मेरा बलात्कार-Hindi Sexy story
लेखिका : नेहा वर्मा संजय को हमारे घर पर आए हुए २ दिन हो चुके थे. संजय ३५ साल का था और इंदौर में नौकरी करता था. वो एक तरह से मेरे पापा का दोस्त था. वो दिखने में सुंदर और गोरे रंग का है. जब वो हमारे घर आया तो उसको देख कर मेरा मन मचल उठा. उसने भी जब मुझे देखा तो वो भी मेरी तरफ़ आकर्षित हो गया था. मैं दिखने में सुंदर हूँ. मेरे स्तन पूरा उभार ले चुके हैं. मेरा बदन गोरा और चिकना है. मेरे शरीर का कटाव, उभार और गहराइयाँ किसी को भी अपनी और खींच सकती हैं. खासकर मेरी चूतडों की गोलाईयां, और उसकी फांकें गोल और उभरी हुयी हैं. मेरी जींस उन गहराइयों में घुस जाती है. जो देखने में बहुत उत्तेजक लगती है।संजय भी मेरी जवानी के जलवों से बच नहीं पाया. वो मुझसे बार बार बातें करने के बहाने …