नया मेहमान-3
‘भाभी, एक आखिरी बात कहना चाहता हूँ, उम्मीद है कि आप मना नहीं करोगी। बोली- क्या? मैंने कहा- गुस्सा ना होना, मना मत करना, तभी बताऊँगा। बोली- गुस्सा नहीं होऊँगी, कहो! मैंने कहा- एक बार तुम्हें दिलाये सेट को पहने हुए तुम्हें देखना चाहता हूँ! बोली- यह तो आप बेशर्मी कर रहे हो! मैंने कहा- क्यों? तो बोली- किसी पराई स्त्री के लिए तुम ऐसा कैसे कह सकते हो? मैंने कहा- भाभी, पहले तो आप पराई नहीं मेरी सलहज हो, फिर मैं आपको जिस रूप में देख चुका, उससे तो यह रूप काफी अच्छा होगा। मैं देखना चाहता कि तुम्हारे नायाब, उन्नत ठोस भरे हुए और विशाल स्तनों पर यह ब्रा कितनी सुन्दर लगती है। अब वो चुप हो गई और अपनी तारीफ सुन वासना से परिपूर्ण होती जा रही थी। मैंने कहा- प्लीज भाभी ! कंधे पर हाथ रखकर कंधे को दबा दिया फिर अपने हाथ से उसका पल्लू …