मैं घर से निकलने का ढोंग कर के पिछले दरवाजे से वापस घर में घुसा. मेन हॉल में बैठी मेरी छोटी बहन कुसुमा को पता नहीं था की मैं पीछे से चोरो की तरह घर में घुसा था. आज मैं कुसुमा को रंगेहाथो पकड़ना चाहता था. मुझे पिछले एक हफ्ते से हमारे घर के नौकर नकुल पर शक था की वो मेरी 20 साल की बहन के साथ सबंध रख रहा हैं.
मेरी बहन कुसुमा अभी कोलेज में हैं और मैं हमारे घरेलु सिरेमिक का बिजनेश देखता हूँ. मेरे पापा और मम्मी की डेथ हुए डेढ़ साल हो गया हैं. वो दोनों की एक रोड एक्सीडेंट में मौत के बाद मैं ही कुसुमा की देखभाल करता हूँ. और उसकी देखभाल में कमी ना आये इसलिए उसकी शादी के बाद ही मैंने अपनी शादी का फैसला किया हैं. लेकिन एक अरसे से मुझे लग रहा हैं की कुसुमा नकुल के साथ सेक्स कर रही हैं और मैं आजतक उसे पकड नहीं पाया था. लेकिन आज मैंने घर मे ही छिप के उन्हें पकड़ने का फैसला किया था.
मैं बाथरूम के पास स्टोररूम में जाने के रस्ते में छिप गया जहाँ अभी कोई आने वाला नहीं था.
तभी मैंने देखा की नकुल किचन से बहार आया. कुसुमा हॉल में ही बैठी अखबार पढ़ रही थी.
नकुल ने हॉल में घुसते हुए पूछा, साहब गए क्या मेमसाब?
हां तेरे साहब गए इसलिए अब मेमसाब मेमसाब बंध कर दे.
यह सुन के दोनों ही ठठ्ठा लगा के हंस पड़े. कुसुमा ने अखबार फेंका और वो उठ के नकुल के पास आई. नकुल ने अपने हाथ में रखा हुआ गमछा सोफे पर फेंका और कुसुमा को अपनी बाहों में भर लिया. कसम से ऐसा लगा की दिल में किसी ने खंजर चिभा दिया हो. मैं अपनी इस बहन के लिए अच्छे रिश्तो में से भी सब से अच्छे रिश्ते को छांटने की कोशिश में था और वो नौकर के साथ लगी हुई थी. मन तो किया की निकल के दोनों की गांड में चाक़ू घुसेड दूँ लेकिन फिर मैंने सोचा की चलो देखता हूँ किस हद तक जाते हैं यह दोनों.
नकुल की बाँहों में जाते ही कुसुमा ने अपने होंठो से उसके गालो को चूमना चालू कर दिया. मुझे कितनी ग्लानी हुई वो मैं शब्दों में नहीं बता सकता.
नकुल ने कुसुमा के बूब्स दबाते हुए कहा, रवि के सामने तो बड़ी शरीफ बनती हो और उसके जाते ही वापस मुझे ढूंढने लगती हो तुम.
कुसुमा ने नकुल के लंड को उसके पेंट में ही दबाते हुए कहा, अरे वो मेरा भाई हैं और मेरी देखभाल करता हैं मुझे इतनी तो सीमा रखनी पड़ेंगी ना.
मुझे सुन के अच्छा लगा की वो मेरी कदर तो करती थी लेकिन फिर भी नौकर की बाँहों में और उसके लंड से खेल रही बहन किस को अच्छी लगेंगी.
लेकिन उसके बाद जो हुआ वो तो अब तक जो हुआ उस से भी बुरा था!
नकुल ने कुसुमा को साइड में हटा के अपना लंड बहार निकाला. बाप रे उसका लंड तो एकदम काला और मोटा था. उसके सुपाडा नाग की तरह था जो खड़े हुए लंड की वजह से फुल के किसी गिरगिट की माफक अपनी गरदन को ऊपर किये हुए था. नकुल के लंड को कुसुमा ने अपने हाथ में लिया और उसे मुठ्ठी में दबाने लगी. नकुल ने कुसुमा की छाती पर दोनों हाथ रख दिए और वो मेरी जवान बहन की छोटी छोटी चुन्चियों से खेलने लगा. मैं खड़े खड़े अपनी बहन का संगम देख रहा था. नकुल ने अब कुसुमा के होंठो पर अपने होंठो को लगा दिया और किस करने लगी.
नकुल ने उसके होंठो को अपने होंठो से लगा के रखा था और वो एक हाथ से अभी भी उसके लौड़े का मसाज कर रही थी. और वो काला लंड तो आकर में बढ़ता ही जा रहा था. मैंने सोचा की बहार निकल के दोनों को झाड दूँ, लेकिन तभी मुझे कुसुमा के वो वाक्य याद आ गए.
अब मैं नहीं चाहता था की मैं उसे अपने सामने बगावत करने पर मजबूर कर दूँ, वो मेरे से डर रही थी और मैं उसे ऐसे ही रखना चाहता था. मैं नहीं चाहता था की वो मेरे हाथो सेक्स करते पकड़ी जाएँ और फिर उसे मेरा कोई डर ही ना रहे. आप मेरी मनोस्थिति समझ सकते हो दोस्तों, मेरी मज़बूरी जिसने मुझे बहन का सेक्स दिखाया.
नकुल ने अब अपने लंड को हाथ में पकड़ा और बोला, तुम्हारें मुह को ढूँढ रहा हैं ये तो!
कुसुमा ने अपने हाथ से नकुल को छाती पर मस्ती से मारा और वो अपने घुटनों के ऊपर बैठ गई. नकुल उसके करीब आया और कुसुमा ने अपना मुह खोला. नकुल ने फट से अपना लंड कुसुमा के मुह में धर दिया. मेरे आश्चर्य के बिच मेरी बहन उस काले लंड को चूसने लगी. वही मुह जिसे मैं चोकलेट खिलाता था अभी वो एक काला मोटा लंड चूस रहा था. कुसुमा ने नकुल के टट्टे पकडे हुए थे और वो लंड को जोर जोर से अपने मुह में चला रही थी. नकुल ने कुसुमा ने बालों को पकड़ा हुआ था और वो उसके मुह में लंड से झटके दे रहा था. कसम से शर्मिंदा करने वाला द्रश्य था. अब मेरी मुश्किल यह थी की वो लोग मेरी साइड में खड़े हुए ही सेक्स कर रहे थे. जब मैं यहाँ छीपा तो कुसुमा की पीठ मेरी और थी और अब उसका मुहं. साला मैं तो यहाँ से सर छिपा के भाग भी नहीं सकता था.
नकुल के के काले लंड को २ मिनिट और चूसने के बाद कुसुमा ने उसे अपने मुह से निकाला. लंड के ऊपर ढेर सारा थूंक लगा हुआ था. नकुल ने कुसुमा को खड़ा किया और दोनों वापस किस करने लगे.
अब कुसुमा सोफे में लेट गई और उसने अपनी स्कर्ट को खिंचा, अन्दर उसकी काली पेंटी थी जिसे नकुल अपने हाथ से खींचने लगा. कुसुमा की छोटी सी चूत देख के नकुल ने अपने लंड को थोडा मर्दन किया. कुसुमा ने नकुल के लंड को अपने हाथ में पकड़ा और बोली, आज तुम मेरी नहीं चाटोगे डार्लिंग?
नहीं आज मूड नहीं हैं!
दोनों हंस पड़े क्यूंकि शायद नकुल ने मजाक में वो कहा था.
और वो सच में कुसुमा की चूत में अपना मुह लगा के उसे जोर जोर से चाटने लगा. कुसुमा आह आह ओह ओह कर रही थी और नकुल के बालों को नोंच रही थी. नकुल ने अब अपनी एक ऊँगली कुसुमा की चूत में डाली और उसे अन्दर बहार करने लगा. कुसुमा की सिसकियाँ मेरे कानो में टकरा रही थी.
नकुल ने अब अपनी ऊँगली चूत से निकाल के कुसुमा के मुहं में डाली. कुसुमा ने अपनी ही चूत का स्वाद चखा उस ऊँगली को चाट के.
अब नकुल का लंड चूत लेने के लिए फड़क रहा था. उसने कुसुमा की टांगो को खोला और अपना सुपाडा चूत पर रख दिया. उसका लंड मोटा था इसलिए चूत में जाने में कष्ट होना ही था. कुसुमा ने अपने हाथ से लंड को पकड के उसे चूत पर सही सेट किया. नकुल ने एक झटके में आधा लंड अन्दर कर दिया.
मुझे तो लगा था की कुसुमा रो पड़ेंगी लेकिन उसके चहरे पर सिर्फ हल्का सा दुःख का भाव आया और उसने लंड चूत में सही तरह से ले लिया. इसका मतलब कुसुमा लंडखोर थी और उसके लिए लोडा चूत में लेना कुछ नया नहीं था. नकुल निचे झुका और कुसुमा के बूब्स चूसने लगा.. फिर अपनी कमर को एक झटका और दे के उसने लंड पूरा अन्दर कर दिया. कुसुमा ने अपने हाथ नकुल की कमर की और लपेटें और उसे अपनी करीब खींचने लगी. नकुल जोर जोर से अपने लौड़े को चूत में अन्दर बहार धकेलने लगा. कुसुमा भी अपनी कमर को हिला के नकुल का साथ दे रही थी.
कुछ देर तक ऐसे ही चुदाई करने के बाद नकुल ने कुसुमा को घोड़ी बना दिया. कुसुमा ने सोफे की कमर को पकड़ा हुआ था और नकुल ने पीछे से अपना लंड उसकी चूत में डाल दिया. कुसुमा आह आह ओह ओह करती गई और नकुल अपना लंड जोर जोर से उसकी चूत में धकेलता गया.
१० मिनिट्स की पूरी मस्त चुदाई के बाद नकुल ने लंड जब बहार निकाला तो उसके अन्दर से फव्वारा निकल के कुसुमा की कमर पर गिरने लगा. कम से कम १०-१५ एम्एल वीर्य निकल के कुसुमा के ऊपर आ गिरा था. कुसुमा ने पलट के नकुल के लंड को अपनी जबान से चाट के साफ़ कर दिया. नकुल ने कुसुमा को खड़ा कर के उसे किस दी और फिर दोनों अपने कपडे पहनने लगे. नकुल ने कपडे पहनते पहनते भी कई बार कुसुमा के बदन को छुआ. और एक भाई छिप के बहन की चुदाई देखता रहा.
मैंने मनोमन सोच लिया था की नकुल के चुंगल से कुसुमा को कुछ भी कर के छुड़ाना हैं और अब अगले महीने नकुल को काम से निकाल के किसी कामवाली को उसकी जगह रखना हैं!