हैल्लो नमस्कार मित्रगणों, हमारा नाम कर्दमा है और में गाज़ियाबाद से हूँ. मित्रगणों में आज आप सभी लोगों को अपनी एक सच्ची घटना बताने जा रही हूँ, जिसके बाद हमारा पूरा जीवन और उसके साथ साथ हमारा जीने का तरीका बिल्कुल बदल सा गया. में अब वो बातें सोचने लगी थी, जिनको में पहले कभी भी नहीं सोचती थी और यह बात तब की है, जब मैं 19 साल की थी और मैंने अभी अभी जवानी की पहली सीडी पर अपना पहला कदम रखा था, हमारे बूब्स, गांड और उसके साथ साथ हमारे शरीर ने अपना आकार बदलना शुरू किया था और वैसे में सेक्स या उससे जुड़ी हुई कोई भी बातों के बारे में ज्यादा कुछ नहीं जानती थी और अब में आप सभी को अपनी वो घटना पूरी विस्तार से सुनाती हूँ और में उम्मीद करती हूँ कि इसको पढ़कर आप लोगों को बहुत मज़ा आएगा. क्यूंकि आज मैं बुर मरवाने की शौक़ीन हो चुकी हूँ.
मित्रगणों हमारे घर के पास में एक डॉक्टर रहते थे, उनका हमारे घर पर बहुत आना जाना था और हमारे घर के सभी लोगों का व्यहवार बहुत अच्छा लगता था, वो दिखने में भी ठीक-ठाक थे और मुझे भी उसका बात करने का तरीका थोड़ा बहुत अच्छा लगता था. हम सभी उनकी बहुत इज्जत किया करते थे, वो मुझसे बहुत हंस हंसकर बातें किया करते थे और कई बार उन्होंने मुझे छुआ भी, लेकिन मैंने उस सबको इतना नहीं सोचा और ना ही उस पर इतना ध्यान दिया, लेकिन कुछ समय बाद में मुझे उनकी हमारे ऊपर नियत गंदी का पता चला. वह दिन आज भी मुझे याद है.
मित्रगणों एक बार हमारे मम्मी पापा को 15 दिन के लिए किसी काम से हमारे गाँव जाना पड़ा और वो लोग किसी कारण से मुझे अपने घर पर अकेला छोड़कर चले गए. फिर में उन दिनों अपने घरवालों के कहने पर अपने उन अंकल के घर पर रहने चली गई और उससे पहले भी में बहुत बार उनके घर पर रह चुकी थी और अंकल मुझे देखकर बहुत खुश हो गए. मित्रगणों उनके घर में अंकल, चाची रहते थे, क्योंकि उनके दोनों बच्चे बाहर होस्टल में रहकर अपनी पढ़ाई कर रहे थे. मित्रगणों में दिखने में बहुत गोरी, सुंदर थी, लेकिन मुझे हमारे बूब्स पसंद नहीं थे, क्योंकि वो आकार में बहुत बड़े थे और उनको देखकर हर कोई मुझे घूरता रहता था और वो सब मुझे बिल्कुल भी अच्छा नहीं लगता था.
फिर जब रात को में सो रही थी तो अंकल हमारे पास आए और हमारे बूब्स को हल्के हल्के से छूने लगे और अपना एक हाथ हमारे बूब्स पर घुमाकर कुछ महसूस करने लगे, लेकिन में अपनी आखें बंद करके सोने का नाटक करती रही और कुछ देर बाद वो चले गए, क्योंकि में अकेली दूसरे कमरे में सोती थी और अंकल, चाची अपने कमरे में सोते थे, इसलिए उनको हमारे जिस्म को छूने का मौका हर कभी मिल ही जाता था और जब चाची घर पर नहीं होती थी तो वो मुझे हर किसी बहाने से इधर उधर छेड़ते रहते थे, लेकिन में वो सब अनदेखा कर देती थी. मैंने यह बात कभी किसी को नहीं बताई, इसलिए भी उन्हें आगे बढ़ने का मौका मिलता रहा.
एक दिन चाची घर पर नहीं थी और उस समय में किचन में थी, उन्होंने पहले पीछे से आकर मेरी गांड को छुआ और उसके बाद वो मुस्कुराकर मुझसे पूछने लगे कि क्यों यह तुम्हारे बूब्स इतनी बड़े कैसे है, किससे अपने बूब्स को चुसवा रही हो? तो मैंने कहा कि किसी से भी नहीं और आप मुझसे यह क्या पूछ रहे हो? मित्रगणों उनसे इतना कहकर में बाहर चली आई और वो भी हमारे पीछे पीछे चले आए और हमारे जिस्म को घूरने लगे और उसी दिन बहुत रात को उनके कमरे में से मुझे रोने, चिल्लाने की आवाज़ आ रही थी. फिर में देखने के लिए उठी और मैंने उनके कमरे की खिड़की से अंदर झांककर देखा तो उस समय अंकल चाची दोनों बिना कपड़ो के थे और अंकल चाची को बहुत बुरी तरह से चोद रहे थे और वो चुदाई के साथ साथ चाची को मार भी रहे थे.
उस समय चाची बेड पर नीचे पड़ी हुई थी और वो उनके ऊपर अपना लंड डालकर लगातार ज़ोर ज़ोर से धक्के दिए जा रहे थे और चाची उनके आगे हाथ पैर जोड़ रही थी कि प्लीज मुझे अब छोड़ दो, मुझे बहुत दर्द हो रहा है, लेकिन वो नहीं माने और उन्हें ज़ोर ज़ोर से चोदते रहे. फिर में कुछ देर उनकी चुदाई के मज़े लेकर वापस अपने कमरे में आ गई. मैंने मन ही मन सोचा कि अंकल कितने गंदे है वो चाची को मार रहे है.
फिर उसके दूसरे दिन शाम को चाची अचानक से मुझे बिना बताए उनके बड़े भैया की बहुत तबियत खराब थी, इसलिए चंडीगढ़ चली गई तो मैंने अंकल से पूछा कि चाची कहाँ है? तो उन्होंने मुझसे कहा कि वो कुछ दिन के लिए बाहर गई है आ जाएगी. फिर हमने एक साथ बैठकर खाना खाया और उसके कुछ देर बाद में अपने रूम में सोने चली गई और उसके थोड़ी देर बाद अंकल हमारे रूम में आ गए और वो आज मुझे बिना किसी डर के छेड़ने लगे, क्योंकि उस दिन घर पर बस हम दोनों ही थे.
फिर मैंने उनसे पूछा कि आप हमारे साथ यह क्या कर रहे हो? तो वो मुझसे बोले कि तुझे में आज एक औरत बनाने जा रहा हूँ, तुझे हमारे साथ आज बहुत मज़ा आएगा. फिर मैंने उन्हें कहा कि चले जाओ यहाँ से और उन्हें धक्का दे दिया और फिर उन्होंने मुझे एक बहुत ज़ोर का थप्पड़ मारा तो में रोने लगी और मेरी आखों से आंसू बहने लगे. तभी उन्होंने मुझे अपनी बाहों में दबोच लिया और वो हमारे ऊपर चड़कर हमारे बूब्स को दबाने लगे और काटने लगे, उन्होंने फटाफट से हमारे सारे कपड़े फाड़ दिए और वो बहुत बुरी तरह से हमारे बूब्स को काटने, दबाने लगे और कुछ देर बाद वो सीधे ही मेरी चूत पर हाथ लगाने लगे.
फिर में उनसे लगातार मना करती रही, लेकिन वो अपने काम में लगे रहे और में चिखती चिल्लाती रही. उसके कुछ देर बाद वो हमारे ऊपर से उठ गये और में तुरंत भागने की कोशिश करने लगी तो उन्होंने मुझे फटाफट से पकड़ लिया और मुझे अपनी गोद में उठाकर बेड पर ले जाकर पटक दिया और फिर उन्होंने हमारे दोनों हाथ बाँध दिए और उन्होंने हमारे मुहं में मेरी फटी हुई पेंटी को डाल दिया और अपने सारे कपड़े उतारे. में उनका लंड देखकर बहुत हैरान हो गई, इतना बड़ा और मोटा.
तब मुझे पता लगा कि चाची उस दिन क्यों रो रही थी? वो अब हमारे ऊपर आ गए और उन्होंने जबरदस्ती हमारे दोनों पैरों को फैला दिया और फिर अपने लंड का टोपा मेरी चूत के मुहं पर रख दिया और ज़ोर लगाकर अंदर डालने की कोशिश करके लगे, जिसकी वजह से टोपा ही अंदर गया. फिर उन्होंने ज़ोर का धक्का मारा, लेकिन लंड फिर भी कुछ ही अंदर गया और मेरी आखों से आंसू निकल गये, लेकिन में कुछ बोल ना सकी, क्योंकि उनका एक हाथ हमारे मुहं पर भी था और दूसरा हाथ हमारे बूब्स को निचोड़ रहा था.
फिर उन्होंने मौका देखकर एक और जोरदार धक्का मार दिया और लंड मेरी चूत को चीरता फाड़ता हुआ अंदर चला गया, उसकी वजह से मेरी सील टूट गई और वो धक्के मारते रहे और में चीखती, चिल्लाती उस दर्द से तड़पती और रोती रही. इस तरह से पूरा लंड उन्होंने मेरी चूत में डाल दिया और करीब 15 मिनट तक वो मुझे चोदते रहे, गालियाँ देते रहे, मेरी रानी आज तो मैंने तेरी चूत को फाड़ ही दिया है, बोल तुझे कैसा लगा, में अब औरो से भी तुझे चुदवाऊंगा, में आज तेरी गांड भी मारूँगा, तू बस हमारे साथ अपनी चुदाई के मज़े ले.
मित्रगणों कुछ देर बाद वो मेरी चूत के अंदर ही झड़ गए और वो कुछ देर हमारे ऊपर लेटे रहे और अपना पूरा वीर्य मेरी चूत में टपकाते रहे और में उसकी एक एक बूंद की गरमी को महसूस करती रही. मित्रगणों सच पूछो तो मुझे बहुत अच्छा लगने लगा था. मैंने उनके साथ चुदाई के पूरे मज़े लिए और उस दिन उन्होंने मुझे तीन बार चोदा और वो मुझे आज तक भी चोद रहे है.
फिर उसके बाद वो उठकर चले गये और में दर्द से तड़पती हुई सो गई, लेकिन थोड़ी देर बाद वो एक बार फिर से आए और उन्होंने मुझे एक गोली दी और चले गये. जाते समय वो मुझसे बोले कि तुम इसे खा लेना तुम्हें दर्द नहीं होगा. फिर मैंने वो गोली खा ली, लेकिन उस गोली को खाने के बाद हमारे मन में एक अजीब सा कुछ महसूस होने लगा, जैसे कि मुझे सेक्स का नशा चड़ रहा हो और एक घंटे बाद वो फिर आए और मुझसे पूछने लगे कि क्या हुआ रंडी? अब में रोने लगी और फिर उन्होंने मुझे एक वीडियो दिखाया, जिसमें वो मुझे चोद रहे थे, जिसको देखकर में बहुत हैरान थी, मुझे कुछ भी समझ में नहीं आ रहा था कि यह सब हमारे साथ क्या हो रहा है, में अब क्या करूं? और अब वो मुझे ब्लेकमेल करने लगे और बोले कि अगर मैंने किसी को कुछ भी बताया तो वो मेरी यह वीडियो नेट पर डाल देंगे.
फिर से वो पूरे नंगे हो गए और मुझे चोदने लगे. इस बार तो उन्होंने मुझे करीब 25 मिनट तक लगातार धक्के देकर चोदा और चुदाई खत्म होने के बाद वो ठंडे होकर अपना वीर्य मेरी चूत में डालकर वो भी वहीं पर हमारे पास में सो गये और अब मुझसे चला भी नहीं गया. में बहुत मुश्किल से उठकर बाथरूम तक गई और मैंने अपने आपको साफ किया और में वहीं पर रोने लगी, लेकिन वहां पर कौन मुझे सुनने वाला था. कुछ देर बाद में रूम में दोबारा आकर सोने की कोशिश करने लगी और मुझे कब नींद आ गई मुझे पता ही नहीं लगा, लेकिन जब मेरी नींद खुली तो मैंने अपने रूम में अंकल और उनके दोस्त को देखा तो में बिल्कुल हैरान हो गई.
फिर अंकल मुझसे बोले कि आओ इनको भी खुश करो तो में रोने लगी, प्लीज मुझे अब जाने दो, मुझे बहुत दर्द हो रहा है, लेकिन वो नहीं माने और मुझे अपने पास बुलाया और छेड़ने लगे, में उनके सामने रोती रही, बिलखती रही, लेकिन उन्हें कोई भी फ़र्क नहीं पड़ा. फिर उन्होंने मुझसे कहा कि नाचकर दिखाओ तो मैंने कहा कि मुझे नाचना नहीं आता और वो हमारा यह जवाब सुनकर मुझ पर चिल्लाने लगे तो मैंने नाचना शुरू किया तो उनमें से एक अंकल उठकर आए और हमारे सर पर शराब डाल दी और फिर मुझे ज़ोर की लीप किस करने लगे और इतने में दोनों अंकल आ गये और एक हमारे बूब्स सक करने लगा तो दूसरा मेरी चूत को सक करने लगा.
थोड़ी देर बाद एक अंकल अपना लंड पेंट से बाहर निकालकर हमारे मुहं में डालने लगा तो मैंने मना किया और उन्होंने मुझे एक थप्पड़ मारा और फिर उन्होंने जबरदस्ती हमारे मुहं में अपना लंड डाल दिया और उन तीनों ने बारी बारी से हमारे मुहं को चोदा और फिर सबने मेरी भोसड़ी पर हमला कर दिया.
एक अंकल हमारा मुहं चोद रहे थे तो दूसरे हमारे बूब्स और तीसरे ने अपना लंड मेरी चूत के मुहं पर रखा और धीरे धीरे रगड़ने लगा और अब उसने एकदम से अपना पूरा का पूरा लंड मेरी चूत में डाल दिया, जिसकी वजह से में चीखना चाहती थी, लेकिन मेरी आवाज़ बाहर नहीं निकल सकी, क्योंकि हमारे मुहं में एक मोटा लंबा लंड था और उसने मुझे करीब 15 मिनट तक चोदा और अपना पानी मेरी चूत में ही छोड़ दिया और इस तरह मुझे उन तीनों ने बारी बारी से एक एक करके चोदा और अंकल बैठकर देखते रहे. मेरी चूत से झकड़.. झकड़.. झकड़.. झप.. झप… की आवाजें आ रही थी.
फिर जब उनका सब काम खत्म हो गया तो अंकल उनसे बोले कि अगर यह गर्भवती हो गई तो क्या होगा? दूसरे अंकल बोले कि हमें क्या हमें तो इसकी चूत मारने से मतलब है और हमने ठीक वैसा ही किया. मित्रगणों उसके बाद वो सभी चले गए, लेकिन उस दिन से लेकर आज तक में किसी ना किसी से चुद ही रही हूँ. अंकल ने मुझे बहुत बार चोदा और अब मुझे उनके लंड की एक आदत सी हो गई है और वो मेरी चुदाई करके हमेशा मुझे संतुष्ट करते है, मुझे उनके साथ चुदाई करने में बहुत मज़ा आता है. हर जवान औरत की चूत लंड की प्यासी होती है.