पम्मी दीदी के साथ चुदाई का सिलसिला शुरू हुए अभी महिना ही गुज़रा था की एक दिन जब मैं और पम्मी दीदी चुदाई कर के फ्री हुए ही थे और दरवाज़े की घंटी बजी, मुझे लगा आज तो पकडे गए क्यूंकि गेट पर मेरी अपनी दीदी थी।
मैंने कपडे पहने और जा कर गेट खोला, दीदी अन्दर आ कर बोली “पम्मी आई हुई है क्या” मैंने शर्मा कर हाँ कहा तो वो हंस पड़ी और उनकी हँसी सुनकर पम्मी दीदी भी बाहर आ गयी और मैं अब हैरान था क्यूंकि उन्होंने कोई भी कपडा नहीं पहन रखा था।
पम्मी दीदी सीधी मेरी बहन चारू के पास आई और उन्होंने मेरी दीदी को उनके होठों पर किस कर लिया जिसके जवाब में मेरी दीदी ने भी उन्हें होठों पर जम्म कर चूमा, मेरे लिए ये बिलकुल नया था क्यूंकि मैंने अपनी बहन के बारे में कभी ऐसा नहीं सोचा था।
मैं सोच ही रहा था कि मेरी बहन चारू दीदी ने पम्मी दीदी से कहा “ये अच्छी तरह से करता तो है न, या अब भी सिर्फ हिलाता है” पम्मी दीदी हँसी और बोली “चारू ये तो स्टड है, तू खुद देख ले इसके साथ होती हूँ तो कपडे पहनने की इच्छा ही नहीं होती” दोनों मेरे बारे में बात कर रही थी और मैं अलग खड़ा हो कर शर्मा रहा था।
चारू दीदी ने मुझे अपने पास बुलाया, मैं उनके पास गया तो उन्होंने मेरे लोअर के ऊपर से मेरे लंड को सहलाया और कहा “सो रहा है क्या, थक तो नहीं गया पम्मी की सेवा करते करते”, मैं मुंह न्नीचे कर के खडा था और पम्मी दीदी भी उनके पास सोफे के हैंडल पर नंगी बैठी थी।
पम्मी दीदी ने कहा “नहीं नहीं इसका जवान तो अभी खड़ा हो जाएगा बस अपनी दीदी से शर्मा रहा है या हैरानी में खड़ा नहीं हो रहा” ये सुनकर दीदी ने मुझे अपनी गोद में बिठाया और मेरा हाथ ले कर अपने टी शर्ट में डाल दिया,
उनके गरमा गरम चुचे छूटे ही मेरे पूरे शरीरर में करंट दौड़ गया लेकिन मैंने घबरा कर अपना हाथ निकाल लिया तो बोली “डर मत सिर्फ पम्मी से बड़े हैं, बाकि तो तुझे ज़रूर पसंद आएँगे”।
उनकी इस बात से मेरा थोडा डर कम हुआ और मैंने उनकी टी शर्ट में खुद ही हाथ डाल दिया और उनके चुचे मसलने लगा जिस से उनकी सिस्कारियां निकलने लगीं, चारू दीदी के चुचे पम्मी दीदी से वाकई बड़े थे और निप्प्ल्स भी छूने से काफी सख्त महसूस हुई।
चारू दीदी ने मुझे कहा “चल अब गोद से उतर जा मेरे पैर दर्द होने लगेंगे नहीं तो” मैं खड़ा हो गया तो पम्मी दीदी ने मेरा लोअर खींच कर उतार दिया जिस से मैं नंगा हो गया और मैंने मारे शर्म के अपना लंड अपने दोनों हाथों से छुपा लिया लेकिन चारू दीदी ने मेरे हाथ हटाते हुए कहा “पम्मी को दे देगा लेकिन अपनी बहन को दिखायेगा भी नहीं”।
अब चारू दीदी मेरे लंड से खेल रही थी मेरे गोटे तौल रही थी, चारू दीदी ने मेरे लंड को पकड़ा और मुझे अपनी तरफ खींच कर कहा “चल अब मुझे चखा जो तूने पम्मी को चखाया है” मैंने अब बिना शर्म के अपना लंड चारू दीदी के गालों और होठों पर फिराना शुरू किया तो बोली “ओह्हो अच्छा सीख रहा है तू पम्मी से”।
चारू दीदी मेरे लंड को किसी लोलीपॉप की तरह अपने होठों से छेड़ रही थी और पम्मी दीदी उनके ढीले टी शर्ट में अपना सर घुसा कर उनके चुचों को ब्रा के ऊपर से चूस रही थी, चारू दीदी ने मेरे लंड से अपना मुंह हटाया और पूरी नंगी हो गयी।
अब वो फिर से मेरा लंड चुस्न्ने लगी और पम्मी दीदी ने उनके चुचे पीना शुरू किया, ये सब किसी पोर्न विडियो के जैसा था। चारू दीदी पूरी शिद्दत से मेरे लंड को अपनी थूक से गीला कर कर के चूस रही थी, उनकी लार से मेरे गोटे भी गीले हो गए थे और उनकी गरमा गरम जीभ के स्पर्श से मेरा लंड भी खासा गरम हो गया था।
चारू दीदी ने मुझसे कहा “तू जल्दी तो नहीं झड़ेगा” तो मैंने कहा “आप चिंता मत करो अभी अभी पम्मी दीदी को तीन दफे चोदा है सो ये लम्बा चलेगा” चारू दीदी ने घुमा घुमा कर मेरे लंड को चूसा और फिर मुझसे कहा “सबसे पहले मैं तेरा वीर्य चखना चाहती थी लेकिन अब मेरी चूत गर्म है तो डाल दे अपना लौड़ा इस में”
वो तुरंत घोड़ी बन गई और मैं उनके पीछे जा कर उनकी चूत और गांड पर अपना लंड रगड़ने लगा। इधर पम्मी दीदी ने अपनी चूत चारू दीदी के मुंह पर लगा दी जिसे वो उसी खूबी के साथ चाट रही थी जिस खूबी के साथ उन्होंने मेरा लंड चूसा था।
चौर दीदी आलरेडी काफी गर्म हो चुकी थी तो उन्होंने कहा “मत तरसा मेरे भाई, सिर्फ बाहर बाहर मत रगड़ अन्दर भी घुसा दे” मैंने तुरंत उनकी बात मानते हुए अपना लंड उनकी चूत में पीछे से पेल दिया और धक्के लगाने लगा।
मेरा लंड चारू दीदी की चूत में अन्दर जाते ही उन्होंने पम्मी दीदी की चूत चाटते चाटते ही एक जोर से उम्म्म्म किया और फिर से अपने काम पर लग गई, ये थ्रीसम काफी मजेदार चल रहा था क्यूंकि इस में हम तीनों खो से गए थे और दीदी तो दो तरफ़ा मज़े ले रही थी। दीदी की चूत वैसे तो इतनी टाइट नहीं थी लेकिन अपनी ही बहन को चोदने के ख़याल से ही मुझे उनकी चूत में और मज़ा आने लगा था।
मैंने देखा की पम्मी दीदी झड़ चुकी थी और चारू दीदी ने उनका पूरा माल चाट लिया था, मैं चारू दीदी के चुचे दबाते हुए अपने धक्के तेज़ कर दिए और उनकी आहों से पूरा ड्राइंग रूम गूंजने लगा तो पम्मी दीदी ने जा कर टी वी चला दिया और म्यूजिक चैनल लगा लिया।
म्यूजिक की रिदम में अपनी बहन को चोदते हुए मैं और जोश में आ गया था और मेरी बहन चारू भी अपनी गांड हिला हिला कर मेरे लंड को अपनी चूत में ग्राइंड कर रही थी।
पम्मी दीदी हम दोनों को देखते हुए अपनी चूत में ऊँगली डाल कर जोर जोर से हिला रही थी और ऊउह्ह अआह्ह्ह की आवाजें कर रहीं थी, मेरा ये सब देख कर कण्ट्रोल छूता जा रहा था और इसी समय मेरी बहन भी एक चीख के साथ झड़ गई मैं अब भी चोद रहा था तो चारू दीदी ने अपनी चूत में से मेरा लंड निकला और उसे मुंह में ले कर हाथ से घुमा घुमा कर चूसने लगी।
बस इस बार तो मेरा कण्ट्रोल वाकई छोट गया और मैंने ढेर सारा वीर्य उनके मुंह में छोड़ दिया लेकिन वो अब भी मेरा लंड हिला हिला कर चूस रही थी और सारा का सारा वीर्य चूस चूस कर पी गई।
हालाँकि मेरा लंड अब लटक चुका था लेकिन उनकी प्यास बुझ ही नहीं रही थी। वो बोली “यार तेरा लंड तो कमाल की सर्विसिंग देता है” मैं शरमाया तो बोली “चिंता मत कर तेरा ये छोटा चेतन एक दिन बड़ी बड़ी चूतों को भी पस्त कर देगा”।
अब हम तीनों सोफे पर बैठे मूवी देख रहे थे, मैं बीच में बैठा कभी दोनों की चूत में ऊँगली कर रहा था और कभी उनके चुचे दबा रहा था, वो दोनों भी मुझे किस करते हुए मेरे लंड से खेल रही थी। ये अब तक का मेरा सब से कमाल सेक्स अनुभव था और पहला थ्री सम भी।