नौकरानी पूजा की कुँवारी चूत का उद्घाटन


नमस्कार साथियों, मेरा नाम पेश है और मैं महरौली का रहने वाला हूँ। मैं आज आपको एक सच्ची कहानी बता रहा हूँ। मैं जब पुणे में एक फ्लेट लेकर रहता था, तो वहाँ पर बाजू के मकान में एक नौकरानी काम करती थी, उसका नाम पूजा था। उसकी उम्र करीब 21 साल होगी और उसके बूब्स बड़े-बड़े थे, जब वो चलती थी तो उसके बूब्स हिलोरे लेते रहते थे.

उसके बूब्स  देखते ही मेरा लंड खड़ा हो जाता था, मैं हर दम सोचता था कि इसको कैसे चोदा जाए? फिर एक दिन मैंने उससे बोला कि पूजा तुम मेरे फ्लेट की भी रोज सुबह साफ सफाई कर दिया करो, में तुम्हें 1000 रुपए महीने दूँगा। तो वो तैयार हो गयी और अब वो रोज सुबह 7 बजे आकर साफ सफाई कर दिया करती थी और मैंने फ्लेट की एक चाबी उसके पास भी रख दी थी क्योंकि में सुबह सोया रहता था.

फिर आख़िर में एक दिन मुझे मौका मिल ही गया. फिर एक दिन में जब सुबह उठा तो मैंने चाय के लिए पूजा को आवाज़ दी. तो कोई जवाब ना पाकर मैंने सोचा कि वो घर चली गयी होगी, अब मुझे लेट हो गया था इसलिए में सीधा अपने कपड़े उतारकर नहाने के लिए स्नानघर में घुसा.

स्नानघर में घुसते ही मैंने देखा कि पूजा नहा रही थी, उसके बदन पर एक धागा तक नहीं था, वो पूरी नंगी थी, उसकी पीठ मेरी तरफ थी इसलिए उसने मुझे नहीं देखा था और शायद वो स्नानघर का दरवाज़ा बंद करना भूल गयी थी. अब मैंने सोच लिया था कि आज तो में इसे जरूर चोदूंगा. फिर मैंने चुपके से उसके सारे कपड़े उठाए और बाहर आ गया और ड्रॉईग रूम में बैठ गया.

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फिर थोड़ी देर बाद मुझे उसका चेहरा स्नानघर के दरवाज़े से बाहर झांकता दिखाई दिया और वो बोली कि साहब मेरे कपड़े दे दीजिए. तो मैंने कहा कि खुद आकर ले लो, तो वो अपने दोनों बूब्स को अपने दोनों हाथों से ढककर बाहर आई. अब मेरे सामने एक लड़की बगैर कपड़ो के खड़ी थी, तो यह देखकर मेरा लंड तनकर खड़ा हो गया.

मैंने उससे कहा कि तुम बहुत सुंदर हो पूजा. तो वो शरमा गयी और मेरी हिम्मत बढ़ी और में खड़ा हो गया. अब मेरे खड़े होते ही मेरा लंड और तन गया था और मेरा 7 इंच का लंड देखकर उसकी आखें फैल गयी थी. फिर में उसके पास गया और उसेके बूब्स को दोनों हाथों से पकड़ कर खीचने लगा और फिर मुह भर भर के चूसने लगा तो पहले तो उसने विरोध किया, लेकिन फिर वो भी मेरा पूरा साथ देने लगी. फिर मैंने उसके बूब्स को छोड़ा और नीचे आकर उसके भोसड़े को चाटने लगा लगा. फिर मैंने उसे बाहों में उठाया और बेडरूम में ले गया और बेड पर लेटाकर उसके दोनों पैरो को फैलाया और उसकी चूत को चाटने लगा.

उसकी चूत मखन की तरह चिकनी थी. मुझे चूत चाटना बहुत पसंद है तो में बहुत देर तक उसकी चूत को चाटता रहा और वो मेरा सिर पकड़कर साहब, साहब और करो, बहुत अच्छा लग रहा है बोले जा रही थी.

थोड़ी देर बाद मैंने उसकी कुंवारी चूत में अपनी दो उंगलियाँ घुसा दी और अंदर बाहर करने लगा. अब वो गर्म हो रही थी, अब वो बेताबी में अपने दोनों हाथों से अपनी चूचीयों को मसलने लगी थी. अब उसके मुँह से आह, ओह और करो, फाड़ दो मेरी चूत सुनकर मेरा जोश और बढ़ गया था. फिर मैंने अपना लंड उसके मुँह में डाल दिया, तो वो उसे लॉलीपोप की तरह चूसने लगी और फिर मैंने उसकी चूत को जी भरकर चूसा. अब हम दोनों 69 पोज़िशन में थे.

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मैंने उससे कहा कि पूजा अब में तुम्हारी कुंवारी चूत को फाड़ दूंगा. अब वो तो पहले से तैयार थी तो उसने कहा कि हाँ साहब अब इस चूत को फाड़ दो, अब और रहा नहीं जाता है. फिर मैंने अपना लंड उसकी चूत के मुँह पर रखा और एक धक्का दिया तो मेरा लंड थोड़ा अंदर चला गया, तो वो चीख उठी और बोली कि आह धीरे करो दर्द होता है, लेकिन मैंने उसकी बात अनसुनी कर अपना काम जारी रखा.

अब मेरा लंड पूरा घुसते ही उसकी चूत फट गयी थी और वो छिपकली की तरह मेरे सीने से चिपक गयी थी. फिर में अपना लंड तेज़ी से उसकी चूत में अंदर बाहर करने लगा और मैंने उसे कस-कसकर चोदा. अब वो भी अपनी गांड उछाल-उछालकर मेरा पूरा साथ दे रही थी.

बहुत देर तक चोदने के बाद में उसकी भोसड़ी में ही झड़ गया और उसके सीने पर अपना सिर रखकर लेट गया. फिर थोड़ी देर बाद मैंने उसकी चूचीयों के बीच में अपना लंड रखा और उसकी चूचीयों को चोदने लगा तो थोड़ी देर में मेरा लंड फिर से तैयार हो गया. फिर मैंने उसे डॉगी स्टाइल में बैठाया और उससे कहा कि पूजा अब में तुम्हारी गांड मारूँगा, तो वो डर गयी और बोली कि नहीं साहब मेरी गांड मत फाड़ो, बहुत दर्द होगा, आपका लंड बहुत मोटा है.

फिर मैंने उसे समझाया कि पहले थोड़ा दर्द होगा, लेकिन फिर बहुत मज़ा आएगा, तो वो तैयार हो गयी. फिर मैंने उसकी गांड के अंदर बाहर वेसलिन लगाई और अपना लंड घुसाने लगा तो मेरा लंड थोड़ा अंदर चला गया, तो वो दर्द से छटपटाने लगी और छूटने की कोशिश करने लगी, लेकिन मैंने उसके बाल पकड़े रखे और धक्के लगाता रहा.

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अब वो रोने लगी थी कि रहम करो साहब, मुझे छोड़ दो, दया करो, लेकिन अब मुझे उस पर जरा भी दया नहीं आई और मेरा लंड उसकी गाड़ को फाड़ता रहा. फिर थोड़ी देर बाद उसे भी मज़ा आने लगा और वो आराम से चुदने लगी. फिर काफ़ी देर तक चोदने के बाद में उसकी गांड में ही झड़ गया. फिर मैंने उससे पूछा कि क्यों पूजा मज़ा आया? तो वो बोली कि हाँ साहब बहुत मज़ा आया, आप बहुत अच्छा चोदते है, अब में रोज आपसे ही चुदवाऊँगी. फिर तो हम दोनों रोज ही चुदाई का मज़ा लेने लगे, फिर ये सब तब तक चला जब तक उसकी शादी नहीं हो गयी. वह दिन आज भी मुझे याद है.

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