Drishyam, ek chudai ki kahani-31
अर्जुन भी आरती से बातें करते हुए काफी उत्तेजित हो गया था। अर्जुन के लण्ड में भी उसका वीर्य फुंफकार रहा था। अर्जुन ने आरती को चोदने की फुर्ती बढ़ाई। जैसे जैसे अर्जुन आरती की चूत में अपने लण्ड से थपाक थपाक चोट मारने लगा वैसे वैसे आरती के मुंह से सिसकारियां और कराहटें निकलनी शुरू हो गयीं। अर्जुन के लण्ड का मूल आरती के चूतड़ों पर थपाक थपाक की आवाज से चपेट मारने लगे वैसे आरती और अर्जुन दोनों अपने चरम पर पहुंच गए। अर्जुन ने अपने गरम वीर्य का फव्वारा आरती की चूत के अंदर छोड़ा तो आरती भी अर्जुन के वीर्य की गरमी महसूस कर अपने को रोक नहीं पायी और “आह….. ओह….. हाय…… अर्जुन…. ” कहती हुई अर्जुन को अपने बाहुपाश में सख्ती से बांधती हुई ढह पड़ी और शिथिल हो कर बिस्तरे पर आँखें बंद कर कुछ देर तक अपने यह चरमोन्माद का अनुभव करती …