहते थे, पापा ने उन्हें मेरा गार्जियन बना दिया था। वो चाचा करीब 54 55 साल के थे। उनका बिजनेस बहुत फ़ैला हुआ था। एक तो उन्हें बिजनेस सम्हालना और फ़िर टूर पर जाना… उन्हें घर के लिये समय ही नहीं मिलता था। आन्टी नहीं रही थी… बस उनके दो लड़के थे, जो बिजनेस में उनका साथ देते थे। घर पर वो अकेले रहते थे।उन्होने घर की एक चाबी मुझे भी दे रखी थी। मैंकम्प्यूटर के लिये रोज़ शाम को वहां जाती थी… चाचाकभी मिलते…कभी नहीं मिलते थे… उस दिन मैं जबघर गई तो चाचा ड्रिंक कर रहे थे और कुछ काम कर रहेथे… मैं रोज़ की तरह कम्प्यूटर पर अपने ईमेल चेककरने लगी…आज चाचा मुझे घूर रहे थे… मुझे भी अहसास हुआ किआज …चाचा कुछ मूड में हैं…“नेहा मुझे लगता है तुम्हें कम्प्यूटर की बहुत जरूरत हैक्योंकि तुम रोज़ ही कम्प्यूटर प्रयोग करती हो !”“हां चाचा… पर पापा मुझे अभी नहीं दिलायेंगे…” “तुम चाहो तो ये कम्प्यूटर सेट तुम्हारा हो सकता है… परतुम्हे मेरा एक छोटा सा काम करना पड़ेगा…” सुनते हीमैं उछल पड़ी…“सच चाचा… बोलो बोलो क्या करना पड़ेगा…” मैं उठकर चाचा के पास आ गई।“कुछ खास नहीं… वही जो तुम पहले कितनी ही बारकर चुकी हो…”“अरे वाह चाचा …… तब तो कम्प्यूटर मेरा हो गया……”मैं चहक उठी।“आओ… उस कमरे में…”मैं चाचा के पीछे पीछे उनके बेड रूम में चली आई।उन्होने अन्दर से रूम को बन्द करके कुन्डी लगा दी।मुझे लगा कि चाचा कहीं कुछ गड़बड़ तो नहीं करनेवाले हैं। मेरा शक सही निकला।उन्होने मेरा हाथ पकड़ लिया और कहा “नेहा… मैं बरसोंसे अकेला हूं… तुम्हें देख कर मेरी मर्दों वाली इच्छाभड़क उठी है… प्लीज़ मेरी मदद करो…” “चाचा… पर आप तो मेरे पापा के बराबर है…” मैंने कुछसोचते हुए कहा। एक तो मुझे कम्प्यूटर मिल रहा था…… पर चाचा ने ये क्यों कहा कि तुम पहले कितनी हीबार कर चुकी हो… चाचा को कैसे पता चला।“सुनो नेहा … तुम्हे मुझे कोई खतरा नहीं है… क्योंकिअब मेरी उमर नहीं रही… और फिर मेरा घर तो तुम्हारेलिये खुला है…तुम चाहो तो तुम्हारे दोस्त को भी यहाबुला सकती हो” मैं समझ गई कि चाचा ये सब पता चल चुका है…अचानक मुझे सब याद आ गया… शायद चाचा को मेराईमेल एड्रेस और पासवर्ड मिल गया था…जो गलती सेमेज पर ही लिखा हुआ छूट गया था।“चाचा… मेरा मेल पढ़ते है ना आप…” चाचा मुस्करादिये। मैं उनकी छाती से लग गई।” थैंक्स नेहा…” कह कर उन्होंने मेरे चूतड़ दबा दिये। मैंनेअपने होंठ उनकी तरफ़ बढ़ा दिये… उन्होने मेरे होंठो सेअपने होंठ मिला दिये… दारू की तेज महक आई…चाचा ने मेरी जीन्स ढीली कर दी… फिर मैंने स्वयं हीझुक कर उतार दी… टोप अपने आप ही उतार दिया।चाचा ने बड़े प्यार से मेरे जिस्म को सहलाना शुरु करदिया। मेरे बोबे फ़ड़क उठे… ब्रा कसने लगने लग गई…पेंटी तंग लगने लगी… पर मुझे कुछ भी करने कीजरूरत नहीं पड़ी… चाचा ने खुद ही मेरी पुरानी सी ब्राखींच कर उतार दी और पैंटी भी जोश में फ़ाड़ दी।“चाचा ये क्या… अब मैं क्या पहनूंगी…” मैंने शिकायतकी।“अब तुम मेरी रानी हो… तुम ये पहनोगी… नही… मेरेसाथ चलना… एक से एक दिला दूंगा……” चाचा जोशमें भरे बोले जा रहे थे। मुझे नंगी करके चाचा ने बिस्तरपर लेटा दिया। मेरे पांव चीर दिये और मेरी चूत परअपने होन्ठ लगा दिये। मेरी चूत में से पानी निकलनेलगा… चुदने की इच्छा बलवती होने लगी। मेरा दाना भीफ़ड़कने लगा… चाचा जीभ से मेरे दाने को चाट रहे थे…साथ में जीभ चूत में भी अन्दर जा रही थी। मेरीउत्तेजना बढ़ती जा रही थी। अब चाचा ने मेरे पांव औरऊपर उठा दिये…मेरी गाण्ड ऊपर आ गई… उन्होने मेरीचूतड़ की दोनो फ़ांके अपने हाथों से चौड़ा दी। औरगाण्ड के छेद पर अपनी जीभ घुसा दी और गाण्ड कोचाटने लगे। मुझे गाण्ड पर तेज गुदगुदी होने लगी।“हाय चाचा… बहुत मजा आ रहा है…” कुछ देर गाण्ड चटने के बाद उनके हाथ मेरे बदन कीमालिश करने लगे… अब मैं चाचा से लिपट पड़ी…उनकी कमीज़ और दूसरेकपड़े उतार फ़ेंके। उनका बदन एकदम चिकना था…कोई बाल नहीं थे… गोरा बदन… लम्बा और मोटा लण्डझूलता हुआ। सुपाड़ा खुला हुआ …लाल मोटा औरचिकना। मैंने चाचा का लण्ड पकड़ लिया और दबानाशुरू कर दिया। चाचा के मुह से सिसकारी निकलनेलगी।“आहऽऽऽ नेहा… कितने सालों बाद मुझे ये सुख मिलाहै… हाय… मसल डाल…”मैंने चाचा का लण्ड मसलना और मुठ मारना चालू करदिया। वो बिस्तर पर सीधे लेट गये उनका लण्ड खड़ा होचुका था… मेरे से रहा नहीं गया… मैं उनके ऊपर बैठ गईऔर चूत के द्वार पर लण्ड रख दिया। मैंने जोश में जोरलगा कर सुपाड़ा को अन्दर लेने की कोशिश करनेलगी… पर लण्ड बार बार इधर उधर मुड़ जाता था…शायद लण्ड पर पूरी तनाव नहीं आया था।“चाचा……ये तो हाय…जा नहीं रहा है…” मैं तड़पउठी…” बस ऐसे ही मुझे रगड़ती रहो… लण्ड मसलती रहो…।”मैं चाचा से ऊपर ही लिपट पड़ी और चूत को उनकेलण्ड पर मारने लगी। पर वो नहीं घुस रहा था। मैं उठीऔर उनके लण्ड को मुख में ले कर चूसने लगी… उन्केलण्ड मे बस थोड़ा सा उठान था। सीधा खड़ा था परनरम था… चाचा अपने चूतड़ उछाल उछाल कर मेरेमुख को ही चोदने लगे। मैंने उनका सुपाड़ा बुरी तरह सेचूस डाला और दांतो से कुचला भी… नतीजा… एकतेज पिचकारी ने मेरे मुख को भिगा दिया…चाचा ज्यादासह नहीं पाये थे। चाचा जोर लगा लगा कर सारा वीर्यमेरे मुख में निकाल रहे थे। मैंने कोशिश की कि ज्यादा सेज्यादा मैं पी जाऊं। मैं उनका लण्ड पकड़ कर खींचखींच कर रस निकालने लगी… चाचा का सारा मालबाहर आ चुका था। उनका सारा जोश ठंडा पड़ चुकाथा… उनका लण्ड और भी ज्यादा मुरझा गया था। औरवो थक चुके थे।मैं पलंग से उतर कर नीचे बैठ गई और दो अंगुलियों कोचूत मे डाल कर अन्दर घुमाने लगी… कुछ ही देर में मैंभी झड़ गई। मैं जल्दी से उठी और बाथ रूम में जा करमुंह हाथ धो आई… चाचा दरवाजे पर खड़े थे…” नेहा… तुम्हे कैसे थैंक्स दूं… आज से ये घर तुम्हाराहै…आओ भोजन करें…”“चाचा… पर आपका तो खड़ा होता ही नहीं है… फिरभी इतना ढेर सारा पानी कैसे निकला…”“बेटी… बस ये ही तो खड़ा नहीं होता है… इच्छायें तोवैसी ही रहती हैं… इच्छायें शांत हो जाती है तो ही काममें मन लगता है…”बाहर से नौकर को बुला कर डिनर लगवा दिया… औरकहा,” मेरी कार ले जाओ … और ये कम्प्यूटर सेट नेहाबेटी के होस्टल में लगा दो।मैं खुश थी कि बिना चुदे ही कम्प्युटर मुझे मिल गया।डिनर के बाद मैं होस्टल जाने लगी तो एक बार चाचा नेफिर से मुझे गले लगा लिया।“चाचा … प्लीज़ आप दुखी मत होईये… आपकी नेहा हैना… आपका पूरा खयाल रखेगी…” चाचा को किसकरके मैं होस्टल की तरफ़ चल पड़ी।चाचा मुझे जाते हुए प्यार से निहारते रहे……

Bus Main Budhdhe Se Maza

Yeh un dino kee baat hai jab mai 9th me padhti thee. Ek din Mumy aur maine Netaji Nagar se Khanpur me saadi attend Karne ke liye 7 baje saam ko 512 rout kee bus pakdi. Maine Skirt top pahna thaa. Un dino Netaji Nagarse saam ke waqt labour class kee Families (Rajasthan ke) bahut log Khanpur ke liye safar karte the kyonki khanpur naya naya basa thaa. Bus me bahut bheed hoti thee agar appne upar bus ka danda pakad rakha ho aur apko apne haath neeche karna ho to nahi kar paate the ek dusare se log bhinche huwe rahte the. Mai mumy ke bagal me ek haath se bus kee chhat wala danda aur dusre haath se seat ke peechhe wala danda paiad kar khadi thee meri bagal aurpeechhe rajasthani ladies (labour) khadi thee. Do teen baar mere hips par haath laga aur jitni baar maine badi …

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