Drishyam, ek chudai ki kahani-21

कालिया ने एक हल्का धक्का मार कर सिम्मी की गीली चिकनी चूत में अपना लण्ड थोड़ा सा घुसेड़ा। सिम्मी इस बार तैयार थी। सिम्मी ने कालिया की और देख कर कुछ मुस्कुरा कर इशारा किया की वह लण्ड को और घुसाए। कालिया ने और जोर लगा कर एक झटके में आधा लण्ड जब सिम्मी की चूत में घुसेड़ा तब सिम्मी की कराहट निकल गयी। सिम्मी को चूत खिंच कर फूल गयी थी। कालिया ने देखा की सिम्मी आँख बंद कर कालिया के लण्ड को अपने बदन में महसूसकर रही थी। सिम्मी ने फिर कालिया की और देखा और मुस्कुरायी। पहली दो बार सिम्मी ज्यादातर अपनी आँखें बंद कर कालिया के आक्रमण को झेल रही थी पर इस बार कालिया को सिम्मी में बड़ा फर्क नजर आया। सिम्मी कालिया से चुदवाना चाहती थी और उसमें उसे कोई शर्म, अफ़सोस या घृणित भाव नहीं था। कालिया ने सिम्मी की मुस्कान को उसकी …

पूरी कहानी पढ़ें

बहन को चोदकर रखेल बनाया

नमस्कार मेरे मित्रगणों  और सुनाइए कैसे आप सब .. मेरी परिवार  में हम 6 लोग है.. मैं, माँ, पापा और मेरी दो बहनें.. जिनका नाम गीता  और अनुष्का    है. दोस्तों.. में आज आप सभी को मेरे द्वारा‍‌ जबरदस्ती गीता  के साथ बनाए गए गलत संबंधो के बारे बता रहा हूँ. मेरी बहन जब 18 साल की थी.. तब उसके चूचिया  मोटे होना शुरू हो गये थे. जब वो बारहवीं में पढ़ती थी. गीता  बचपन से ही बहुत सुंदर है और जैसे जैसे गीता  बड़ी होती गई वैसे वैसे उसकी जवानी चड़ती गई और गीता  कली से फूल बन गयी. अब जो भी गीता  को देखता है वो पागल हो जाता.. गीता  का गोरा बदन, मोटे मोटे चूचिया , मस्ताने चूतड़ मुझे बहुत पागल बना रहे थे और फिर धीरे धीरे मेरा नज़रिया मेरी बहन के लिए बदलने लगा. मुझे उसमे अपनी बहन कभी नहीं दिखती थी.. गीता  मुझे केवल …

पूरी कहानी पढ़ें

Drishyam, ek chudai ki kahani-20

काफी देर तक चिपके रह कर एकदूसरे के मुंह में अपनी लार दे कर और एक दूसरे की जीभ चूसकर आखिर में दोनों अलग हुए। सिम्मी का स्त्री रस जो उसकी चूतमें से चू रहा था उसे कालिया को चाटना था जिससे की उस रात की उसकी मल्लिका खुश हो जाए और कालिया को अपना सर्वस्व ख़ुशी से अर्पण कर उस रात को यादगार बना दे। कालिया ने बड़े प्यार से नंगी सिम्मी को अपनी बाँहों में उठा कर पलंग के एक छोर पर लिटा दिया और उसकी टाँगों को फैला कर उसकी टांगों के बिच में जा पहुंचा। कालिया ने सिम्मी की चूत की गुलाबी पंखुड़ियों को अपनी उँगलियों से जुदा किया और जीभ लम्बी कर सिम्मी की चूत के दाने को जीभ की नोक से चाटने लगे। जैसे ही कालिया की जीभ की नोक ने सिम्मी की चूत के दाने को छुआ तो सिम्मी पलंग पर ही उछल …

पूरी कहानी पढ़ें

Drishyam, ek chudai ki kahani-19

कालिया ने अपने ऊपर संयम रख कर अपने उन्माद को शांत करने की कोशिश की। सिम्मी कालिया के लण्ड को धीरे धीरे चूसने में लग गयी। हालांकि कालिया के लण्ड को वह ज्यादातर अपने छोटे से मुंह में ले नहीं पा रही थी पर फिर भी कालिया को खुश करने के लिए, वह कालिया मोटे तगड़े लण्ड को जितना हो सके उतना अपने मुंह में अंदर लेकर उसे चूसने की कोशिश कर रही थी। कालिया का लण्ड इतना तगड़ा था की सिम्मी के गाल उसके अंदर जाने से फूल जाते थे। अपना मुंह आगे पीछे कर सिम्मी कालिया के लण्ड को बड़े प्यार से चूस रही थी। कालिया भी अपना पेंडू आगे पीछे कर सिम्मी के सर के ऊपर अपना हाथ रखे हुए सिम्मी के मुंह को अपने लण्ड से जैसे चोद रहा हो ऐसे धक्के मार रहा था। कुछ समय बाद जब कालिया बदन एकदम सख्त सा हो गया …

पूरी कहानी पढ़ें

Drishyam, ek chudai ki kahani-18

पिछली बार जब कालिया ने सिम्मी की चुदाई की थी उस बात को एक महीने से भी ज्यादा समय हो चुका था। सिम्मी को तबसे ही अपनी जाँघों के बिच में ऐसी तरवराहट होती रहती थी जो एक युवा किशोरी को इस उम्र में अक्सर होती है। आधी रात में उठ कर वह महसूस करती थी की उसकी चूत में से रस बहता रहता था और उसके स्तन और ख़ास कर उसकी निप्पलेँ कस कर ऐसी सख्त हो जातीं की उसे स्वयं विश्वास नहीं होता की उसे हो क्या गया है। अपनी उस आग को कुछ हद तक शांत करने के लिए सिम्मी अपनी चूत में उंगली डाल कर कालिया ने जैसे उसे लण्ड से चोदा था वैसे ही अपनी ही उँगलियों से हिला हिला कर अंदर बाहर कर वह अपना उस उफान शांत करने की कोशिश करती। साथ साथ सिम्मी के भरी जवानी में अपने ब्रा के बंधन में …

पूरी कहानी पढ़ें

Drishyam, ek chudai ki kahani-17

जैसे ही अर्जुन वहाँ से निकला की सिम्मी ने कमरे का दरवाजा बंद किया और आ कर कालिया के सामने खड़ी हो गयी। सिम्मी की आँखों में अब कालिया से कोई भय नहीं था। वह कालिया को कुछ तरस भरी निगाहों से देख रही थी। अब कालिया था की वह सिम्मी की और ऐसे देख रहा था जैसे एक नौकर अपनी मालकिन से आदेश का इंतजार कर रहा हो। सिम्मी ने कालिया की और देख कर पूछा, “बोलो, क्या करना है अब?” कालिया सिम्मी के आक्रामक रवैये से झेंपता हुआ बोला, “कुछ नहीं…. सिम्मी… मैं कुछ सामान लाया हूँ। तुम यहां बैठ जाओ प्लीज।” कालिया ने शायद पहली बार सिम्मी से प्लीज शब्द प्रयोग किया होगा। सिम्मी कुर्सी पर बैठ गयी। सिम्मी ने तिरछी नजर से देखा तो उसे रोशनदान के उसपार अँधेरे में सीढ़ी पर कुछ हलकी सी हलचल दिखाई दी। अर्जुन वहाँ बैठा सारा नजारा देख रहा था …

पूरी कहानी पढ़ें

Drishyam, ek chudai ki kahani-16

कुछ देर बाद अर्जुन को दरवाजे पर दस्तक सुनाई दी। जब उसने दरवाजा खोला तो सिम्मी को वहाँ खड़ा पाया। सिम्मी ने कमरे में आ कर अर्जुन के कंधे पर हाथ रखते हुए कहा, “ठीक है, तुम जब मुझे इतना कह रहे हो तो फिर मैंने सोचा की तुम्हारी बात भी ठीक है। कालिया को कहो की मैं उससे मिल लुंगी। वह मुझे दोपहर को जब चाचाजी चले जाएँ तब दूकान पर कल मिले। मैं उससे बात करती हूँ।” सिम्मी ने जानबूझ कर अर्जुन से कालिया को घर बुलाने की बात नहीं कही। उसने सोचा की अर्जुन ही अगर यह बात कहे तो सही रहेगा। सिम्मी की बात सुनकर अर्जुन के मन का मोर मन ही मन में नाचने लगा। अब अर्जुन का शातिर दिमाग ओवर टाइम काम करने लगा। एक तरफ उसे सिम्मी को कालिया के तगड़े लण्ड से चुदवाते हुए देखने की प्रबल इच्छा थी। तो दूसरी और …

पूरी कहानी पढ़ें

छिनाल बहन को चार लोगों ने चोदा

नमस्कार मेरे मित्रगणों  और सुनाइए कैसे आप सब , में आप लोगों का ज़्यादा समय नहीं लेना चाहता हूँ इसलिए में सीधा अपनी आज की सच्ची कहानी सुनाने जा रहा हूँ. दोस्तों यह बात तब की है जब मेरी दीदी और जीजाजी गुजरात के सूरत शहर में रहते थे. मेरे जीजाजी एक सरकारी ऑफिस में नौकरी करते थे उन्ही दिनों मेरे जीजाजी को ड्रग्स लेने के एक गंदी आदत लग गयी और वो धीरे धीरे उसी में डूबते चले गये. मोटी गांड वाली लड़कियों की बात ही कुछ और है.  क्या गजब चुदकड़ अंदाज थी उनका वो शौक पहले से ज्यादा बढ़ने लगा जिसकी वजह से अब हर रोज उनके नये नये दोस्तों को वो अपने साथ में घर तक भी लाने लगे थे, जिसकी वजह से दीदी ने उनको उस काम को बंद कर देने के लिए बहुत बार कहा और वो उनसे नाराज भी बहुत होती थी, लेकिन …

पूरी कहानी पढ़ें

Drishyam, ek chudai ki kahani-15

अर्जुन भी दीदी का हाथ पकड़ कर सिम्मी को घर ले आया और दीदी पर गुस्सा करने लगा। अर्जुन ने दीदी को डाँटते हुए कहा, “दीदी तुम्हें कालिया से उलझने की क्या जरुरत थी? क्या तुम जानती नहीं की कालिया एक छटा हुआ बदमाश है? कालिया तुम्हें भी चाकू मार सकता था। मैंने तुम्हें कहा नहीं, की कालिया आजकल पागल हो रहा है? देखा ना तुमने..? पता नहीं तुम्हारे दिमाग में क्या चल रहा है? कालिया को प्यार से समझाने बुझाने के बजाय तुमने तो उसे सीधा एक करारा थप्पड़ ही मार दिया? अब पता नहीं गुस्से में वह क्या कर बैठे? उसे जेल जाने का कोई डर नहीं। वह पहले भी कई बार जेल जा चुका है… मैं तुम्हें यह समझाने की कोशिश कर रहा था की कालिया को बुलाकर प्यार से बात करो। वह तुमसे प्यार करता है, तुम्हारी इज्जत करता है। तुम अगर उसे समझा कर प्यार …

पूरी कहानी पढ़ें

Drishyam, ek chudai ki kahani-13

हेल्लो दोस्तों, अब आगे की कहानी पढ़िए! कुछ देर बाद कालिया ने पलंग पर लेटी हुई सिम्मी की चूत में अपनी दो उंगलियां डालीं और उन्हें सिम्मी की चूत में से अंदर बाहर कर उसे उँगलियों से चोदने लगा। कालिया उँगलियों को इतनी फुर्ती से अंदर बाहर करने लगा की मारे कामुकता के सिम्मी की हालत खराब होने लगी। सिम्मी से यह बर्दाश्त नहीं हो पा रहा था। सिम्मी की चूत में से पानी बह रहा था जो सिम्मी की कामुक हालात बयान कर रहा था। सिम्मी मारे उन्माद के कालिया का हाथ पकड़ कर उसे “कालिया बस करो अब, मुझसे रहा नहीं जा रहा। जल्दी अपना लण्ड डालो अंदर। जल्दी करो प्लीज। तुम मुझे चोदना चाहते थे ना? तो अब चोदो मुझे।” कालिया ने यह सुनकर सिम्मी की दोनों चूँचियाँ दोनों हाथों में पकड़ीं और उन्हें जोर जोर से मसलते हुए बोलने लगा, “साली, मुझे अपने पास फटकने नहीं …

पूरी कहानी पढ़ें

error: Content is protected !!