अम्मा बेटा लंड चुत की बाते

ये कहानी उस रोज की है, जब एक दिन सुबह मैं नहा रही थी। नहाते वक्त अचानक मुझे आवाज सुनाई दी “अरी कलमुंही कब तक मेरे में उंगलिया डालती रहोगी, कभी उंगलिया कभी केले कभी कुकुंबर आखिर कब तक चलेगा ये”। मैं घबरा गयी। फिरसे आवाज आयी “अरी घबरामत कलमुंही नीचे देख मैं तेरी चूत बोल रही हु”। फिर कैसे तो मैंने अपने आपको संभाला और घरेलू काम मे लग गयी, लेकिन फिर भी मुझे मेरी चूत की आवाजे सुनायी दे रही थी वो तो नॉनस्टॉप बाते कर रही थी। मैं घरेलू शॉपिंग के लिए गयी तो मेरी चूत ने मेरे ही बाजू में एक लड़का था जो शॉपिंग करने आया था उसको हाय बोला ओर बाते करने लगी, उसके लंड की आवाज को भी मैं सुन सकती थी, मैं डर गयी और घर चली आयी। करीब तीन दिन मै घर से बाहर नही गयी इतनी डरी हुयी थी। मेरी …

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मेरी देसी नौकरानी

नमस्कार साथियों.. मेरा नाम जगतपाल है. में आपके लिये और मेरी नौकरानी का एक और नया अनुभव लेकर आया हूँ. मेरी उम्र 24 साल है और लम्बाई 6 फीट है और अब आपका समय ख़राब ना करते हुए में सीधा मेरी स्टोरी पर आता हूँ. में काम के सिलसिले से एक गावं में रहता हूँ और एकदम मस्त और हैप्पी लाईफ जी रहा हूँ. में गावं से कुछ दूरी पर रहता हूँ और वहां पर एक मकान किराये पर ले रखा है. मैंने जाने के बाद वहां पर देखा कि मकान अच्छा था.. लेकिन वहां खाने पीने की प्रोब्लम थी. 3-4 दिन तक मैंने बहुत तलाश की.. अगर मुझे कोई काम करने के लिये मिल जाये.. लेकिन कोई नहीं मिला. कुछ दिनों बाद एक लड़की मिली.. जो कि घर के काम करती है. फिर मैंने उससे पूछा कि घर का काम करना है.. खाना बनाना, कपड़े धोना और घर साफ …

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सहेली के पति ने पूरी रात हवस की प्यास बुझाई

दोस्तों, मेरा नाम गोविन्द बांगरे है। यह कहानी मेरे भोले भाले दोस्त निखिल की है। जो दिल्ली में रहता है, अब मैं आपको उस औरत की कहानी सुनाता हूँ। यह कहानी एक औरत की ऐसी antarvasna sex story है।  जिसकी हवस गैर मर्द ने बुझाई। जब कामुक स्त्री को अपने पति से सेक्स संतुष्टि नहीं मिलती तो वह अपनी सहेली के पति के साथ पूरी रात रात भर अपनी हवस की प्यास बुझाई। एक दिन  निखिल अपनी पत्नी की सहेली काम्या के घर खाना खाने गया। वहां काम्या ने उसे अपने घर में रहने के लिए मना लिया। अगले दिन सुबह काम्या ने रंजना से कहा- मैंने जीजाजी को यहीं रुकने के लिए मना लिया है, तुम भी बताओ. कहा बाहर खाना खाना है, रात के समय बाहर खाना भी ठीक नहीं है। रंजना बोली- तुम्हें दिक्कत होगी, एक दो दिन की बात नहीं है। पता नहीं कितने दिन लग जायेंगे। काम्या …

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नौकरी के लिये चूत की कुर्बानी

हैल्लो दोस्तों साथियों, मेरा नाम लता. यह मेरे जीवन की बड़ी अपर्या घटना है. मुझे सेक्सी कहानियाँ पढ़ना बहुत अच्छा लगता है, इसलिए में भी आज आप सभी लोगों को अपनी एक सच्ची घटना बताने जा रही हूँ. वैसे मैंने कभी सोचा भी नहीं था कि में कभी अपने पति के अलावा भी कभी किसी के साथ सेक्स करूंगी और यह मेरी पहली चुदाई थी इसलिए मुझे बहुत अजीब सा लगा. दोस्तों यह उन दिनों की बात है जब में अपनी शादी होने के कुछ दिनों बाद ही अपने पति के साथ में मुंबई रहने लगी थी और वो मेरे लिए बिल्कुल नई नई जगह थी. मेरी वहां पर किसी से कोई जान पहचान नहीं थी और इसलिए कुछ दिनों बाद घर पर अकेले बैठे बैठे में बहुत बोर हो गयी थी, तो एक दिन मैंने अपने पति से कहकर मैंने भी उनसे नौकरी करने की आज्ञा ले ली थी …

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नौकरानी पूजा की कुँवारी चूत का उद्घाटन

नमस्कार साथियों, मेरा नाम पेश है और मैं महरौली का रहने वाला हूँ। मैं आज आपको एक सच्ची कहानी बता रहा हूँ। मैं जब पुणे में एक फ्लेट लेकर रहता था, तो वहाँ पर बाजू के मकान में एक नौकरानी काम करती थी, उसका नाम पूजा था। उसकी उम्र करीब 21 साल होगी और उसके बूब्स बड़े-बड़े थे, जब वो चलती थी तो उसके बूब्स हिलोरे लेते रहते थे. उसके बूब्स  देखते ही मेरा लंड खड़ा हो जाता था, मैं हर दम सोचता था कि इसको कैसे चोदा जाए? फिर एक दिन मैंने उससे बोला कि पूजा तुम मेरे फ्लेट की भी रोज सुबह साफ सफाई कर दिया करो, में तुम्हें 1000 रुपए महीने दूँगा। तो वो तैयार हो गयी और अब वो रोज सुबह 7 बजे आकर साफ सफाई कर दिया करती थी और मैंने फ्लेट की एक चाबी उसके पास भी रख दी थी क्योंकि में सुबह सोया …

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Drishyam, ek chudai ki kahani-31

अर्जुन भी आरती से बातें करते हुए काफी उत्तेजित हो गया था। अर्जुन के लण्ड में भी उसका वीर्य फुंफकार रहा था। अर्जुन ने आरती को चोदने की फुर्ती बढ़ाई। जैसे जैसे अर्जुन आरती की चूत में अपने लण्ड से थपाक थपाक चोट मारने लगा वैसे वैसे आरती के मुंह से सिसकारियां और कराहटें निकलनी शुरू हो गयीं। अर्जुन के लण्ड का मूल आरती के चूतड़ों पर थपाक थपाक की आवाज से चपेट मारने लगे वैसे आरती और अर्जुन दोनों अपने चरम पर पहुंच गए। अर्जुन ने अपने गरम वीर्य का फव्वारा आरती की चूत के अंदर छोड़ा तो आरती भी अर्जुन के वीर्य की गरमी महसूस कर अपने को रोक नहीं पायी और “आह….. ओह….. हाय…… अर्जुन…. ” कहती हुई अर्जुन को अपने बाहुपाश में सख्ती से बांधती हुई ढह पड़ी और शिथिल हो कर बिस्तरे पर आँखें बंद कर कुछ देर तक अपने यह चरमोन्माद का अनुभव करती …

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Drishyam, ek chudai ki kahani-30

मैं तो भोली गँवार गवालन थी। तुमने मैं की लत क्यों डाली? कई बार जब अर्जुन घर में होता और इंटरनेट पर लगा रहता था तो आरती अर्जुन के सामने आ कर बैठ जाती और अर्जुन से पूछती की शादी के बाद अर्जुन दो सौतन और क्यों लाया? पहली सौतन अर्जुन का काम और दूसरी सौतन इंटेरनेट। जब अर्जुन कुछ जवाब ना देता तो आरती गुस्से में कहती “अगर तुम मेरे लिए सौतन लाते हो तो फिर तैयार रहना मैं भी तुम्हारे लिए सौतेला पति ले आउंगी। मेरे दूसरे पति से मेरी चुदाई जब होगी तो फिर तुम अपने बिस्तर में पड़े पड़े मेरी सिसकारियां और कराहटें सुनते रहना। फिर शिकायत मत करना” जब आरती ने अर्जुन से सौतेला पति लाने की बात कही तो उसे सुन कर घबड़ा ने या चिंता करने के बजाय अर्जुन का लण्ड उसके पयजामें में ही खड़ा हो गया था। अर्जुन के दिमाग में …

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Drishyam, ek chudai ki kahani-29

दृश्यम द्वितीय चरण पति और पत्नी के रिश्तों का नाजुक तानाबाना गूंथती हुई यह कहानी तत्कालीन भारतीय सामाजिक परिपेक्ष में शायद पोर्न अथवा अश्लील श्रेणी में समावेश हो सकती है। पर हमें यह स्वीकार करना होगा की तत्कालीन समाज में पति पत्नी के रिश्ते एक बड़े ही नाजुक दौर से गुजर रहे हैं जिसमें पति और पत्नी की सामाजिक, आर्थिक, जातीय और व्यावसायिक संवेदना को सम्हालना और पति पत्नी के सम्बन्ध को निभाना अति कठिन साबित हो रहा है। यह एक ऐसी चुनौती है जिसे पति और पत्नी दोनों को एक दूसरे की संवेदना को समझ कर कहीं ना कहीं एक दूसरों को आवश्यक अवकाश दे कर, उन्हें और उनकी कमजोरियों को स्वीकार कर अपनी रचनात्मक पटुता से दाम्पत्य जीवन को सुखमय और रसमय बनाना होगा। यही मेरी सब उन दम्पतियों से प्रार्थना है, जो एक दूसरे को चाहते हैं और साथ में रहते हुए जीवन के जातीय प्रयोगात्मक आनंद …

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Drishyam, ek chudai ki kahani-28

हेल्लो, अब आगे की हिन्दी सेक्स कहानी पढ़िए और मजे लीजिये! कमल ने फ़ौरन आरती का ब्लाउज को आगे से खोल दिया और आरती की ब्रा के हुक भी खोल दिए और आरती की दोनों चूँचियों को नंगा कर दिया। आरती का ब्लाउज और ब्रा निकाल फेंकी नहीं। आरती की नंगी मस्त अल्लड़ चूँचियों को देख कर कमल पागल हो गया। आरती के भरे हुए स्तन पुरे फुले होते हुए भी आरती की छाती पर ऐसे सख्ती से खड़े थे जैसे दो पहाड़ हों। उन पहाड़ों पर जैसे कोई पेड़ बिलकुल शिखर पर हों ऐसी आरती की दो करारी निप्पलेँ उन दो पहाड़ों पर बिलकुल बिच में ही आरती के स्तनोँ की अद्भुत मादकता को उजागर करती हुईं शोभायमान थीं। कमल ने अपने होँठ से उन करारी निप्पलोँ को चूमना, चाटना और काटना शुरू किया। कमल कभी आरती के पुरे गुब्बारे को चूस कर अपने मुंह में ले लेता तो …

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Drishyam, ek chudai ki kahani-8

हेल्लो दोस्तों, अब आगे की कहानी पढ़िए! इधर अर्जुन को उस दिन वह मौक़ा मिला जिसकी उसे हफ़्तों से तलाश थी। जब वह घर पहुंचा तो चाचा चाची खाना खा कर अपने बैडरूम में जा चुके थे। अर्जुन ने रोशनदान से जब छुप कर देखा तो पाया की चाचा और चाची दोनों नग्न हालत में बिस्तर पर लेटे हुए थे। चाचा चाची की चूँचियों से खेल रहे थे और चाची चाचाके लण्ड को हिला रही थी। चाचा फिर उठ खड़े हुए और चाचीजी की टाँगें फैला कर उसकी टाँगों के बिच में अपना मुंह घुसा कर चाचीजी की चूत को चाटने लगे। यह देख कर अर्जुन भी अपना लण्ड निक्कर से निकाल कर सीढ़ी पर बैठ कर हलके से हिलाने लगा। चाचीजी की चूत को अच्छी तरह चाटने और चाचीजी को काफी गरम करने के बाद चाचाजी चाचीजी के ऊपर सवार हो गए और अपना लण्ड चाचीजी की चूत में …

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