Drishyam, ek chudai ki kahani-25
हेल्लो, अब आगे की हिन्दी सेक्स कहानी पढ़िए और मजे लीजिये! दूसरे दिन सुबह जब भाई नहीं थे तब आरती ने भाभी से पूछा, “भाभी क्या बात थी? कल भैया से कुछ झगड़ा हुआ था क्या?” भाभी अपने होँठ दबाकर शरारत भरी हँसी दिखाते हुए अपनी साडी का पल्लू अपनी कमर पर बाँध कररसोई में काम करते हुए बोली, “अरे तू रातभर हमारी दिवार से कान लगा कर हमारी सब बातें सुनती रहती है क्या?” आरती ने सहमे हुए कहा, “नहीं भाभी ऐसी कोई बात नहीं। पर रातको भैया काफी जोर से चिल्ला रहे थे। क्या बात थी भाभी?” भाभी ने फिर अपना मुंह बनाते हुए कहा, “मर्दों के साथ क्या बात होती है? वही बात। उन्हें तो बस हमारी लेनी होती है। हमारा मन करे या ना करे। यह सारे मर्द ना साले एक ही सरीखे होते हैं। जब तक ना दो तब तक तो वह हमें रानी, सुंदरी, …