सेक्रेटरी को बीवी बनाकर चोदा

नमस्कार मेरे मित्रगणों  और सुनाइए कैसे आप सब , में आज आप सभी  छुडासी  कहानियों को पढ़कर उनके मज़े लेने वालों के लिए अपनी एक सच्ची चुदाई की घटना सुनाने के लिए यहाँ पर आया हूँ जिसमें मैंने अपनी हॉट छुडासी  सेक्रेटरी को एक होटल में ले जाकर चोदा. उसके बाद हमारी वो चुदाई ऐसे ही चलती रही और अब में कहानी की तरफ आगे बढ़ता हूँ और बताता हूँ कि मैंने कैसे चुदाई के मज़े लिए? मेरे मित्रगणों  क्या मॉल थी उसकी चुची पीकर मजा आ गया.

दोस्तों वैसे में सिकंदराबाद  का रहने वाला हूँ और मेरा खुद का अपना एक ऑफिस है जिसमें हम दो लोग ही काम करते है. दोस्तों मेरे ऑफिस में एक शादीशुदा औरत मेरे साथ काम कर रही है और वो तो मेरे ऑफिस में पिछले पांच साल से भी ज़्यादा समय से काम कर रही है इसलिए हमारे बीच में एक बहुत अच्छी दोस्ती भी है. इसलिए हम दोनों के बीच में चुदकड़  का वो रिश्ता चार साल से ज़्यादा समय से है. दोस्तों मेरे ऑफिस में हमेशा में और वो हम दोनों ही अकेले होते है. हमें हमारे घर का काम भी हमेशा साथ में ही करना रहता था. हमारे ऑफिस में कुछ ऐसा काम था कि जिसकी वजह से किसी का भी वहां पर आना जाना नहीं था. मै एक नंबर का आवारा चोदा पेली करने वाला  लड़का हु मुझे लड़किया चोदना अच्छा लगता है.

 मेरे प्यारे दोस्तो चुची पिने का मजा ही कुछ और है दोस्तों उस औरत के पति भी सेंट्रल लाईन में नौकरी कर रहे है. हमारा ऑफिस वेस्टर्न लाईन के बीच में पड़ता था. उस वजह से उस औरत के पति भी कभी हमारे ऑफिस नहीं आते थे. दोस्तों में शादीशुदा हूँ और मेरा घर भी मेरे ऑफिस से बहुत दूर है तो इसलिए मेरी पत्नी भी कभी भी मेरे ऑफिस नहीं आती थी. ये कहानी पढ़ कर आपका लंड खड़ा नहीं हुआ तो बताना  लड खड़ा ही हो जायेगा .

 मेरे मित्रगणों  चुत छोड़ने के बाद सुस्ती सी आ जाती है     दोस्तों ऑफिस में हमेशा एक साथ काम करने की वजह से हम दोनों एक दूसरे के बहुत ही करीब आ गये थे. हम दोनों एक दूसरे की लाइफ, चुदकड़  लाइफ सभी के बारे में बातें किया करते थे एक दूसरे से हम कुछ भी नहीं छुपाते और सब कुछ बता देते थे. वो ज़्यादातर साड़ी ही पहनती थी और में उसकी सुंदरता, गोरा रंग, भरा हुआ छुडासी  बदन, बड़े आकार के बूब्स को देखकर हमेशा बहुत गरम हो जाता था. एक बार मैंने कैसे भी करके उसकी चुदाई करने का मन बना लिया था. में उस काम को अब कैसे भी करने की बात अपने मन में ठान चुका था. क्या बताऊ मेरे मित्रगणों   उसको देखकर किसी लैंड टाइट हो जाये.

 मेरे मित्रगणों  मने बहुत सी भाभियाँ चोद राखी है एक दिन में बहुत हिम्मत करके उसको किस करके ऑफिस से बाहर चला गया और में बहुत देर बाद भी वापस नहीं आया. वैसे वो हर शाम को करीब पांच बजे के बाद अपने घर पर चली जाती है, लेकिन उस दिन वो मेरा इंतज़ार करती रही. मेरे मित्रगणों  क्या मलाई वाला माल लग रहा था.   

 चुदाई की कहानी जरूर सुनना चाहिए मजे के लिए जब में ऑफिस पहुंचा तब उसने मुझसे कहा कि आज अपने यह क्या किया? अब मैंने उससे कहा कि वो मुझे पता नहीं, लेकिन हाँ में तुम्हे प्यार करने लगा हूँ तुम मुझे बहुत अच्छी लगती हो. यह बात में तुमसे बहुत पहले भी कहना चाहता था, लेकिन ना कह सका. साथियो की पुराणी मॉल छोड़ने का मजा ही कुछ और है.

 अब सुनिए चुदाई की असली कहानी वो बोली कि आप पागल हो चुके हो. पहले यह भी बात सोच लो कि हम दोनों शादीशुदा है फिर यह सब कैसे हो सकता है? अब मैंने उससे कहा कि में कुछ नहीं जानता मैंने तुम्हे आज अपने मन की सच्ची बात बताई है. उसके अलाव में कुछ भी नहीं जानता. और ना तुमसे सुनना चाहता हूँ. फिर वो वहां से चली गई और अपना काम करने लगी. मेरे मित्रगणों  एक बार चोदते  चोदते  मेरा लंड घिस गया.

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 वहा का माहौल बहुत अच्छा था  मेरे मित्रगणों   दूसरे दिन वो वापस ऑफिस आई तो मैंने देखा कि वो उस दिन बिल्कुल शांत थी उसके चेहरे को देखकर मुझे बिल्कुल भी लग रहा था कि उसको मेरी कल वाली बात का कुछ बुरा भी लगा हो. मैंने थोड़ी देर बाद अपनी कुर्सी को सरकाकर में उसके पास आ गया. मैंने दोबारा से उसको किस किया. लेकिन वो मुझसे कुछ भी नहीं बोली वो सिर्फ़ हल्का सा मुस्कुरा रही थी जिसकी वजह से मेरी हिम्मत अब पहले से ज्यादा बढ़ गई. में अब बार बार उसको किस करता रहा. लेकिन वो मुझसे कुछ भी नहीं बोली और अब मेरा लंड धीरे धीरे खड़ा होने लगा था. मेरे मित्रगणों  उस लड़की मैंने चुत का खून निकल दिया.

 वहा जबरजस्त माल भी थी मेरे मित्रगणों    अपना आकार बदलना शुरू कर दिया था. शायद अब वो भी धीरे धीरे हॉट होने लगी थी, तो दो तीन दिन के बाद मैंने उससे कहा कि तुम भी मुझे किस करो तब उसने मुझे किस किया. मेरे मित्रगणों  चोदते चोदते चुत का भोसड़ा बन गया.

 ऐसे माहौल कौन नहीं रहना चाहेगा मेरे मित्रगणों   में जोश में आ गया और मैंने उसी समय उसको अपनी बाहों में ले लिया. मैंने उसको बहुत बार किस किया. तब उसके बड़े आकार के बूब्स भी मेरी छाती से चिपक गये थे. अब वो मुझसे कहने लगी कि सर प्लीज अब आप हट जाए वरना कोई आ जाएगा यह ऑफिस है घर नहीं. मेरे मित्रगणों  एक बार मैंने अपने गांव के लड़की जबरजस्ती चोद दिया.

 उह क्या मॉल था मेरे मित्रगणों  गजब मैंने उससे कहा कि हाँ मेरी जान मुझे भी सब कुछ याद है, लेकिन अपने इस ऑफिस में कोई नहीं आता और ना ही हमें कोई भी देख सकता. फिर भी हम सतर्क रहेंगे. फिर में जोश में आकर उसके बूब्स को भी ज़ोर ज़ोर से दबाने निप्पल को निचोड़ने लगा. दोस्तों में एक दिन में उसको कई बार अपनी बाहों में भर लेता था. साथ में उसकी चूत को भी कपड़ो के ऊपर से सहला देता था. मेरा तो मन ही ख़राब हो जाता था मेरे मित्रगणों  .

 क्या बताऊ मेरे मित्रगणों  मैंने चुदाई हर लिमिट पार कर दिया अब वो भी मेरे लंड को कभी कभी कपड़ो के ऊपर से ही सहला देती थी उसको भी मेरे साथ बड़ा मज़ा आने लगा इसलिए वो भी अब हमेशा मेरा पूरा पूरा साथ देने लगी थी. कुछ भी  हो माल एक जबरजस्त था .

 उसको देखकर  किसी का मन बिगड़ जाये  एक दिन हम दोनों ने निर्णय किया कि हम कहीं होटल में चले जाते है. उस दिन हम हमारे ऑफिस को एक दिन के लिए बंद कर देंगे और हम दोनों बहुत मज़े मस्ती करेंगे. हम दोनों उसके लिए तैयार हो चुके थे. उसके बाद हम खुश होकर अपने अपने घर चले गए. मेरे मित्रगणों  मैंने किसी भाभी को छोड़ा नहीं है.

उह भाई साहब की माल है उसकी चुत की बात ही कुछ और है दू सरे दिन वो सुबह ऑफिस जल्दी आ गई. हम दोनों थोड़ी दूर एक होटल में रूम बुक करके वहां पर रूम में चले गये. रूम में पहुंचते ही मैंने उसको तुरंत अपनी बाहों में भर लिया और उसको चूमने लगा. अब वो मुझसे बोली कि सर हमारे पास पूरा दिन है आप क्यों इतने उतावले हो रहे है? मेरे मित्रगणों  एक बार स्कूल में चुदाई कर दिया बड़ा मजा आया.

 मेरे मित्रगणों  चोदते  चोदते  कंडोम के चीथड़े मच गए वो थोड़ी देर बाद जब मैंने उसको छोड़ा तब वो बाथरूम में चली गई. कुछ देर बाद वापस आकर वो बेड पर बैठ गई. अब मैंने उससे कहा कि सुनीता आज मेरा बहुत दिनों का सपना जरुर पूरा होगा जिसका मुझे इतने सालों से इंतजार था, आज वो दिन आ गया है इसलिए में आज बहुत खुश हूँ. ओह्ह उसके यह का चुम्बन की तो बात अलग है.

 एक बार मैंने अपने मौसी की लड़की को जबरजस्ती चोद दिया वो कहने लगी कि सर मुझे भी आप बहुत अच्छे लगते है. फिर मैंने उसकी साड़ी को उसके गोरे कामुक बदन से दूर हटा दिया. मैंने तुरंत उसके ब्लाउज को भी खोल दिया. अब उसने अपने दोनों हाथों से उस ब्लाउज को हटाकर अपनी ब्रा को खोल दिया. में अपनी चकित नजर से उसके गोरे गोलमटोल बूब्स को देखता ही रह गया उसके वाह क्या मस्त आकर्षक बूब्स थे. है उसके गांड मेरा मतलब तरबूज क्या गजब भाई.

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 मेरे मित्रो मामा की लड़की की चुदाई में बड़ा मजा आया मैंने तुरंत आगे बढ़कर अपने दोनों हाथों में उन दोनों बूब्स को ले लिय. में अपने दोनों हाथों से उनको कुछ देर तक मसलता रहा. उसके बाद में निप्पल को भी मसलने लगा. उसके बाद में उसकी खड़ी हुई निप्पल को अपने मुहं में लेकर बहुत देर तक चूसकर मज़े लेता रहा जिसकी वजह से मेरे साथ साथ अब वो भी गरम हो गई. अब वो मेरे लंड को कुछ देर पेंट के ऊपर से सहलाने के बाद अब मेरी पेंट की चेन को भी खोलने लगी. मेरे मित्रगणों  कई बार जबरजस्ती शॉट मरने में चुत से खून निकल गया.

 उसका भोसड़ा का छेड़ गजब का था मेरे मित्रगणों   मैंने उससे कहा अच्छा चलो पहले तुम मुझे पूरा नंगा कर दो, वो मेरी बात को सुनकर हँसने लगी. उसने एक एक करके मेरे सारे कपड़े उतारकर मेरे लंड को पकड़ लिया. दोस्तों मेरा लंड आकार में बहुत बड़ा है वो उसको मसलने लगी. वो मुझसे कहने लगी कि सर आपका यह बहुत बड़ा है. उसकी बूब्स  देखते ही उसको पिने की इच्छा हो गयी  .

 मेरे मित्रगणों  मै सबसे पहले उसकी गांड मरना चाहता हु  मैंने उससे पूछा क्या तेरा पति का इससे छोटा है? अब वो बोली कि हाँ उनका लंड आपके लंड से तो बहुत छोटा है. में इसको पूरा शायद अपने अंदर कर भी नहीं सकती, अब मैंने उससे कहा कि तुम उस बात की बिल्कुल भी चिंता मत करो यह फिर भी चला जाएगा. फिर वो बेड पर बैठ गई. मेरे लंड को किस करके धीरे धीरे मुहं में पूरा भर लिया. अब वो मेरे लंड को लोलीपोप की तरह चूसकर बड़े मज़े ले रही थी. बहुत धीरे धीरे अंदर बाहर भी करने लगी. उसको पेलने की इच्छा दिनों से है मेरे मित्रगणों.

 अच्छा चुदाई चाहे जितनी कर साला फिर भी लैंड नहीं मनता मेरे मित्रगणों     उसी समय में खड़े खड़े उसके बूब्स की निप्पल को सहलाकर जोश दिलाने लगा, जिसकी वजह से वो इतनी ज्यादा हॉट हो गई कि अब बेड पर एकदम सीधी लेट गई. वो मेरे सामने गिड़गिड़ाने लगी प्लीज सर अब आप आपका मोटा लंड मेरे पूरा अंदर डाल दो, मुझसे अब बिल्कुल भी नहीं रहा जा रहा है प्लीज जल्दी से पूरा अंदर घुसा दो अब थोड़ा जल्दी करो ना. मेरे मित्रगणों  मेरा तो मानना है जब भी चुत मारनी हो बिना कंडोम के ही मारो तभी ठीक नहीं सब बेकार.

 उसके बूर की गहराई में जाने के बाद क्या मजा आया मेरे मित्रगणों   जैसे उसके चुत में माखन भरा हो फिर में उसके कहने से उसके ऊपर आ गया. मैंने अपने लंड को उसकी चूत के मुहं पर रखकर एक ज़ोर का धक्का दे दिया, उसकी चूत पहले से ही एकदम गीली हो चुकी थी इसलिए मुझे अपने मोटे लंड को उसकी छोटी चूत के अंदर डालने में इतनी ज़्यादा समस्या नहीं हुई. मेरा लंड दो धक्कों में तो पूरा का पूरा अंदर हो गया. उसको देखने बाद साला चुदाई भूत सवार हो जाता मेरे मित्रगणों .

 मुझे तो कभी कभी चुदाई का टाइफिड बुखार हो जाता है और जब तक चुदाई न करू    तब तक ठीक नहीं होता वो सबसे पहले दर्द की वजह से एक बार बड़ी ज़ोर से चीखी. उसके बाद वो मुझसे बोलने लगी उफफ्फ्फ्फ़ आह्ह्ह्ह सर मज़ा आ गया. मेरी चूत को आज पहली बार बहुत दमदार लंड मिला है, सर आज आप मेरी पूरी चूत को फाड़ दो ओह्ह्हह्ह्ह्ह सच में मज़ा आ गया, वाह क्या मस्त लंड है आपका आह्ह्ह्हह्ह मज़ा आ गया. वो भी अब अपनी कमर को उठाकर सामने से वार करने लगी थी. में भी उसका साथ देखकर ज्यादा जोश में आ गया. एक बात और मेरे मित्रगणों  चुत को चोदते समय साला पता नहीं क्यों नशा सा हो जाता बस चुदाई ही दिखती है.

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 उह यह उसकी नशीली आँखे में एक दम  चुदकड़ अंदाज है फिर वो मेरे कुछ देर लगातार धक्के देने की वजह से अपनी मंज़िल पर पहुंच गई. वो झड़कर धीरे धीरे शांत ठंडी होने लगी थी, लेकिन में अभी भी वैसे ही जोरदार वार करता रहा जिसके उसको बहुत मज़े आ रहे थे. उसका पूरा बदन हर कर धक्के से हिल रहा था. थोड़ी ही देर के बाद में भी झड़ने लगा. मैंने उसकी चूत में अपना पूरा वीर्य निकाल दिया जिसको अपनी चूत में महसूस करके वो एकदम खुश नजर आ रही थी. फिर में ऐसे ही उसके ऊपर लेट गया. अब भी मेरा लंड ऐसे ही उसकी चूत के अंदर ही था. मेरे मित्रगणों  देखने से लगता है की वो पका चोदा पेली का काम करती होगी.

 मेरे मित्रगणों  चुत को चाटेने के  समय उसके बूर के बाल मुँह में आ रहे थे   उसने मुझे किस किया. फिर कहा कि आज से आप मेरे सर नहीं दूसरे पति हो और में तुम्हारी बीवी. आज से घर पर वो तुम्हारी बीवी और ऑफिस के समय पूरे दिन में आपकी बीवी हूँ और आज से आप मुझे पति का वो पूरा सुख चुदाई के सभी मज़े मुझे अपनी तरफ से देना शुरू कर दो, आज अपने मुझे अपने लंड का गुलाम और मेरी चूत को अपनी दासी बना लिया है. मुझे आपसे हमेशा ही ऐसी चुदाई का मज़ा चाहिए. मेरे मित्रगणों  मुझे तो कभी कभी चुत के दर्शन मात्र से खूब मजा आता क्योकि मई पहले बहुत बार अपने मौसी के लड़की  को बिना पैंटी के देखा था  वाह क्या मजा आया था.

 अब चुदाई करने को  १००% तैयार थी   मैंने भी उसकी पूरी बातें सुनकर बहुत खुश होकर कहा कि हाँ ठीक है आज से तुम जैसा चाहोगी कहोगी ठीक वैसा ही होगा और में तुम्हे चुदाई के अपनी तरफ से सभी मज़े दूंगा उसके बाद हम दोनों उठे और बाथरूम में जाकर हम दोनों एक साथ में नहाए. फिर बाथरूम से बाहर आने के बाद वो मेरा लंड पकड़कर सहलाने लगी जिसकी वजह से मेरा लंड दोबारा तनकर खड़ा हो गया. थोड़ी देर के बाद एक बार फिर से उसको बेड पर लेटाकर मैंने खड़े खड़े उसकी चूत में अपना लंड डाल दिया. मन कर रहा था कब इसे चोद लू मेरा लंड समझने  को तैयार नहीं था .

 अब बिना चुदाई के रह नहीं सकता था मेरे मित्रगणों  मै पागल सा हो गया  उसके बाद में उसकी चुदाई करने लगा. मैंने तेज तेज धक्के देने शुरू कर दिए. फिर एक बार पीछे से डॉगी की तरह मैंने उसकी बहुत मस्त जमकर चुदाई करके उसको खुश कर दिया उसके बाद हमने दिन का खाना भी वहीं रूम में ही मंगवा लिया था. खाना खाने के बाद कुछ देर हम दोनों ने आराम किया, क्योंकि हम बहुत थका हुआ सा महसूस कर रहे थे. दोस्तों उस दिन हम दोनों ने शाम के करीब पांच बजे तक तीन बार चुदकड़  किया, जिसमें उसने मेरा हर बार बहुत जमकर आगे बढ़कर अपनी गांड को उठा उठाकर पूरा पूरा साथ दिया. ओह ओह ओह है कब लंड को घुसा दू ऐसा लग रहा था मेरे मित्रगणों  .

 मॉल था चुदाई के लायक  वो वहीं उस होटल से अपने घर चली गई और में वापस अपने ऑफिस आ गया. कुछ देर आराम करने के बाद रात को में अपने घर पर चला गया. दोस्तों अब तो सप्ताह में एक बार तो हम चुदकड़  जरुर कर ही लेते है और अब में कभी कभी उसके घर भी चला जाता हूँ. चोदने के बाद थोड़ा रिलेक्स हुआ भाइयो क्या गजब मजा जब माल अच्छा हो तो कौन नहीं  चोदना चाहेगा  है न मेरे मित्रगणों  आया.

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