Drishyam, ek chudai ki kahani-29

दृश्यम द्वितीय चरण पति और पत्नी के रिश्तों का नाजुक तानाबाना गूंथती हुई यह कहानी तत्कालीन भारतीय सामाजिक परिपेक्ष में शायद पोर्न अथवा अश्लील श्रेणी में समावेश हो सकती है। पर हमें यह स्वीकार करना होगा की तत्कालीन समाज में पति पत्नी के रिश्ते एक बड़े ही नाजुक दौर से गुजर रहे हैं जिसमें पति और पत्नी की सामाजिक, आर्थिक, जातीय और व्यावसायिक संवेदना को सम्हालना और पति पत्नी के सम्बन्ध को निभाना अति कठिन साबित हो रहा है। यह एक ऐसी चुनौती है जिसे पति और पत्नी दोनों को एक दूसरे की संवेदना को समझ कर कहीं ना कहीं एक दूसरों को आवश्यक अवकाश दे कर, उन्हें और उनकी कमजोरियों को स्वीकार कर अपनी रचनात्मक पटुता से दाम्पत्य जीवन को सुखमय और रसमय बनाना होगा। यही मेरी सब उन दम्पतियों से प्रार्थना है, जो एक दूसरे को चाहते हैं और साथ में रहते हुए जीवन के जातीय प्रयोगात्मक आनंद …

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Drishyam, ek chudai ki kahani-28

हेल्लो, अब आगे की हिन्दी सेक्स कहानी पढ़िए और मजे लीजिये! कमल ने फ़ौरन आरती का ब्लाउज को आगे से खोल दिया और आरती की ब्रा के हुक भी खोल दिए और आरती की दोनों चूँचियों को नंगा कर दिया। आरती का ब्लाउज और ब्रा निकाल फेंकी नहीं। आरती की नंगी मस्त अल्लड़ चूँचियों को देख कर कमल पागल हो गया। आरती के भरे हुए स्तन पुरे फुले होते हुए भी आरती की छाती पर ऐसे सख्ती से खड़े थे जैसे दो पहाड़ हों। उन पहाड़ों पर जैसे कोई पेड़ बिलकुल शिखर पर हों ऐसी आरती की दो करारी निप्पलेँ उन दो पहाड़ों पर बिलकुल बिच में ही आरती के स्तनोँ की अद्भुत मादकता को उजागर करती हुईं शोभायमान थीं। कमल ने अपने होँठ से उन करारी निप्पलोँ को चूमना, चाटना और काटना शुरू किया। कमल कभी आरती के पुरे गुब्बारे को चूस कर अपने मुंह में ले लेता तो …

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Drishyam, ek chudai ki kahani-8

हेल्लो दोस्तों, अब आगे की कहानी पढ़िए! इधर अर्जुन को उस दिन वह मौक़ा मिला जिसकी उसे हफ़्तों से तलाश थी। जब वह घर पहुंचा तो चाचा चाची खाना खा कर अपने बैडरूम में जा चुके थे। अर्जुन ने रोशनदान से जब छुप कर देखा तो पाया की चाचा और चाची दोनों नग्न हालत में बिस्तर पर लेटे हुए थे। चाचा चाची की चूँचियों से खेल रहे थे और चाची चाचाके लण्ड को हिला रही थी। चाचा फिर उठ खड़े हुए और चाचीजी की टाँगें फैला कर उसकी टाँगों के बिच में अपना मुंह घुसा कर चाचीजी की चूत को चाटने लगे। यह देख कर अर्जुन भी अपना लण्ड निक्कर से निकाल कर सीढ़ी पर बैठ कर हलके से हिलाने लगा। चाचीजी की चूत को अच्छी तरह चाटने और चाचीजी को काफी गरम करने के बाद चाचाजी चाचीजी के ऊपर सवार हो गए और अपना लण्ड चाचीजी की चूत में …

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Drishyam, ek chudai ki kahani-7

हेल्लो दोस्तों, अब आगे की कहानी पढ़िए! सिम्मी ने डरते हुए पर अनिवार्य को स्वीकारते हुए कालिया का तगड़ा चिकना लण्ड अपने हाथ में लिया और उसे स्त्री सहज कर्तव्य भावना से सहलाने लगी। उसके सहलाने में प्यार कम और भय ज्यादा था। कालिया के लण्ड को अपनी चूत के छिद्र में घुसने में जितनी ज्यादा देर लगे उतना अच्छा यह सोच कर सिम्मी कालिया के लण्ड को सहलाये जा रही थी। अब यही लण्ड उसकी चूत में जाना था। वह कैसे घुसेगा यह चिंता सिम्मी को खाये जा रही थी। उसे मन ही मन में यह डर था की कहीं उस रात की चुदाई के बाद वह ज़िंदा नहीं बचेगी। जब कालिया उसकी चूत में लण्ड डालेगा तो उसका क्या हाल होगा वह भगवान ही जाने। पर जो होना है वह तो होना ही है। यह सत्य सिम्मी समझ चुकी थी। उसे कालिया का लण्ड अपनी चूत में डलवाना …

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Drishyam, ek chudai ki kahani-6

हेल्लो दोस्तों, अब आगे की कहानी पढ़िए! कालिया उठ खड़ा हुआ और फुर्ती से उसने वह गद्दा फर्श पर बिछा दिया और सिम्मी को वहाँ लेटने को कहा। सिम्मी क्या करती? चुपचाप कालिया के इशारे पर वह वहाँ जा कर लेट गयी और कालिया को उसके बदन पर सवार होने का इंतजार करने लगी। नंगी सिम्मी को गद्दे पर लेटे हुए देख कालिया का दिमाग उत्तेजना और उन्माद से जैसे घूम रहा था। फिर भी वह सिम्मी को अपना साथ दे उसकी उम्मीद में सिम्मी की चूत में अपनी दो उंगलियां डाल कर सिम्मी को उँगलियों से ही चोदने लगा। सिम्मी कालिया के उंगली चोदन से एकदम बेबाक हो रही थी। सिम्मी का पूरा बदन कामाग्नि की आग में जल रहा था। उसके पुरे बदन में जैसे बिजली का करंट सा दौड़ रहा था। कालिया के उँगली चोदन से गद्दे पर इधर उधर हो कर छटपटा रही थी। कभी ना …

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Drishyam, ek chudai ki kahani-5

हेल्लो दोस्तों, अब आगे की कहानी पढ़िए! सिम्मी समझ गयी की जो होना है सो होगा ही, चिल्लाने से कुछ होने वाला नहीं है। सिम्मी चुप होकर वहीँ वैसे की वैसे खड़ी हो गयी। सिम्मी ने बिना बोले ही कालिया को अपनी रजामंदी का इजहार कर दिया। पहली बार सिम्मी किसी मर्द को अपना बदन सौंप रही थी। अबतक उसने ऐसे चुदाई के किस्से सखियों के साथ गपशप में सुने थे। हंस कर सारी सखियाँ यही कहती थीं की अगर उनके साथ ऐसा कभी हो तो वह चुदाई करने वाले से पहले तो हो सके उतना विरोध करेगी। पर अगर उनकी कुछ नहीं चली तो फिर वह उस रेप को एन्जॉय करेगी। यह कभी सिम्मी ने सपने में भी सोचा नहीं था की कभी उसके अपने साथ भी ऐसा कुछ हो सकता था। उसकी सपनों की रानी सिम्मी ने जब अपनी सहमति का इजहार किया तो कालिया का दिल जोर …

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Drishyam, ek chudai ki kahani-4

हेल्लो दोस्तों, अब आगे की कहानी पढ़िए! उधर जैसे ही अर्जुन दूकान से चाचाजी के घर पहुंचा लगभग उसी समय कालिया अपने भरे हुए ट्रक में सामान डिलीवरी करने के लिए दूकान पर पहुंचा। ट्रक की आवाज सुनकर सिम्मी बाहर आयी तो उसने कालिया को सामान उतारते हुए देखा। सिम्मी अकेली थी। वह कालिया को देख कर डर गयी। उसने दूकान के चारों और देखा। उसे दूर दूर तक कोई नजर नहीं आया। कुछ नकली हिम्मत दिखाते हुए सिम्मी ने कालिया से पूछा, “इतने लेट क्यों सामान लाये हो? शामको आना। चाचाजी घर चले गए हैं।” सिम्मी के मुंह से यह शब्द निकल तो गए पर बाद में उसे पछतावा होने लगा। शायद उसने ना चाहते हुए भी कालिया को यह मैसेज दे दिया की वह उस वक्त दूकान में अकेली ही थी और आसपास और कोई नजर नहीं आ रहा था। कालिया ने भी अपने चारों और नजर दौड़ाई। …

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Aunty ko blackmail kiya

Hi, I’m Loverboy me ek 19 saal ka good looking ladka hu me Delhi se hu, or abhi-21st year complete kiya hai roz gym jane ki vajah se meri body achi hai jispe koi bhi ladki fida ho sakti hai. lekin abhi tak meri koi gf nahi hai bcuse me ek sharmila ladka hu me ladki ko purpose karne se darta hu ki vo mere bare me kya sochegi iski vajah se mera interest shadishuda aunties me ho gaya ye meri first story hai bcause its my frst encounter of sex wth my sexy aunty jo ki kuch dino pehle hua agar likhne me koi galti ho to plese maaf karna hamare ghar me 6 member hai, mere papa,mummy, uncle, aunty my sex godess,nd their daughter jo abhi 3 saal ki hai. to ab me apni aunty ke bare me batata hu vo 25 saal ki hai nd fair colour, …

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Drishyam, ek chudai ki kahani-3

हेल्लो दोस्तों, अब आगे की कहानी पढ़िए! गर्मी का मौसम था, चीलचिलाती धुप थी। अक्सर गुजरात के छोटे कस्बों में दूकानदार दोपहर को १२.३० से चार बजे के बिच में दुकान बंद कर देते हैं और घर जाकर खाना खा कर सो जाते हैं। मैंने अनुभव किया है की अक्सर इन्हीं समय काल में कई विविध रस से परिपूर्ण कहानियां जन्म लेती हैं। शायद इसी समय में कई नवशिशु के अवतरण के बीज भी बोये जाते होंगे। वैसे ही रश्मिभाई दुकान बंद करने की तैयारी में थे। उस दिन ग्राहकी कुछ ज्यादा तेज थी। रश्मिभाई की भतीजी सिम्मी उनको बुलाने के लिए आ पहुंची थी। चूँकि चाचा को आने में देर हो गयी थी, इस लिए चाची कब से बड़बड़ा रही थी की खाना तैयार था पर चाचा नहीं आये। खाली बैठी सिम्मी ने चाची को कहा, “चाची आप चिंता ना करें। मैं अभी भाग कर जाती हूँ और चाचाजी …

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Drishyam, ek chudai ki kahani-2

हेल्लो दोस्तों, अब आगे की कहानी पढ़िए! जब से सिम्मी ने कालिया का लण्ड देखा था तब से उसके मन में पता नहीं कुछ अजीब सी उलझनें पैदा हो रही थीं। उसे कालिया के प्रति एक तरह का विचित्र आकर्षण होने लगा था। हालांकि उसे कालिया कतई पसंद नहीं था; या यूँ कहिये की वह उसे नफरत करती थी। फिर भी उसकी मर्दानगी और उसका गठा हुआ बदन उस सुबह के बाद उसकी रातों की नींद हराम कर रहा था। सिम्मी ने पुरुष और स्त्री के यौन संबंधों के बारे में कुछ कुछ जानकारी अपनी सहेलियों से और कुछ किताबों में से पायी थी। एक बार सिम्मी ने छुप कर अपने भाई को उसके कमरे में उसका लण्ड निकाल कर उसे तेजी से हिलाते हुए देखा था। सिम्मी अपनीं जिज्ञासा रोक नहीं पायी और उसने देखा तो चौंक गयी जब भाई के लण्ड में से उसे सफ़ेद सा चिकनी मलाई …

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