बहन की ले ली

मैं नीलेश आपको अपनी सेक्सी स्टोरी My Hindi Sex Stories पर सुना रहा हूँ. हम भाई बहन जुड़वाँ थे तो प्यार भी बहुत था और हम जवान भी साथ साथ ही हुए. जिज्ञासाएं भी साथ जगी तो शांत भी साथ में ही की..

उस दिन हमारे शहर दार्जिलिंग में बहुत बर्फ पड़ी थी. हमारे स्कूल की २ हफ्ते की छुटियाँ हुई थी. मैं और मेरी बहन रश्मी एक ही कमरे में सोते थे. रश्मी और मैं जुड़वाँ थे. हम दोनों अभी १२ में पढ़ रहें थे और १९ साल के थे. मेरी बहन रश्मि जवान हो चुकी थी और चुदने लायक सामान हो गयी थी. मेरे कसबे के सारे जवान लड़की मेरी बहना को एक बार चोदना पेलना चाहते थे.

उस रविवार की रात को मैं और बहन रश्मि ने बड़ी मस्ती की थी. हम दोनों ने रात में २ बजे तक टीवी देखी थी. इसलिए सोमवार की सुबह हम दोनों १० बजे जगे थे. रात में हमने होरर पिक्चर देखी थी. रश्मि भूतों से बहुत डरती थी, इसलिए वो मुझसे चिपक गर सोयी थी. सुबह मैं जब जागा तो कमरे के बाहर गया. खिड़की से बाहर देखा तो बहार खूब बर्फ गिरी थी. हर तरह बर्फ की सफ़ेद चादर थी. मैंने बाथरूम में मूतने चला गया.

जब वापस आया तो देखा की रश्मी का पिछवाडा दिख रहा था. उसका लोवर जरा नीचे खिसक गया था. उसकी मस्त मस्त मक्खन जैसी कमर और उसका एक पुट्ठा दिख रहा था. मेरी नियत अपनी बहन पर खराब हो गयी थी. कितनी अच्छा होता की रश्मी मेरी बहन नही, बल्कि, मेरी माल होती. इसको लेता, इसके पेलता. कितना मजा आटा मुझको. मैंने सोचने लगा. मैंने हिम्मत की बहन को गोरी गोरी कमर के उस खुले हुए भाग पर हाथ रख दिया.

मुझे बड़ा मजा आया. मेरी बहन रश्मि नही जान पायी. मैं उसको चोदना चाहता था, उसकी गुलाबी चूत को मारना चाहता था, पर मैं मजबूर था. वो मेरी बहन थी. ये सोचकर मैं बेमन से फिर सो गया. मैं २ घंटे बाद जागा तो मेरा दिमाग खराब हो गया था. मेरी बहन रश्मि मेरे लौड़े हो चूस रही थी. मैंने देखा पर तुरंत ही मैंने आँखें बंद कर ली, क्यूंकि मैं नही चाहता था की वो डर जाए, या शर्मा जाए.

वो मेरा मोटा सा सफ़ेद गोरा खूबसूरत लौड़ा चूसना बंद कर सकती थी. इसलिए मैं जान बुझ कर आखें मूंदे हुए था. रस्मी मेरे लौड़े को पूरा का पूरा चोकलेट बार की तरह मुँह में लिए हुए थी और मस्ती से चूस रही थी. उसके काले काले गहने रेशमी बाल नीचे लटके हुए थे. मेरी गोरी स्लिम ट्रिम बहन चुदाई की देवी लग रही थी. सायद मेरा लौड़ा उसको खूब मीठा लग रहा था. इसलिए वो इसे चूस रही थी.

मैं आँख बंद कर लेटा था और दिखावा कर रहा था की मैं सो रहा हूँ. मेरी जवान हो चुकी चुदासी बहन के नरम नरम होठ मेरे लौड़े पर उपर नीचे सरक रहें थे. मैं जन्नत की सैर कर रहा था. पर जब २० मिनट हो गए तो मेरा लौड़ा झरने वाला था. मैं चुप नही रह सकता था. मुझे आँखें खोलनी ही पड़ गयी. जैसे ही मैं जागा रस्मी झेप गयी.

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भैया ?? वो मैं ? वो मै?? रश्मि सफाई देने लगी.

कोई बात नही बहना. जवानी में ऐसा हो जाता है. तुम चाहो तो मेरे साथ सम्भोग का मजा ले सकती हो! मैंने कहा

भैया पहले प्रोमिस करो की तुम मम्मी पापा को नही कहोगे, वरना वो मुझे अल्टर कहेंगी! रश्मि बोली

आई शपथ !! मैंने कहा.

उसके बाद मेरी सगी बहन मस्ती से खुलकर मेरा लौड़ा चूसने लगी. उसने मेरा बरमूडा निकाल दिया. अब मेरे बदन पर उपर सिर्फ एक सूती बनियान थी. रश्मि मस्ती से मेरा लौड़ा चूसने लगी. मैंने उसके सिर पर हाथ रख दिया, लगा जैसे उसे मैं आशीर्वाद दे रहा हूँ. वो जल्दी जल्दी सिर हिलाकर मेरा लौड़ा चूसने लगी. बड़ी देर तक हम भाई के ये सीक्रेट खेल चला. उनके बाद उनके अपनी टी शर्ट उतार दी. दोस्तों, मेरा तो दिन ही बदल गया.

बाप रे !! मेरी बहन इतनी जवान, इतनी सुन्दर, इतनी कमाल की हो चुकी है. आज मुझको पता चला. सायद तभी मेरी कॉलोनी के लड़के मेरी बहन को चोदना चाहते थे. चोद चोदकर उसकी बुर फाड़ना चाहते थे. मैं खुद को रोक ना सका और रश्मि के मम्मो पर मैं कूद पड़ा. जो मोटी रजाई ओढ़ कर हम भाई बहन सो रहें थे. मैंने उस पर ही रश्मि को लिटा दिया. उसके मम्मो को हाथ में मैंने ले लिया और दबाने लगा.

अपनी गोरी गोरी बहन के गोरी गोरी छातियाँ देख के मेरी तो आंखें ही खुल गयी थी. मैं उनको जोर जोर से दबाने लगा. बहन सिसकने लगी. फिर मैं उसकी छातियों की काली काली निपल्स को हाथ की उँगलियों से मसलने लगा. मेरी लाइफ सेट हो गयी, आज तो मेरी जिंदगी संवर गयी. मैं जोर जोर से उसकी निपल्स को मसलने लगा. मुझको तो जन्नत मिल रही थी. पर सायद रश्मि को दर्द हो रहा था. मैं नही मना और बड़ी जोर जोर से उसकी भुंडिया मसलता रहा.

रश्मी के मम्मे लाल लाल हो गए. मैं अपनी बहन पर लेट गया और उसके दूध पीने लगा. आज लगा की जिंदगी कितनी खूबसूरत है. जिंदगी में इस तरह के अच्छे अच्छे सुख भी है. मैं सगी बहन की छातियों को चबा चबा के पी रहा था. रश्मी के चूचे बड़े मुआयम थे. बिल्कुल मलाई के गोले जैसे थे. कुदरत ने मेरी बहन को बड़ी फुर्सत में बनाया था. आज मुझे उसको चोदने खाने का सौभाग्य मिला था. बहुत बड़ा आचिव्मेंट था ये. मैंने रमशी के चुच्चों को पूरा का पूरा मुँह में भर लिया था. मैं मस्ती से पी रहा था.

जब बड़ी देर तक मैं उसके दूध हो पीता रहा तो रश्मी बोली

भाई अब मेरे बूब्स ही पीते रहोगे या मुझको चोदोगे भी?? भाई! प्लीस मुझको अब कसके चोदो !! वो बोली

मैंने तुरंत उसके मम्मों को छोड़ दिया. मैंने उसकी चूत पर आ गया. बाप रे!! मेरी बहन की चूत कितनी मस्त थी. बड़ी गुलाबी गुलाबी उभरी चूत थी उसकी. मैंने अपने जलते ओंठ उसकी गरम चूत पर रख दिया और पीने लगा. मुझे बहुत मजा आया. बड़ी गरम गमर चूत थी मेरी बहन की. मैं पीने लगा. मुझे बहुत मौज आई. रश्मी ने अपनी दोनों गोरी गोरी टांगों को खोल दिया जिससे मैं आराम से उसकी चूत पी सकूँ.

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रश्मी मेरे सिर के घुंघराले बालों में उनकी उँगलियाँ फेरने लगी. जिससे मैं अच्छे से उसकी चूत पी सकूँ. सचमुच दोस्तों, मैंने कभी सोचा नही था, की अपनी बहन को चोदने खाने को मिलेगा. पर मेरी किस्मत तेज दी. मैंने हाथ से बहन की चूत के दोनों खड़े खड़े होंठों को खुलकर देखा तो पाया मेरी बहन अभी एक भी बार चुदी नही थी. वो कंवारी थी. मुझे बड़ी खुसी हुई. मैं उसकी चूत का रसपान करने लगा. रश्मी सिसकने लगी. वो जोर जोर से आंहे भर्ती, तो मैं जोर जोर से लपर लपर करके उसकी बुर पीता.

बहुत मौज आई उस सुबह दोस्तों. मैंने अपने सब कपड़े निकाल दिए. मेरा लौड़ा कबसे अपनी ताल खोक रहा था. मैंने अपना मोटा खूबसूरत लौड़ा हाथ में लिया और रश्मी की बुर पर सेट किया और मैंने पेल के धक्का दिया. रश्मी की बुर की सील टूट गयी. मेरा मोटा लौड़ा ३ इंच अंदर घुस आया. बहना रोने लगी.

मैंने कहा ‘तेरी माँ की चूत !! छिनाल, अब क्यूँ रो रही है. अब चुप रह और अपनी चूत मरवा!! मैंने कहा. रश्मी चुप हो गयी. मैंने एक धक्का जोर से मारा. मेरा ८ इंच का लम्बा लौड़ा पूरा का पूरा रश्मी के भोसड़े में गुस गया. मैंने नीचे नजर डाली तो उसकी चूत फट चुकी थी. उसके भोसड़े से खून बह रहा था. रश्मी रोटी रही, मैं धीरे धीरे उसको चोदने लगा. १५ मिनट की मेहनत के बाद उसका दर्द कम हो गया.

अब तो मैं मजे से जोर जोर से उसको चोदने लगा. कुछ देर बाद रश्मी का दर्द बिल्कुल छू मंतर हो गया. वो कमर उठा उठा के चुदवाने लगी. मैं अपनी सगी बहन की चूत पर मेहनत करने लगा. बाप रे!! मजा आ गया था दोस्तों. मैं आज तक सिर्फ मुठ ही मारता आया था. कभी सोचा नही था की १९ साल की उम्र में किसी लड़की की चूत मारने को मिल जाएगी.

मै अपनी बहन को चोद रहा था. उनको दोनों गदराई गोरी गोरी जाँघों को मैंने अपने हाथों से थाम रखा था. कभी कभी रश्मी पैरों को बंद करने की कोसिस करती थी, पर मै ऐसा नहीं होने देता था. मैं दबाकर अपनी बहन को चोद रहा था. सच में मैंने आज सब कुछ प्राप्त कर लिया था.


फट फट करके रश्मी के चुदने का शोर पुरे कमरे में गूंज रहा था. मैं मस्ती से उसकी बुर फाड़ रहा था. मैं उसको चोद रहा था. वो मुझे चुदवान रही थी. आज तक रश्मी अपनी चूत में ऊँगली करके मजे लेती थी, पर आज उसको सचमच वाला लौड़ा खाने को मिला था. लौड़े से चुदवाने में क्या सुख मिलता है आज ये उसको पता चल रहा था. मैं जोर जोर से हौंक हौंक के अपनी सगी बहन को ले रहा था. ये आलम बड़ा काबिलेतारीफ था.

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२० मिनट मैंने बहन को चोदा, पर अभी नही झडा. मैंने उत्तेजना में अपना लौड़ा उसके भोसड़े से निकाल लिया. मैंने जल्दी से अपना मुँह उसकी चूत पर लगा दिया. मेरे चोदन से रश्मी की बुर का मक्खन बाहर निकल आया था. मैं नही चाहता था की वो बेकार जाए. इसलिए मैंने अपना मुँह उसकी बुर में लगा दिया और उसके सफ़ेद गाढ़े पानी को पी गया. मेरी मेहनत का प्रसाद था वो सफ़ेद क्रीम जैसा गाढ़ा पानी.

मैंने अपनी २ बीच वाली लम्बी उँगलियाँ ली और बहन के भोसड़े में खोस दी. वो तड़प उठी. मैं जल्दी जल्दी बहन को बुर को अपने उँगलियों से चोदने लगा. रश्मी तडपने लगी. मुझे मजा आने लगा. वो जितना जादा तडपती मैं उतना जादा जल्दी जल्दी अपनी लम्बी लम्बी उँगलियों से जल्दी जल्दी उसकी बुर चलाता. वो आलम सच में देखने वाला था. मैं १० मिनट तक उसकी चूत को अपनी उँगलियों से चोदता था. फिर मैं उसे पीने लगा.

कुछ देर बाद फिर से मैंने अपना हट्टा कट्टा लौड़ा बहन के भोसड़े में डाल दिया और उसकी चूत को कुटने लगा. मैं हचक हचक के जोर जोर से अपनी बहन को चोदने लगा. मैंने अपने हाथ रश्मी के दूध पर रख दिए. मैं उसके मम्मों को दबा रहा था और उनको हचक हचक के पेल रहा था. मेरे धक्कों से पूरा पलंग हिल रहा था. चूं चूं की आवाज पुरे पलंग से आ रही थी.

मैं पक पक करके रश्मी को खा रहा था. कुछ देर बाद मैंने अपना गरम गरम माल उसके भोसड़े में छोड़ दिया. वो और मैं हम दोनों भाई बहन हाफ रहें थे. हम दोनों के पसीने छूट गए. हम सुस्ताने लगे. कुछ देर हमसे विश्राम किया.

बहन चल कुतिया बन !! तेरी गाड़ चोदूंगा !

रश्मी अपने दोनों हाथ और दोनों पैरों पर रजाई पर ही कुतिया बन गए. बाप रे !! कितने मस्त मस्त गोल गोल चूतड़ थे उसके. मैं यहाँ वहां सब जगह उसके चूतड़ चूमने लगा. बाप रे !! मेरी बहन कितनी गजब की माल थी. ये मुझको आज पता चला. मैं बड़ी देर तक उसके मस्त मस्त गोल मटोल पिछवाड़े पर चुम्मा लेटा रहा.

फिर मैंने अपनी रश्मी की गाड़ का निरिक्षण किया. मस्त कुवारी गांड थी इसकी. उसका छेद पर ढेर सारी सिलवटें थी. मैंने अपनी जीभ गांड के छेद पर लगा दी. मैं उसकी गांड किसी कुत्ते की तरह चाटने लगा. कुछ देर तक मैं अपनी बहन की गांड पीता रहा. फिर मेरा लौड़ा दूसरी बार की चुदाई के लिए खड़ा हो गया. मैंने बहन की गांड में लौड़ा डाल दिया. वो फिर से दर्द से रोने लगी. मैं चोदने लगा. मैंने बहन को आधे घंटे चोदा और गांड मारी. फिर मैं झड गया.

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