नमस्कार
मेरे सभी चुद्दकड़ चाहने वालों के लंडों को इस चुद्दकड़ संस्कारी उषा मॉम की तंग, टाईट कसी हुई योनि की तरफ से फिर एक बार नमस्कार!
अब क्या ही कहूं मेरे बारे ने, मेरा नाम उषा है, मेरी उम्र ४० है। ना मेरा कोई बॉयफ्रेंड है और नाही मेरी शादी हुई है। हांजी, मैने शादी नही की ऐसा समझो के मेरी शादी करके घर संसार करने की इच्छा ही नहीं हुई।
कई बार फमेली में लोग मुझे बोलते थे के तू शादी कर, इतनी उम्र हुई फिर भी तूने शादी क्यों नहीं की।
कई बार मुझे फैमिली में पूछ ते थे, अगर बाहर कोई है तेरा तो बता, हमे कोई दिक्कत नही हम तुम्हारी शादी करेंगे। लेकिन मै कोई अलग बात निकल के उस विषय को टाल देती थी।
शादी तो दूर की बात है, सच बताऊं तो मैने कभी सेक्स भी नही किया था। हां जी, आप को यकीन नही होगा मैने कभी संभोग भी नही किया था। अभी भी इस ४० साल की उम्र में एकदम अनछुई वर्जिन हु। हां जी, मै एकदम संस्कारी सभ्य स्त्री हु।
खैर,
मै हमेशा मेरी दुनिया में ही रहती थी, तो ऐसी मै अकेली हु। मेरी कुछ सहेलियां भी है, उनसे बाते करना और उनसे मिलते रहती हु।
हमारी साड़ी की शॉप है वो मै और मेरे पापा ही संभालते है। वैसे तो हम रईस है तो कोई पैसे की चिंता नहीं।
मम्मी की डैथ के बाद पापा अकेले हो गये और उन्होंने पीना शुरू कर दिया। वैसे भी वो मेरे सगे पापा नहींथे, मेरी मम्मी ने उनके पहले पति याने मेरे असली पापा गुजर जाने के बाद दूसरी शादी की थी। ये मेरे सौतेले पापा थे लेकिन उन्होंने मुझे बहुत प्यार दिया था।
पापा को अकेले नहीं छोड़ना चाहती इसलिए मैने शादी के बारे में सोचने का सवाल ही नहीं आता। पापा के दो खास मूसल दोस्त थे, एक का नाम इरफान अंकल और दूसरे का नाम अमीन अंकल।
दोनो एकदम तंदुरुस्त थे, ६ फीट हाइट होंगी उनकी।
दोनो की लंबी सफेद दाढ़ी, दिखने में भी एकदम जुड़वे लगते थे। बल्के वो जुड़वे थे नही।उन दोनो की उम्र करीब ६९ तक होगी, हां जी वो उम्र बड़े थे, बुड्ढे थे लेकिन अच्छे खासे तगड़े मूसल थे।
ये हमेशा हमारी साड़ी के दुकान पे आते थे। कुछ गपशप करते थे और चले जाते थे।
लेकिन मै जब अकेली होती हु तब वो दोनों मेरे साथ फ्लर्ट करते थे। कभी कभी अश्लील डबल मीनिंग में भी बोलते थे। हां जी लेकिन वो अश्लील बाते कभी पापा के सामने या बाकी दुकान में काम करने वाली लड़कियों के साम ने नही बोलते। लेकिन मै भी उन्हें हसी मजाक में ही लेती थी।
तो खैर, थोड़ा मेरे बारे में। जैसा कि मैं आपको बता दूँ कि मैं ४० साल की हूँ। मै दिखने ने गोरी नही हु, सावलिसी हु लेकिन बहुत आकर्षक हु। लंबी नाक, नाजुक चेहरा। हां जी, मेरी फिगर एक मध्यम, एवरेज है, लेकिन फिर भी आकर्षक ही है। मेरी हाइट ५ फीट 4 इंच है, मेरी फिगर २८-२४-३० है।
हां जी मेरे स्तनों का आकार याने फूल कप साइज 30 के है, वे इतने भी छोटे नही है, एवरेज है लेकिन किसी के अच्छे खासे हात में आसानी से आसकते है। मै २८B का ब्रा पहनती हु, मेरी कमर 24 की पतली कमर है और मेरी चूतड ३० के है।
हाँजी, उदाहरण के लिए मेरा फिगर अभिनेत्री उषा जाधव से काफी मिलती जुलती है, आप मेरे फिगर का अंदाजा लगा सकते हैं।
मैं सलवार पहनती हु। मैं सिर्फ़ तभी साड़ी पहनती थी जब कोई फंक्शन होता था। नहीं तो मैं घर ज़्यादातर ऊपर शर्ट और नीचे शरारा, घाघरा या लंबी ढीली स्कर्ट पहनती थी।
मेरी फिगर एवरेज से थोड़ी कम लेकिन आकर्षक हूँ इसलिए जब भी मैं बाहर जाती हूँ तो कई लोग मुझे वासना भरी नज़रों से देखते हैं। कुछ दोस्त कहते हैं कि “उषा, तुम इस उम्र में भी बहुत आकर्षक लगती हो, कोई भी पुरुष बहुत भाग्यशाली होगा कि उसे तुम जैसी संस्कारी महिला मिले।”
जैसे के मैने आप को कहा मेरी कुछ सहेलियां भी है, उनसे बाते करना और उनसे मिलते रहती हु। उसमे एक सहेली थी जिसका नाम पूजा था। वो तो एक नंबर की चुद्दकद थी। कई लोगो से वो छुदवा चुकी थी। वो जभी मेरे घर या दुकान पे आती तब उसकी चुदाई की स्टोरी बताती थी।
पूजा हमेशा मुझे कहती के “उषा, देख अगर तू शादी नही कर रही ठीक है, बॉयफ्रेंड नही है तो भी ठीक है लेकिन कम से कम किसिसे चूदतो ले। आपनी योनि को ऐसे ही रखेगी क्या?”
एक दिन ऐसा हुआ पूजा शाम को आई उसने फिर से चुदाई का टॉपिक निकाला.
पूजा ने कहा “उषा, क्या तेरा कभी मन नही करता किसीसे चूदवाने का, क्या तुम नाही चाहती के कोई तुम्हे चोदे और तुम्हेरी चूत की प्यास बुझाए?”
मैने कहा “अरे पूजा, लेकिन”
पूजा ने कहा “उषा, एक बार तू कीसीसे चुदाई करेगी तो फिर बार बार करेगी, चुदाई का मजा ही कुछ और है”
मैने कहा “अरे पूजा लेकिन मुझे डर लगता है, बदनामी होगी, और तो मैने कभी किया भी नही है”
पूजा ने कहा “उषा डर किस बात का? शुरू में थोड़ा दर्द होगा लेकिन मजा भी आयेगा, एक बार तेरी चूत की सील टूट गई तो फिर क्या मजे ही मजे”
मैने फिर से कहा “पूजा लेकिन”
पूजा ने कहा “उषा, तुम्हे डर है के कोई बाहर वाला तुझे चोदेगा और तेरा फायदा उठाएगा, ब्लैकमेल करेगा, बदनामी होगी, ऐसा सोचती है क्या तू”
मैने खाली “Humm किया”
पूजा ने कहा “उषा, मै तुम्हे एक आइडिया देती हु”
मैने कहा “कोंसी आइडिया पूजा”
पूजा ने कहा “उषा, तेरे दुकान में इरफान भाई और अमीन भाई आते है ना, उनको ही पटा ले”
मैने कहा ” पूजा, क्या बोल रही है तू, वो तो दोनो बुड्ढे है। ऊपर से मेरे पापा के दोस्त भी है”
पूजा ने कहा “अरे उषा, तुम्हे नही मालूम के वो दो बुड्ढे कितने ठरकी है, सच बात बताऊं तो मैं भी एक दो बार दोनो से चूद चुकी हु, दोनो बुड्ढे है लेकिन सेहत से तगड़े है और तो और दोनो के लंड भी बड़े है”
मैने कहा “ohh इसलिए, जब वो बुड्ढे मेरे दुकान में आते है तो तू नही आती”
पूजा ने कहा “हा उषा, इसलिए तो मैं हमेशा पूछ ती हु के तुम अकेली हो क्या, इसलिए जभी तुम अकेली होती हों तब मैं आती हु”
मैने कहा “देख ती हु”
पूजा ने कहा “उषा, अब जादा संस्कारी मत बन, अब चुदवाले किसीसे आपनी इस कोमल अनछुई चूत को”
फिर कुछ देर मेरे और पूजा में बाते हुई और वो चली गई।
मैं भी कोई दूध की धुली नहीं थी। लेकिन सच बात ये है के मुझे भी कभी कभी चुदाई का मन करता लेकिन मुझे हमेशा डर लगता था, इसलिए मैं मेरी कामवासना गाजर, मूला और खीरा अपने फुद्दी में डाल के आपनी कामवासना को शांत करने की कोशिश करती थी।
लेकिन अब मेरे दिमाग में इरफान अंकल और अमीन अंकल ने घर कर दिया, मै उनके बारेमे ही सोच ने लगी।
फिर क्या हुआ मालूम नही लेकिन जब इरफान चाचा और अमीन चाचा मेरे दुकान पे आते तो मैं भी उनसे बाते करने लगी, दोनो जब मुझे मेरे साथ फ्लर्ट करते तो मैं भी उनके साथ फ्लर्ट करने लगी।
पूजा की चुदाई बाते मुझे बहुत सताने लगी, अब तो मुझे भी रहा नही जाता, मै भी इरफान चाचा और अमीन चाचा को मेरे बदन दर्शन देने लगी, सलवार को ऊपर से थोड़ा ढीला छोड़ के मै अपनी स्तनों की गल्लिया उनको दिखाने लगी।
अब आगे,
हमारी साड़ी की दुकान रात ९ बजे बंद होती थी, मै रात ८.३० को घर जाती खाना बनाती थी। पापा दुकान बंद करके पीछे से आते थे।
जैसे के मैने आप को कहा मम्मी की डैथ के बाद पापा अकेले हो गये और उन्होंने पीना शुरू कर दिया। पापा के दो दोस्त थे, इरफान अंकल और अमीन अंकल। तीनों रोज रात को किसी एक के घर शराब पीने बैठते थे।
जब ये बैठक मेरे घर होती थी तो मैं ही उन्हें पानी नमकीन आदि सर्व करती थी। कुछ ही दिनों में मैंने महसूस किया कि जब भी मैं नमकीन आदि रखने के लिये झुकती हूँ तो इरफान चाचा मेरे अन्दर झाँकने की कोशिश करते थे।
मैने तो कभी चुदाई की नही थी इसलिए अब मेरी चूत में खुजली मचने लगी। मैंने भी चारा डालने का मन बना लिया। आज जब वे आये तो मैंने अपनी ब्रा टाइट की और कुर्ते का ऊपर का एक बटन खोल लिया इससे झुकते ही मेरी जवानी बाहर झलकने लगती थी।
पापा वाइन निकालने गये तो मैं नमकीन लेकर पहुँच गई और इरफान चाचा की ओर मुँह करके प्लेट रखते हुए झुकी और थोड़ा रुक गई। इस बीच जब उनकी ओर निगाह की तो वे मेरे कुर्ते के अंदर दिखने वाले मेरी स्तनों की घाटियों को टकटकी लगाये देख रहे थे।
जब हम दोनो आँखे मिली तो मैं मुस्करा दी। थोड़ा दूर पहुँचकर जब मैंने वापस देखा तो वे मेरी ओर ही देख रहे थे मैं फिर मुस्करा दी। मेरा संदेश उन तक पहुँच चुका था अब तो जबाव की बारी थी। अकील चाचा ने भी यह सब नोट कर लिया था। बीच में जब पापा बाथरूम गये तो मैंनें उनकी बातें सुनी…
“उसकी बेटी पर लाइन मार रहा है क्या?” यह अमीन चाचा की आवाज थी।
“जवानी सम्भाल नहीं पा रही है साली, देख तो इस ४० की उम्र में भी कच्ची लग रही है”
इरफान ने मुस्कराते हुए आँख मारी।
“क्या लगता है? पट जायेगी?” अमीन चाचा ने कहा।
“पट तो चुकी है। … हाय!!! बस एक बार मौका मिल जाये तो लौड़े पर उछाल उछाल के चोदूंगा” इरफान चाचा ने तुरंत ही कहा।
“Ohh, अकेले अकेले मत चोद लेना” अमीन चाचा ने इरफान चाचा से कहा।
“चिंता मत कर अमीन, कल ऐसा करना यहां आने के बाद इसके बाप के साथ दारू लेने चले जाना बाकी पीछे से मैं सब सैट कर दूँगा, और हाँ आना आराम से” इरफान चाचा ने अमीन चाचा को कहा।
तभी पापा आ गये। मैं रोमांचित हो रही थी, मन कर रहा था कि अभी जाके गोद में बैठ जाऊँ पर इन्तजार तो करना ही था। शाम को जब वे दोनों आये तो आते ही इरफान चाचा बोले “अरे यार आज दारू लाना तो भूल ही गया”
चलो मैं ले आता हूं “पापा ने कहा”
तो अमीन चाचा बोले “मैं भी चलता हूँ”
पापा ने कहा “अरे इरफ़ान, मैं और अमीन जाता हु, तुम यहीं रुको उषा अकेली है”।
इरफ़ान चाचा बोले “ठीक है दोस्त”
फिर वे चले गये तो इरफान चाचा ने मुझे आवाज दी।
मेरा दिल जोर जोर से धड़क रहा था। आज मैंने तो कुर्ती ही पहनी थी। एकदम संस्कारी लग रही थी मैं।
जब मैं पहुँची तो इरफान चाचा मुस्कराते हुए बोले
“उषा, आ न, मैं अकेला बोर हो रहा हूँ” मैं जब उसके सामने बैठने को हुई तो उसने मेरा हाथ पकड़ कर अपने पास बिठा लिया।
कुछ देर चुप रहने के बाद इरफान चाचा ने अपना एक हाथ मेरे कन्धे पर रखा और बोले
“आज बडी क्यूट लग रही है, इस उम्र मे भी इतनी जवानी उछल रही है”
मैने शर्म से उनका हात हटाया और कहा “Ohh इरफान चाचा कुछ भी बोलते हो आप”
इरफान चाचा ने कहा “हाय ये तेरी संस्कारी बाते, तूने तो मुझे खड़ा ही कर दिया।
मैंने उसकी ओर देखा तो उसने मुस्कराते हुए आँख मार दी तो मैं भी मुस्करा दी। और उन्होंने जब अपनी ओर खींचा तो मैं खिंची चली गई। उन्होंने मुझे अपनी गोद में लिटा लिया और अपने होंठ मेरे होंठों पर जमा दिये और एक हाथ ऊपर मेरी कुर्ती पे लेके मेरे स्तनों को हल्केसे दबाने लगे। मैं तो पहले से ही मरी जा रही थी सो कोई विरोध नहीं किया, जैसे ही उनका स्तनों वाला हाथ मेरी योनि पर पहुंचा मैं सिसकियां लेने लगी। मेरा भी पहला टाइम था, मुझे भी शर्म आरही थी मैं भी कामुक्ता से उनसे लिपट गई। जैसे ही उन्होंने होंठ छोड़े मैंने एक लम्बी सांस ली। फिर से इरफान चाचा एक तरफ हलके से मेरे होठों अपने होठों को चीपकाके चूम रहे थे और दूसरी ओर एक हात मेरे कुर्ते के बाहर से ही मेरे स्तनों को दबा रहे थे, साथ ही में दूसरे हात से मेरे पैरो के बीच सलवार में मेरी छुपी हुई योनि को सहला रहे थे।
मेरी अन्तर्वासना पुरी जाग रही थी।
“बोल ना, चुदवायेगी मेरेसे?” इरफान चाचा ने
सलवार में मेरी चूत की दरार में उंगली डालते हुवे मेरे कान में कहा।
मैने खाली “humm” किया
“बोल ना, चुदवायेगी मेरेसे?” फिरसे इरफान चाचा ने कहा.
“पर? अमीन चाचा भी तो हैं” अब मैं पूरी तरह से खुल चुकी थी।
“उसे भी दे देना” इरफान चाचा सलवार से चूत के छेद पर उंगली दबाते हुए बोले।
“नहीं, नही बाबा, दोनों से नहीं” मैने कहा
“अरे बहुत मजा आयेगा, चुदवा तो चुकी है ना पहले?”
इरफान चाचा ने कहा
मैं चुप रही।
“फिर क्या प्राब्लम है? इरफान चाचा ने पूछा
तभी अचानक इरफान चाचा ने मेरा हाथ अपने हात में लिया और अपनी पैंट में डाल के लंड पकड़ने कहा, “उषा, ले पकड़ इसे” और अपना लंड मेरे हाथ में दिया।
साथ ही में अचानक अपना एक हाथ मेरी सलवार के अंदर डाल के मेरी पेंटी में घुसेड़ कर एक उंगली अचानक मेरी फुद्दी में घुसा दी।
हाँ, उस समय मैं अपनी योनि के आसपास के बाल नहीं काटे थे, मेरी योनी एकदम झटों में फसी थी ।
ये इतना जल्दी हुआ के मेरे बदन में तो मानो करंट ही लग गया, उनका मोटा लंड मै मेरे हातो में महसूस कर रही थी और मेरी फुद्दी में अचानक घुसी हुई उनकी उंगली, उफ्फ।
मै तुरंत ही उठ कर खड़ी हो गई, शर्म और डर के मारे किचन में भाग गई।
मै किचन में ही थी, मुझे बाहर आनेकी हिम्मत ही नहीं हो रही थी, फिर थोड़ी देर में पापा और अमीन चाचा आए।
काफी देर तक पापा, इरफान चाचा और अमीन चाचा का शराब पीने का प्रोग्राम चलता रहा।
पीते वक्त पापा ने अपने बुड्ढे दोस्तो से कहा “भाईयो, कल मैं बाहर हु, मुझे कुछ काम है, है आऊंगा तब मिलूंगा।
मै सोई नहीं थी, थोड़ी देर के बाद पापा अपने कमरे में सोने चले गए। तब मैंने फिर से इरफान चाचा और अमीन चाचा की बात सुनी।
“अरे कुछ किया के नही आगे” अमीन ने पूछा
“Humm, किया है आ रही है हात में, लेकिन” इरफान चाचा ने कहा
“लेकिन क्या” अमीन चाचा ने कहा
“चल अमीन टेंशन मत ले, सब मिलेगा तुझे, इस इरफान की जुबान है” इरफान चाचा ने कहा.
मुझे मालूम था इरफान चाचा और अमीन चाचा हर लड़की साथ में चोदते है। दोनो एक दूसरे के जबान से पक्के थे, उनका प्रोमिस याने पक्का प्रोमिस होता था।
तभी इरफान चाचा ने आवाज दी “उषा, बेटी हम जा रहे है, दरवाजा ठीक बंद कर देना”
मै भी अपना ड्रेस संभाल के बाहर आके दरवाजा बंद किया और जाते जाते इरफान चाचा से नजर दी।
उस रात मुझे नींद ही नहीं आरही थी, चूत चूदवाने का बड़ा मन कर रहा था, ऊपर से इरफान चाचा का वो बड़ा लौड़ा जो मैने पूरा पकड़ा भी नही था उसका भी डर था।
दूसरा डर तो मुझे प्रिग्रेंट होने का था।
तभी मेरी सहेली के साथ सेक्स की बाते करते समय, उसने कई बार उसने कुछ गर्भ निरोधक गोलियों का जिक्र किया था।
दुसरे दिन ही सुबह जल्दी उठ कर मै आस पास के मेडिकल स्टोर से लेनेके बजाय घर से दूर स्टेशन के इधर जाके, मेडिकल स्टोर से गर्भ निरोधक गोलियों का एक पूरा पाकिट ही खरीद के चूत पे लगाने का पैड भी खरीदा।
फिर शॉप में आगई, सुबह ११ बजे इरफान चाचा और अमीन चाचा भी घूमते हुवे हमारे शॉप पे आगये, उस वक्त पापा भी कुछ काम के लिए बाहर ही जा रहे थे। मैने भी तबीयत थोड़ी ठीक नही ऐसे नाटक किया, तो पापा ने कहा “बेटी, आज तू दोपर को घर ही जा थोड़ा आराम कर”।
मैने भी पापा से कहा “ठीक है, मै भी आज थोड़ा आराम करती हु, दोपहर को”
फिर थोड़ी बाते हुई और पापा चले गए।
उस वक्त इरफान चाचा ने भी नोटिस किया के शायद ये एक इशारा है उनके लिए।
फिर मैने साडियोंका बंच लिया और इरफान चाचा जहा बैठे थे वहा रखते समय इरफान चाचा के कान में हलकेसे कहा “तो, आज दोपहर २.३० बजे”
और हल्की सी मुस्कान दी।
इरफ़ान अंकल को ये बात समझ आ गई, वो भी चले गए, मैंने इस बात का फ़ायदा उठाया कि इरफ़ान अंकल सड़क पार कर रहे थे और पीछे खड़े अमीन अंकल से कहा, “आज शाम 6 बजे अकेले आना।”
अमीन चाचा भी समझ गए।
फिर मैं भी दोपहर को घर चली गई। मैंनें अपनी झांटें साफ़ कीं। अब मैं २.३० बजने के इंतजार मे थी, इरफान चाचा जो आनेवाले थे। मुझे बहुत डर लग रहा था मेरा पहला टाइम था। जैसे जैसे समय नजदिक आरहा था वैसे वैसे मेरी छाती की धड़कन जोरो हो रही थी।
मै सोच रही थी के मै क्या पहनु, फिर मैने ऊपर कुर्ती और नीचे मरून कलर का पेटीकोट पहना जो साडीके अंदर पहनते है वो। फिर हलकासा मेकअप किया, माथे पे मोटी बिंदी लगाई। अब तो मैं एकदम संस्कारी लग रही थी।
एकदम २.३० दरवाजे को बेल बजी। मैने दौड़ के घरकि सारी खिड़कियां और परदे लगा दिए। फिर से बेल बजी, मैने दरवाजा खोला।
इरफान चाचा आगये, उहोंने मस्त अत्तर मारा था अपने बदन पर उसकी महक आरही थी।
अंदर आते ही उन्होंने ना आव देखा ना ताव,
फ़िर उन्होंने मुझे सोफ़े पर सीधा लिटाया और सीधा मेरी
मेरी कुर्ती ऊपर करके अंदर हात डालने को कोशिश की।
मै थोड़ी हिचकिचाई।
“क्या हुआ उषा” इरफान चाचा ने कहा।
मैने उनका हाथ पकड़ा और मेरे रूम में लेके गई।
रूम में वैसे तो अंधेरा था, मैने बेड के बाजुका डीम लाइट लगाकर बेड पर आपने घुटने नास्दिक लेके एकदम दुल्हन जैसी बैठी।
“इमरान चाचा एक सवाल है” मैने कहा
“हां उषा, कहो क्या सवाल है” इमरान चाचा ने कहा
“आप की उम्र क्या है” मैने कहा
“Humm, उषा तुम्हे बड़ी दिलचबी है मेरी उम्र में, तो मेरी उम्र ६९ है”
“और” मैने कहा
“Humm, और अमीन की उम्र ६८ है, बस एक साल से छोटा है वो मेरी उम्र से” इमरान चाचा ने कहा।
मै थोड़ी हस पड़ी,
“क्यों क्या हुआ हसने को” इरफान चाचा ने पूछा
“एक बात बताऊं” मैने कहा
“बताओ क्या बात है” इरफान चाचा ने कहा
“तुम और अमीन चाचा एकदम जुड़वे लगते हो” मैने कहा
“हां, हम लगते है जुड़वे लेकिन है नही” इरफान चाचा ने भी हस कर कहा
फिर मैं कुछ नही बोली, सोचा अब जो होना है वो होने दो।
अब क्याहि बताऊं मर्दों को कहा कंट्रोल रहता है।
इमरान चाचा ने मेरे कुर्ती को ऊपर किया और मेरी कुर्ती निकाल दी। हांजी मैने तो अंदर ब्रा भी नहीं पहनी थी।
वो तो बस अब मेरे स्तनों को देख ही रहे थे,
“वाह, क्या लाजवाब स्तन है तेरे, एकदम कमसिन कली के तरह” अब तो उन्होंने अपने हाथ सीधा मेरे पैरो पे लिए, और पैर फैला के मेरा पेटीकोट ऊपर किया।
मेरी योनि को देख कर कहा “तूने भी चूत हमारे लिये ही तो चिकनी की है”
अब तो वो उठ के अपने पूरे कपड़े निकाल के खुद पूरे नंगे हो गए मेरे सामने। इरफान चाचा की पर्सनालिटी बहुत सॉलिड थी, एकदम तगड़े थे और लंबी सफेद दाढ़ी भी थी। उनकी ऊंची ६ फीट थी।
उनका 7 इंच का मोटा तगड़ा लंड तना हुआ लंड मेरे सामने एक शैतान जैसे खड़ा था। मेरी खुजली और बढ़ गई, लेकिन मुझे डर भी लग रहा था।
मै ने अभी भी नीचे मरून कलर का पेटीकोट पहना था।
फिर उन्होंने सीधा मेरी कमर में हात डाल के अपना हाथ मेरी पेटिकोट में डाल के मेरा पेटिकोट खीच लिया निचेसे।
मेरे ऊपर आके मेरी दोनो पैरो को उपर उठा लिया,
उनको तो चुदाई का तजुर्बा था, उन्होंने एक तरफ मेरे
दोनों स्तनों अपने हात में लेके, दुसरे हात से अपने लंड को थूक लगाके, मेरी योनि पे सेट करके एक जोर दार धक्का दिया।
उनका लंड अब तक आधा भी मेरी चूत मे नही गया था फिर भी मै दर्द के मेरे चिल्लाई “Ooouch, ohh मां मैं मर गई”। और उनको मैने जोर से धक्का दे के पीछे धकेल दिया।
उन्होंने नोटिस किया के मेरी छाती की धड़कने जोर से हो रही थी और मेरी आखों में हल्केसे आसू आरहे थे।
उन्होंने अपना हाथ मेरे गालों पे लिया और प्यार से कहा “उषा बेटी, क्या हुआ, नही करना क्या?”
मै गर्दन नीचे लिए हुवे थी।
इरफान चाचा ने कहा “उषा, कहो क्या बात है”।
“इरफान चाचा, असल में बात ये है के” मैने कहा।
इरफान चाचा ने कहा “उषा, कही ये तेरा”।
“हां जी, ये मेरा पहला टाइम है” मैने कहा।
इरफान चाचा ने कहा “उषा, ohh तो इतने सालो से तूने कभी चुदाई नही की?, कभी स्कूल के, कॉलेज में या किसी बॉयफ्रेंड के साथ कभी तूने चुदाई नही की”
मेरी गर्दन नीचे ही थी, मै कुछ नही बोल रही थी।
इरफान चाचा ने कहा “ohh, उषा, याने इस ४० साल की उम्र मेभी तुम एक कुमारिका हो, एक वर्जिन हो, अब तक तेरी सील नही टूटी”
मैने कहा “हां जी, इरफान चाचा, मैने कभी किसीसे संभोग नही किया, और”
इरफान चाचा ने कहा “और क्या उषा”
“आप का तो बहुत मोटा, जाड़ा और लंबा है” मैने कहा
यह बात मैने उनके बड़े मोटे लंबे लंड को देख कर कहा।
इरफान चाचा ने कहा “उषा, डर मत मुझे चुदाई का तजुर्बा है, तुम्हारी चुदाई एकदम प्यार से करूंगा”
“ठीक है इरफान चाचा, जैसे आप ठीक समझे” मैने कहा।
इरफान चाचा ने कहा “उषा, मैने कॉन्डम नही लाया”
“कोई बात नही चाचा मै प्रोटेक्शन लेने वाली हु”मैने कहा।
इरफान चाचा ने कहा “उषा बेटी, कोई बात नही, अब हम थोड़ा स्लो करेंगे, बाद में तुझे ही मजा आयेगा, तू खुद और मांगेगी”
अपने तगड़े दोनो हाथों में मेरा चेहरा पकड़ के मेरे होटों को किस किया, अपने होटों को में होटों में घुसाके के लिपलॉक किया, उनकी जीभ मेरे जीभ को टकराने लगी। कुछ देर लिपस्लॉक करने के बाद।
फिर उन्होंने फिर से मैने पैर ऊपर लिए, हां जी अब मै पूरी नंगी थी उन्होंने पहले ही मेरी कुर्ती और पेटिकोट निकाल दिया था। हां जी, उन्होंने फिर से मैने पैर ऊपर लिए अपने लंड को जम के अपनी थूक लगाके गीला किया साथ ही में उन्होंने मेरी फुद्दी के अंदर भी थूक दिया। फिर से अपना मोटा लंड मेरी चूत पर टिका दिया जिसे मैंने हाथ से छेद पर लगा दिया। इरफान चाचा ने दबाव बढ़ाया तो मेरे मुँह से “आह” निकल गई।
उन्होंने फ़िर एक जोरदार धक्का दिया तो लन्ड चूत की दीवार को चीरता हुआ जड़ तक समा गया।
“आआह्ह्ह्ह्ह्ह् ” मेरी चीख निकल गई।
उन्होंने पूरा लन्ड बाहर खींचा और फ़िर पूरी ताकत से पेल दिया मेरी फुद्दी में।
“Ouuch, आह्ह्ह मारोगे क्या!” मै फिर से चिल्लाई।
फिर उन्होंने अपने कूल्हे आगे पीछे हिलाके, आपने मोटे लौड़े को मेरी कोमल फुद्दी में घुसेड़ ने लगे।
मैने कामुक सिसकियां लेते हुवे कहा “Ohhhhh आआह्ह्ह्ह्ह्ह्, इरफान चाचा क्या मैं आप को पापा बुला सकती हु, आप मेरे से काफी बड़े है”
“उषा, जो बोलना है वो बोल, भेंचौद मुझे तेरी इस कुंवारी संस्कारी चूत चोद ने का मजा लेने दे”
क्या ही बताऊं, उनकी गालियां मुझे अच्छी लगने लगी।
फिर से उन्होंने एक जोर दार झटका दिया “Ooouch, आआह्ह्ह्ह्ह्ह्, हे भगवान, मर गई मै” मेरे मुंह से आवाज निकली।
अब क्या ही बताऊ, जैसे मैने मैने कहा मर्दों को कहा कंट्रोल रह ता है।
अब तो उन्होंने मेरे हात पीछे लेके अपने कुल्हो पे रख दिए। हां जी हम टिपिकल इंडियन मिशनरी पोजीशन में चुदाई कर रहे थे।
उन्होंने थोड़ा और स्पीड बढ़ाते के जोर से फिर से अपना मोटा लौड़ा मेरी योनि के अंदर आधे से भी जादा घुसा दिया।
“उई मां, ohhhh आआह्ह्ह्ह्ह्ह् पापा थोड़ा धीरे प्लीज थोड़ा धीरे पापा” मेरे मुंह से फिर से दर्द के मारे चीख निकली
“उई मां, ohhhh आआह्ह्ह्ह्ह्ह्, पापा हाय रि मेरी किस्मत मर गई मै, पापा Ooouchhh”
जैसे के मैने कहा मर्दों को कहा कंट्रोल रह ता है।
फिर से अपना मोटा लौड़ा मेरी फुद्दी में घुसा के कहा
” चुपचाप पड़ी रह बहन की लौड़ी, आज बरसों के बाद नई चूत मिली है, और वो भी तुम्हारी वर्जिन कुंवारी संस्कारी चूत”
और फिर वह रुके नहीं। सचमुच एक पक्का मर्द था। उसकी हर एक चोट पर मुझे लगता था कि मेरी कमर टूट जायेगी, मेरी फुद्दी फट जायेगी। उन्होंने मुझे दनादन चोदना शुरू कर दिया।
“Ohh पापा, प्लीज थोड़ा रहम करो इस कमसिन अनछुई मेरी योनि पर” मैने कहा
इरफान चाचा ने कहा “उषा, तेरी ये चूत मैं ऐसी चोदूंगा ऐसी चोदूंगा भेंचोड के पूरी ढीली कर दूंगा”
“Ohh, पापा Ouuch हम्मम्म ohhh” मै तो दर्द के मारे चिल्ला रही थी।
“कैसा लग रहा है, बोल तुझे तो अब मैं पूरी चुद्दकद बना के ही छोड़ूंगा” इरफान चाचा ने कहा।
मैने कहा “ohh, पापा, एक तो ये आपका मोटा जाड़ा सामान उपरसे ये आपका वजन, मै तो पूरी दबी जा रही हु, जी”
इरफान चाचा ने कहा “तो बोल, आरहा है मजा तुझे, तुझे तो मैं अब मेरी रखैल ही बनाऊंगा”
हां जी, मैं “आह्ह आह्ह” करती रही और वह जोरो से पूरी ताकद से मुझे चोद रहे थे। उनके लगातार चुदाई के बड़े मोटे लौड़े के झटके मेरी चूत पर लग रहे थे। हां जी, पहली बार मेरी प्यारी कोमल योनि को आज एक मोटा, लंबा लौड़ा मिला था, बुड्ढे इरफान चाचा का ही सही, लेकिन उन इरफान चाचा का लौड़ा बड़ा तगड़ा था।
उनकी ठुकाई और जोर तेज से होने लगी, चुदाई करते वक्त इरफान चाचा एक तरफ मेरे स्तनों को दबा रहे थे, काट रहे थे। मुझे मालूम था के उनके काटने के निशान मेरे स्तनों पे रहे होंगे, उन्होंने मेरे स्तनों की चुचियों निप्पल को अपने मुंह में लेले अपने दातों से काटा।
मै फिर से जोर से चिल्लाई “Ooouch, पापा Ohhhh”
लगभग 200 झट के अपने मोटे लंबे लौड़े से मेरी फुद्दी को मारने के बाद वो थरथराने लगे, मै भी अब मेरी गांड नीचे से उछल उछल के उनका साथ दे रही थी। हां जी अब मुझे भी मजा आने लगा।
अब हम याने मै और इरफान चाचा आखरी मकाम पे थे।
मै समझ गई के अब उनका भी पानी निकल ने वाला है, हां जी, मेरी चूत भी अपना पानी छोड़ रही थी, अब तो मेरा भी पूरा पानी निकल ने वाला था।
हम दोनो की चुदाई की स्पीड बढ़ ने लगी।
“उषा, मेरा पानी निकल ने वाला है” इरफान चाचा ने कहा।
तभी इरफान चाचा के बड़े मोटे लौड़े का एक आखरी झटका मेरी फुद्दी के अंदर गया। और मैं जोर से चिल्लाई “Oooouch, ohh मर गई मै”
मेरी आखों से थोड़े आसू आने लगे, हांजी, मेरी योनि की सील जो फट गई थी आज। अब मैं वर्जिन नही रही।
मैने तुरंत ही पीछे से उनके बड़े कुल्हों को दबाके मेरी पर खीच कर कहा “ohh, डाल दो इरफान चाचा अपना वीर्य मेरी इस कमसिन नाजुक फुद्दी में”
फिर 200 ठोके मारने के बाद, और एक आखरी ठोका मारने के बाद, हम दोनों एक साथ झड़े। हां जी मै इरफान चाचा का गर्म गाढ़ा वीर्य मेरी फुद्दी में महसूस कर रही थी। हां जी, मैने आंखे बंद करके उनके गाढ़े वीर्य को मेरी चूत महसूस कर रही थी।
फिर इरफान चाचा मेरे ऊपर से उठने लगे तो मैने उनको पकड़, मेरे ऊपर से उठने नही दिया और के कहा “ohh, पापा प्लीज ऐसे ही लेटे रहो मेरे ऊपर, आप के ये शरीर का भरी वजन मुझे अच्छा लगने लगा है”
फिर वो वैसे ही मेरे ऊपर पड़े रहे, फिर इरफान चाचा ने कहा “उषा, एक बात पूछूं”
“हां पूछो” मैने कहा।
इरफान चाचा वैसे ही मेरे ऊपर लेट थे और ने कहा “उषा तुम मुझे पापा क्यों बोल रहीं थी”।
“पापा, मुझे मेरी उम्र के बड़े आदमी से संभोग का आनंद लेना था, एकदम इन्सेस्ट संभोग का”
हम दोनो लेते थे, वो मेरे ऊपर थे, उनके शरीर का भारी वजन मुझे अच्छा लग रहा था।
इरफान चाचा ने कहा “उषा इन्सेस्ट याने क्या”।
“इन्सेस्ट याने परिवारिक संभोग, जैसे भाई बहन, मां बेटा, पापा बेटी, बहु ससुर, सासुमा दामाद” मैने कहा
इरफान चाचा ने कहा “ohh अच्छा, मुझे लगा के”
“क्या लगा आप को” मैने कहा।
इरफान चाचा ने कहा “खैर जाने दो”
“बताओ ना, क्या, ऐसी बात को अधूरी मत छोड़ो”
मैने कहा।
इरफान चाचा ने कहा “मुझे लगा के कही तू तेरे…”
“कहो पापा क्या मेरे, बताओ ना” मैने कहा।
इरफान चाचा ने कहा “अब मैं डायरेक्ट पॉइंट पे आता हु, मुझे लगा के कही तू तेरे पापा के साथ तो नही करती”
“अरे क्या बात कर रहे हो, कुछ भी” मैने कहा।
इरफान चाचा ने कहा “तुझे क्या लगता है, तेरे पापा दूध के धुले हुवे इंसान है क्या, अरे वो भी हमारे जैसा एक नंबर का चुद्दकड़ है?”
“क्या बोल रहे हो आप इरफान पापा” मैने कहा।
इरफान चाचा ने कहा “ohh, तो तुम्हे नही पता”
मैने कुछ नही कहा।
इरफान चाचा ने कहा “उषा, तो तू ये बात अपनी सहेली पूजा से ही पूछ ले”
“क्या, कह रहे हो आप” मैने कहा।
इरफान चाचा ने कहा “तेरी सहेली पूजा ने कई बार तेरे पापा से चुदाई करवा ली है, बल्के तेरी सहेली पूजा तो ऑफीशियल रखैल है तेरे पापा की”
“Ohh, ये कैसे, क्या कह रहे हो आप” मैने कहा।
इरफान चाचा ने कहा “तो, तुझे क्या लगता है, देख आज तो तेरे पापा भी बाहर है, जरूरी काम के लिए जा रहा हु ऐसे कहा बराबर। और आज तो तेरी सहेली पूजा भी गायब है। याने क्या है मालूम है”
“क्या है , इरफान चाचा” मैने कहा।
इरफान चाचा ने कहा “तेरे पापा और तेरी सागेली आज चुदाई करने गए है, तुम्हारा गांव के बाहर एक घर है ना अपना, आज अभी दोनो वही चुदाई करते होंगे।
यह सब सुनके तो मेरे होश ही उड़ गए।
लेकिन खैर, एक शरीर को दूसरे शरीर की जरूरत होती ही है।
थोड़ी देर में मैं और इरफान चाचा अलग हो गए।
इरफान चाचा फिरभी मेरे घर शाम ४ बजे तक थे।
मैने भी उनको कुछ जरूरी काम है कह कर भगा दिया।
जब मैं उठी, तब मेरी चूत से थोड़ा खून निकल रहा था, पहली चुदाई की थी मेरी चूत की सील जो फट गई थी आज।
तो खैर मुझे, तो मजा ही आया लेकिन अभी भी दर्द हो रहा था इस पहली चुदाई का।
तो अब आगे,
उस इरफान चाचाके साथ की हुई चुदाई और उन्होंने जो पापा के बारे में बताया यह सोच ते हुवे मुझे कब नींद लग गई उसका पता भी नही चला। अब करीब शाम के ५.३० बजे थे, ६ बजे तो अमीन चाचा आने ही वाले थे।
मैने भी तुरंत चाय पी ली, अब क्या पहनू ये सोच रहि थी।
अब मै आईने में अपने आप को देखा तो इरफान चाचा के दातों और उंगलियों के निशान मेरे स्तनों पे और चुचियों पे थे।
मेरी उन स्तनों की हालत देखते ही मेरे मुंह से निकला
“हे, भगवान, बड़े बेरहमीसे काटा और निचोड़ा है मेरे इस नाजुक स्तनों और चुचियों को इस मदरचोद चाचा ने”
फिर मैने एक शर्ट पहना, और नीचे ब्लू कलर का पेटिकोट जो साड़ी के नीचे पहनते है वो पहना। मैने अपने बालों को थोड़ा सवरा, थोड़ा मेकअप किया और बड़ी बिंदी माथे पे लगाई। एकदम संस्कारी बहु, मम्मी बन के तयार थी।
अब बस खाली इंतजार था, थोड़ी ही देर में शाम के ६ बज गए। उनको आते आते ६.१५ बज गए।
दरवाजे की बेल बजी, अमीन चाचा अंदर आगये, कुछ देर मुझे ऊपर से नीचे देख ते ही रहे।
मैने कहा “अमीन चाचा, क्या अब मुझे ऐसे देखते ही रहोगे क्या, ohh, लगता है मुझे इस तरह देख ते ही अपना टाइम गवा दोगे क्या?”
अमीन चाचा मेरे नास्दिक आए, मुझे आपनी बाहोमे जाखेड़ लिया “ohh, उषा, क्या मस्त माल लग रही हो तुम”
अमीन चाचा को कंट्रोल नही हो रहा था।
“यहां नही, अमीन चाचा, अंदर के रूम में” मैने कहा।
तभी अमीन चाचा मुझे उठाया और मेरे बेडरूम में ले आए।
उन्होंने मेरी शर्ट निकलने की कोशिक की, लेकिन इरफान चाचा के दातों और उंगलियों के निशान मेरे स्तनों पे और चुचियों पे थे।
वो मै उन्हें दिख जाते इसलिए मैने शर्ट निकलने के लिए विरोध किया और मैने कहा “मैं भी गरम हो चुकी हु जी, अमीन चाचा जल्दी करो, बस अब रहा नही जाता”
अमीन चाचा ने मुझे अपनी बांहों व टांगों में भींचकर लिपटा लिया मैंने भी अपनी बाँह उसकी कमर में डाल दी और लिपट गई। अमीन चाचा तो इस मौके के इंतजार में ही थे और पूरी तरह गरम भी थे, जिसका एहसास मुझे जैसे ही उनका खडा लंड मेरी चूत टकराया तभी हुआ।
जल्दी ही उसने मेरा ब्लू पेटिकोट ऊपर किया और कहा ” वाह, उषा तुम्हारी चूत तो एकदम लंड लेने के लिए तयार दिख रही है”
तुरत ही खुद भी नंगे हो गए।
फ़िर वह सीधे ऊपर आया और लंड चूत पर टिका कर मेरे होंठ चूसने लगा।
“तो ले, मादरचोद” ऐसा मुझे बोले और उसने एक ही झटके में लौड़ा मेरी कोमल चूत में उतार दिया। इरफान की तरह उसका लंड भी खूब बड़ा और मोटा था। मैंने टांगे फ़ैला दी और फ़िर वह मेरी चूत और कमर तोड़ने में जुट गए।
उसकी ताबड़तोड़ चुदाई से मैं कराहने लगी “Ohh, चाचा थोड़ा धीरे, रहम करो मेरी संस्कारी कुंवारी योनि पे”
पर वह तो भूखे भेड़िये की तरह टूट पड रहे थे।
तभी उन्होंने अपना हाथ फिर से मेरी शर्ट में घुसके शर्ट ऊपर करने की कोशिश की, लेकिन मैने फिर से उनका हात मेरी शर्ट से दूर किया।
मै पूरी सावधानी ले रही थी, मै नही चाह थी के उनको मेरे स्तनों पे निशान दिखे जो इरफान चाचा के हांतो के निशान दिखे जो बेरहमी से मेरे दबाए, चूसे थे।
“बेंचोद, उषा आपने मम्मे तो दिखा, इतना क्या छुपा रही है!” अमीन चाचा ने कहा।
मैने कहा “ohh, पहले आप मेरी चूत की आग को शांत करो”
यह सुनते ही अमीन चाचाने फिर से अपनी चुदाई का स्पीड बढ़ाया।
फिर थोड़ी देर बाद उसने मुझे चौपाया बनाया और फ़िर पिल पडा। उसकी चुदाई इरफान चाचा से भी ज्यादा भारी थी। लगभग आधा घंटे चोदने के बाद वह झड़ गए तब जाकर मुझे कुछ चैन मिला, और उन्हें चैन मिला।
फिर वे चले गये। मै भी रात ८ बजे मेरी दुकान पे आयि।
दुकान पे तो सब कुछ ठीक ठाक था।
फिर मैने सोचा क्यों न पूजा को एक कॉल करे।
मैने “हाय, पूजा कैसी और कहा है तू, आज आई नही तू दुकान पे”
पूजा “अरे मैं बाहर हु, और आज रात नही आऊंगी”
मैने कहा “पूजा, एक बात बताऊं तुम्हे”
पूजा “हां बताओ उषा, क्या बात है”
मै “पूजा, आज वो होगया मेरे साथ, उनके साथ किया मैने”
पूजा “कहो क्या किया”
मै “वोही जो तू करती है, मेरे पापा के साथ”
पूजा ” खुल के बात करो, डरो मत कोई सुनेगा नही, तुम्हारे मुंह से सुनना चाहती हू मै”
मै “पूजा, आज दोनो बुड्ढों ने चोदा मुझे”
पूजा “ohh, आखिरकार तूने अपनी चूत की सील फाड़ हि ली उन बुड्ढों के साथ”
मै “हां, पूजा अब मैं वर्जिन नही रही”
पूजा “एक बात बताऊं उषा, सब पता है मुझे, उन दोनो बुड्ढों ने मुझे कॉल कर के थोड़ी देर पहले ही बताया”
मै “humm”
पूजा “एक बात बता पूजा, दोनो बुड्ढों ने तुझे ने साथ में चोदा किया या अलग अलग चोदा”
मै “नारे, अगल अलग चुदाई चुदाई हुई दोनो बुद्धों से मेरी”
पूजा “एक बार दोनो से साथ में चुदवा लेना, मजा आयेगा तुझे”
मै “नारे बाबा, डर लगता है, दोनो बुड्ढों के उन हरामियों के लंड बड़े मोटे है”
पूजा “अरे डर मत उषा, मजा आयेगा तुम्हे”
मै “मुझे डर लगता है, और मुश्किल भी”
पूजा “देख पूजा कुछ डर नहीं इसमें, मै तुम्हे एक आइडिया देती हु”
मै “कहो पूजा”
पूजा “जब तुम उन दोनों बुड्ढों के साथ, एकसाथ चुदाई करोगी तब खाली अपनी मुंह से कामुक आवाजे करना, अरे वो दोनो बूढ़े जल्दी एक्साइट हो जायेंगे और उनका वीर्य जल्दी छूट जायेगा, बड़ा मजा आयेगा तुम्हे”
मै “देख ती हु, लेकिन अब जब मौका मिलेगा मालूम नही”
पूजा ने काहा “अरे उषा, नेक काम के देरी किस बात की, आज रात ही मौका है, वैसे भी आज रात मैं तुम्हारे पापा के साथ हु। हां आज रात ना मैं आऊंगी और ना तुम्हारे पापा आयेंगे।”
मै “humm, देख ती हु, सोचती हु”
पूजा “अब देखना सोचना कुछ नही, उषा मजे कर आज रात उन दो बुड्ढों के लंड के साथ”
और फोन रख दिया।
कुछ ही देर में दुकान बंद किया और मैं भी घर जाके, खाना बनाने की तयारी करने लगी और तभी
इरफान चाचा का फोन आया
मै “हैलो”
इरफान चाचा “हाय चुद्दकद्द!!! कैसी है तू और तेरी कोमल चूत?”
“कौन बोल रहा है” मैं चौंक गई।
“आय! हाय! आज दोपहर को तेरी चूत की सील तोडी और तू मुझे भूल भी गई”
ओह! इरफान अंकल मैं आवाज पहचानते ही बोली। अनायास ही मेरा भी हाथ चूत पर पहुँच गया।
इरफान चाचा “क्या कर रही है अभी, अकेली ही है ना?”
“हाँ, बस खाना ही बना रही हु, क्यों क्या करना है” मैं शोखी से बोली।
इरफान चाचा “चोदना है तेरी प्यारी चूत को फिर से”
“ना बाबा ना , अब तक नहीं सम्भल पाई हूँ” मैने कहा।
इरफान चाचा “अरे जान, वो तो मौका प्रोपर नहीं था वर्ना एक हफ़्ते तक बिस्तर से नहीं उठती”
“तभी तो कह रही हूं, मुझे मरना नहीं है” मैने कहा।
इरफान चाचा “अच्छा! देख आज रात को तेरे पापा वैसे भी नही आने वाले, वो तो आज रात तेरी सहेली पूजा को जमकर चोदेंगे, तो आज रात तू मेरे के घर आजा मै अमीन को भी बुलाता हु, खाना भी वोही ऑर्डन करेंगे, और तेरी चुदाई भी करेगे”
“चाचा लेकिन एक दिक्कत है” मैने कहा।
इरफान चाचा “क्या दिक्कत है उषा”
“रात को आप के घर नही आसक्ति” मैने कहा।
इरफान चाचा “क्यो, क्यो नही आसकती?”
“आप के घर के नीचे बहुत सारे लोग होते है, वो फिर मेरे बारेमे बाते करेंगे, और मै बदनाम हो जाऊंगी” मैने कहा।
इरफान चाचा “ओह, बड़ी संस्कारी बन रही है तू, कोई बात नही, तू एक अमीन चाचा के घर आजा वैसे भी उसका घर एक कोने में है, और वहा कोई आता जाता नही”
मैने “हां जी, ठीक है जी”
इरफान चाचा “सुन, आज एकदम दुल्हन बनाना है तुझे”
मैने कहा “ठिक है, एकिन का शर्त है”
इरफान चाचा “क्या शर्त है उषा”
मैने कहा “आप मेरी साड़ी का घूंघट नही उतारोगे, मै पूरी नंगी नही होना चाहती, कुछ तो चाहिए मेरे बदन पे कपड़ा”
इरफान चाचा “कोई बात नही तू आ तो जा”
मैने “हां जी, ठीक है जी, ठीक है आती हु थोड़ी देर में”
फिर मैं फटाफट तयार हुई, मेरे दुकान पे जाके रात को दुकान खोल के, शादी की एक लाल ट्रांसपेरेंट साड़ी ली और अमीन चाचा के घर गई। की और फ़िर तैयार होके रात 11 बजे अमीन चाचा के घर पहुंच गई। मेरे पहुंचते ही इरफान चाचा और अमीन चाचा ने मेरा दिल खोलकर स्वागत किया।
अमीन चाचा ने खाने का इन्तजाम किया हुआ था। खाने के दौरान हम सब खूब गन्दी गन्दी बातें कर रहे थे मैं भी पूरी तरह खुल चुकी थी।
अब मै अमीन चाचा के घर थी, हमने खाना खाया।
अमीन चाचा के बेडरुम में बेड नही था, गद्दी जमीन पर थी। पूरा कमरा इत्र की खुशबू से महक रहा था, मैं रोमांचित हो रही थी।
तभी मैने कहा “अब तुम दोनो बाहर जाके बैठो, बस मै अब तयार होती हु, इरफान चाचा मै आप को रिंग दूंगी फिर आप दोनो आना बेडरूम में”
मै अब अमीन चाचा के बेडरुम में थी और वो दोनो इरफान चाचा और अमीन चाचा दोनो बाहर के रूम में शराब पी रहे थे।
मुझे मालूम था, आज ये दोनों गरमी बूढ़े मेरी खूब जोरदार चूत चुदाई करेंगे।
मैं एक बार फ़िर चूत चिकनी की।
मैने भी वो शादी की साड़ी पहनी, बिंदी लगाई, एकदम संस्कारी बहु बनके तयार बैठी आपनी चूत चुदाई के लिए।
अब रात के ११.३० बजे थे। मैने रिंग करते ही दोनो इरफान चाचा और अमीन चाचा बेडरूम के आगये, हां जी दोनो भी पूरे नंगे थे।
अमीन चाचा बोला “चल अब शुरू करें”
दोनों चाचा एकदम नंगे खड़े थे मेरे सामने। अमीन चाचा वैसे ही खड़े थे और कहा “उषा, चल अब ले मुंह मेरा लौड़ा”।
मैंने गद्दी पर आपने घुटनों बनके उसके लंड को मुँह में ले लिया और चूसने लगी।
इरफान चाचा मेरे पीछे आया मेरी साड़ी का पल्लू हटाया,
पूरे ताकद से अपना हात मेरे ब्लाउज में डाल के मेरा ब्लाउज खीच के फाड़ के मेरे स्तनों को आजाद कर दिया।
मै चलाई “Ooouch, ये क्या पापा आप ने तो मेरा ब्लाउज फाड़ दिया, हे भगवान”।
फिर तुरंत ही उन्होंने मेरी कमर पे बांधी हुई साड़ी में अपना हात घुसाके पूरी ताकद से मेरी साड़ी के साथ पेटीकोट और निकर नीचे खींच ली।
“Ufff!, ये क्या पापा अब आपने तो मुझे पुरा नंगा कर दिया” मैने कहा
इरफान चाचा “नंगा कहा, सिर पे घूंघट तो है तेरे अभी भी, बस खाली तेरी साड़ी थोड़ी ढीली कर दी”
तभी अमीन चाचा ने कहा “उषा, आज रात तेरी कोमल कसी हुई चूत और गांड का हलवा बना देंग”
“Ohhh, तो तुम लोग आज मेरी गांड भी चोदोगे, लगता है मार ही डालोगे तुम लोग मुझे आज” मैने अमीन चाचा का लौड़ा चूसते हुवे कहा।
मुझे लौड़ा चूसना अच्छा नही लगता इसलिए मै रूक दोनो बुड्ढों को थोड़ी देर रुकने को कहा। मना कर दिया लौड़ा चूसने के लिए।
अब दूसरा राउंड शुरू हुआ।
अब वो तीनों खेत पर आये, मैने ने साड़ी पहनी हुई थी, बल्कि खाली ऊपर ली थी। मैने ने एक नज़र इरफान और अमीन चाचा पर डाली और कहा, “क्या तुम दोनों मेरी चुदाई करना चाहोगे, मैं भी जरा देखती हु के तू दोनो मेरी कैसी चुदाई करोगे ”
इरफान चाचा ने तुरंत ही अपना अच्छा बड़ा लंड हिलाना शुरू कर दिया, मै वहीं खड़ी थी। इरफान चाचा ने अपने हाथ मेरे अच्छे बड़े स्तनों पर लेके जोर से दबाया। देखो तो वह दोनों बुड्ढे अब एकदम जानवर बन गए थे।
मैने कहा, “इरफान पापा, यह आपने ने क्या किया आपने तो मेरे कोमल स्तनों पर अपने हातो के निशान निशान छोड़ दिए?”
मै डर गई, बोली कि साड़ी खराब हो जाएगी, रुको जरा आराम से।
“अबे भेंन की लोडी, नही उतारेंगे तेरा घूंघट, नौटंकी ड्रामा मत कर” इरफान चाचा ने कहा।
इरफान चाचा ने तुरंत ही मुझ को जमीन पर डाली हुई गद्दी पर लिटा के चढ़ गए मेरे ऊपर।
इरफान चाचा का बड़ा लंड मेरी की योनि पर रख दिया, इरफान चाचा का लंड अमीन चाचा से बड़ा था। वह कितनी भी कोशिश करने के बाद भी मेरी चूत में नही घुस रहा था, आखिरकार इरफान ने अपने लंड पर ढेर सारा थूक लगाया और मेरी कसी हुई योनि में अपनी उंगलियाँ डालने लगे और अंदर बाहर करने लगे। मेरी योनि को गीला कर दिया। देखो, हाँ, देखो, यह सब अमीन चाचा अपने आखों से देख रहे थे के कैसी मेरे को उसका ही फ्रेंड इरफान चाचा चोद रहा है।
लेकिन अब इरफान चाचा ने अपना लंड मेरी के योनि पर रख दिया, देखो तो मैं कितनी चिल्लाई, “आउच, आ” अब फिर से इरफान चाचा ने मेरी चुदाई करना शुरु किया।
अब इरफान चचा मेरी चुदाई कर रहे थे यह देख अमीन चाचू भी कामुक नज़र से मेरी और देखने लगे।
मेरे मुंह से आवाज़ें निकालने लगी, “ओह्ह्ह आ उ ऊउच, यह देखकर इरफान चचा को भी उत्तेजित हो गया।
मै बोली “ओह इरफान पापा, आप अपने दोस्त अमीन पापा को कैसे भूल गये?”
इरफान चाचा ने ने अमीन चाचा की ओर देखा।
अब इरफान चचा जमीन पर लेट गया उसने मुझे अपने शरीर पर ले लिय और अमीन चाचा को इशारा किया।
मेरी गांड की गांड अमीन चाचा के सामने थी, जमीन पर इरफान चचा लेटे हुवे अपने ऊपर मुझको लेके निचेसे अपनी गांड हिला के मेरी की चूत की चुदाई करने लगे।
तुरंत ही अमीन चाचू ने अपने लंड को थूक लगाई और मेरे गांड में थूक लगाके अपना लंड मेरे में डाला।
अब नीचे इरफान चचा जो मेरी की चूत चोद रहे थे और ऊपर अमीन चाचा जो मेरी गांड चोद रहे थे, याने मै अब अब इरफान और अमीन चाचा के बीच में थी।
दोनो मुस्टंडे मुझे को जोरदार ऊपर से और नीचे से चोद रहे थे।
इस चुदाई में, मुझे इरफान और अमीन चाचा के बीच बहुत मुश्किल हो रही थी फिर भी मै वह दर्द भरी कामुक खुशी भरी आवाज निकाल रही थी। मै तो चुदाई का पूरा आनंद ले रही थी, “चोदो हा चोदो मुझे, ओह्ह्ह इरफान पापा चूत फाड़ो मेरी, ओह्ह्ह अमीन चाचा चोदो अपनी इस छिनाल उषा को आज तुम, फाड़ो मेरी गांड पापा, मेरे इस बड़े खरबूजे जैसे बड़े स्तनों को निचोड़ दो, बहुत मज़ा आ रहा है इस आप की चूड़कड़ उषाको।
आज तो मैं मेरे इन दोनो चाचा से चुदाई करवा रही हु इसका मुझे विश्वास भी नही हो रहा। “ओह्ह्ह आ ओह्ह्ह, ज़ोरदार करो तुम दोनो मेरी चुदाई, ओह्ह्ह इरफान चाचा डाल दो अपने लंड का वीर्य मेरी चूत में, भर दो मेरी चूत अपने गाढ़े वीर्य से, ओह्ह्ह अमीन चाचू तुम भी डाल दो अपना पूरा लंड मेरी गांड में, खाली करो अपने लंड, डालदो अपना पूरा वीर्य मेरी गांड में, ओह्ह्ह इरफान पापा और अमीन पापा भर दो मेरी चूत अपने वीर्य से, गोद भर दो मेरी आपने वीर्य से”। ओह्ह्ह, जरा देखो तीनों के मुंह से चुदाई की कामुक आवाजे निकल रही थी, चूत और गांड से पक पक आवाजे आरही थी, अब तो तीनों में और तेजी से चुदाई होने लगी आखिर में मेरी चूत और गांड देखो तो कैसे इरफान और अमीन चाचू के वीर्य से भर गई है। अब मै, इरफान और अमीन चाचा हमारा का चुदाई का खेल रुक गया, हम तीनों शांत हो गए थे, थोड़ी देर वैसे ही लेटे रहे एकदूसरे के ऊपर।
हांजी।
वैसे भी मुझे सेक्स चाहिए, पर मैं कई सालों से सेक्स के लिए भूखी हूँ। अब तो इरफान और अमीन चाचू नही रहे मुझसे संपर्क करो, क्या तुम मुझसे संपर्क करोगे? अब तो मैं एकदम चुद्दकड बन गई हु, अपनी चूत और गांड चुदाई के लिए फिरसे बेकरार हु।
मुझसे संपर्क करो, क्या तुम मुझसे संपर्क करोगे?
हां जी, ये संस्कारी स्त्री आप को मिलने के लिए बेकरार है।
आपकी संस्कारी कोमल मॉम ( . Y . )