मम्मी के आशिक से गांड मरवाई

मेरी गांड Xxx कहानी में मुझे गांड मरवाने का शौक था. मेरा एक दोस्त मेरी गांड मारता था. मैं एक बार नाना के घर गया था. वहां मैं अपने दोस्त को वीडियो पर अपनी गांड दिखा रहा था.

दोस्तो, मेरा नाम राहुल है. मैं कानपुर से हूँ.
मेरी उम्र 20 साल की है. मैं दिखने में सांवला सा हूँ.
मुझे प्यार से लोग गोलू बुलाते हैं क्योंकि मैं थोड़ा मोटा हूँ.

मेरे घर में मैं और मेरी मम्मी रहती हैं.
मेरी मम्मी सुनंदा की उम्र 45 साल है.
मेरे पापा अब इस दुनिया में नहीं रहे.

दो साल पहले ही हम कानपुर में नाना के साथ रहने आए थे.
मेरे नाना भी अकेले रहते थे.

मेरे नाना की राशन की दुकान है. उनकी उम्र 65 साल की है.

मेरे नाना के एक दोस्त हैं. उनका नाम सतपाल है और वे नाना जी की ही उम्र के हैं. वे अकसर हमारे घर आते रहते हैं.
सतपाल जी मेरे नाना के साथ घंटों बातें करते थे और मेरे साथ भी मजाक करते थे.

दोस्तो, मैं एक गे हूँ और यह मेरी गांड Xxx कहानी है.

मेरे एक दोस्त ने मुझे बहुत बार चोदा है.
उसका नाम राज है.
वह हॉस्टल में रहता था, पर अब छुट्टियों के कारण वह गांव गया था.

जब भी मैं उसके हॉस्टल में पढ़ाई करने जाता, वह मौका देख कर कभी मुझसे लंड चुसवाता … तो कभी मेरी गांड मारता था.

अब मुझे भी उसकी आदत हो गई.
मुझे भी उसके बिना रहा नहीं जाता.

अब हम दोनों दूर हो गए हैं तो बस चैटिंग पर ही सेक्स कर लेते थे.

एक दिन की बात है, मैं और राहुल वीडियो कॉल पर बात कर रहे थे.
उस समय मम्मी मार्केट गई थीं, तो मैं घर में अकेला था.

सामने राज पूरा नंगा होकर मुझे लंड दिखा रहा था और मुझे भी गांड दिखाने को बोल रहा था.
मैं भी अपनी पैंट निकाल कर उसे गांड दिखाने लगा.

राज- यार, मुझे तुम्हारी बहुत याद आती है. मैं रोज तुम्हारी याद में अपना लंड हिलाता हूँ.
मैं- मुझे भी बहुत याद आती है राज. मैं बस सोच रहा हूँ कि कब छुट्टियां खत्म होंगी और तुम वापस आओगे.

राज- इस बार मैं एक दिन जल्दी आऊंगा और तुम्हारे घर पर रुकूंगा.
मैं- सच में … पर उस दिन सोना मत!

राज- मैं पागल थोड़े ही हूँ, जो सोने में रात बर्बाद करूँगा. उस रात को मैं तुम्हें जम कर चोदूंगा.
मैं- तुम्हारा लंड तो पूरा खड़ा है. मुझे देख कर तो खड़ा नहीं हो गया!

राज- नहीं मेरी जान, यह तो तुम्हारा मुँह देख कर कड़क हुआ है. जब मैं आऊंगा ना … तो इसे तुम्हारे गले तक डालूंगा!
मैंने कहा- हां डाल लेना यार.

वह- अच्छा सुनो ना, तुम अकेले हो घर में … तो मेरी एक ख्वाइश पूरी करोगे?
मैं- तुम बोल कर तो दिखाओ.

राज- तुम अपनी मां की चड्डी पहन कर दिखाओ न!
मैं- रुको, मैं अभी पहन कर दिखाता हूँ.

मैं अपनी मम्मी की अलमारी से उनकी एक चड्डी निकालने गया, तो अलमारी से मुझे एक सेक्स की किताब भी मिली साथ में एक नकली केले जैसा भी कुछ था.
मैं समझ गया कि मम्मी इस केले से अपनी चूत की प्यास बुझाती हैं.

उसे साइड में रख कर मैंने चड्डी पहनी और राज को कैमरा में दिखाने लगा.

राज- तुम्हारी मां की चड्डी तुम्हें थोड़ी ढीली हो रही है. आंटी की गांड मोटी है क्या?
मैं- हां बहुत मोटी है.

राज- तुम्हारी मां किसी से गांड मरवाती होंगी.
मैं- नहीं नहीं, मम्मी का कोई अफेयर नहीं है. मम्मी तो गांड में कुछ डालती होंगी. मुझे उनकी अलमारी से सेक्स की किताब और एक केले जैसा कुछ मिला.

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राज- मुझे दिखाओ.
फिर मैंने उसे दिखाया.

राज- यार, तुम्हारी मां तो चुदाई की प्यासी हैं. ऐसा लग रहा है कि अभी आ जाऊं और तुम मां बेटे दोनों को एक साथ चोद दूं.
मैं- मेरी मां के सपने देखना बंद कर भोसड़ी के … पहले मुझे चोद. मैं मरा जा रहा हूँ.

हमें बातें करते करते बहुत देर हो गई और मुझे पता ही नहीं चला कि बाहर खिड़की से नाना के दोस्त सतपाल जी मुझे देख रहे हैं.
तभी उन्होंने मुझे आवाज दी.

मैंने जल्दी से पैंट पहनी और किताब और नकली लंड को अलमारी में रख कर दरवाजा खोलने गया.
बाहर सतपाल जी थे.

उन्होंने मुझसे मम्मी के बारे में पूछा, तो मैंने बोला कि वे मार्केट गई हैं.
वे अन्दर आकर बैठ गए और मुझे भी पास बिठा लिया.

फिर वे मुझसे इधर उधर की बातें करने लगे और बस बातें करते करते मेरी जांघों पर हाथ फेरने लगे.
मुझे थोड़ा अजीब सा लगा और मैंने उनके हाथ को हटा दिया.

सतपाल जी- क्या हुआ बेटा … अच्छा नहीं लगा क्या?
मैं चुप था, कुछ बोल ही नहीं पाया.

तभी सतपाल जी बोले- कॉल पर किससे बातें चल रही थीं.
मैं डर गया और धीमे से बोला- दोस्त था.

सतपाल जी- अच्छा दोस्त था. तुम दोस्तों से अपनी मां की चड्डी पहन कर बातें करते हो?
मैं और ज्यादा डर गया और शर्म के मारे सर नीचे करके बैठा रहा.

सतपाल जी- डरो मत बेटा, मैं किसी को कुछ नहीं बताऊंगा. मैंने जैसे तुमको उस हालत में देखा था तो मेरा लंड खड़ा हो गया.

मैं उनके मुँह से लंड खड़ा होने की बात सुनकर वहां से उठने वाला था कि सतपाल जी ने मुझे पकड़ लिया और नीचे बैठा दिया.

वे मेरी जांघों पर हाथ फेरते हुए कहने लगे- देख तेरा दोस्त तो है नहीं यहां पर … तुझे भी लंड चाहिए … तो एक बार मुझे चोद लेने दे. मैं किसी को कुछ नहीं बताऊंगा.
मैं- पर अभी मम्मी आएंगी!

सतपाल जी- अच्छा तो फिर अभी चुदाई नहीं करेंगे, पर मुझसे रहा भी नहीं जा रहा है.

तभी सतपाल जी ने मुझे गले लगाया और मेरी पीठ मसलने लगे.
फिर मेरे गले को चूमने लगे और एक हाथ मेरी टी-शर्ट के अन्दर डाल कर मेरी पीठ पर हाथ फेरने लगे.

फिर मेरे गालों को चूमते हुए होंठों पर आ गए और होंठ चूमने लगे.
मुझे थोड़ा अजीब लग रहा था, पर कुछ देर के बाद मुझे भी अच्छा लगने लगा और मैं भी उनका साथ देने लगा.

तभी उन्होंने मेरी टी-शर्ट ऊपर की और मेरे निप्पल चूमने लगे.
फिर पजामा नीचे किया और लंड बाहर निकाल कर किस करने लगे.

मैं एक हाथ से उनका लंड हिलाने लगा और किस करने में उनका साथ देने लगा.
तभी उन्होंने मेरे बाल पकड़े और सर लंड की तरफ ले कर आ गए.

मैंने झुक कर लंड का सुपारा मुँह में भर लिया और चूसने लगा.
सतपाल जी का लंड 8 इंच का था.
वे सिसकारी लेने लगे.

सतपाल जी- आह पूरा अन्दर ले … आह.
मैं पूरा लंड अन्दर लेने लगा और चूसने लगा.

मैं- पूरा अन्दर नहीं जा रहा!
तभी सतपाल जी ने मेरे सर को दबाया तो उनका लंड सीधा मेरे गले तक आ गया.

मैंने उनका हाथ हटाया और लंड बाहर निकाल कर खांसने लगा.

मैं गुस्से से बोला- आप ऐसा मत करिए. मैं कर रहा हूँ ना!
सतपाल जी- अच्छा मेरी जान सॉरी, अब नहीं करूँगा.

मैं फिर से झुका और उनका लंड चूसने लगा.
अब मैं अन्दर तक लंड को लेने लगा.

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तभी मैं उठा और खिड़की को अच्छे से बंद करके आ गया.
मैं पुनः लंड चूसने लगा.

तभी गेट खुलने की आवाज आई तो मैं झट से दूसरी तरफ बैठ गया और सतपाल जी अपने लंड को पजामे के अन्दर डाल लिया.

हम दोनों सामान्य बातें करने लगे.

तभी मम्मी की आवाज आई और मैंने दरवाजा खोला.

सतपाल जी को देख कर मम्मी उनसे बातें करने के लिए हमारे साथ ही बैठ गईं.
कुछ देर बाद सतपाल जी चले गए.

उस दिन हमें दुबारा मौका नहीं मिल पाया.

कुछ दिनों बाद मेरे नाना को किसी काम से शहर के बाहर जाना था तो नाना चले गए.
जाने से पहले उन्होंने मम्मी से दुकान संभालने के लिए कहा, तो मम्मी दुकान पर बैठ गईं.

करीब 12 बजे सतपाल जी घर आए और वे मुझसे मम्मी के बारे में पूछने लगे.
तो मैंने उन्हें बताया कि घर पर कोई नहीं है. मम्मी दुकान पर बैठी हैं.

इतना सुनते ही सतपाल जी अन्दर आ गए और मैंने दरवाजा बन्द कर दिया.
दरवाजा बंद करने के बाद मैंने खिड़कियां भी बंद कर दीं.

तभी सतपाल जी ने मुझे अपनी बांहों में भर लिया और हम दोनों किस करने लगे.
कुछ देर किस करने के बाद सतपाल जी ने मुझे नीचे बिठाया और अपना पजामा व कच्छा उतार कर लंड मेरे मुँह के आगे कर दिया.

मैं उनके लंड को चूसने लगा.
उनका लंड एकदम कड़क और टाइट था, जैसे किसी जवान लड़के का लंड हो.

मैंने लंड चूसते हुए ही अपनी पैंट और अंडरवियर उतार दी.
उन्होंने मुझे नंगा देखा तो खड़ा कर दिया और सोफे से लगा कर झुका दिया.

सतपाल जी ने अब मेरे पीछे आकर मोर्चा संभाला और मेरे कूल्हों को फैलाकर गांड का छेद देखने लगे.
उन्होंने अपनी एक उंगली थूक से गीली की और गांड के छेद के अन्दर डाल कर अन्दर बाहर करने लगे.

कुछ देर बाद उन्होंने मेरे छेद पर थूका और लंड रख कर सुपारे को घुसेड़ने के लिए धक्का देने लगे.
उनका सुपारा मोटा था तो लंड अन्दर नहीं जा रहा था.

मैंने उनसे अलग होकर अपनी गांड पर वैसलीन लगाई और उन्हें सोफे पर बैठने को कहा. फिर अपने एक हाथ से सतपाल जी का लंड पकड़ कर चूसने लगा.
दूसरे हाथ की उंगली से मैं अपनी गांड में अन्दर तक वैसलीन लगाने लगा.

कुछ देर बाद मैंने उनके लंड पर भी वैसलीन लगाई और उनकी तरफ पीठ करके लंड को मेरी गांड के छेद पर रख लिया.

सतपाल जी समझ गए कि लौंडा होशियार है, खुद से लंड ले लेगा.
वे मेरी कमर पकड़ कर लौड़े की नोक को गांड के छेद में सैट करने लगे.

मैं भी लंड सैट होते ही धीरे धीरे बैठने लगा.
वैसलीन की चिकनाई मस्त काम कर रही थी. उनका लंड हौले हौले गांड के अन्दर घुसता जा रहा था.

मुझे उनके मोटे लंड से अपनी Xxx गांड में जरा सी भी तकलीफ भी नहीं हो रही थी.

फिर सतपाल जी ने मेरी टी-शर्ट उतार कर मेरी पीठ को चूमने लगे.
मैं भी धीरे धीरे ऊपर नीचे होने लगा. कुछ देर बाद सतपाल जी ने उठने को बोला, तो मैं उठ गया.

उनका लंड मेरी गांड की टट्टी से पूरा सन गया था.
उन्होंने मेरे कूल्हे फैलाए और गांड का छेद देखने लगे.
फिर उन्होंने मुझे डॉगी जैसे झुका दिया और मेरी गांड ऊपर को करके लंड को गांड में पेला और जोर जोर से चोदने लगे.

मुझे बहुत मज़ा आ रहा था.
उनके हर धक्के में ताकत थी.
मैं कामुक सिसकारियां लेते हुए मज़े लेने लगा.

तभी वह मुझे मेरे मम्मी के नाम से बुलाने लगे- आहा आहा सुनंदा … मज़ा आ रहा है ना आह!
मैं- मैं सुनंदा नहीं … आह आह!

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सतपाल जी- थोड़ी देर के लिए तुम ही मेरी सुनंदा हो.
यह कह कर सतपाल जी ने अपने लंड को पूरा अन्दर डाल दिया और मुझसे चिपक गए.

मेरी गांड में मुझे गर्म पानी महसूस हुआ.
फिर उन्होंने लंड बाहर निकाला.
उनका लंड टट्टी और वीर्य से सना हुआ था.

हम दोनों बाथरूम में आ गए.

उन्होंने अपना लंड धोया और मुझसे चूसने को बोला.

मैं बैठ कर लंड चूसने लगा.

मेरी गांड से उनका पानी रिस रहा था, उसे भी धोकर साफ किया.
थोड़ी देर बाद सतपाल जी का लंड फ़िर से खड़ा हो गया.

वे मुझे मम्मी के बेडरूम लेकर गए और मम्मी की नाईटी पहनने के लिए कहने लगे.
मैंने मम्मी की नाईटी पहन ली.

उन्होंने मुझे लेटा दिया और मेरे पैर ऊपर उठा कर मेरी गांड में लंड डालकर चोदने लगे.

वे मेरी गांड मारते हुए मुझे किस कर रहे थे और मम्मी की नाईटी सूंघ रहे थे.

कुछ ही देर में सतपाल जी की कामुकता और बढ़ गई और वे काफी तेज गति से से धक्के देने लगे.
सतपाल जी- तुम इस नाईटी में बिल्कुल सुनंदा लग रही हो. कब से तेरी मां को चोदने का मन था.

मैं- आहा आह मां को फिर कभी चोद लेना … अभी मुझे चोदो आह उह आह!
कुछ देर बाद उन्होंने मुझे औंधा लिटाया और मेरी गांड में लंड डाल कर चोदने लगे.

पूरे रूम में पच पच की आवाज आ रही थी.
तभी सतपाल जी स्पीड बढ़ा दी और लंड बाहर निकाल कर मुझे सीधा लिटा दिया.

वे मेरे मुँह के ऊपर लंड हिलाने लगे.

मैंने समझ लिया कि अब मेरा मुँह सतपाल जी के वीर्य से भरेगा.
मैंने मुँह खोल दिया और वे झड़ गए.
उन्होंने पूरा पानी मेरे मुँह में डाला और मेरे चेहरे पर लंड फेरने लगे.

मेरा चेहरे पर टट्टी भी लग गई.
हम दोनों फिर बाथरूम में गए, वहां उन्होंने मेरा लंड चूसा और मेरा पानी निकाल दिया.

हम दोनों फ्रेश हुए और कपड़े पहन कर बाहर आकर बैठ गए.
सतपाल जी- मज़ा आया?

मैं- बहुत … और आपको?
सतपाल जी- मुझे भी ऐसा लग रहा था कि मैं तुम्हें नहीं, तुम्हारी मां को चोद रहा हूँ.

मैं- अच्छा, तो आप मम्मी को चोदना चाहते हैं.
सतपाल जी- हां यार, कब से ट्राई कर रहा हूँ, पर हाथ ही नहीं आती. जब भी मैं यहां आता हूँ और तुम्हारी मां की नाईटी उसकी गांड की दरार में फंसी होती है तो मन करता है नाईटी उतार कर उसे चोद दूं.

मैं- हम्म … ट्राई करते रहिए, मौक़ा मिल ही जाएगा.
सतपाल जी- एक बार मिल गया था, तभी तेरे नाना बीच में आ गए. मैंने बूब्स दबाना शुरू ही किया था कि वह टपक पड़ा था.

मैं- आपने बूब्स दबाए और मम्मी कुछ नहीं बोलीं?
सतपाल जी- हां वह कुछ भी नहीं बोली, बस शर्माती हुई मुस्कुरा दी थी.

मैं समझ गया था कि सतपाल जी मेरी मां चोद कर ही रहेंगे.

अब सतपाल जी मेरी मम्मी की चुदाई करेंगे तब मैं भी उन्हें अपनी मां चोदते हुए देखूँगा और आपको भी बताऊंगा.

उसके बाद यदि मां का मन किया तो उसे अपने दोस्त से भी चुदने के लिए मना लूँगा, तब मुझे अपने ही घर में दोस्त से चुदवाने की सुविधा हो जाएगी.
आपको मेरी मेरी गांड Xxx कहानी के लिए क्या कहना है, प्लीज बताएं.

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