मित्रगणों आप सब कैसे है,क्या हाल चाल मेरे मित्रगणों कैसे है आप सब आशा है अच्छे होंगे और चुदाई के जुगाड़ में होंगे , कैसे है आप? मेरा नाम राजकुमार है और मैं आज फिर से आपके सामने अपनी एक चुदाई कहानी लेकर आया हु. पिछली बार, मैंने आपको बताया था, कि किस तरह मैंने मेनगेट के दरवाजे के कीहोल से अपने साहब कुशकुमार और मेमसाहिब अजंता नीलम की चुदाई का पूरा प्रोग्राम देखा था. मैं उस दिन के बाद से मेमसाहब के जिस्म के लिए पगला गया था और मन ही मन में उनको चोदने के बारे में ठान चूका था. आज मैं आपको बता रहा हु, कि किस तरह से मैं मेमसाहब के नशे की बेहोशी का फायदा उठाया और उनकी मस्त चुदाई की. मोटी गांड वाली लड़कियों की बात ही कुछ और है.
क्या गजब चुदकड़ अंदाज थी बात उस समय की है, जब कुशकुमार साहब को कुछ दिनों के लिए बाहर जाना था और मेमसाहब घर पर अकेले थी. सर्दी का मौसम था, तो वो रात में अक्सर ड्रिंक कर लेती थी. कभी – कभी तो इतनी ज्यादा हो जाती थी, कि या तो वहीँ सो जाती थी या लड़खड़ाते हुए और गिरते पड़ते अपने रूम में पहुच जाती थी. उस रात भी कुछ ऐसा ही हुआ. वो बहुत ज्यादा नशे में थी और उनके कपड़े भी अस्तव्यस्त हो चुके थे और बहुत ज्यादा नशे में धुत्त होकर साहब को गालिया देने लगी थी. शायद उस दिन उनकी चूत में कुछ ज्यादा ही आग लगी होगी. लड़किया क्युआ गजब चुदकड़ होती है दोस्तों.
मेरे मित्रगणों क्या मॉल थी उसकी चुची पीकर मजा आ गया घर में केवल वो और मैं ही थे. रात के कोई 12 बज रहे होंगे और वो धुत्त नशे में सोफे पर से उठी और वहीँ गिर पड़ी और फिर उठी, तो उनकी साड़ी सोफे के पैर में फस गयी और वो एकदम से आगे बड़ी, तो उनकी साड़ी एकदम से खुल गयी. वो एकदम से ब्लाउज और पेटीकोट में आ गयी. मैंने ये सब किचन के दरवाजे से खड़े होकर देख रहा था. फिर वो एकदम खड़ी हुई और जैसे ही आगे चलने को हुई, तो वो गिरने ही वाली थी कि मैंने भाग कर उनको संभाल लिया और मेरे हाथ उनके चूचिया पर आ गये. मै एक नंबर का आवारा चोदा पेली करने वाला लड़का हु मुझे लड़किया चोदना अच्छा लगता है.
मेरे प्यारे दोस्तो चुची पिने का मजा ही कुछ और है जिस तरह से वो मेरे हाथो में गिरी. उनके चूचिया कदम परफेक्ट मेरे हाथो में थे और एकदम से मैं दबा दिया. फिर उन्होंने मुझे देखा और बेहोश सी होने लगी. फिर मैंने उनको अपनी गोद में उठाया और उनके बेडरूम में ले गया. जेसे ही मैंने उनको बेड पर लिटाया, तो उनका पेटीकोट ऊपर घुटनों तक हो गया. बाप रे… क्या मस्त और कामुक टाँगे थी.. ओगोगूऊओह्ह्ह.. मेरा तो लंड एकदम से उनकी गोरी चिकनी टाँगे देख कर ही खड़ा हो गया. ये कहानी पढ़ कर आपका लंड खड़ा नहीं हुआ तो बताना लड खड़ा ही हो जायेगा
मेरे मित्रगणों चुत छोड़ने के बाद सुस्ती सी आ जाती है मैंने मन ही मन में मौका फायदा उठाने का सोचा और फिर उनके पास आकर बैठ गया और उनको पेरो के पास अपनी नाक लाकर उसके जिस्म की खुशबु को महसूस करने लगा. क्या मदमस्त और मीठी खुशबु थी. मैं तो जैसे पगला ही गया था. फिर मैंने एकदम से उनके पेटीकोट को और ऊपर तक सरका दिया और उनकी मोटी भरी हुई गोल, गोरी और चिकनी जांघे देख कर मेरे लंड ने अपना आपा खो दिया और मेरी जीन्स में बाहर फुदकने को बेताब था. क्या बताऊ मेरे मित्रगणों उसको देखकर किसी लैंड टाइट हो जाये.
मेरे मित्रगणों मने बहुत सी भाभियाँ चोद राखी है मैंने अपनी जीन्स उतारी और अंडरवियर को भी उतार कर अपने लंड को खुली हवा का अहसास करवाया. फिर मैंने उनके पेटीकोट को पूरा ऊपर कमर तक कर दिया और मुझे उनकी गुलाबी चूत दिखाई देने लगी थी… वाह… क्या मस्त गरम चूत थी… एकदम गरम और गुलाबी… मैंने आव ना देखा ताव और एकदम से अपनी जीभ उनकी चूत पर रख दी. उनकी चूत एकदम गीली और मेरे जीभ को उनकी चूत पर लगाते ही वो हलकी तड़प उठी. मेरे मित्रगणों क्या मलाई वाला माल लग रहा था .
चुदाई की कहानी जरूर सुनना चाहिए मजे के लिए मैंने उनको टांगो को खीच कर अपने मुह से पास कर दिया और उनकी टांगो को कस कर जकड लिया. जैसे – कैसे मैं उनकी चूत को दबा रहा था.. उनके मुह से सिस्कारिया निकलने लगी थी. वो मस्ती में झुमने लगी. लेकिन, नशे के कारण उनको पता नहीं चल रहा था, कि उनको मैं मस्ती में चोदने वाला हु. फिर मैंने उनकी चूत को मस्ती में खूब चूसा और उनका पानी निकाल दिया. वो अपनी गांड को इधर – उधर हिला रही थी और जैसे ही पानी निकलने वाला था.. उन्होंने चादर को पकड़ लिया. साथियो की पुराणी मॉल छोड़ने का मजा ही कुछ और है.
अब सुनिए चुदाई की असली कहानी अब मेरा लंड भी पुरे उफान पर था और मैंने अपने लंड को उनकी चूत के मुह पर लगाया और उसको गोल – गोल घुमा कर रगड़ने लगा. उनके मुह कामुक सिसकिया निकल रही थी अहहह्हा अहहाह अहहहः आआअ ऊओअओअओ ओहोहोहोहोह और उनके सांसे बहुत गरम और तेज थी. मैंने उनकी सासों की आवाज़ को सुन पा रहा था और हवा में उनकी सासों की गरमाहट को महसूस कर सकता था. अब मुझसे और नहीं रुका गया और मैंने एक जोर का झटका मारा और मेरा लंड पूरा का पूरा उनकी चूत के अन्दर था. मेरे मित्रगणों एक बार चोदते चोदते मेरा लंड घिस गया.
वहा का माहौल बहुत अच्छा था मेरे मित्रगणों मैंने धीरे – धीरे झटके लगा कर अपने लंड को पूरा का पूरा अन्दर तक ठेल दिया और मस्ती में जोर के धक्के लगा रहा था. उनके मुह से भी कामुक सिस्कारिया निकलने लगी थी और वो धीरे – धीरे अपनी गांड भी चला रही थी. मैंने लगभग 5 से 15 मिनट तक धक्के लगाये होंगे, कि मेमसाहब का शरीर हिलना शुरू हो गया और उन्होंने मेरे लंड को अपने टांगो के बीच में जकड लिया और पूरा दबा दिया और फिर एक झटके में छोड़ दिया. मेरे मित्रगणों उस लड़की मैंने चुत का खून निकल दिया.
वहा जबरजस्त माल भी थी मेरे मित्रगणों उसका रस निकल चूका था और उसका शरीर भी ढीला हो चूका था. अब मैंने और भी जोर से धक्के मारने शुरू कर दिए और अपने लंड को जोर – जोर से उनकी चूत के अन्दर घिसने लगा और फिर एक जोरदार पिचकारी के साथ, मैंने अपना सारा का सारा माल, उनकी चूत में छोड़ दिया. फिर मैंने अपने लंड को बाहर निकाला और उनके शरीर पर रगड़ने लगा और अपना पूरा का पूरा माल उनके बदन से पौछ दिया. मेरे मित्रगणों चोदते चोदते चुत का भोसड़ा बन गया.
ऐसे माहौल कौन नहीं रहना चाहेगा मेरे मित्रगणों फिर, मैं वहीं नीचे जमीन पर सो गया. जब मेरी आँख खुली, तो देखा कि मेमसाहब बिलकुल नंगी पड़ी है और उन्होंने सारे कपड़े उतार दिए है. मुझे एक बार फिर से जोश आ गया और मैंने फिर से अपने लंड को उनकी चूत से टिका दिया और करीब २० मिनट तक उनको पेला. उनकी चूत लाल होकर सूज गयी थी और फुल गयी थी. उन्होंने मेरे लंड के अन्दर रहते – रहते पेशाब भी कर दिया था वहीँ बिस्तर पर. फिर उन्होंने अपना माल छोड़ दिया और मैंने भी एक बार फिर से अपना माल उनकी चूत में छोड़ दिया. मेरे मित्रगणों एक बार मैंने अपने गांव के लड़की जबरजस्ती चोद दिया..
उह क्या मॉल था मेरे मित्रगणों गजब जब मेमसाहब सुबह उठी. तो उन्होंने सारा माजरा समझ आया. लेकिन उन्होंने मुझे कुछ भी नहीं कहा और मैंने मैंने उनसे कुछ कहा. उनको चोदने का मौका मुझे फिर नहीं मिल पाया. लेकिन मैं उनको आज भी चोदने की फ़िराक में रहता हु. मेरा तो मन ही ख़राब हो जाता था मेरे मित्रगणों मेरे मित्रगणों एक बार स्कूल में चुदाई कर दिया बड़ा मजा आया.