सेठ जी की रखैल बन गई

मेरे मित्रगणों  क्या मॉल थी उसकी चुची पीकर मजा आ गया , में एक गांव की औरत हूँ और मेरी उम्र 27 साल है, मेरी शादी को दो साल हो गये है और मेरे हस्बैंड एक कम्पनी  में नौकरी करते है और उनकी नौकरी शिफ्ट में होती है, वो शराब के आदी भी है और शाम को कभी कभी तो पीकर भी नौकरी पर जाते है और वहां पर वो मशीन ऑपरेटर का काम करते है. उनकी पहचान के एक सेठ जी है जो कभी कभी हमारे घर पर आते है और वो दोनों एक साथ में बैठकर दारू पीते है. सेठ जी हमेशा मेरे जिस्म जो देखते है और जब भी में उनके सामने आती हूँ तो में हल्की सी स्माईल दे देती हूँ तो वो खुशी से फूले नहीं समाते. दोस्तों मेरी पढ़ाई BCA. तक हुई है, लेकिन फिर भी में कोई नौकरी नहीं करती और सेठ जी …

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कामवाली को उसका पति बन कर चोदा

मेरे मित्रगणों  मै आप सब का हार्दिक अभिनंदन करता हु मोटी गांड वाली लड़कियों की बात ही कुछ और है मेरे डैड का ट्रान्सफर एक छोटे से प्लेस से मेरठ  हुआ. हमारा घर सिटी से बहुत दूर था. तो वहां पर कोई काम वाली आने को तैयार नहीं थी. मेरे माँ ने हमारी पुरानी काम वाली को मेरठ  साथ में ले आई. उसका नाम कनक  था. वो थोड़ी सांवली थी. वो दिखने में अच्छी थी और उसकी हाइट मेरे जैसी ही थी 7.7 फिट. उसके बूब्स बहुत बड़े थे. अब मैं अपनी कहानी पर आता हु. ट्रान्सफर आर्डर मिलते ही, हम सब निकल पड़े इंदौर के लिए. तब हमारे पास एक डीसी मॉडिफाइड इन्नोवा थी. जिसको बेक सीटबी बिलकुल पीछे थी और एक केबिन जैसे था. डेड ड्राइव कर रहे थे और माँ उनके बगल में बैठी हुई थी. पीछे एक सीट पर मैं था और दूसरी पर हमारी कामवाली …

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कामवाली की चूत का नशा

नमस्कार मेरे मित्रगणों  और सुनाइए कैसे आप सब , मेरा नाम राहुल है और में    का रहने वाला हूँ और मेरी उम्र 26 साल है और हाईट 5.11 इंच है और मेरे लंड का साईज़ 8 इंच है और में दिखने में एकदम ठीक ठाक लगता हूँ और अब में आप सभी को ज्यादा बोर ना करते हुए अपनी आज की कहानी की तरफ ले चलता हूँ. मोटी गांड वाली लड़कियों की बात ही कुछ और है.  लड़किया क्युआ गजब चुदकड़ होती है दोस्तों दोस्तों यह मेरी आज की कहानी मेरी काम वाली बाई की है. उसकी उम्र कोई 28 साल के करीब है और वो शादीशुदा है, उसका नाम संजना  है और दिखने में बहुत ज्यादा सेक्सी है, उसका सावला रंग और उसके बूब्स का साईज़ 36-20-36 है, लेकिन वो बिल्कुल कामुक दिखती थी. मेरे मित्रगणों  क्या मॉल थी उसकी चुची पीकर मजा आ गया. संजना  हमारे घर …

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Drishyam, ek chudai ki kahani-3

हेल्लो दोस्तों, अब आगे की कहानी पढ़िए! गर्मी का मौसम था, चीलचिलाती धुप थी। अक्सर गुजरात के छोटे कस्बों में दूकानदार दोपहर को १२.३० से चार बजे के बिच में दुकान बंद कर देते हैं और घर जाकर खाना खा कर सो जाते हैं। मैंने अनुभव किया है की अक्सर इन्हीं समय काल में कई विविध रस से परिपूर्ण कहानियां जन्म लेती हैं। शायद इसी समय में कई नवशिशु के अवतरण के बीज भी बोये जाते होंगे। वैसे ही रश्मिभाई दुकान बंद करने की तैयारी में थे। उस दिन ग्राहकी कुछ ज्यादा तेज थी। रश्मिभाई की भतीजी सिम्मी उनको बुलाने के लिए आ पहुंची थी। चूँकि चाचा को आने में देर हो गयी थी, इस लिए चाची कब से बड़बड़ा रही थी की खाना तैयार था पर चाचा नहीं आये। खाली बैठी सिम्मी ने चाची को कहा, “चाची आप चिंता ना करें। मैं अभी भाग कर जाती हूँ और चाचाजी …

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