जैसे ही मेरी जुबान उनकी चूत से टच हो गई, मेरी सास बोली: यह क्या कर रहे हो? यह गलत है। यह पाप है। और वह गंदी जगह है। ऐसा नहीं करते, छोड़ दो मुझे। बस हुआ, बहुत हुआ।
मैं उनकी बातों को अनसुना करते हुए अपनी जुबान को और गहराई तक ले जाकर चाटने लगा। मेरी सास ने मेरा सर पकड़ कर दूसरी और ले जाने की कोशिश की, लेकिन मैं कहां मानने वाला था। मैं चपर-चपर करते हुए पागलों की तरह उनके चूत को चाट रहा था। मेरी जुबान उनकी चूत की दरारों के बीच में गहराईयां तक चल रही थी, और मुझे उनके पानी का स्वाद आने लग गया था।
उन्होंने कहा: बस हुआ, बहुत हुआ, अब जाने दो, मैं तुम्हारी बीवी की मां हूं। और यह सब करना गलत है, पाप है। मैं बस आपकी तकलीफ के लिए थोड़ा-थोड़ा साथ दे रही थी। लेकिन यह कुछ ज्यादा ही हो रहा है।
लेकिन मैं कहां सुनने वाला था। मैंने अपने लंड को सहलाना शुरू कर दिया, और ऊपर अपनी जुबान से अपनी सास की चूत की चुदाई कर रहा था। अब वह जो भी कह रही थी, आहें भरते हुए, हांफते हुए कह रही थी, कि छोड़ दो बस हुआ। तब यह सब कर कहते हुए उन्होंने अपने हाथों से मेरे सर को अपनी चूत पे दबा दिया।
मैं समझ गया इनका पानी निकलने वाला था, और मैंने अपनी जुबान की रफ्तार और बढ़ा दी। वह पागलों की तरह मेरा सर अपनी चूत के ऊपर दबा रही थी, और नीचे से अपनी कमर उछाल-उछाल कर मेरे मुंह में दे रही थी।
मेरा भी लंड तन कर रॉड बन गया था। मैंने सोचा यही मौका था। मैंने अपना सर उनकी चूत पर से हटाया, और अपने शरीर को उनके शरीर के ऊपर ले जाकर अपने लंड को उनके चूत से सटाते हुए, अपनी कमर को पूरे ताकत से साथ नीचे ले जाकर, अपने लंड को उनकी चूत की गहराइयों में घुसा दिया। उनके मुंह से तो चीख ही निकल गई। उन्होंने मुझे गालियां देते हुए कस के पड़ा हुआ था।
वो मुझसे कह रही थी: यह तो पाप हो गया है। अब मैं अपनी बेटी को अपना मुंह कैसे दिखाऊंगी?
तब मैंने उनसे कहा: क्या जरूरत है मुंह दिखाने की? चूत ही दिखा देना, और बता देना की तू चुदवाती नहीं है, इसलिए दामाद जी ने पेल दिया।
उन्होंने कहा: मुझे छोड़ दो, यह सब पाप है। यह गलत है।
मैंने उनसे कहा: अब तो लंड आपकी चूत के मजे ले रहा है, और आगे भी लेगा। तो चुप-चाप आप भी मजे लीजिए, और मुझे भी मजे लेने दीजिए।
उनकी चूत में से इतना रस बाहर आ रहा था कि मेरा लंड सटा-सट अंदर-बाहर हो रहा था, और दोनों जांघों के टकराव से जो आवाज़ आ रही थी, वह माहौल को और रंगीन बना रही थी। मैं उन्हें धक्के मारते हुए उनसे यह कहा-
मैं: देखिए सासू जी, अब जो होना था हो गया। आप भी मजे लीजिए, और मुझे भी मजे देने दीजिए, और यकीन कीजिए यह बात हम दोनों के बीच रहेगी।
तब मेरी सास ने मुझसे कहा: दामाद जी आप सच में बहुत मजे देते हैं। लेकिन थोड़ा ताकत कम लगाइए, मेरी चूत को लंड लिए कम से कम 18 साल हो गए। एक बार इसे आपके लंड की आदत हो जाएगी, तब और मजा आएगा तो थोड़ा प्यार से मुझे चोदिए है।
तब मैंने उनसे कहा: सासू मां, लेकिन एक काम करना, झांटो को हटा दीजिए। तांंकि आपके चूत का रस मैं और अच्छे से पी सकू।
तो उन्होंने कहा: ठीक है मेरे प्यारे दामाद। आप जैसा कहें मैं वैसा ही करूंगी।
अब चुदाई का नशा हम दोनों के सिर चढ़ कर बोल रहा था। वह मुझे अपने और अपनी चूत में समाने के लिए मुझे खींच रही थी, मुझे दबा रही थी।
तब मेरी सास ने मुझसे कहा: दामाद जी, मेरा पानी आने वाला है, और बहुत ज्यादा आने वाला है।
तब मैंने उनसे कहा: सासू मां, मेरा भी पानी आने वाला है, कहां निकालूं?
तब उन्होंने मुझसे कहा: मेरी चूत के अंदर ही निकाल देना, मेरी माहवारी बंद है। जिसके कारण खतरा भी नहीं होगा।
यह सुनते ही मैंने अपने होठों को उनके होठों पर रखते हुए चूसना चालू किया। कभी उनकी जुबान मेरे मुंह के अंदर तो कब कभी मेरी जुबान उनके मुंह के अंदर। इस तरीके से चूमते हुए मैंने अपनी रफ्तार बढ़ा दी। दोनों पसीने से पूरी तरीके से भीग गए थे, और जांघों की टकराने की आवाज़ पूरे रूम में पहुंच रही थी। उनकी दोनों टांगे मेरी कमर के आस-पास हवा में आ गई। उनका पेट थोड़ा मोटा होने के कारण मेरा शरीर एडजस्ट करते हुए लंड को चूत के अंदर और मुंह को मुंह के अंदर रखते हुए जोरदार धक्के दे रहा था
मैंने उनकी आंखों में आंखें डालते हुए उन्हें देखा। उनकी आंखों में चुदाई के मजे दिख रहे थे। हम बात तो कर नहीं सकते थे, क्योंकि हम एक-दूसरे के मुंह में मुंह डाल कर पूरी रफ्तार के साथ चुदाई चालू रखे थे। उन्होंने अपनी आंखों से इशारा किया, कि उनका पानी निकल रहा था, और मैं भी अपना पानी निकाल दूं।
तब मैंने पूरी ताकत लगाते हुए, उनके दोनों बॉल को दबाते हुए, मुंह से उनकी थूक का रस पीते हुए, कमर को झटका देते हुए, उनकी चूत में अपने लंड का पानी निकाल दिया। पसीने की खुशबू, साथ में चूत और लंड से निकले हुए पानी का मदहोश करने वाला रस, और उसकी खुशबू से हम दोनों पागल हो गए थे।
ऐसा लगा कि सच में बहुत बड़ी जंग लड़के आए थे हम। सच कहो तो इतना मजा मुझे मेरी वाइफ के साथ भी नहीं आया था।
मेरी सास ने मुझे चूमते हुए कहा: बड़े हरामी हो, मेरी भी चूत की चटनी बना दी, और मेरी बेटी के भी मजे ले रहे हो।
मैंने उनसे कहा: अब तो ऐसा कुछ करुंगा कि तुम मां बेटी को एक ही बिस्तर पर एक ही समय पर पूरी तरह से नंगी करके तुम दोनों की चुदाई करूंगा।
इस बात पर मेरी सास हंसने लगी, और मुझसे कहा: इसके आगे तुम जब कभी यहां आओगे तो मैं कभी भी तुम्हे चूत की कमी होने नहीं दूंगी। बस शर्त यही रहेगी तुम्हें नई-नई चूत मिलती रहेगी, लेकिन मेरी चुदाई रुकनी नहीं चाहिए।
आगे बताऊंगा कि मेरी सांस ने मेरे लिए किस तरीके से नई-नई चूत का प्रबंध करके दिया है।
तो आपके मेल का इंतजार रहेगा कि आपको मेरी कहानी कैसी लगी। मेरी कहानी थोड़ी लंबी होती है, लेकिन सच्ची होती है। जिसमें मैं चाहता हूं कि आपको करैक्टर कहानी के साथ पूरे मजे मिलें।
अगला भाग पढ़े:- सासू मां की चुदाई-4