कुंवारी रंडी के साथ दो लोड़े

नमस्कार साथियों, मैं आपका प्यारा दोस्त अभिलाष हूँ और में हैदराबाद का रहने वाला हूँ. दोस्तों आज आप सभी चाहने वालों को अपनी एक सच्ची घटना मेरा सेक्स अनुभव बताने जा रहा हूँ, जिसमें हमने अपने एक बहुत अच्छे दोस्त की गर्लफ्रेंड का सहारा लेकर उसकी चुदाई के मज़े लिए और उसकी भी इच्छा को पूरा किया. दोस्तों यह तब कि घटना है, जब मेरे प्यार के दिन खत्म हो चले थे और मुझे किसी की चुदाई किये हुए बहुत अधिक समय बीत चुका था और इसलिए में बहुत ही तन्हा रहने लगा था. वह दिन आज भी मुझे याद है.

दोस्तों वो कहते है ना कि ठीक और अच्छा समय आने पर हर एक कुत्ते के भी दिन बदलते है, ठीक मेरे साथ भी वैसा ही हुआ और में वही अपनी पहले वाली औकात पर आ गया था और उससे पहले तक तो में जैसे तैसे मुठ मारकर अपना काम चला रहा था और में ज़्यादातर अपनी पिछली यादें याद करके मुठ मारा करता था और तब मुझे भी एक दिन एहसास हुआ कि में भी सेक्स के बगैर नहीं रह सकता हूँ और आप लोग मेरी फोटो देखोगे तो आप सभी कहोगे कि साला दिखने में ही बड़ा ठरकी है और में हूँ भी ऐसा, में दो सप्ताह तक लगातार मुठ मारकर काम चला लिया करता हूँ और बिना चूत के करता भी क्या? क्योंकि मुझे चुदाई के लिए कोई लड़की ही नहीं मिल रही थी और ना कोई जुगाड़ बन रहा था. तो मैं धीरे धीरे उसकी चूत में ऊँगली अंदर बाहर कर रहा था और वो आहाहह उउउ अहहाअ की आवाज कर रही थी.

एक दिन मेरे जीवन में एक नया अवतार आया, मेरा एक सबसे अच्छा दोस्त जिसका नाम (अमरधेवन) राकेश है, वो मेरे लिए संदेशा लाया, वो मुझसे कहने लगा कि आजा मेरे भाई हम दोनों एक साथ मिलकर एक चूत की चुदाई करेंगे. हमने उससे कहा कि हमे इस समय चूत कहाँ मिलेगी? तब वो बोला मेरी एक गर्लफ्रेंड है, जिसको में बहुत बार चोदकर उसके मज़े ले चुका हूँ, लेकिन उसका पेट अब मेरे अकेले के लंड से नहीं भरता, इसलिए वो अब ग्रुप सेक्स करने की इच्छा रखती है, हम दोनों मिलकर उसकी बहुत जमकर चुदाई करेंगे और बहुत मज़े लेंगे. हमने उससे कहा कि भाई तेरा कहना तो ठीक है, लेकिन यहाँ मेरे पास तो कोई भी साथी नहीं है, जिसको में अपने साथ में लेकर चलूं, में अब बहुत दिनों से बिल्कुल अकेला हूँ. उसके चूत से झकड़.. झकड़.. झकड़.. झप.. झप… की आवाजें आ रही थी. 

वो बोला कि अबे साले तुझे किसी की जरूरत नहीं है, क्योंकि वो अकेली ही दो लड़को से एक साथ अपनी चुदाई का मज़ा लेना चाहती है, वो उस अनुभव का भी देखना चाहती है, मतलब उसको दो लंड से अपनी चुदाई का मज़ा चाहिए, इसलिए हमने तुझसे इसके लिए पूछा चल अब चुदाई के लिए तैयार हो जा. दोस्तों में अपने उस दोस्त के मुहं से यह बात सुनकर बहुत खुश हुआ, क्योंकि अब मेरे लंड को बहुत दिनों के बाद किसी की चूत मिलने का एहसास हुआ और वो भी उस वजह से मेरी पेंट से बाहर निकलकर किसी चूत की तलाश करने लगा था और वो चूत की राह देख रहा था और में तो उसकी वो सारी बातें सुनकर बहुत खुश हो गया था.

अब हमारा उसी शाम को चुदाई का प्रोग्राम था, जिसकी हमने अपनी तरफ से तो पूरी तैयारियां कर ली थी, में पहले से ही बाजार जाकर एक पत्ता ताक़त की गोलियाँ ले आया, ताकि में लंबे से लंबे समय तक सेक्स का पूरा पूरा मज़ा ले सकूँ, में उस चूत को पहली बार ही अपने लंड से चोदकर पूरी तरह से संतुष्ट कर दूँ. हम दोनों ने एक होटल में एक रूम बुक करवा दिया और हम वहाँ पर चले गये, शाम होने से पहले मेरे दोस्त ने उसकी गर्लफ्रेंड को फोन करके उस होटल का पता बता दिया, जिसमें उसकी आज चुदाई होनी थी. उसने भी जोश में आकर एक 48 साल के अंकल से चुदाई करा डाली

करीब एक घंटे के बाद वो उस पते पर आ गई और अब वो अपने साथ में मेरा इंतजार ख़तम होने का संदेशा भी लाई थी. दोस्तों अब मेरी आँखें उसकी प्यासी चूत को देखने के लिए तड़प रही थी, जिसके लिए अब मेरा लंड बिल्कुल पागल हो चुका था और जैसे ही दरवाजे पर घंटी बजी तो मेरे लंड में भी ख़ुशी की अपने आप घंटियाँ बज उठी. हमने उठकर दरवाजा खोल दिया और दरवाजा खोलते ही मेरी आँखें बाहर मेरे सामने खड़ी उस सेक्सी पटाका को देखकर फटी की फटी रह गई, में उसको देखकर मन ही मन सोचने लगा कि वाह क्या मस्त सेक्सी माल है. दोस्तों शायद उसको भगवान ने भी बहुत सोच समझकर बनाया था, उसका गोरा रंग, हिरनी जैसी आंखे, कपड़ो से बाहर निकलकर झांकती हुई छाती, वो ऊपर से लेकर नीचे तक बड़ी ही आकर्षक थी, जिसको देखकर मेरा मन ललचाने लगा और में पागल हुआ जा रहा था. हर जवान औरत की चूत लंड की प्यासी होती है.

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हमने उसको अंदर आने के लिए कहा, तो वो मेरी तरफ मुस्कुराकर अंदर चली आई और वो अच्छी तरह से समझ चुकी थी कि में उसका दीवाना बन गया हूँ और अंदर आने के बाद हम दोनों ने एक दूसरे को अपना परिचय दिया. तब मुझे पता चला कि उसका नाम गुलजन था. अब में अपने दोस्त को एक तरफ ले गया और हमने उसको गाली देकर पूछा कि बहनचोद तूने यह माल तो बहुत अच्छा पकड़ा है, क्यों तू इसको कहाँ से लाया है, इसको तूने इतने दिनों से कहाँ छुपा रखा था? तो वो मुझसे कहने लगा कि यह मेरे कॉलेज में मेरे साथ ही अपनी पढ़ाई करती है और में इसकी बहुत बार चुदाई कर चुका हूँ, लेकिन अब ना जाने क्यों इसको कुछ दिनों से मेरे लंड के अलावा कोई दूसरा लंड लेने का भूत सवार हुआ है, पता नहीं यह ऐसा क्या करना चाहती है?

हमने हंसते हुए अपने दोस्त से कहा कि यार तेरी तो बड़ी मौज है, जो तुझे इतने खुले विचारों वाली गर्लफ्रेंड मिली है, वरना ऐसा कहाँ होता है, जो एक लड़की अपने बॉयफ्रेंड के दोस्त को भी अपनी चुदाई का आमन्त्रण दे? अब वो हंसता हुआ मुझसे कहने लगा कि हाँ साले आज तो इसके साथ तेरी भी बड़ी मौज है और बस हमने अपने दोस्त से बातें चोदना बंद किया और हम दोनों आकर उस बेड पर बैठ गये, लेकिन कुछ देर बाद मेरे दोस्त अमरधेवन ने मुझे सोफे पर बैठने के लिए कहा और उसने मेरी तरफ आँख मारी, जिसका मतलब में तुरंत समझ गया, जिसकी वजह से में सोफे पर जाकर बैठ गया और अब गुलजन राकेश के पास जाकर बैठ गयी.

हमने तो अपनी एक सिगरेट को जला लिया और में उसको पीने लगा और उधर अमरधेवन गुलजन की जांघो पर अपना हाथ घुमाने लगा और तब गुलजन को थोड़ी शरमा आ रही थी. उसके बाद अमरधेवन उसके ज्यादा पास आ गया और उसने गुलजन को अपनी बाहों में जकड़ लिया और तभी उसने अपनी तरफ से जोरदार किस की बौछार कर दी और चूमने के साथ साथ उसने सही मौका देखकर गुलजन का टॉप भी उतार दिया और थोड़ी देर उसने गुलजन के बूब्स दबाए.

धीरे धीरे गुलजन को उसने पूरा नंगा कर दिया. दोस्तों में तो अपनी चकित नजरों से गुलजन का गोरा सेक्सी गदराया हुआ बदन देखकर एकदम हैरान बड़ा चकित था, वो क्योंकि क्या गजब का माल था, उसके वो बड़े आकार के बूब्स उन पर हल्के गुलाबी रंग के तने हुए निप्पल उसकी चूत पूरी गुलाबी, उभरी हुई, लेकिन वो फटी हुई थी, लेकिन हमने आज तक ऐसे मस्त फिगर वाली लड़की नहीं देखी थी और वैसे भी उसको चोदने में मेरे बाप का क्या जा रहा था, वो थोड़ी सी मोटी तो थी, लेकिन भी वो एक चूत थी, जिसकी चुदाई का मेरा लंड बहुत दिनों से इंतजार कर रहा था और वो आज मुझे खत्म होता हुआ सा लगने लगा था.

अमरधेवन ने अपना लंड बाहर निकाला और उसने गुलजन को नीचे लेटाकर उसकी चूत में अपना पूरा का पूरा लंड डाल दिया, जो कि एक हल्के से धक्के में ही फिसलता हुआ अंदर जा पहुंचा और तभी उसने मुझे इशारा करके अपने पास बुला लिया और उसका इशारा समझकर हमने तुरंत अपनी सिगरेट फेंकी और हमने जल्दी से बिना देर किए अपने सारे कपड़े उतार दिए और अब में बहुत अच्छी तरह से समझ गया था कि गुलजन ग्रुप सेक्स करना क्यों चाहती थी, क्योंकि उसकी चूत की इतनी बार चुदाई होने की वजह से वो अब भोसड़ा बन गई थी, इसलिए किसी और से भी वो अपनी चुदाई का मज़ा लेना चाहती थी, क्योंकि अमरधेवन भी उसको अब पूरी तरह से संतुष्ट नहीं कर पाता था, लेकिन वो अमरधेवन पर पूरा विश्वास करती थी, इसलिए उसने यह काम अमरधेवन के ज़िम्मे सोंप दिया था, लेकिन मुझे उन सभी बातों से क्या मतलब मुझे चूत तो मिल ही रही थी और हमने थोड़ा मज़ाक करना शुरू कर दिया और उस समय भी अमरधेवन का लंड गुलजन की चूत था और मेरा लंड तो पिछले एक घंटे से ही खड़ा था.

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अब में अमरधेवन के पीछे आ गया और हमने उससे कहा कि अमरधेवन आज गुलजन की छोड़ में तेरी ही गांड मार लेता हूँ, वैसे भी हमने आज तक किसी लड़के की गांड नहीं मारी और मेरी यह बात सुनते ही गुलजन भी ज़ोर ज़ोर से हंसने लगी.

अमरधेवन ने कहा कि साले चूतिए गुलजन की मार मेरी गांड में ऐसा क्या रखा है? इसकी गांड में तुझे बड़ा मज़ा आनंद मिलेगा. हमने उससे गाली देते हुए कहा कि बहनचोद क्यों बिना मतलब ऐसे चिल्ला रहा है, में तो बस तुझसे मज़ाक ही कर रहा था और हमने उससे कहा कि यार वैसे भी मुझे सूखे सूखे में धक्के देने में इतना मज़ा नहीं आता. अब उसने मुझसे कहा कि तुझे जो भी करना है तू बाद में कर लेना, तुझे आज कोई भी मना नहीं करेगा.

हमने उससे कहा कि ठीक है यार तू कहता है तो में बाद में ही कर लूँगा और उससे इतना कहकर हमने अपने कपड़े उठाए और पहन लिए. अब अमरधेवन ने गुलजन को जोरदार धक्के देकर चोदना शुरू किया, तो में समझ चुका था कि अब उसके झड़ने का समय पास आ चुका है और गुलजन बड़े आराम से उसके लंड के मज़े लेती रही, वो बस इस बीच बीच में हल्की हल्की सिसकियाँ जरुर ले रही थी.

कुछ देर बाद अमरधेवन झड़ गया, लेकिन गुलजन के चेहरे को देखकर मुझे लग रहा था कि वो अभी भी और ज्यादा मज़े लेना चाहती थी और उसको उस चुदाई की वजह से वो संतुष्टि नहीं मिली है, जिसके लिए वो अब भी तरस रही है, लेकिन वो कहकर बता ना सकी. अमरधेवन ने ही अपना लंड गुलजन की चूत से बाहर निकाला और उसने भी अपने कपड़े पहन लिए. हमने उससे कहा कि भाई दो बियर की बोतल मंगवा दे, आज इस नशे के साथ साथ उस नशे के भी मज़े ले लिए जाए.

उसने मुझसे कहा कि तू रुक में खुद ही अभी लेकर आ जाता हूँ. हमने उसे अपने पास से पैसे दिए और वो बियर लेने चला गया, दारू का ठेका वहाँ से करीब पांच किलोमीटर की दूरी पर ही था. अब गुलजन मुझे देख रही थी. हमने उससे पूछा क्यों तुम अमरधेवन से खुश नहीं होना? तो उसने कहा कि नहीं ऐसी बात नहीं है, तो हमने कहा कि गुलजन यह सब मुझे तुम्हारी इन नशीली आँखों में साफ साफ नजर आ रहा है, लेकिन शायद तुम मुझे बताना नहीं चाहती और हमने उससे कहा कि कोई बात नहीं, में तुम्हें किसी और दिन अपने जलवे दिखा दूंगा. अब वो मुझसे पूछने लगी कि अभी क्यों नहीं? तो हमने उसको कहा कि हमारे उस मज़े मस्ती को देखकर अमरधेवन की गांड में मिर्ची लगेगी और कोई बात नहीं है और वो मेरी बात का मतलब जल्दी ही समझकर मान गयी और हमने उसको कल एक बार  इसी रूम पर आने के लिए कहा और अब अमरधेवन भी हमारी बातें खत्म होने के दो मिनट के बाद बियर लेकर आ गया.

उसके बाद हम तीनो ने साथ में बैठकर बियर पी और हम सभी कुछ देर रुककर अपने अपने घर चले गये. दोस्तों हमने तो अपने घर पर जाते ही गुलजन के नाम की मुठ मार ली, क्योंकि मेरे लंड को शांत करना बहुत जरूरी हो गया था और आज उसको चूत मिलते मिलते रह गई, लेकिन मुझे दूसरे दिन की उस होने वाली चुदाई की बहुत ख़ुशी थी और अब में बड़ी ही बेताबी से अगले दिन के बारे में सोचने लगा और गुलजन के साथ अपनी उस चुदाई के में सपने देखने लगा, में बहुत खुश था और उसी सोचविचार में मुझे पता ही नहीं चला कि में कब सो गया. अगले दिन में उठकर अपने सभी काम पूरे करके जल्दी से तैयार होकर में उसी रूम पर ठीक समय से पहले ही पर पहुँच गया, मेरे वहां पर आने के करीब 20 मिनट के बाद गुलजन भी आ गयी.

उसने घंटी बजाई और हमने उठकर दरवाजा खोल दिया, हम दोनों एक दूसरे को देखकर मुस्कुराने लगे और हमने उससे दरवाजे को बंद करने के लिए कह दिया. अब वो दरवाजा बंद करके मेरे पास आकर बैठ गई. कुछ देर बातें करने के बाद हमने चार ताक़त की गोली निकाली और खुद भी खा ली और चार गोली उसको भी खाने को कहा और उसने भी खा ली. बस में बेड की एक कोने पर बैठ गया और हमने गुलजन को अपनी गोद में बैठा लिया और अपनी बाहों में हमने उसको कसकर जकड़ लिया, जिसकी वजह से उसके होंठ मेरे होंठो के पास थे और उसके बूब्स मेरी छाती से छू रहे थे.

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अब उसने भी मुझे अपनी बाहों में भर लिया और में उसे अच्छी तरह प्यार करने लगा और उसको स्मूच करने लगा, जिसमें वो भी मेरा पूरा पूरा साथ देने लगी थी, में अब लगातार अपनी जीभ को उसके मुहं में घुमा रहा था और वो मेरी जीभ को अपने मुहं में पकड़ने की कोशिश कर रही थी और में धीरे धीरे अपने हाथ उसके कूल्हों की तरफ ले गया और में धीरे धीरे उनको सहलाने लगा, जिसकी वजह से वो तो और भी गरम हो गयी और वो जोश में आकर छटपटाने लगी. उसी समय हमने उसका टॉप भी उतार दिया. तब हमने देखा कि उसने अंदर ब्रा नहीं पहनी थी और टॉप को खोलते ही उसके बूब्स लटकते हुए मेरे सामने आकर झूल गए, जिनको देखकर में पागल हो गया.

हमने अब उसको बेड पर लेटा दिया और में भी उसके साथ में लेट गया. लेटने के बाद में उसके बूब्स को अपने एक हाथ से मसल रहा था और साथ ही साथ में उनको चूस भी रहा था. तभी कुछ देर बाद उसने मेरे सर को अपने दोनों हाथों से पकड़ और वो अपने बूब्स पर मेरा मुहं दबाने लगी. अब में भी अपनी पूरी जान से उसके बूब्स को दबा रहा था और चूम रहा था, उस काम को करते हुए हमने उसकी जीन्स को भी उतार दिया और अब में उसकी पेंटी में उंगलियाँ डालकर उसकी चूत तक पहुंच गया.

हमने अपनी उंगलियाँ उसकी चूत में घुमाना शुरू कर दिया, लेकिन अब मुझसे भी नहीं रहा गया, इसलिए तुरंत हमने भी उसकी पेंटी को उतारकर उससे दूर फेंक दिया और हमने उसकी मुलायम, गुलाबी चूत पर अपने दोनों होंठ रख दिए, जिसकी वजह से वो एकदम से छटपटा गयी, में अब उसकी चूत में अपनी जीभ को इधर उधर घुमा रहा था. हमने उसकी खुली चूत को चूसना शुरू कर दिया, जिसकी वजह से वो पूरी तरह से पागल हो चुकी थी और वो ज़ोर ज़ोर से सिसकियाँ लेती रही और में उसी तरह से उसकी चूत में अपनी जीभ को अंदर बाहर चलाता रहा.

में कुछ देर बाद उसके ऊपर लेट गया और में उसकी चूत में अपना लंड डालकर धीरे धीरे धक्के देने लगा और ऊपर से में उसके दोनों बूब्स को भी दबाता रहा, वो तो बस इस नशे के साथ मेरे लंड का स्वाद चख रही थी और वो सिर्फ़ सिसकियाँ ले रही थी और कुछ देर बाद वो बहुत जोश में आ गई, इसलिए वो भी धीरे धीरे अपने कूल्हों को उठा उठाकर मेरा साथ देने लगी और में ऊपर से धक्के लगा रहा और वो नीचे से अपनी गांड को उठाकर बराबरी से मेरा साथ दे रही थी और अब हमने  अपने होंठ उसके होंठ पर रख दिये और नीचे नीचे धक्के देता रहा. हमने उसे अपने उपर बैठा दिया और उसके मुहं को करके पकड़कर में उसको किस करता रहा और वो अपनी गांड को उठा उठाकर मेरे लंड पर पटक रही थी, जिससे मेरा पूरा का पूरा लंड उसकी चूत की गहराईयों में जा रहा था, में तो उसी तरह पड़ा रहा और थोड़ी देर बाद हम दोनों एक साथ झड़ गये.

कुछ देर धक्के देना बंद करके में शांत हो गया और वो भी मेरे साथ में ऐसे ही लेट गयी, हम दोनों आराम करने लगे. तभी हमने उससे पूछा क्यों जान मेरे साथ तुम्हें यह सब करके कैसा लगा, तुम्हें मज़ा आया कि नहीं? तब वो मुझसे कहने लगी कि इससे अच्छी चुदाई आज तक मेरे जीवन में हमने कभी नहीं करवाई, इतनी मस्त जमकर चुदाई मेरे बॉयफ्रेंड ने मेरी आज तक कभी नहीं की और मुझे ऐसा चुदाई का मज़ा पहली बार मिला है, तुमने आज मुझे चोदकर पूरी तरह से संतुष्ट कर दिया है, में और तुम्हारे साथ जब भी मुझे मौका मिलेगा, में ऐसे ही सेक्स करूंगी. हम दोनों ने कुछ देर ऐसे ही लेटे हुए बातें करने के बाद अपने अपने कपड़े पहन लिए. उसके बाद वो मेरे गले से लगी और कुछ देर के बाद हम दोनों एक दूसरे को किस करते रहे. वो बहुत खुश थी और हम दोनों होटल से बाहर निकलकर अपने अपने घर की तरफ चल दिए. लंड की प्यासी चूत को बुझाया.

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