Drishyam, ek chudai ki kahani-27
हेल्लो, अब आगे की हिन्दी सेक्स कहानी पढ़िए और मजे लीजिये! आरती कमल के चंगुल से छूटना चाहती थी। उसके बदन का सारा रोमांच कमल के जबरदस्ती करने से हवा हो चुका था। उसे अब जैसे तैसे कमल से खुद को आझाद करना था। आरती ने जोर से पुकारा, “कमल यह क्या कर रहे हो? छोडो मुझे।” जब कमल ने आरती के बिनती करने पर भी नहीं छोड़ा तो आरती अपने हाथोँ से कमल के बाहुपाश को छुड़ाने के लिए जोर से भरदम कोशिश करती हुई, “अरे कोई है? बचाओ, मुझे बचाओ।” बोलती हुई जोर से चिल्लाने लगी। कमल को आरती से ऐसे विरोध की अपेक्षा नहीं थी। कमल ने यही सोचा था की हर बार की तरह इस बार भी आरती थोड़ा सा सांकेतिक विरोध करेगी और, “भैया यह तुम क्या कर रहे हो? कोई देख लेगा।” यह कहते हुए अपने आप को कमल के हवाले कर देगी। पर …