नमस्कार मेरे मित्रगणों और सुनाइए कैसे आप सब , मेरा नाम कुलविंदर तिवारी है और में आपके लिए एक नई स्टोरी लेकर आया हूँ. में आपको बता दूँ कि मेरी माँ का फिगर बहुत मस्त है और वो दिखने में बहुत चुदकड़ है. अब मंगलवार सुबह में अपने दोस्तों से मिलने बाहर निकला, मेरे 4 दोस्त थे, वो सब घेरा बनाकर बातें कर रहे थे, उनके पीछे दीवार थी जिसमें एक छोटा सा छेद था और जहाँ से रास्ता था. मोटी गांड वाली लड़कियों की बात ही कुछ और है.
क्या गजब चुदकड़ अंदाज थी अब में यूँ ही उसमें से देखकर उनकी बातें सुन रहा था, मेरा दोस्त कौसल कुमार मेरे बर्थ-डे के बारे में बोल रहा था, जो कल था. फिर वो बोला कि अरे यार कुलविंदर तिवारी की माँ तो बहुत बड़ी माल है, कल बर्थ-डे में किसी भी तरह चोदना पड़ेगा, अब सब हाँ-हाँ बोल रहे थे. फिर कौसल कुमार बोला कि कल कुलविंदर तिवारी के पापा भी नहीं होंगे तो किसी भी तरह चोद देंगे, में जानता था कि यह लोग कुछ ना कुछ करने वाले थे, लेकिन में वहाँ से चला गया वरना पकड़ा जाता. लड़किया क्युआ गजब चुदकड़ होती है दोस्तों.
मेरे मित्रगणों क्या मॉल थी उसकी चुची पीकर मजा आ गया फिर अगले दिन मैंने घर पर सजावट कर दी और मेरे सारे फ्रेंड्स आ गये. अब वो सब बढ़िया तैयार हो कर आए थे, सिर्फ़ इतने ही लोग थे. फिर मेरी माँ आई, उस समय मेरी माँ ने टी-शर्ट पहनी थी और नीचे सिर्फ़ लेंहगी पहनी थी. अब उनकी टाईट गांड साफ़-साफ़ दिख रही थी, उनके बड़े बूब्स उनकी ब्रा के लिए बहुत बड़े थे इसलिए वो जैसे ही झुकती तो आधे से ज़्यादा बूब्स दिख जाते और मेरे सारे दोस्तों की नज़र उधर ही होती, लेकिन मेरा एक दोस्त दिख नहीं रहा था. मै एक नंबर का आवारा चोदा पेली करने वाला लड़का हु मुझे लड़किया चोदना अच्छा लगता है.
मेरे प्यारे दोस्तो चुची पिने का मजा ही कुछ और है फिर थोड़ी देर में लाईट चली गयी और अब में जान चुका था कि ये सब मेरे दोस्त ने ही किया है, लेकिन उसने पूरी सोसाइटी की लाईट बंद कर दी थी. फिर वो सीढ़ियाँ चढ़ कर आया, अब अंधेरे में कुछ नहीं दिख रहा था, अब में उनके इरादे जान चुका था इसलिए में दरवाजे के पास गया और ज़ोर से बोला कि में नीचे जा रहा हूँ लाईट चालू होने पर आऊंगा और घर पर एक कोने में बैठ गया. ये कहानी पढ़ कर आपका लंड खड़ा नहीं हुआ तो बताना लड खड़ा ही हो जायेगा.
मेरे मित्रगणों चुत छोड़ने के बाद सुस्ती सी आ जाती है फिर मेरा एक दोस्त जल्दी से आया और दरवाजा बंद कर दिया, लेकिन में घर के अंदर ही था. अब मेरा एक फ्रेंड पहले से ही बैटरी वाली बड़ी टूयूब लाईट लेकर आया था और उसने वो माँ के रूम में लगा दी थी. अब माँ अभी तक बालकनी में खड़ी थी, फिर कौसल कुमार ने माँ को बुलाया तो माँ ने बोला कि क्या हुआ? वो लोग उन्हें उनके रूम में ले गये. अब रूम में बहुत उजाला था, फिर में तुरंत छुपकर से बाथरूम में गया और उस रूम से हवा आने के लिए थोड़ी सी जगह खुली रखी है, में उसमें से सब देख रहा था. अब माँ रूम को देखकर चौंकी और हँसी और पूछने वाली थी कि यह लाईट कहाँ से लाए? तो कौसल कुमार तुरंत माँ के पीछे गया और अपने हाथ से माँ का मुँह दबा दिया. क्या बताऊ मेरे मित्रगणों उसको देखकर किसी लैंड टाइट हो जाये.
मेरे मित्रगणों क्या मलाई वाला माल लग रहा था मेरे मित्रगणों मने बहुत सी भाभियाँ चोद राखी है फिर एक ने माँ के दोनों हाथ पकड़े, फिर हुकुम दादरी आया उसने माँ की टी-शर्ट ऊपर से फाड़ दी. अब सिर्फ़ माँ की पिंक ब्रा ही माँ के बूब्स को ढके थी, जो बहुत छोटी थी. फिर उन्होंने ब्रा के हुक को खोल दिया और बाकी दोनों बूब्स दबाने लगे. अब कौसल कुमार ने माँ के हाथ पीछे से बाँध दिए, फिर सबने अपनी पेंट उतारी और अब सबके लंड तैयार थे. फिर उन्होने माँ के मुँह में रुमाल भर दिया, वो सब पूरी प्लानिंग करके आए थे. फिर कौसल कुमार ने माँ को झुकाया और उनकी लेगी को गांड के तक फाड़ दिया, तो उतने में दूसरा बोला कि पूरी फाड़ दे, तो कौसल कुमार ने माँ को पूरा नंगा कर दिया. चुदाई की कहानी जरूर सुनना चाहिए मजे के लिए.
साथियो की पुराणी मॉल छोड़ने का मजा ही कुछ और है फिर कौसल कुमार ने बिना चिकनाई के 9 इंच का लंड माँ की गांड में घुसा दिया, तो माँ की आँखों से आसूं आने लगे. फिर सब एक-एक करके आए, फिर एक ने माँ के मुँह में अपना लंड घुसाया और वो ज़ोर-ज़ोर से अपना लंड अंदर बाहर घुसा रहा था और पीछे से कौसल कुमार माँ की गांड फाड़ रहा था और साथ ही साथ माँ के बूब्स बहुत ज़ोर से दबा रहा था और एक दूसरा ये सब देखकर मुठ मार रहा था और एक मोबाईल पर वीडियो बना रहा था. अब सुनिए चुदाई की असली कहानी.
मेरे मित्रगणों एक बार चोदते चोदते मेरा लंड घिस गया फिर कौसल कुमार ने अपना लंड बाहर निकाल दिया, फिर उन लोगों ने माँ को बेड पर लेटाया. फिर कौसल कुमार ने माँ का हाथ पकड़ा और उससे उसका लंड हिलवा रहा था. फिर हुकुम दादरी आया और माँ की गांड चाटने लगा, अब माँ बहुत ज़ोर-ज़ोर से मौन कर रही थी और इसी वजह से माँ कौसल कुमार का लंड बहुत ज़ोर-जोर से हिला रही थी. अब माँ छूटने की कोशिश भी नहीं कर रही थी, अब वो जो बोल रहे थे माँ वो चुपचाप कर रही थी. फिर उन्होंने माँ को छोड़ा और आपस में कुछ बात की, अब सब मिलकर आए. वहा का माहौल बहुत अच्छा था मेरे मित्रगणों.
मेरे मित्रगणों उस लड़की मैंने चुत का खून निकल दिया फिर कौसल कुमार माँ के ऊपर चढ़ गया और अपना लंड उनकी गांड में घुसाया और चोदने लगा. फिर हुकुम दादरी आया और माँ की चूत में अपना लंड घुसाया. अब माँ रो रही थी, लेकिन उन्हें मज़ा भी आ रहा था, अब माँ के दोनों छेदों में लंड घुसे थे. फिर ध्रुव ने अपना लंड माँ के मुँह में घुसाया और लंड चुसवाया और कृष माँ के बड़े-बड़े बूब्स चूस रहा था और दबा रहा था. फिर उसने माँ के बूब्स के बीच में अपना लंड घुसाया और चोदने लगा. वहा जबरजस्त माल भी थी मेरे मित्रगणों.
मेरे मित्रगणों चोदते चोदते चुत का भोसड़ा बन गया अब कौसल कुमार ज़ोर-ज़ोर से माँ की गांड मार रहा था, अब सब लोग अपना पानी निकालने वाले थे तो सबने अपना-अपना लंड निकाल दिया. अब सब एक-एक करके आए, पहले हुकुम दादरी ने अपना लंड माँ की गांड में घुसाया और फिर माँ की चूत में अपना वीर्य निकाला. फिर कौसल कुमार आया और फिर ध्रुव आया और फिर फाइनली कृष ने भी अपनी मलाई माँ की चूत में छोड़ दी. ऐसे माहौल कौन नहीं रहना चाहेगा मेरे मित्रगणों.
मेरे मित्रगणों एक बार मैंने अपने गांव के लड़की जबरजस्ती चोद दिया अब माँ की चूत पूरी वीर्य से भरी थी, अभी फाइनल शॉट बाकी था, अब माँ अपने दोनों हाथों से दो लंड हिला रही थी और दो लंड चूस रही थी, उन दोनों ने एक साथ में माँ के मुँह में लंड घुसाया था. अब सबने अपने हाथों से मूठ मारना चालू किया और फाइनली सबने अपना वीर्य माँ के मुँह में डाला और माँ को ज़बरदस्ती पिलाया. अब उन लोगों ने धमकी दी थी कि किसी को यह मत बताना वरना ये वीडियो सबको दिखा देंगे और जब वो लोग बुलाए तब चुदवाने आना पड़ेगा. उह क्या मॉल था मेरे मित्रगणों गजब.
मेरा तो मन ही ख़राब हो जाता था मेरे मित्रगणों फिर में तुरंत बाहर निकला और दरवाजा खोलकर बाहर निकला, लेकिन एक प्रोब्लम थी कि अंदर से दरवाज़ा लॉक कैसे करूँ? इसलिए मैंने सिर्फ दरवाज़े को लॉक किया और स्टॉपर नहीं मारी. फिर मैंने ध्रुव को कॉल किया और तब तक उन लोगों ने सब कुछ नॉर्मल कर दिया था. फिर ध्रुव आया और उसने दरवाज़ा खोल दिया, फिर अचानक से लाईट आ गयी. क्या बताऊ मेरे मित्रगणों मैंने चुदाई हर लिमिट पार कर दिया.
कुछ भी हो माल एक जबरजस्त था अब सब लोग सोफे पर बैठे थे, फिर वो सब बोले कि अब हम चलते है बहुत लेट हो गया है, फिर वो सब चले गये. अब माँ ने नाइटी पहनी थी, फिर मैंने जानबूझ कर पूछा कि माँ आपने तो टी-शर्ट पहनी थी, तो माँ बोली कि लाईट जाने से गर्मी लग रही थी इसलिए चेंज कर ली. अब माँ की आँखों से आसूं आ रहे थे, फिर मैंने पूछा कि माँ आप रो क्यों रही हो? तो वो बोली कि आज तेरा बर्थ-डे है और तू बहुत बड़ा हो गया है इसलिए ये खुशी के आसूं हैं. फिर मैंने माँ को हग किया था और मुझे हग करते वक़्त महसूस हो रहा था कि उन्होंने ब्रा नहीं पहनी थी. उसको देखकर किसी का मन बिगड़ जाये.
मेरे मित्रगणों मैंने किसी भाभी को छोड़ा नहीं है फिर अगले दिन से ही उन लोगों ने माँ को चोदना शुरू कर दिया था. अब जब घर पर वो अकेली होती तो सब मिलकर आते और जानवरों की तरह माँ को चोदते. अब आधे से ज़्यादा कपड़े और ब्रा फटे पड़े होते, जो माँ छुपा देती, लेकिन मुझे वो जगह पता थी. फिर अगले दिन पापा आ गये और बोले कि हम लोग बड़े घर में शिफ्ट होने वाले है, तो अब माँ बहुत खुश थी और हम उन्हें नहीं बताने वाले थे कि हम कहाँ रहने वाले है? फिर मैंने उनके मोबाईल से वीडियो डिलीट करने की कोशिश की, लेकिन वीडियो डिलीट नहीं होने से मैंने उसका मोबाईल ही तोड़ दिया. उह भाई साहब की माल है उसकी चुत की बात ही कुछ और है मेरे मित्रगणों एक बार स्कूल में चुदाई कर दिया बड़ा मजा आया मेरे मित्रगणों चोदते चोदते कंडोम के चीथड़े मच गए.