दोस्त की बहन और मम्मी की चुदाई

नमस्कार मित्रो, मेरा नाम संदीप  है और मेरी हाईट 6 फुट 11 इंच है. मेरे लंड का साईज़ 5.6 इंच लंबा और 4 इंच मोटा है. ये कहानी मेरी और रवीना और उसकी मम्मी की चुदाई की है. में एक मराठी फेमिली के घर किराए से रहता था. उस फेमिली में 4 लोग थे अंकल, आंटी, रवीना और उसका भाई विजय. मेरी विजय से अच्छी दोस्ती थी. अंकल की उम्र कोई 45 साल की होगी और आंटी करीब 40 साल की होगी. विजय एक मार्केटिंग कंपनी में जॉब करता था और उसकी उम्र 22 साल की थी और रवीना 20 साल की थी, उस वक़्त मेरी उम्र 24 साल थी. ये कहानी पढ़ कर आपका लंड खड़ा नहीं हुआ तो बताना.  


 चुदाई की कहानी जरूर सुनना चाहिए मजे के लिए एक दिन मुझे पता चला कि अंकल को हाई बी.पी की वजह से पैरालिसिस अटेक आया है और विजय उस समय शहर में नहीं था और मैंने उस फेमिली को काफ़ी सपोर्ट किया, जिससे में उस फेमिली के और करीब आ गया और रवीना के भी करीब आ गया. अंकल को पैरालिसिस हो गया था इसलिए वो कुछ कर नहीं पाते थे. अब घर का खर्चा चलाना थोड़ा मुश्किल हो गया था इसलिए उन्होंने किरायेदार रखने की सोची थी. उनके घर में एक कमरा अटेच लेट बाथ था, जिसका एक दरवाजा बाहर की तरफ से था. वहा का माहौल बहुत अच्छा था  दोस्तों.

 वहा जबरजस्त माल भी थी दोस्तों  फिर विजय ने मुझसे कहा कि तू ही हमारे घर पर किरायेदार बनकर रहने आ जा, इससे मेरी चिंता भी कम हो जायेगी, क्योंकि में अक्सर टूर पर बाहर रहता हूँ और तू मेरी फेमिली के लिए अजनबी भी नहीं है और किसी को कोई प्रोब्लम भी नहीं होगी. फिर मैंने हाँ कर दी और वहाँ शिफ्ट हो गया. ऐसे माहौल कौन नहीं रहना चाहेगा दोस्तों.

 मेरा तो मन ही ख़राब हो जाता था दोस्तों  अब एक दिन विजय टूर पर था और रवीना को कॉलेज जाना था तो उसके बाथरूम का नल ख़राब हो गया. तो उसने मुझसे कहा कि क्या में आपका बाथरूम इस्तेमाल कर लूँ? तो मैंने कहा ठीक है. फिर वो मेरे बाथरूम में नहाने चली गयी. उस समय उसका बाप हाई पॉवर की मेडिसिन लेकर सोया हुआ था और मम्मी शायद पड़ोस गई थी. अब मेरे मन में सेक्स जागने लगा था और रवीना बहुत मस्त माल थी. हाईट 5 फिट, बूब्स साईज़ 34 और गांड तो बस पूछो ही मत. वो थोड़ी सांवली थी, लेकिन ऐसी माल थी कि किसी का भी लंड खड़ा हो जाए. उसको देखकर  किसी का मन बिगड़ जाये.

 उह भाई साहब की माल है उसकी चुत की बात ही कुछ और है अब में ये सोचकर ही एग्ज़ाइटेड था कि वो मेरा बाथरूम इस्तेमाल करने वाली है. अब जैसे ही वो मेरे बाथरूम में अन्दर गई और कुण्डी लगाई तो मैंने कमरे का दरवाजा लॉक किया और अपने लेपटॉप में ब्लू फिल्म चला दी. उस मूवी की आवाज़ इतनी थी कि वो सुन सके. अब मेरा लंड खड़ा होने लगा था. ओह्ह उसके यह का चुम्बन की तो बात अलग है.

 है उसके गांड मेरा मतलब तरबूज क्या गजब भाई फिर मैंने नोटीस किया कि रवीना ने धीरे से दरवाज़ा खोला और वो देखने की कोशिश करने लगी कि कमरे में क्या चल रहा है? फिर मैंने अपना अंडरवेयर और सारे कपड़े निकाल दिए और रवीना के नाम की मुठ मारने लगा. अब मेरी आँखे थोड़ी खुली थी और में देख रहा था कि रवीना दरवाज़े के कोने से चोरी-चोरी मेरे लंड को देख रही है. फिर में दरवाज़े के पास गया तो रवीना पीछे हट गयी, लेकिन वो जल्दबाजी में दरवाजा लॉक करना भूल गयी. मैंने बाथरूम का दरवाज़ा खोला और रवीना को देखकर लंड हिलाने लगा. उसकी बूब्स  देखते ही उसको पिने की इच्छा हो गयी.

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 दोस्तों मै सबसे पहले उसकी गांड मरना चाहता हु अब रवीना के कुछ समझ में नहीं आ रहा था कि वो क्या करे? फिर उसने अपना मुँह पीछे कर लिया, लेकिन वो कुछ नहीं बोली. अब में समझ गया कि लड़की चाहती तो है, लेकिन झिझक रही है. फिर मैंने झट से रवीना को पीछे से दबोच लिया और अब मेरा लंड उसकी गांड में घुस रहा था. मेरे दोनों हाथ उसकी छाती के बूब्स को दबा रहे थे और मेरे होंठ उसकी गर्दन को चूस रहे थे, अब वो छूटने की नाकाम कोशिश कर रही थी. उसको पेलने की इच्छा दिनों से है दोस्तों.


 अच्छा चुदाई चाहे जितनी कर साला फिर भी लैंड नहीं मनता दोस्तों फिर मैंने कहा कि रवीना जब से तुझे देखा है, मैंने तुझे चोदने का मन में सोच लिया था. आज मौका मिला है और आज तू मेरी और में तेरी प्यास बुझा देते है. मेरे लंड से अपनी चूत को आबाद कर दे. फिर में उसे मोड़कर उसके होंठो को चूसने लगा और उसके बूब्स दबाने लगा. अब वो भी कसमसाने लगी और मेरा साथ देने लगी. मैंने देर ना करते हुए उसे उठाकर बिस्तर पर लेटा दिया और उसे जल्दी से नंगा कर दिया. अब दो जवान नंगे जिस्म एक दूसरे के आमने सामने थे. दोस्तों मेरा तो मानना है जब भी चुत मारनी हो बिना कंडोम के ही मारो तभी ठीक नहीं सब बेकार.


 उसके बूर की गहराई में जाने के बाद क्या मजा आया दोस्तों  जैसे उसके चुत में माखन भरा हो अब मैंने उसकी चूत चाटनी शुरू कर दी, क्या मस्त गुलाबी चूत थी? और उसकी चूत से क्या अजीब मादक खुशबू आ रही थी? फिर थोड़ी देर में उसकी चूत ने पानी छोड़ दिया. अब मैंने 69 पोज़िशन में आते हुए उसकी चूत को चाटना शुरू किया और उसके मुँह को अपने लंड से चोदने लगा. उसको देखने बाद साला चुदाई भूत सवार हो जाता दोस्तों.

 मुझे तो कभी कभी चुदाई का टाइफिड बुखार हो जाता है और जब तक चुदाई न करू    तब तक ठीक नहीं होता  अब हम दोनों मजे ले रहे थे और पूरा कमरा सेक्स की मदमस्त आवाज़ों से गूँज़ रहा था. फिर में रवीना को सीधा लेटाकर उसके ऊपर चढ़ गया और उसकी चूत के ऊपर लंड का सुपाड़ा लगाकर उससे पूछा कि रवीना रानी तेरी चूत का बाजा बजा दूँ. तो उसने कहा कि हाँ चोद दो इसको, इसमें बहुत खुजली होती है, आज इसकी सारी खुजली मिटा दो. फिर मैंने कहा जो हुकम मेरी जान और फिर मैंने उसके होंठो को अपने होंठो से दबा दिया और हाथों की हथेलियों को हाथों से और उसके पैरो को फैलाकर अपनी जांघो से दबा दिया. एक बात और दोस्तों चुत को चोदते समय साला पता नहीं क्यों नशा सा हो जाता बस चुदाई ही दिखती है.

 उह यह उसकी नशीली आँखे में एक दम  चुदकड़ अंदाज है उसने अपनी कमर थोड़ी ऊँची करके एक जोरदार झटका दिया तो अब मेरा आधे से ज़्यादा लंड उसकी चूत में समा गया था और एक जोरदार आवाज़ उसके मुँह से निकलकर मेरे मुँह में चली गयी. फिर मैंने कुछ देर तक वैसे ही पड़ा रहना ठीक समझा और उसकी आँखो के आँसू को अपनी जीभ से चाटने लगा. कभी उसके होंठो को तो कभी उसके गालों को चूसने लगा. अब थोड़ी देर के बाद जब उसका दर्द कम हुआ तो उसने अपनी कमर उछाली और मैंने उसकी जोरदार चुदाई शुरू कर दी. दोस्तों देखने से लगता है की वो पका चोदा पेली का काम करती होगी.

 दोस्तों चुत को चाटेने के  समय उसके बूर के बाल मुँह में आ रहे थे अब हम पागलों की तरह एक दूसरे को अपनी बाहों में भरकर एक दूसरे में समा रहे थे. अब हम दोनों एक साथ कमर पीछे करते और एक साथ आगे कर रहे  दोस्तों मुझे तो कभी कभी चुत के दर्शन मात्र से खूब मजा आता क्योकि मई पहले बहुत बार अपने मौसी के थे. हमें उस चुदाई में बहुत मजा आ रहा था. फिर करीब 25 मिनट की चुदाई के बाद में जब झड़ने वाला था तो मैंने उससे पूछा कि में कहाँ निकालूँ? तो उसने कहा मेरे मुँह में निकालना. वो इसी बीच 2 बार झड़ चुकी थी. लड़की  को बिना पैंटी के देखा था  वाह क्या मजा आया था.

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 मन कर रहा था कब इसे चोद लू मेरा लंड समझने  को तैयार नहीं था अब में उसके मुँह में लंड डालकर झड़ गया, फिर उसने मेरा सारा पानी पी लिया और अपने होंठो से मेरा लंड साफ कर दिया. सच कहूँ दोस्तों जो मजा एक 20 साल की लड़की को चोदने में है वो ज्यादा उम्र की औरतों में नहीं आता और जो मजा औरत देती है वो लड़की नहीं देती है. फिर उसने घड़ी देखी और कहा कि मुझे देर हो रही है तो मैंने उससे पूछा कि इससे पहले किसके साथ किया है? तो उसने कहा कि अपने बॉयफ्रेंड के साथ किया है. अब बिना चुदाई के रह नहीं सकता था दोस्तों मै पागल सा हो गया.

 ओह ओह ओह है कब लंड को घुसा दू ऐसा लग रहा था दोस्तों  फिर वो बाथरूम में नहाने चली गयी और मैंने टावल लपेट कर जैसे ही अपने रूम का दरवाजा खोला तो उसकी मम्मी दरवाज़े पर खड़ी थी. मेरी तो गांड ही फट गयी, आज तो गये बेटा. अब वो चेहरे से गुस्से में थी, लेकिन उसकी आँखों में हवस और गुस्सा दोनों थे. अब उन्होंने मुझे अंदर धकेलते हुए कहा कि किसके साथ अपना मुँह काला कर रहे थे? अब मेरी तो हालत और फट गयी थी जब वो बाथरूम के पास जाकर दरवाज़ा खटखटाने लगी. मॉल था चुदाई के लायक.

 मैंने सोचा पेलुँगा जरूर  कभी न कभी  अब अंदर रवीना की भी हवा निकल रही होगी. फिर मैंने आंटी से कहा कि आंटी बस अब रहने दो, हम इस उम्र में नहीं करेंगे तो कब करेंगे? तो उसने कहा चुपकर, अगर तू मेरे घर में रहेगा तो मेरी बेटी भी बिगड़ जायेगी. फिर मैंने अब थोड़ी हिम्मत से काम लिया और पूछा आंटी कि “बेटी भी” से मतलब, इस “भी” का मतलब क्या है? तो आंटी हड़बड़ा गयी और बोली कुछ नहीं. अब मुझे समझने में देर नहीं लगी कि आंटी भी बहुत चालू है. अब उसका पति भी बीमार रहता है तो उसे भी लंड की ज़रूरत होगी, आख़िर वो भी एक महिला है. जब माल अच्छा हो तो कौन नहीं  चोदना चाहेगा  है न दोस्तों.

 चोदने के बाद थोड़ा रिलेक्स हुआ भाइयो क्या गजब मजा आया अब मैंने अपने टावल में छुपा लंड हटाते हुए आंटी से कहा कि आंटी इसको देखकर तो आप भी बिगड़ जाओगी. फिर जैसे ही आंटी ने मेरी तरफ देखा तो मेरा लंड ऊपर नीचे करने लगा, अब आंटी शांत होकर मेरा लंड देख रही थी और अब उसके चेहरे पर हवस का नशा था. अब मैंने देर ना करते हुए आंटी को अपनी बाहों में जकड़ लिया और कहा कि आंटी एक बार अपने अंदर ले लो तो आप अंकल को भूल जाओगी. अब वो थोड़ी हवसी हो गयी और बोली कि अंदर कौन है? तो मैंने कहा क्या फर्क पड़ता है? सेक्स करते समय बहुत मजा आया था दोस्तों.


 उसके ओठ रसीले थे दोस्तों मॉल गजब था दोस्तों तो उसने कहा बता ना कौन है? में किसी को कुछ नहीं बताउंगी. तो मैंने कहा आंटी मेरी एक ख्वाइश थी कि में आपको और आपकी बेटी को एक ही बिस्तर पर रगड़कर चोदूं तो आपको कोई ऐतराज़ तो नहीं होगा. तो आंटी ने कहा नहीं मुझे भी घर में एक लंड मिल जायेगा और मेरी बेटी भी बाहर मुँह मारने से बच जायेगी, जिसका मुझे हमेशा से डर रहता है. उसके लिप्स की चूसै यू ही चलती रही  दोस्तों.

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 उसके बूब्स क्या मस्त थे दोस्तों अब मै क्या कहु दोस्तों फिर मैंने कहा कि आंटी अंदर रवीना है तो आंटी हैरान हो गयी. मैंने आंटी को पीछे से पकड़कर बाथरूम का दरवाजा लॉक किया और कहा कि रवीना मेरी जान, तेरी माँ मेरी रांड बनने को तैयार हो गयी है और अब कोई ख़तरा नहीं है. अब तू दरवाज़ा खोल दे. फिर रवीना ने डरते-डरते दरवाज़ा खोला तो अब वो अन्दर पूरी नंगी थी और उसकी नज़रे नीचे थी. मैंने उसकी माँ के बूब्स को मसलते हुए कहा कि सरिता मेरी बूढ़ी रांड, इस पटाखे को क्या खाकर पैदा किया था? मेरा मन चुदाई का था दोस्तों.

 मैंने तय किया की चोद कर ही दम लूंगा उसने कहा कोई तेरे जैसा ही था जो मुझे पसंद आ गया था, ये उसकी बेटी है. मैंने कहा कि मतलब रवीना अंकल की लड़की नहीं है तो आंटी ने कहा नहीं रे वो तो नामर्द है मादरचोद, विजय उसके दूर के भाई का लड़का है और रवीना मेरी एक दोस्त के पति की लड़की है. मैंने रवीना से कहा कि तेरी माँ तो खानदानी रांड है और आज से तुम दोनों मेरी रांड हो फिर मैंने उसकी माँ को बहुत चोदा और रवीना के साथ-साथ उसकी गांड भी मारी. अब ये रोज़ का सिलसिला हो गया था, अब विजय जब शहर से बाहर रहता तो में रवीना और सरिता की जमकर चुदाई करता था और उसके बाप को नींद की गोलियाँ दे कर सुला देते थे. अब आंटी और रवीना मेरा पूरा ख्याल रखते थे. मै चुदाई के लिए बिल्कुल बेताब  था  दोस्तों.

 मुझे तो बस चुदाई की धुन सवार थी दोस्तों फिर एक दिन सरिता ने कहा कि संदीप  बेटा तुम मेरी रवीना से शादी कर लो. फिर तुम रवीना को जब चाहो चोद सकोगे और हमारे बीच भी हमेशा संबंध बना रहेगा. तुम जब चाहों हम दोनों की चुदाई कर सकते हो. फिर मैंने कहा कि वो तो ठीक है आंटी, लेकिन रांड चोदने के लिए होती है शादी करने के लिए नहीं होती है. अब आंटी को समझ में आ गया था कि में रवीना से शादी नहीं करूँगा. फिर उसने कहा ठीक है अगर तुम शादी नहीं कर सकते तो अब तुम कहीं और शिफ्ट हो जाओ. फिर में वहाँ से चला गया और उस घर में एक नया लड़का आ गया. अब में जान गया था कि अब वहाँ क्या होने वाला है? फिर कुछ महीनों के बाद मैंने रवीना की उस लड़के से शादी की खबर सुनी. फिर मैंने सोचा चलो जो हुआ अच्छा हुआ. मुझे बूर की मादक खुसबू आ रही थी जो मुझे पागल कर रहे थे दोस्तों मैंने ऐसी तरह न जाने कितने औरतो और लड़कियों बूर में चोदा पेली किया है कितनो चुत का भोसड़ा तक बना दिया और न जाने कितनो का तो सील तोड़ कर खून निकाल दिया और न जाने कितनी को तो कुवारी में ही माँ बना दिया  और मैं चोदा पेली करने के लिए कही भी और किसी भी हद तक जा सकता हु और तो और मैंने अपने गांव के किसी भी औरत और छोड़ा नहीं है जो नहीं मानती थी उनके साथ जबरजस्ती चोदा पेली किया हु  सोचिये मैं ऐसा हरामी चोदूबीर आदमी हु दोस्तों.

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