मेरे मित्रगणों मै आप सब का हार्दिक अभिनंदन करता हु, मेरा नाम सत्यदीप है और यह उस वक़्त की बात है जब में हाई स्कूल में था. हम लोग लखनऊ में रहते थे और हमारे घर में एक नौकरानी थी, जिसका नाम पिंकी था और उसकी उम्र 33 साल, फिगर साईज 38-36-40 था, वो दिखने में बहुत सेक्सी थी, लेकिन उसका रंग सांवला था और चूचियाँ तो ऐसी थी कि दोनों हाथों में एक भी ना आए और हमेशा ऐसा लगता था, जैसे कहती हो आओ मुझे चूसो प्यारे, उसकी दो शादी भी हो चुकी थी, लेकिन उसके कोई बच्चा नहीं था, में बहुत नासमझ और शर्मिला था. मोटी गांड वाली लड़कियों की बात ही कुछ और है
लड़किया क्युआ गजब चुदकड़ होती है दोस्तों फिर एक दिन में अपने दोस्तों के साथ स्कूल जा रहा था तो मेरे दोस्तों ने कहा कि एक पिक्चर लगी है देखोगे? तो मैंने कहा कि नहीं. फिर वो बोले कि चल यार किसी को कुछ पता नहीं चलेगा और फिर वो मुझे पिक्चर दिखाने ले गये, जो कि ब्लू फिल्म पर बनी थी. अब वो पिक्चर मुझे अच्छी लगी और मुझे कुछ-कुछ होने लगा था. अब में औरतों की तरफ आकर्षित होने लगा था. में हमेशा सावित्री की तरफ नज़र बचाकर देखता था, लेकिन एक दिन सावित्री ने मुझे पकड़ लिया और कहा कि क्या देख रहे हो सत्यदीप ? तो में बोला कि कुछ नहीं. फिर वो हँसी और अपना काम करने लगी, अब में डर गया था तो में उसकी तरफ भी नहीं देखता था. मेरे मित्रगणों क्या मॉल थी उसकी चुची पीकर मजा आ गया.
मै एक नंबर का आवारा चोदा पेली करने वाला लड़का हु मुझे लड़किया चोदना अच्छा लगता है फिर एक बार वो घर में 2 दिन तक नहीं आई, तो मेरी माँ ने मुझे उसके घर पर पता करने के लिए भेजा. फिर में उसके घर पहुँचा और घंटी बजाई तो मैंने देखा कि सावित्री ने दरवाजा खोला और सामने खड़ा था. फिर जब मैंने देखा कि वो सिर्फ पेटीकोट और ब्लाउज में थी, एक तो वो ग़रीब बाई थी और सेक्सी बहुत थी, उसका पेटीकोट सामने से फटा था, जिसमें से मुझे उसकी झांटे साफ-साफ़ दिख रही थी. फिर उसने तुरंत अपना पेटीकोट ऊपर खींचा और मुझे अंदर आने को कहा. मेरे प्यारे दोस्तो चुची पिने का मजा ही कुछ और है.
ये कहानी पढ़ कर आपका लंड खड़ा नहीं हुआ तो बताना लड खड़ा ही हो जायेगा फिर में अंदर गया और पूछा कि तुम आ क्यों नहीं रही हो? तो वो बोली कि कुछ नहीं, उसका पति आया था और अब चला गया है तो कल से आऊँगी, तो तभी उसका पेटीकोट फिर से गिर गया और वो शर्मा गई. अब मेरी नज़र लगातार उसके चूचिया पर थी, क्योंकि वो काफ़ी बड़े थे और उसमें से उसकी निप्पल साफ़-साफ़ दिख रही थी, क्योंकि जब उसने ब्रा नहीं पहनी थी. फिर उसने मुझे बैठाया और अंदर चली गई और साड़ी पहनकर आई. अब में अभी भी उसकी चूची देख रहा था, तो तभी वो बोली कि कोई बात है क्या? तो तभी मेरे मुँह से निकल गया कि तुम्हारी टागों के बीच में इतने बाल क्यों है? तो वो हड़बड़ा गई और मुझे घूरने लगी. मेरे मित्रगणों चुत छोड़ने के बाद सुस्ती सी आ जाती है .
क्या बताऊ मेरे मित्रगणों उसको देखकर किसी लैंड टाइट हो जाये अब में घबरा गया और बाहर निकल आया, अब में डर गया था कि कहीं वो मम्मी से ना कह दे. फिर में शाम को उसके घर पर गया और बेल बजाई, तो उसने दरवाज़ा खोला और मुझे देखकर अंदर बुलाया और बोली कि क्या है? तो मैंने बोला कि जो मैंने पूछा था, वो मम्मी से नहीं कहना. मेरे मित्रगणों मने बहुत सी भाभियाँ चोद राखी है.
मेरे मित्रगणों क्या मलाई वाला माल लग रहा था फिर वो बोली कि कहूँगी, तो में डर गया और रोने लगा और वो हँसने लगी और बोली कि डरो मत, नहीं बोलूंगी. फिर उसने मुझे अपने पास बुलाया और बोली कि तुम मूवी देखने गये थे, तो क्या हुआ? तो में उसे देखता रहा. फिर उसने मेरे दोनों गालों को चूमा और बोली कि पिक्चर कैसी लगी थी? तो मैंने कुछ नहीं कहा. फिर वो मुस्कुराकर बोली कि कोई बात नहीं, बता तो दो और फिर उसने मेरे गाल को नोंचा. फिर मैंने कहा कि अच्छी थी, लेकिन कुछ समझ में नहीं आई, क्योंकि कुछ भी नहीं दिखा और मेरे दोस्त कह रहे थे कि वो ब्लू फिल्म है.
चुदाई की कहानी जरूर सुनना चाहिए मजे के लिए फिर उसने मेरे चूतड़ पर थपकी दी और कहा कि अभी भी नहीं जानते हो कि उस पिक्चर में क्या था? फिर मैंने उसकी तरफ देखा और बाहर आ गया और फिर अपने घर चला आया.
साथियो की पुराणी मॉल छोड़ने का मजा ही कुछ और है अगले दिन मम्मी सुबह तैयार होकर मौसी के यहाँ जाने लगी. फिर मुझसे बोली कि सावित्री जब आए तो बर्तन साफ करा लेना और खाना खा लेना, जब मेरी छोटी बहन स्कूल चली गई थी और भैया कानपुर गये थे. फिर मैंने स्कूल की किताब निकाली और पढ़ने लगा. हमारे घर के बाहर छोटा सा बगीचा था और मैंने उसमें फूलों के पौधे लगाए थे और बकरियाँ उसे खा जाती थी. तभी मुझे सावित्री की आवाज़ आई, सत्यदीप जल्दी आओ, मैंने बकरी पकड़ी है, दरवाजा बंद करो. फिर में तेज़ी से आया और दरवाजा बंद किया तो मैंने देखा कि बकरी के थन काफ़ी नीचे लटके थे और सावित्री बकरी को पकड़े थी. अब सुनिए चुदाई की असली कहानी.
मेरे मित्रगणों एक बार चोदते चोदते मेरा लंड घिस गया फिर वो बकरी को पकड़कर अंदर ले आई और उसके मुँह पर कपड़ा बाँध दिया, ताकि वो चिल्लाए नहीं और मुझसे बोली कि सत्यदीप यहाँ आओ और मुझसे बोली कि ज़रा बर्तन साफ कर लूँ. फिर में उसके पास गया और पूछने लगा कि बकरी क्यों पकड़ी है? तो वो मेरी तरफ मुस्कुराकर बोली कि एक काम के लिए और फिर मेरी नज़र उसकी चूची पर पड़ी और ठहर सी गई. फिर उसने मेरी तरफ देखा और अपनी साड़ी खिसका दी, ताकि मुझे और साफ दिख सके. अब में खड़ा रहा, क्योंकि उसका ब्लाउज बगल से फटा था और उसमें से उसका बदन साफ़-साफ़ दिख रहा था. वहा का माहौल बहुत अच्छा था मेरे मित्रगणों .
मेरे मित्रगणों उस लड़की मैंने चुत का खून निकल दिया फिर उसने जल्दी से अपना काम ख़त्म किया और मुझे देखकर बोली कि आओ और पकड़कर अंदर कमरे में ले आई. फिर वो नीचे बैठ गई और बकरी के थन सहलाने लगी और बोली कि लो दूध पिओगे? तो मैंने कहा कि बकरी का. फिर वो बोली कि नहीं तो क्या मेरा? फिर वो बकरी के थन चूसने लगी और बोली कि लो अब तुम पियो और मुझे अपनी गोद में बैठाकर दूध पिलाने लगी और मेरे गाल चूमने लगी. अब मुझको लगा था कि जैसे मेरा लंड टूट जाएगा, क्योंकि अब मुझे बहुत अच्छा लग रहा था. वहा जबरजस्त माल भी थी मेरे मित्रगणों .
मेरे मित्रगणों चोदते चोदते चुत का भोसड़ा बन गया फिर उसने मुझसे पूछा कि मज़ा आया? तो मैंने कहा कि हाँ. फिर वो बोली कि आओ अंदर बेड पर चले, और फिर उसने वहाँ अपनी साड़ी उतार दी और ब्लाउज और पेटीकोट में आ गई. अब मेरा लंड तन गया था और में उसे दबाने लगा था. ऐसे माहौल कौन नहीं रहना चाहेगा मेरे मित्रगणों .
मेरे मित्रगणों एक बार मैंने अपने गांव के लड़की जबरजस्ती चोद दिया फिर उसने कहा कि क्या है? लाओ में देखूं, तो उसने झट से मेरी पैंट उतार दी और मेरी अंडरवेयर में से मेरे लंड को बाहर निकालकर देखने लगी और धीरे-धीरे मेरे लंड को सहलाने लगी. अब मेरे तो होश उड़ गये थे. फिर उसने मेरे लंड को अपने मुँह में लिया और चूसने लगी. उह क्या मॉल था मेरे मित्रगणों गजब .
मेरा तो मन ही ख़राब हो जाता था मेरे मित्रगणों अब में हैरान था और बोला कि क्या कर रही हो? तो वो बोली कि तुम्हें पिक्चर समझा रही हूँ और फिर उसने मेरे लंड को कसकर दबाया और बोली कि मेरे राजा तुम लैडीस को बहुत घूरते हो, आज में तुम्हारी हर इच्छा पूरी कर दूँगी और फिर उसने मेरा हाथ अपनी बहुत बड़ी-बड़ी चूचियों पर रख दिया, तो मेरा लंड झटका खा गया, क्योंकि मैंने पहली बार किसी चूची को छुआ था. क्या बताऊ मेरे मित्रगणों मैंने चुदाई हर लिमिट पार कर दिया.
कुछ भी हो माल एक जबरजस्त था फिर मैंने कसकर उसकी चूची पकड़ ली और दबाता चला गया तो वो चिल्ला पड़ी, बस करो नहीं तो टूट जाएगी. फिर मैंने उसकी चूची को उसके ब्लाउज के ऊपर से चूसना शुरू किया. फिर वो बोली कि ब्लाउज तो उतार दो. फिर मैंने एक-एक करके उसके ब्लाउज के बटन खोले और जैसे ही मेरे सामने उसके दोनों चूचिया आजाद हो गये तो में उनसे चिपक गया. अब मेरा लंड उसके फटे हुए पेटीकोट के अंदर था और उसकी चूत को टच कर रहा था. उसको देखकर किसी का मन बिगड़ जाये .
मेरे मित्रगणों मैंने किसी भाभी को छोड़ा नहीं है फिर उसने मेरा हाथ अपनी दोनों चूचियों पर रखा और बोली कि लो मेरा दूध पी लो, तो में चालू हो गया और एक-एक करके उसकी दोनों चूचियों को छूने लगा. फिर आधे घंटे तक चूसने चाटने के बाद वो बोली कि बस करो, क्या खा ही जाओगे? तो में रूक गया. फिर उसने अपना पेटीकोट उतारा और मुझे अपनी चूत दिखाई और बोली कि कभी देखी है? तो मैंने कहा कि नहीं. फिर वो बोली कि लो इसको चाटो तो मैंने तुरंत उस पर अपनी जुबान रख दी और चाटने लगा. उह भाई साहब की माल है उसकी चुत की बात ही कुछ और है.
मेरे मित्रगणों एक बार स्कूल में चुदाई कर दिया बड़ा मजा आया अब उसकी झांटे मेरे मुँह में जाने लगी थी तो मैंने कहा कि इसे साफ तो करो. फिर उसने मेरे पापा के रेज़र से अपनी चूत के सारे बाल साफ कर दिए और बोली कि लो अब ठीक है. तब तक में उसकी चूची ही चूसता रहा और अब मुझे बहुत मज़ा आ रहा था और मैंने पहली बार ऐसा किया था और फिर में बहुत देर तक उसकी चूत को चाटता रहा. मेरे मित्रगणों चोदते चोदते कंडोम के चीथड़े मच गए.
ओह्ह उसके यह का चुम्बन की तो बात अलग है फिर उसने मुझे 69 पोज़िशन में लिया और मेरा लंड चूसने लगी. अब 15 मिनट में मेरा जूस निकलने लगा था. फिर मैंने कहा कि सावित्री मुझे कुछ हो रहा है. फिर वो बोली कि मेरे मुँह में ही होने दे, तू अपना काम करता जा. फिर तभी मैंने कहा कि मुझे चूचिया पीना है तो उसने फिर से बकरी का थन मेरे मुँह में लगा दिया. फिर मैंने कहा कि इसका नहीं तुम्हारा. फिर वो बोली कि आज से जब मन चाहे तब मेरा दूध पी लेना, में तुम्हें नहीं रोकूंगी. एक बार मैंने अपने मौसी की लड़की को जबरजस्ती चोद दिया उसका भोसड़ा का छेड़ गजब का था मेरे मित्रगणों .
उसकी बूब्स देखते ही उसको पिने की इच्छा हो गयी मेरे मित्रो मामा की लड़की की चुदाई में बड़ा मजा आया है उसके गांड मेरा मतलब तरबूज क्या गजब भाई फिर मैंने उसके चूचिया पर अपने दाँत गड़ा दिए तो वो चिल्ला पड़ी, मत करो दर्द होता है और फिर बोली कि क्या तुम मुझे चोदना चाहते हो? तो मैंने कहा कि यह कैसे होता है? फिर वो बोली कि जब इतना सिखा दिया है तो और भी सिखा दूँगी मेरे राजा. मेरे मित्रगणों कई बार जबरजस्ती शॉट मरने में चुत से खून निकल गया मेरे मित्रगणों मै सबसे पहले उसकी गांड मरना चाहता हु .
उसको पेलने की इच्छा दिनों से है मेरे मित्रगणों फिर उसने मुझसे कहा कि जब में कहूँ तो तुम अपना लंड मेरी चूत में डाल देना और दनादन धक्के लगाना. बस फिर क्या था? यह तो कोई मुश्किल नहीं थी और फिर मैंने उसके होंठो को चूसना शुरू किया और 15 मिनट तक हम एक दूसरे को प्यार करते रहे. फिर उसने मुझे खींचा और मेरे लंड को अपनी चूत पर रखा और इशारा किया तो मैंने जैसे ही धक्का मारा तो वो चिल्ला पड़ी. अच्छा चुदाई चाहे जितनी कर साला फिर भी लैंड नहीं मनता मेरे मित्रगणों .
मेरे मित्रगणों मेरा तो मानना है जब भी चुत मारनी हो बिना कंडोम के ही मारो तभी ठीक नहीं सब बेकार फिर मैंने उसके होंठो को अपने कब्जे में लिया और धक्के पर धक्का मारता रहा. अब सावित्री भी अपने चूतड़ उछाल- उछालकर मेरा साथ दे रही थी और गूऊऊऊऊ, गाआआआआआअ, आआआहह मेरे राजा, मेरे यार, मेरे प्यारे और चोदो मुझे, मेरी चूत फाड़ डालो, मुझे अपने बच्चे की माँ बना दो, मुझे मसल डालो और ना ज़ाने क्या-क्या चिल्लाती रही? फिर 15 मिनट के बाद मेरा लंड झड़ गया और मैंने उसकी चूत में ही मेरा सारा पानी निकाल दिया. उसके बूर की गहराई में जाने के बाद क्या मजा आया मेरे मित्रगणों जैसे उसके चुत में माखन भरा हो.
उसको देखने बाद साला चुदाई भूत सवार हो जाता मेरे मित्रगणों फिर वो थक गयी और बोली कि मज़ा आ गया राजा. में इस चुदाई को हमेशा याद रखूंगी, तुमने तो मेरी जवानी खिला दी, तुम्हारा लंड बहुत बड़ा है. फिर मैंने कहा कि सावित्री क्या यही चुदाई है? तो वो बोली कि हाँ मेरे राजा तुमने अपनी सावित्री को चोद दिया है, अब तुम जहाँ बोलो, जब बोलो में तुमसे चुदूंगी और फिर एक बार मैंने उसकी चूची को चूसा. मुझे तो कभी कभी चुदाई का टाइफिड बुखार हो जाता है और जब तक चुदाई न करू तब तक ठीक नहीं होता.
एक बात और मेरे मित्रगणों चुत को चोदते समय साला पता नहीं क्यों नशा सा हो जाता बस चुदाई ही दिखती है अब मेरा लंड फिर से खड़ा हो गया था और में फिर से सावित्री पर चढ़ गया और उसे पेलने लगा. अब वो मना कर रही थी, लेकिन में नहीं माना और फिर जब में वापस से झड़ा तो वो बोली कि राजा तुम तो बड़े वो हो, मेरे मना करने पर भी मुझे चोद दिया, में तो तुम्हें बच्चा समझ रही थी, लेकिन तुम तो बड़े निकले और फिर वो मेरे लंड को चाटने लगी. उह यह उसकी नशीली आँखे में एक दम चुदकड़ अंदाज है.
मेरे मित्रगणों देखने से लगता है की वो पका चोदा पेली का काम करती होगी फिर मैंने कहा कि मुझे पेशाब आ रही है. फिर वो बोली कि चलो में करा दूँ और वहाँ उसने मेरा सारा पेशाब अपने मुँह में लेकर पी लिया और बोली कि चलो आज ही तुम्हें चोदना सिखा दिया, अब तुम मेरी गांड मार लो. फिर मैंने कहा कि यह क्या है? तो उसने अपना चूतड़ मुझे दिया और बोली कि यह छोटा सा छेद है और इसे गांड कहते है, मगर इसे मारने में दर्द होगा. मेरे मित्रगणों चुत को चाटेने के समय उसके बूर के बाल मुँह में आ रहे थे.
मेरे मित्रगणों मुझे तो कभी कभी चुत के दर्शन मात्र से खूब मजा आता क्योकि मई पहले बहुत बार अपने मौसी के लड़की को बिना पैंटी के देखा था वाह क्या मजा आया था फिर मैंने उसकी गांड पर अपना हाथ मारा, लो मार दी. फिर वो हँसने लगी और मेरे होंठो को चूसते हुए बोली कि राजा जी इसमें अपना लंड तो डालिए, जैसे मेरी चूत में डाला था. फिर मैंने झट से अपना लंड उसकी गांड पर रखा और एक धक्का मारा, तो वो चिल्लाई राजा पहले तेल तो लगाओ, नहीं तो बहुत दर्द होगा और लंड अंदर भी नहीं जाएगा. अब चुदाई करने को १००% तैयार थी .
मन कर रहा था कब इसे चोद लू मेरा लंड समझने को तैयार नहीं था . फिर वो उठी और नंगी ही तेल लेने गई, अब उसके मोटे-मोटे चूतड़ ऐसे हिल रहे थे कि मेरा दिमाग़ ख़राब हो गया और मैंने दौड़कर उसे पीछे से पकड़ लिया और उसे आँगन में ही कुत्तियाँ बनाकर अपने लंड पर तेल लगाया और उसकी गांड पर रख दिया. फिर वो बोली कि अंदर चलो, लेकिन में नहीं माना और एक धक्का मार दिया. अब बिना चुदाई के रह नहीं सकता था मेरे मित्रगणों मै पागल सा हो गया ओह ओह ओह है कब लंड को घुसा दू ऐसा लग रहा था मेरे मित्रगणों चोदने के बाद थोड़ा रिलेक्स हुआ भाइयो क्या गजब मजा जब माल अच्छा हो तो कौन नहीं चोदना चाहेगा है न मेरे मित्रगणों आया सेक्स करते समय बहुत मजा आया था मेरे मित्रगणों.
उसके ओठ रसीले थे मेरे मित्रगणों मॉल गजब था मेरे मित्रगणों अब मेरा थोड़ा सा लंड उसकी गांड में अंदर चला गया था कि वो रोने लगी, बहुत दर्द हो रहा है. फिर मैंने पूछा कि क्या तुम्हारा पहली बार है? तो वो बोली कि हाँ दीदी मरवाती है, तो मैंने सोचा कि में भी मरवा लेती हूँ, लेकिन मेरी मेरे पति से कहने की हिम्मत नहीं होती थी, इसलिए तुमसे कहा, लेकिन बहुत दर्द हो रहा है, मत करो. उसके लिप्स की चूसै यू ही चलती रही मेरे मित्रगणों.
मेरे मित्रगणों वो मदहोस थी चुदाई के लिए फिर मैंने कहा कि हो सकता है शुरू-शुरू में दर्द हो और फिर बाद में नहीं हो. फिर वो बोली कि ठीक है जो चाहे करो, मारो मेरी गांड राजा जी, आपकी ही चीज़ है, जैसे चाहे इस्तमाल करो. फिर मैंने दूसरा धक्का लगाया तो वो फिर से चिल्लाई. फिर मैंने मेरा लंड वापस बाहर खींचा और फिर से पूरा का पूरा 7 इंच लंड झटके के साथ अंदर डाल दिया और फिर धक्के पर धक्का मारता रहा और वो चिल्लाती रही, बस करो, फट गई मादरचोद, बहनचोद, लेकिन में नहीं माना. उसके बूब्स क्या मस्त थे मेरे मित्रगणों अब मै क्या कहु मेरे मित्रगणों.
मेरा मन चुदाई का था मेरे मित्रगणों 15 मिनट के बाद वो भी मज़ा लेने लगी और कुत्तिया जैसे उछलने लगी, गाना गाने लगी और जब ही में फिर से झड़ गया. फिर वो बोली कि राजा जी आज तो में जवान हो गई, मज़ा आ गया है, दिलखुश हो गया. फिर मैंने भी कहा कि मुझे भी बहुत मजा आया और उसकी चूची चूसने लगा, जो अब मेरे हाथों में नहीं आ रही थी. अब में लगातार उसके निप्पल चबा रहा था और वो मेरे बालों को सहला रही थी और ऐसे मैंने 18 साल की उम्र में पहली चुदाई की और फिर मैंने मेरी सेक्सी सावित्री को 2 साल तक चोदा. मैंने तय किया की चोद कर ही दम लूंगा मुझे तो बस चुदाई की धुन सवार थी मेरे मित्रगणों दिन रात बस चुदाई ही चुदाई ख्याल मेरे मित्रगणों और कुछ नहीं.