निदा की अन्तर्वासना-3
इमरान ओवैश हम तीनों ही मादरजात नग्न थे और मेरे इशारे पर नितिन भी ऐसा सट गया था कि हम तीनों ही एक-दूसरे से रगड़ रहे थे। नितिन ने उसका चेहरा थाम कर उसे चूमने की कोशिश की, लेकिन निदा ने शर्म से चेहरा घुमा लिया और वो पीछे से उसकी गर्दन पीठ पर चुम्बन अंकित करने लगा। जबकि मैंने सामने से उसके कान की लौ चुभलाते हुए उसकी ढीली पड़ गई चूचियों को दबाने, सहलाने लगा। ऐसा नहीं था कि नितिन के हाथ खामोश थे… वह भी उसे सहलाए, दबाए और रगड़े जा रहा था। इस बार उसने इशारा किया जिसे समझ कर मैंने निदा को घुमा कर सीधा किया और इस स्थिति में ले आया कि उसकी पीठ अधलेटी अवस्था में मेरे पेट से सट गई और उसके नितम्ब बेड के किनारे ऐसे पहुँच गए कि जब नितिन बिस्तर से नीचे उतर कर उसकी टांगों के बीच बैठा …