हैल्लो दोस्तों, यह मेरी एक सच्ची चुदाई की कहानी है. दोस्तों वैसे में लखनऊ की रहने वाली हूँ और मैंने अब तक बहुत सारी सेक्सी कहानियाँ पढ़ी जिनको पढ़कर मुझे बहुत मज़ा भी आया. दोस्तों इसमे मैंने अपने एक नौकर से अपनी चुदाई करवाकर अपनी प्यासी तरसती हुई भोसड़े को उसके लंड से शांत किया उसके साथ अपने पहले सेक्स अनुभव का पूरा मज़ा लिया और अब आप लोग वो सब विस्तार से पढ़कर उसके मज़े लें.
यह बात उन दिनों की है जब में 18 साल की गद्द्र माल थी और तब में कॉलेज जाती थी, उस समय मेरी एक बहुत अच्छी दोस्त थी जिससे मेरी बहुत अच्छी बनती थी. हम दोनों एक दूसरे से सभी तरह की बातें हंसी मजाक किसी से कोई भी बात नहीं छुपाते थे और मेरी उस दोस्त ने मुझे बहुत सेक्सी सीडी लाकर दी थी. उस सीडी में बहुत सेक्सी चुदाई की फिल्म थी में कभी कभी अपने कंप्यूटर पर उस सीडी को लगाकर देखा करती थी जिसकी वजह से मेरे जिस्म की आग ज्यादा बढ़ने लगती. और मुझे ऐसा करने में बड़ा मज़ा आता. दोस्तों मेरा एक नौकर है जिसका नाम गोपाल है उसकी उम्र करीब 25 साल की होगी और वो मेरे रूम को रोज़ साफ करता. वो मुझे हमेशा रीता दीदी बुलाता है.
दोस्तों ना जाने क्यों मुझे गोपाल पर उस दिन बहुत प्यार आ रहा था? वैसे तो में कई दिन से सेक्स के लिए बहुत तरस रही थी और में किसी के साथ सेक्स करने के लिए बहुत प्यासी थी. हर कभी रात में मेरे सपने में उस सीडी की चुदाई के द्रश्य आ जाते थे जिसकी वजह से मेरी भोसड़े गीली हो जाती में और भी ज्यादा जोश से भर जाती.
उस दिन मैंने मन ही मन में सोचा कि यदि में गोपाल को अपनी बातों से पटा लूँ तो मेरा उसकी वजह से काम चल जाएगा. और इस बात के बारे में बाहर किसी को पता भी नहीं चलेगा और में उसके साथ बहुत मस्त चुदाई के मज़े लेकर अपनी भोसड़े को शांत कर सकती हूँ. मुझे इस काम में कोई भी हर्ज़ नहीं दिखा, क्योंकि आख़िर एक जवानी मज़ा लूटने के लिए ही तो आती है.
मित्रों दोपहर का समय था और मुझे अच्छी तरह से पता था कि अब किसी भी समय गोपाल मेरे रूम को साफ करने जरुर आएगा. तो मैंने जानबूझ कर रूम को बिना बंद किए ही उस सेक्सी फिल्म की सीडी को चला दिया और अब में उस फिल्म को देखते हुए अपनी भोसड़े को धीरे धीरे रगड़ने सहलाने लगी थी.
मित्रों तभी थोड़ी देर के बाद में गोपाल मेरे रूम में आ गया वो मेरे पीछे की तरफ से आया था इसलिए मैंने उसको ना देखने का नाटक किया. गोपाल एकदम से वो द्रश्य देखकर बहुत हैरान हो गया और उसकी आखें फटी की फटी रह गई. करीब पांच मिनट तक यह नाटक चलता रहा.
पीछे से गोपाल ने मुझे आवाज़ देकर मुझसे पूछा दीदी आप यह क्या देख रही हो? तो में पीछे मुड़ी तब मैंने देखा कि गोपाल अब मुझे घूर रहा था. मेरी ऊँगली अब भी मेरी भोसड़े में थी. वो मुझसे बोला कि में मालिक को यह सब बताने जा रहा हूँ कि आप ऐसी गंदी फिल्मे देखती हो में उनको सब कुछ बता दूंगा. अब में तो उसकी वो सभी बातें सुनकर एकदम से डर गई, क्योंकि अब मेरा वो सारा खेल उल्टा हो चुका था जिसकी वजह से में डरने लगी थी. तभी मैंने गोपाल को पकड़ा. में उसके सामने गिड़गिड़ाने लगी, क्योंकि वो अब एक लड़का होने की वजह से मुझ पर भारी पड़ गया था. फिर उसने मुझसे कहा कि एक शर्त पर में यह सब उन्हे नहीं बताऊंगा?
तुरंत मैंने उससे कहा कि हाँ मुझे तुम्हारी हर एक शर्त मंजूर है, तब उसने मुझे मेरे सभी कपड़े उतारने का आदेश दे दिया. दोस्तों में एक बार तो उसके मुहं से वो बात सुनकर एकदम सन्न रह गयी. मुझे बिल्कुल भी विश्वास नहीं हो रहा था कि वो अचानक मुझसे यह सब कैसे कहने लगा? और आज मेरा वो नौकर मुझे आदेश दे रहा था.
मैंने उससे मना किया और तभी वो बाहर जाने लगा, तब मैंने उसका एक हाथ पकड़कर उसको रोका. वो मुझसे कहने लगा कि यदि तुम मेरे सामने अपने कपड़े उतारती हो तो में किसी से कुछ भी नहीं कहूँगा.
दोस्तों में अपने मन की बात कहूँ तो में भी यही सब चाहती थी, लेकिन ना जाने क्यों मुझे कुछ अजीब सी घबराहट हो रही थी. उस दिन पहली बार मैंने किसी लड़के के सामने अपनी जींस, पेंट, टॉप को खोल दिया. में अब उसके सामने केवल अपनी ब्रा, पेंटी में थी. गोपाल मेरे गोरे सेक्सी बदन को अपनी चकित नजर से घूर रहा था. उसकी आखें मेरे जिस्म का ऊपर से लेकर नीचे तक मुआयना कर रही थी.
अब उसने मुझसे ब्रा और पेंटी को भी उतारने के लिए कहा जिसकी वजह से मेरे पूरे बदन में एक अजीब सा करंट दौड़ गया. जब मैंने ऐसा करने के लिए उसको मना किया. तब उसने मुझे एक बार फिर से धमकाया. में आख़िर में उसके सामने अपने बचे हुए कपड़े भी उतारकर पूरी नंगी हो गई थी. वो मुझे नंगी देखकर मुझे बहुत खुश नजर आ रहा था.
दोस्तों में तो वैसे कई दिनों से यही सब चाहती थी, लेकिन फिर भी मुझे कुछ शरम आ रही थी और डर भी लग रहा था, क्योंकि में यह सब पहली बार कर रही थी. अभी तक मेरे कंप्यूटर पर वही सीडी चल रही थी. तभी उसमे एक द्रश्य आ गया जिसमें कि वो लड़का उस लड़की की भोसड़े को अपनी जीभ से बड़े मज़े लेकर चाट रहा था. तभी गोपाल उस द्रश्य को देखकर मुझसे बोला कि दीदी तुम अब इस टेबल पर बैठ जाओ. दोस्तों अब में उसके कहने का तुरंत मतलब समझ गई थी कि वो अब मेरे साथ क्या करने वाला है?
फिर में डरने का दिखावा थोड़ा सा नाटक करते हुए उस टेबल पर जाकर बैठ गयी.
तब मैंने महसूस किया कि मेरे दिल की धड़कने पहले से ज्यादा बढ़ गई थी और अब मेरे साथ क्या होने वाला है में यह बात सोचकर ही मन ही मन बड़ी रोमांचित हो चुकी थी. फिर वो मेरे पास आया और मेरे दोनों पैरों को फैलाकर वो अपने घुटनों के बल मेरे ठीक सामने नीचे बैठ गया और उसने तुरंत मेरी साफ बिना बालों की रसभरी भोसड़े पर अपना मुहं रख दिया. उसके ऐसा करने की वजह से मेरे पूरे बदन में हाई वॉल्ट का करंट लगने लगा. मैंने देखा कि वो अपनी जीभ से कुत्ते की तरह चाट चाटकर मेरी भोसड़े को साफ कर रहा था. मेरे बूब्स को भी वो अपने हाथ को आगे बढ़ाकर दबा रहा था.
दोस्तों में तो जैसे अब बिल्कुल पागल हो रही थी. उसके यह सब करने से मेरी भोसड़े और भी ज्यादा गरम होकर में जोश में आने लगी थी. में अपनी हल्की आवाज से सिसकियाँ लेने के साथ साथ अब में उसके मुहं को अपनी गरम गीली भोसड़े पर दबाने भी लगी थी. मुझे उसके साथ ऐसा करने में बहुत मज़ा आ रहा था.
फिर करीब पांच मिनट मेरी भोसड़े को चाटने के बाद के बाद वो उठा. अब वो अपने कपड़े भी उतारने लगा था तभी उसने मुझसे बेड पर चलने को कहा.
वो समझ गया था कि में अब पूरी तरह से गरम, कामुक हो चुकी हूँ. उसकी पेंट के नीचे उतरते ही उसका तनकर खड़ा लंड अब मेरे सामने आ चुका था, में उसको कुछ देर लगातार देखती रही, क्योंकि में अपनी लाइफ में पहली बार किसी लड़के का लंड अपनी आखों के सामने देख रही थी, वैसे उसका लंड ज्यादा बड़ा नहीं था, लेकिन फिर भी मुझे वो बहुत अच्छा लग रहा था.
उसने मेरे दोनों पैरों को पूरा फैला दिया. अब वो मेरे ऊपर आ गया और उसने अपने लंड को मेरी भोसड़े के मुहं पर रखकर एक ज़ोर का धक्का दे दिया.
दोस्तों सच कहूँ तो मेरी भोसड़े बहुत पहले से ही अपनी चुदाई के इंतजार में थी. उसका लंड भी लम्बाई, मोटाई में ज़्यादा बड़ा नहीं था इसलिए वो मेरी गीली भोसड़े के अंदर बहुत आराम से फिसलता हुआ चला गया. अब मुझे गजब मज़ा आ रहा था जिसको में किसी भी शब्दों में लिखकर आप सभी पढ़ने वालों को नहीं बता सकती कि उस समय में क्या और कैसा महसूस कर रही थी.
अब वो अपनी तरफ से मुझे हल्के हल्के धक्के देने लगा और में भी अपनी तरफ से उसको धक्के देकर उसका साथ देने लगी थी और करीब पांच मिनट के बाद में झड़ गयी. मेरी भोसड़े से निकलते उस पानी की वजह से में अब धीरे धीरे ठंडी होने लगी थी. थोड़ी ही देर में वो भी धक्के देता हुआ झड़ गया. फिर उसने अपना वीर्य मेरी गीली भोसड़े में डालकर मुझे पूरी तरह से संतुष्ट खुश कर दिया. फिर उसने मुझे उस दिन रुक रुककर तीन बार चोदा और हर बार मैंने उसका पूरा साथ दिया.
गोपाल पूरी तरह से जोश में आकर मेरी चुदाई करता रहा और में उसके साथ अपनी बुर को हर बार शांत करवाती रही. अब तो वो दिन रात किसी ना किसी काम का बहाना करके मेरे ही रूम में ज़्यादा रहने लगा था. कभी कभी रात के समय भी वो मेरे पास में आ जाता है. फिर हम दोनों बहुत मज़े लेते और रात भर नंगे एक दूसरे से लिपटे पड़े रहते है. हम दोनों कोई भी सही मौका मिलते ही सेक्सी फिल्म देखते है और वैसे ही चुदाई भी करते है.