Drishyam, ek chudai ki kahani-28
हेल्लो, अब आगे की हिन्दी सेक्स कहानी पढ़िए और मजे लीजिये! कमल ने फ़ौरन आरती का ब्लाउज को आगे से खोल दिया और आरती की ब्रा के हुक भी खोल दिए और आरती की दोनों चूँचियों को नंगा कर दिया। आरती का ब्लाउज और ब्रा निकाल फेंकी नहीं। आरती की नंगी मस्त अल्लड़ चूँचियों को देख कर कमल पागल हो गया। आरती के भरे हुए स्तन पुरे फुले होते हुए भी आरती की छाती पर ऐसे सख्ती से खड़े थे जैसे दो पहाड़ हों। उन पहाड़ों पर जैसे कोई पेड़ बिलकुल शिखर पर हों ऐसी आरती की दो करारी निप्पलेँ उन दो पहाड़ों पर बिलकुल बिच में ही आरती के स्तनोँ की अद्भुत मादकता को उजागर करती हुईं शोभायमान थीं। कमल ने अपने होँठ से उन करारी निप्पलोँ को चूमना, चाटना और काटना शुरू किया। कमल कभी आरती के पुरे गुब्बारे को चूस कर अपने मुंह में ले लेता तो …