मकान मालिक के घर में मिली कुंवारी

दोस्तो, मैं राकेश कुमार पटना, बिहार से हूं। मेरी उम्र 25 वर्ष है। मैं स्नातक की पढ़ाई पूरी कर चुका हूँ।
मेरी लंबाई 5 फ़ीट 9 इंच है। मेरा रंग ज्यादा सांवला भी नहीं है और न ही गोरा, मतलब कि मैं देखने में अच्छा हूँ।
मेरा लण्ड 6 इंच लंबा और 2.5 इंच मोटा है।
मैं अन्तर्वासना की कहानियां कई वर्षों से पढ़ रहा हूँ तो सोचा मैं भी अपनी कहानी लिखूं।
यह मेरी पहली कहानी है। अगर लिखने में कुछ गलती होगी तो माफ कीजिएगा।
इस हॉट सेक्सी गर्ल पोर्न स्टोरी में जो लड़की है उसका नाम सुमेयरा है। वह 21 साल की है। उसका रंग गोरा, लंबाई 5 फ़ीट 5 इंच, और देखने में कमाल की है।


उसकी कमर पतली है और फिगर लाजवाब बिल्कुल … मतलब कि बूढ़ों का भी लण्ड खड़ा हो जाए।
उसकी 34 की गोल गोल चूचियाँ, कमसिन पतली कमर और गांड निकली हुई है। मतलब चलती फिरती सेक्स बम।
यह बात 2019 की है जब वो अपने मौसा-मौसी, मतलब मेरे मकान मालिक के यहाँ आयी थी।
मैंने उसे पहली बार देखा तो मैं उसे देखता रह गया।
मेरे मकान मालिक के पास एक बेटा और एक बेटी थे लेकिन वो दोनों दिल्ली रहकर पढ़ाई कर रहे थे।
जिस फ़्लोर पर मकान मालिक रहते थे उसी फ़्लोर पर मेरा कमरा था। मेरी उनसे अच्छी बनती थी। अगर उनको कोई काम होता तो मुझसे बोल दिया करते थे।


हुआ यूं कि जिस दिन सुमेयरा आने वाली थी उस दिन अंकल मतलब मकान मालिक कहीं बाहर गए थे।
तो आंटी ने मुझे स्टेशन जाने के लिए बोल दिया।
आंटी ने मेरा मोबाइल नंबर सुमेयरा को देकर बोल दिया कि ये लड़का तुमको स्टेशन से लेने आ जाएगा।
मैं स्टेशन पहुंचा और प्लेटफॉर्म टिकट लेकर प्लेटफार्म पर उसका इन्तजार करने लगा।
जब ट्रेन आई तो मैंने उसे कॉल किया और पूछा कि कहां हो।
जब मैं वहाँ पहुंचा तो मैं उसे देखता रह गया।
वो उस वक़्त जीन्स और टीशर्ट पहने हुए थी।
सच में दोस्तो, वो किसी मॉडल से कम नहीं लग रही थी।
फिर मैं उसे घर लेकर आया और उसका बैग आंटी के कमरे में रखकर अपने कमरे में आ गया।
फिर शाम को मैं छत पर टहल रहा था तो वो आई।
मैं उसे देख रहा था।


जब उसने मुझे देखा तो हल्की स्माइल दी।
फिर मैंने ही बात शुरू की और उसके बारे में पूछा।
हम दोनों में यही सब नार्मल बातें होती रहीं।
इस तरह से उसके साथ मेरी हल्की फुल्की दोस्ती हो गई।
बात करते करते हंसी मजाक होने लगा और इसी बीच नम्बर एक्सचेंज हो गए।
अब हम दोनों चैट पर भी हंसी मजाक करने लगे थे।
फिर एक रात को 10 बजे मेरे व्हाट्सऐप पर मैं उससे बातें कर रहा था।
उस रोज वो मेरी कुछ तारीफ सी कर ही थी जो मुझे थोड़ा अजीब सा लग रहा था।
फिर उसने बातों ही बातों में पूछा- तुम सिंगल हो क्या?
मैंने कहा- हां, मैं तो सिंगल ही हूं। और तुम?
वो बोली- मैं भी।


उसने पूछा- अभी तक कैसे रह लेते हो? मेरा मतलब कि कभी कुछ करने का मन तो करता होगा ना?
उसका ये मैसेज पढ़कर मेरा दिमाग ठनक गया।
अचानक ही मेरे लंड में तनाव आना शुरू हो गया।
देखते ही देखते मेरा लंड पूरा तन गया और मेरा एक हाथ मेरी लोअर में चला गया।
अब मैं लंड को सहलाते हुए उससे चैट करने लगा।
मैंने कहा- हां यार, मगर कोई ढंग की तुम्हारे जैसी लड़की मिली ही नहीं।
वो बोली- मैं तुम्हें पसंद हूं क्या?
मैंने कहा- हां बहुत!
उसने फिर शर्माने वाली स्माइली भेजी।
फिर पूछा- क्या पसंद है मुझमें?
दोस्तो, उस वक्त मेरा लंड पूरा जोश में था और मैं बस चुदाई की बातें सोच रहा था।
मुझे उसकी गांड और चूची बहुत पसंद थीं लेकिन मैं उसको ये बात नहीं बोल सकता था।
मैंने कहा- मुझे तुम्हारी आंखें और बाल बहुत पसंद हैं।
वो बोली- बस?


मैंने कहा- और भी बहुत चीजें हैं लेकिन ऐसे नहीं बता सकता।
फिर मैंने पूछा- तुमको मैं कैसा लगता हूं?
वो बोली- ठीक हो।
मैंने कहा- ओके।
इस तरह अब हम दोनों में धीरे धीरे प्यार भरी बातें शुरू हो गईं।
हम शाम के टाइम अक्सर छत पर मिलते थे।
अब मैं उसके करीब जाकर उसकी कंधे और उसके गालों को सहला देता था और इतने में ही मेरा लंड खड़ा हो जाता था।
वो भी मेरे लंड के तनाव को भांप जाती थी और शर्माकर दूर हो जाती थी।
ऐसे ही एक रात को हम दोनों चैट कर रहे थे।
करते करते मेरा लंड तन गया।
मैंने उसको कहा- यार सुमेयरा … आज बहुत मन कर रहा है … क्या करूं … समझ नहीं आ रहा!
वो बोली- तो मैं क्या करूं?


फिर मैं बोला- तुम छत पर आ सकती हो क्या थोड़ी देर के लिए?
वो बोली- क्यों?
मैंने कहा- कुछ नहीं, बस तुम्हें गले लगाने का बहुत मन कर रहा है।
वो बोली- मौसा-मौसी जाग जाएंगे।
मैंने कहा- बस दस मिनट आ जाओ … उसी में हो जाएगा।
वो बोली- क्या हो जाएगा?
मैंने बात पलटते हुए कहा- मेरा मन शांत हो जाएगा।
वो बोली- ठीक है, कोशिश करती हूं।
फिर पांच मिनट के बाद मेरे पास मैसेज आया- मैं आ गई हूं, तुम कहां हो?
उसका मैसेज पढ़ते ही मैं फटाक से उठकर ऊपर पहुंचा।
वहां पर सुमेयरा मेरा इंतजार कर रही थी।
रात का घुप्प अंधेरा था और मैंने जाते ही उसको बांह

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ों में भर लिया।
मेरा लंड उसकी जांघों पर टकरा गया और मैं जानबूझकर उसकी जांघों पर लंड को सटा सटाकर रगड़ने लगा।
उसने भी मुझे कसकर बांहों में भर लिया था।
हम दोनों एक दूसरे के जिस्मों को सहलाने लगे।
करते करते मैंने उसको गर्दन पर चूमना शुरू कर दिया।
वो भी मेरी कमर में हाथ डालकर सहलाने लगी।


मेरे हाथ उसके चूतड़ों पर पहुंच गए। मैंने उसकी गांड को एक दो बार दबाया तो उसने मेरे हाथ हटा दिए।
फिर मैंने उसको पास खींचकर उसके होंठों को चूम लिया तो वो पीछे हट गयी और बोली- पागल मत बनो, कोई देख लेगा।
मैंने फिर से उसको अपने पास खींचा और उसके होंठों के पास होंठ ले जाकर कहा- कोई नहीं देखेगा मेरी जान … एक बार किस करने दो बस!
मैंने उसको फिर से किस करना शुरू किया।
पहले तो वो हटाती रही पर फिर मेरा साथ देने लगी।


अब मेरे हाथ उसकी गांड पर पहुंच गए और उसका हाथ मेरे लंड पर आ गया।
उसकी इस हरकत से मैं समझ गया था कि वो भी इसी पल के इंतजार में थी।

मैंने उसकी नाइट ड्रेस की लोअर में हाथ डाल दिया और पैंटी के ऊपर से उसकी चूत को सहलाने लगा।
फिर मेरा हाथ उसकी चूचियों को भींचने लगा।
मैंने उसका हाथ पकड़ा और अपनी लोअर में डलवा दिया। मैंने नीचे से अंडरवियर भी नहीं पहना था तो उसके हाथ में सीधा मेरा गर्म गर्म लंड आ गया।
उसके नर्म कोमल हाथ का स्पर्श पाकर मेरा लंड और ज्यादा टाइट हो गया और एकदम से लोहे जैसा सख्त हो गया।
अब मैंने सुमेयरा की पैंटी में हाथ दे दिया और उसकी चूत को मसलने लगा।
वो इससे और ज्यादा गर्म हो गई।


मैंने उसकी चूत में हल्की सी उंगली अंदर दे दी और उसको हिलाने लगा।
वो अब मुझसे लिपट गई और मेरे लंड को तेजी से सहलाने दबाने लगी।
कुछ देर की चूमा चाटी के बाद अब मुझसे रहा न गया, मैंने उसकी लोअर को उतार दिया और पैंटी भी नीचे खींच दी।
मैं उसकी टांगों के बीच में घुटनों के बल आ गया और उसकी टांगें चौड़ी करवाकर उसकी चूत को जीभ से चाटने लगा।
वो अब हल्की हल्की सिसकारी लेने लगी।
मैंने उसकी चूत में जीभ दे दी और उसने मेरे सिर को पकड़ लिया।
अब मेरी जीभ उसकी चूत में चुदाई की आग लगाने लगी।


फिर एकदम से मैंने उसके टॉप को उठाया और उसकी चूचियों को हाथों में भरकर दबाने लगा।
उसने ब्रा भी नहीं पहनी थी।
देर न करते हुए मैंने चूची को मुंह में भर लिया और एक एक चूची को बारी बारी से चूसने लगा।
उसकी सिसकारियां अब तेज हो गईं।


नीचे से मैं उसकी चूत में उंगली करने लगा और वो उचक उचक कर आहें भरने लगी।
फिर मैंने उसको छोड़ दिया और घुटनों के बल बैठने के लिए कहा।
वो घुटनों के बल बैठी तो मैंने उसके सामने अपना लंड कर दिया।
मेरा लंड ठीक उसके मुंह के सामने था।
मैंने सुमेयरा को लंड चूसने के लिए कहा तो उसने मना कर दिया।
उसको मैंने बहुत मनाया कि मेरा बहुत मन है लंड चुसवाने का तो वो मान गयी।
उसने मेरे लंड को मुंह में भर लिया और तेजी से चूसने लगी।
मैं जैसे अब जन्नत में उड़ने लगा।


उसने कुछ ही देर मेरा लंड चूसा था कि मुझे लगा कि मैं झड़ जाऊंगा।
मैं इतनी जल्दी इस मजे को खत्म नहीं करना चाहता था। मैंने उसके मुंह से लंड निकाल लिया और फिर से उसको खड़ी करके उसकी चूत को चाटने लगा।
अब सुमेयरा की चूत से पानी निकल रहा था और मुझे उसकी चूत का रस चाटने में बहुत मजा आ रहा था।
जब मुझे लगा कि अब मेरी उत्तेजना मेरे कंट्रोल में है तो मैंने उसको अंदर रूम में चलने के लिए कहा ताकि मैं उसको चोद सकूं।
वो मेरे रूम में जाने से मना करने लगी लेकिन मैंने किसी तरह उसको किस कर करके और उसकी चूत को सहलाकर उसको मना लिया।


मैं जल्दी से उसको अपने रूम में ले आया।
आते ही हमने दरवाजा बंद किया और मैं उसे बेड पर लेकर लेट गया।
उसकी लोअर मैंने पैंटी समेत खींच दी और अपनी लोअर भी नीचे करके उसकी चूत पर लंड को सटा दिया।
मैं उसके होंठों को चूमने लगा और लंड को उसकी चूत पर घिसने लगा।
वो बहुत गर्म हो गई और बोली- बस कर दो अब … जल्दी!


मैंने उसकी चूत के मुंह पर लंड को सेट किया और धक्का देकर उसके ऊपर लेट गया।
मेरे लंड का टोपा उसकी चूत में घुसते ही लंड अंदर सरकता चला गया।
दो धक्कों में ही मेरा लंड उसकी चूत में समा चुका था।
उसको बहुत दर्द हो रहा था लेकिन वो जानती थी कि आवाज बाहर निकली तो दोनों ही फंसेंगे।
वो लगभग रोने ही लगी थी लेकिन वो दर्द को बर्दाश्त कर गई और मैंने उसको चोदना शुरू कर दिया।
कुछ देर बाद वो खुद अपनी गांड हिलाने लगी।

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तब मैंने जोर-जोर से चोदना शुरू किया।
मेरे हर झटके का जवाब अब वो अपनी गांड उठा कर दे रही थी।
मैंने उसको पांच मिनट तक ऐसे ही चोदा और आसन बदल लिया।

अबकी बार मैं उसको पीछे से डॉगी स्टाइल में चोदने लगा।
दो मिनट के बाद मेरा माल निकलने को हो गया।
मैं अब पूरी तेजी के साथ उसको चोद रहा था और उसकी गांड पर मेरी जांघें टकराने से पट-पट की बहुत तेज आवाज आ रही थी।
ऐसा लग रहा था कि मेरे रूम में ब्लू फिल्म चल रही हो।
मैं भी आह्ह … आह्ह … करके धक्के मार रहा था।
वह भी उम्म … आईई … आह्ह … करके आहें भर रही थी।
इसी बीच तेजी से चुदाई में पट-पट और फट-फट करके आवाज आ रही थी।
इन सब आवाजों से मैं जल्दी झड़ने के करीब पहुंच गया।


अब मैंने उससे पूछा कि मेरा निकलने वाला है, माल को कहां निकालूं?
तो उसने अंदर ही छोड़ने के लिए कहा।
फिर मैंने झटके मारते हुए उसकी चूत में वीर्य छोड़ दिया।
जब मैंने लंड निकाला तो लंड पर थोड़ा सा खून भी लगा हुआ था।
शायद उसकी चूत की सील टूट गई थी।
वो थोड़ा घबरा गई तो मैंने उसको समझाया कि पहली बार में ये सब नॉर्मल होता है।
वो समझ गई।
उसके बाद वो जल्दी से वॉशरूम में गई।


मैं भी उसके पीछे पीछे चला गया और उसने अपनी चूत को साफ किया।
मैंने भी लंड को साफ किया और हम जल्दी से बाहर आ गए।
आते ही वो कपड़े ठीक करके चली गई और मैंने भी रूम का दरवाजा बंद कर लिया।
उस दिन के बाद मैंने सुमेयरा को कई बार चोदा।
वो काफी दिन अपनी मौसी के यहां रही और मौका मिलते ही मेरे रूम में आ जाती थी।
ज्यादातर तो मैं ही उसको बुलाता था क्योंकि उसकी कमसिन जवानी को चोदने में मुझे बहुत मजा आता था।
दोस्तो, उसके बाद मैंने सुमेयरा को अलग-अलग पोज में अलग-अलग जगह पर चोदा।
मैंने सुमेयरा की गांड भी मारी।
वो कहानी मैं आप लोगों को जल्द ही बताऊंगा।

अनोखे चूत लंड की अनोखी दुनिया-
राहुल जैसे ही घर पहुंचने वाला था, उसे फिर वही आवाज़ सुनाई दी जो उसे शेफ़ाली को चोदते हुए सुनाई दी थी- राहुल तुम्हें घर जा कर फिर से वो पुराने वाला राहुल बन जाना है जिसका दिमाग अभी बच्चे जैसा है!
‘तुम फिर आ गए? तुम हो कौन और चाहते क्या हो?’ राहुल ने मन में सोचा.
‘राहुल मैं कौन हूँ… इस बात को भूल जाओ, मैं तुम्हें अपनी पहचान अभी नहीं बता सकता लेकिन मैं तुम्हारा दोस्त हूँ! मेरा विशवास करो!’
‘दोस्त हो तो सामने क्यों नहीं आते?’
‘नहीं आ सकता… पर तुम्हें कई शक्तियां, जो मैं तुम्हें दे चुका हूँ, उनके बारे में सुन लो!’
‘शक्तियां? क्या बकवास है… तुम सिर्फ मेरे दिमाग से खेल रहे हो!’
‘नहीं, मैं तुम्हारा दोस्त हूँ और शक्तियों की एक झलक देखने के लिए अपने मन में सोचो कि तुम गायब हो जाओ!’
‘कितना फेंकोगे यार…’ राहुल ने मन में गायब होने की बात सोची और दूसरे ही पल उसके हाथ गायब हो गए फिर… धड़ और फिर वो सारा गायब हो गया।


राहुल ने अपना सिर पकड़ लिया और वहीं सड़क के किनारे बैठ गया।
‘अब यकीन आया तुम्हें?’ कुछ देर बाद उसे वही आवाज़ फिर सुनाई दी।
‘यह कैसे मुमकिन हो सकता है?’ राहुल ने हैरानी भरे लहजे में पूछा।
‘यह मुमकिन है क्योंकि तुम खास हो… बेहद खास! तुम कोई आम इंसान नहीं हो! अब मेरी बात ध्यान से सुनो!’ आवाज़ कुछ देर के लिए चुप हुई.
राहुल, तुम सिर्फ गायब ही नहीं हो सकते, अब तुम जिस भी चीज़ के पीछे देखना चाहो देख सकते हो, तुम पहले से 500 गुना ज्यादा ताकतवर हो और अपने शरीर को या किसी भी अंग को कितना भी छोटा या बड़ा कर सकते हो… लोगों की बातें सुन सकते हो 200 मीटर के दायरे में!’
राहुल अभी भी गायब ही था पर अब वो अपने बदन को महसूस कर सकता था। उसने मन में सोचा ‘दिखने लगूँ’ तो वो फिर से समान्य हो गया। पर वो खुश से ज्यादा हैरान था कि आखिर उसके साथ हो क्या रहा है।
‘राहुल पर मेरी बात याद रखना की इन शक्तियों के बारे में किसी को पता नहीं चलना चाहिए किसी को भी नहीं.. और तुम्हें पहले ही वाले राहुल की तरह अभिनय करना होगा! समझ गए ना?’
‘नहीं पता चलेगा!’ राहुल ने मन में सोचा।


राहुल घर के गेट से अंदर जाने ही वाला था कि उसे वो आवाज़ फिर सुनाई दी- रुको, मैं तुम्हें तुम्हारी दो सबसे महत्वपूर्ण शक्तियों के बारे में बताना तो भूल ही गया… अब तुम्हारा दिमाग किसी भी इंसानी दिमाग से 50 गुना अधिक तेज़ी से काम करेगा और ज़रूरत पड़ने पर तुम 240 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से भाग सकोगे… विदा राहुल… पर हम जल्दी ही मिलेंगे!’
राहुल को अभी तक यकीन नहीं हो पा रहा था कि जो बातें वो आवाज़ कह के गई है. वो सही हैं। वो असमंजस की हालत में घर में दाखिल हुआ उसके कमरे यानि सीढ़ियों के नीचे के तहखाने के आस पास कोई नहीं था, वो जल्दी से अंदर चला गया और दरवाजा बंद करके कुंडी लगा दी और अपने बिस्तर पर पसर गया।
उसने अपनी कैमिस्ट्री की किताब उठा ली और उसे पढ़ने लगा, पढ़ते हुए ही केमिस्ट्री के फॉर्मूले, रिएक्शन्स उसके दिमाग में ऐसे घुसने लगे कि जैसे वो कोई कहानी पढ़ रहा हो। उसने जल्दी से कपड़े उतारे और अपनी बाजू को आगे किया और लम्बा करने कि सोची तो उसकी बाजू इतनी लम्बी हो गई कि सामने वाली दीवार से जा टकराई।

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राहुल समझ गया जो कुछ भी उस आवाज़ ने कहा था वो बिल्कुल सही था और अब वो पहले से राहुल बिल्कुल भी नहीं रह गया था।
राहुल ने टाइम देखा तो 8 बज चुके थे ‘अब कोई बड़ा बहाना बनाना होगा.’ उसने मन में सोचा पर ‘पहले यह देख लेता हूँ कि माँ क्या कर रहीं हैं।’
रमा बाथरूम में थी… बहुत सारे कपड़े उसके आसपास बिखरे पड़े थे पर वो एक कोने के साथ सट कर बैठी हुई थी और टाँगे खोल कर और राहुल का नाम ले ले कर उंगली कर रही थी, उसके मोटे-2 स्तनों पर पानी की बूंदें गिरी हुई थी, उसकी आंखें बंद थी और वो लगातार उंगली करती जा रही थी.
राहुल यह नजारा देखकर गर्म हो गया और उसका घोड़े का सा लंड फिर सलामी देने लगा।
‘लो बन गया काम… आज तो एक तीर से दो निशाने लगाऊंगा’ उसने खुद से कहा।
उसने जल्दी से कपड़े पहने और कपड़ों को जगह जगह से फाड़ दिया ताकि लगे कि उसे किसी ने मारा है। फिर एक कील उठा कर जल्दी से उसने अपनी टांग के बिल्कुल ऊपरी हिस्से पर कुछ खरोंचें बना दीं और रोने का नाटक करते हुए बाथरूम की तरफ चल पड़ा।


‘माँ… माँ…’ उसने बाथरूम का दरवजा खटखटाते हुए रोती सी आवाज में कहा।
‘बेटा मैं नहा रही हूँ!’ रमा की अंदर से आवाज आई।
‘माँ… माँ… मुझे आज लड़कों ने बहुत मारा!’ राहुल ने चाल चली।
रमा ने जब यह सुना कि राहुल को लड़कों ने मारा है तो उसने झट से दरवाजा खोल दिया और राहुल को अंदर आने के लिए कहा।
राहुल भी बिना समय गंवाए अंदर घुस गया। रमा उसके बिल्कुल पास खड़ी थी, एकदम नंगी… 30 के पार की उम्र के बावजूद वो बेहद सुन्दर थी। गोरा रंग, श्वेता तिवारी जैसा फेस कट और सुडौल अंडाकार मम्मे!
‘हाय राम यह क्या हालत कर दी है तेरी उन्होंने… मेरे बच्च

े को कहीं चोट तो नहीं लगी?’ रमा राहुल के फटे कपड़ों को देखकर बोली।
‘माँ… माँ… मुझे न…मुझे… न… कुछ लड़कों ने मारा और मेरी टाँग पे कील मारी बहुत दुख रहा है.’ राहुल ने नाटक को जारी रखते हुए कहा।
‘हाय राम…’ रमा ने राहुल बाहों में भरते हुए कहा।
रमा की बड़ी-2 तनी हुई चुची राहुल की छाती में धंस गई… राहुल ने भी रमा को जफ्फी डाल दी और उसकी नंगी पीठ को धीरे-2 सहलाने लगा।
‘कहाँ लगी है चोट?’ रमा ने फिर पूछा.
‘टाँग पे…’ राहुल ने जवाब दिया.
‘दिखा तो?’
राहुल ने झट से कपड़े खोल दिये और रमा को अपने कच्छे के थोड़ा नीचे खरोंचे दिखाने लगा।
रमा ने उन पर सेवलोन लगा दिया पर फिर उसकी नज़र तंबू बने हुए राहुल के कच्छे पर गई और सोचने लगी ‘हाय राम क्या लौड़ा है इस लड़के का… अभी इसी के नाम की मुठ मार रही थी और अब ये मेरे सामने है.’
‘माँ क्या सोच रही हो?’
‘कुछ नहीं… और कहीं तो चोट नहीं लगी? ज़रा अपना कच्छा तो उतार के दिखा?’
रमा के कहने की देर थी और राहुल ने झट से कच्छा नीचे कर दिया। रमा उसके 12 इंच के सांड जैसे लौड़े को देख कर हैरान रह गई।
‘कितना बड़ा है!’ रमा के मुंह से अचानक ही निकल गया।


‘क्या कितना बड़ा है माँ?’ राहुल ने भोलेपन का नाटक करते हुए कहा।
‘बड़ा नहीं राहुल, मैंने कहा कितना सूज गया है.’ रमा ने बात संभालते हुए कहा।
‘माँ मेरा नुन्नू न दुख रहा है, लड़कों ने मुझे यहाँ पर भी मारा था ‘ राहुल ने रमा को खुलने का मौका देने के लिए कहा।


‘अच्छा …ला मालिश कर दूं ‘ रमा घुटनों के बल बैठ गई और उसने राहुल का लंड मुँह में ले लिया और आगे-2 पीछे हो होकर चूसने लगी।
‘हाँ हाँ माँ ऐसे ही… दर्द कम हो रहा है… उम्म्ह… अहह… हय… याह… आह…’ राहुल मज़े के आसमान में उड़ते हुए

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