पहली बार फर्स्ट क्लास कोच में चुद गई

नमस्कार मेरे मित्रगणों  और सुनाइए कैसे आप सब, मेरा नाम बिनीता गुप्ता  है, मेरी उम्र 25 है और में दिखने में सुंदर, मेरी पतली कमर, चुदकड़  हुआ बदन, चुदकड़  स्माईल, बड़े बड़े चूचिया , मटकती हुई गांड हर किसी को अपनी तरफ आकर्षित करने के लिए बहुत है. दोस्तों मेरे फिगर का साईज 33-30-36 है और वैसे मेरे साथ हमेशा मेरे फिगर को होता भी ऐसा ही है, जब कोई भी लड़का मुझे एक बार देख लेता है तो वो मेरे हुस्न का बिल्कुल दीवाना हो जाता है, लेकिन में उसकी तरफ ज्यादा ध्यान ना देते हुए अपना मन अपनी पढ़ाई में लगाती हूँ. दोस्तों में आज आप सभी को अपनी एक ऐसी चुदाई की घटना बताने जा रही हूँ और जिसके बाद मैंने उस घटना के बारे में बहुत सोच विचार किया कि मेरे साथ अचानक से क्या हो गया, लेकिन में उस चुदाई से मन ही मन बहुत खुश भी थी और अब में अपनी उस घटना को थोड़ा विस्तार से सुनाती हूँ. ये कहानी पढ़ कर आपका लंड खड़ा नहीं हुआ तो बताना  लड खड़ा ही हो जायेगा .

 मेरे मित्रगणों  चुत छोड़ने के बाद सुस्ती सी आ जाती है     दोस्तों उस समय मेरे कॉलेज में दीवाली की छुट्टियाँ थी और मुझे उस रात मुंबई से अहमदाबाद अपने घर पर जाना था, क्योंकि मुंबई में मेरा कॉलेज है और में वहां पर रहकर अपनी बी.ए. की पढ़ाई कर रही हूँ. में उस समय स्टेशन पर बैठी हुई थी, बहुत थकावट महसूस कर रही थी और उसकी वजह से मुझे बहुत ज़्यादा नींद आ रही थी, लेकिन फिर भी में मजबूरी में बहुत परेशान होते हुए स्टेशन पर बैठी हुई उस ट्रेन का इंतजार कर रही थी, जिससे मुझे अपने घर पर जाना था और अब में मन ही मन सोचने लगी कि भगवान करे मेरी ट्रेन थोड़ा जल्दी आ जाए और फिर हुआ भी ठीक वैसा ही मेरे कुछ देर इंतजार करने के बाद मैंने देखा कि ट्रेन स्टेशन पर जल्दी ही आ गई और जैसे ही ट्रेन आई तो में अपने 1st क्लास कोच में जाकर बैठ गई. दोस्तों क्योंकि मेरे पापा रेलवे में बहुत अच्छे पद पर नौकरी करते हैं, इसलिए में हमेशा 1st क्लास में ही सफर करती हूँ और मेरे बैठने के थोड़ी ही देर में वहां पर एक लड़का आया, जिसकी हाईट ठीक ठाक सी थी, उसका बदन दिखने में बहुत अच्छा और उसका रंग भी गोरा था. क्या बताऊ मेरे मित्रगणों   उसको देखकर किसी लैंड टाइट हो जाये.

 मेरे मित्रगणों  मने बहुत सी भाभियाँ चोद राखी है दोस्तों उसको देखकर मुझे ऐसा लग रहा था कि वो किसी अमीर परिवार से है. उसने मुझे देखकर स्माइल किया और मैंने भी ठीक वैसा ही किया और अब में ट्रेन चलने का इंतजार करने लगी और फिर जैसे ही ट्रेन आगे चल पड़ी. फिर मैंने कुछ देर बाद उस लड़के से उसका नाम पूछ लिया और उसने मुझे अपना नाम रोहित बताया और मैंने उसे अपना नाम बिनीता गुप्ता  बताया और फिर कुछ देर बाद मैंने उसको अपना टिकिट उसके हाथ में देते हुए उससे आग्रह किया कि वो मेरा भी टिकट टीटी को दिखा दे, क्योंकि मुझे अब बहुत नींद आ रही थी. मेरे मित्रगणों  क्या मलाई वाला माल लग रहा था.   

 चुदाई की कहानी जरूर सुनना चाहिए मजे के लिए फिर उसने मुझसे तुरंत हाँ कह दिया और वो ऊपर अपनी सीट पर चला गया. अब में नीचे अपनी सीट पर लेट गई और बहुत ज्यादा थकी होने की वजह से मुझे बिल्कुल भी पता नहीं चला कि कब मुझे नींद आ गई और अब में गहरी नींद में सो गई. दोस्तों उसके करीब आधे घंटे बाद टीटी आया और मुझे उसके आने का पता चल गया था, लेकिन में फिर भी अपनी आखें बंद करके पड़ी रही और वो हमारे टिकट चेक करके चला गया और अब उसने उठकर लाईट को बंद कर दिया और हम सो गये. दोस्तों अब में थकी होने की वजह से दोबारा बहुत जल्दी गहरी नींद में चली गई और रात को अचानक से किसी ने मुझे उठाया तो में गहरी नींद में होने की वजह से हड़बड़ाकर उठी और फिर मैंने अपनी आँख खोलकर देखा कि वो रोहित था. साथियो की पुराणी मॉल छोड़ने का मजा ही कुछ और है.

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 अब सुनिए चुदाई की असली कहानी फिर उसने मुझसे पूछा कि क्या में आपकी सीट पर बैठ सकता हूँ अगर आपको इसमें कोई आपत्ति ना हो तो और अब वो मुझसे कहने लगा कि मेरी सीट एक साईड ऊपर की तरफ है और वहां पर ज्यादा हवा लगने से मुझे ज्यादा ठंड लग रही है? दोस्तों में उस समय क्योंकि बहुत गहरी नींद में थी तो इसलिए मैंने उसकी हर बात के लिए बिना कुछ सोचे समझे उसको हाँ कर दिया. अब वो मेरे पैरों के पास अपना कम्बल लेकर बैठ गया और उसके थोड़ी देर बाद मुझे अपने पैर पर कुछ ठंडा सा महसूस हुआ, लेकिन में बिल्कुल भी समझ नहीं पाई कि वो क्या था? फिर उसके थोड़ी देर बाद मुझे महसूस हुआ कि वो रोहित का हाथ था, लेकिन फिर भी मैंने उससे कुछ नहीं कहा और फिर थोड़ी देर बाद वो अपना हाथ मेरे पैर पर घुमाने लगा. मेरे मित्रगणों  एक बार चोदते  चोदते  मेरा लंड घिस गया.

 वहा का माहौल बहुत अच्छा था  मेरे मित्रगणों   फिर मैंने तुरंत उठकर उससे बहुत ज़ोर से चिल्लाते हुए गुस्से में कहा कि यह तुम क्या कर रहे हो? रोहित ने जवाब में कहा कि मुझे ठंड लग रही है तो इसलिए में आपके पैर पर हाथ लगा करके गरमी लेने की कोशिश कर रहा हूँ. में उठकर बैठ गई और मैंने उससे कहा कि प्लीज़ तुम यह सब अब मत करो या तो तुम फिर से ऊपर दोबारा अपनी सीट पर चले जाओ. फिर वो मुझसे माफ़ी मांगने लगा और कहने लगी कि प्लीज आप मुझे माफ़ कर दो और में अब ऐसी कोई भी हरकत नहीं करूंगा. मेरे मित्रगणों  उस लड़की मैंने चुत का खून निकल दिया.

 वहा जबरजस्त माल भी थी मेरे मित्रगणों   फिर मैंने उससे कहा कि ठीक है, लेकिन अब मुझे उसकी इस हरकत से दोबारा नींद कहाँ आनी थी? में पानी पीने उठी और फिर बैठकर खिड़की से बाहर देखने लगी और बाहर से आ रही ठंडे ठंडे हवा के झोंको से मुझे पता ही नहीं चला कि कब मेरी आँख दोबारा से लग गई? फिर उसने मुझे सीधा लेटा दिया और अब वो मेरे चेहरे के बिल्कुल पास में बैठ गया और उस समय मैंने अपने ऊपर कम्बल नहीं डाला हुआ था तो इसलिए कुछ देर बाद मुझे ठंड लगने लगी. अब वो मेरे कंधो को धीरे धीरे सहलाने लगा और फिर कुछ देर बाद मेरी नींद खुल गई, लेकिन मुझे अब उसका यह सब करना बहुत अच्छा लग रहा था और इसलिए मैंने उससे मना नहीं किया और ऐसे ही उसके सामने नाटक किया कि जैसे में अब भी गहरी नींद में हूँ और अब मुझे बहुत अच्छा लगने लगा था. मेरे मित्रगणों  चोदते चोदते चुत का भोसड़ा बन गया.

 ऐसे माहौल कौन नहीं रहना चाहेगा मेरे मित्रगणों   अब उसके हाथ मुझे सहलाते समय मेरे चूचिया  पर भी हल्के से छूने लगे थे, जिसकी वजह से मुझे अब कुछ अलग ही मज़ा आ रहा था. फिर उसने कुछ देर बाद मौका देखकर धीरे से उसने अपने दोनों हाथों को मेरे चूचिया  पर रख दिए और फिर वो धीरे से मेरे चूचिया  को दबाने, सहलाने लगा ताकि में उठ ना जाऊँ, लेकिन उसे क्या पता था कि में उसकी यह सभी हरकतों का पूरा पूरा मज़ा ले रही हूँ और उसने बहुत देर तक हल्के से मेरे चूचिया  को दबाया. फिर वो मेरी एक साईड में आकर लेट गया और अब वो मेरी टी-शर्ट के अंदर हाथ डालकर मेरी ब्रा के ऊपर से मेरे चूचिया  को दबाकर बहुत मज़े लेने लगा. मेरे मित्रगणों  एक बार मैंने अपने गांव के लड़की जबरजस्ती चोद दिया.

उह क्या मॉल था मेरे मित्रगणों  गजब  दोस्तों फिर थोड़ी ही देर में कब उसने मेरी ब्रा का हुक खोल दिया और मुझे इस बात का बिल्कुल भी पता नहीं चला और अब वो मेरे निप्पल के साथ धीरे से खेलने लगा और उसके ऐसा करने की वजह से में अब बहुत ज़्यादा गरम हो चुकी थी और में ना चाहते हुए भी अब धीरे धीरे मोन करने लगी और अपनी दोनों जांघो को एक दूसरे से रगड़ने लगी, जिसकी वजह से अब उसे भी समझ में आ गया था कि में अब पूरी तरह से गरम हो चुकी हूँ. फिर उसने मुझे किस करना शुरू किया. मेरा तो मन ही ख़राब हो जाता था मेरे मित्रगणों  .

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 क्या बताऊ मेरे मित्रगणों  मैंने चुदाई हर लिमिट पार कर दिया फिर मैंने भी उसका पूरा पूरा साथ देना शुरू किया और अब हम दोनों पागलों की तरह एक दूसरे के होंठ चूस रहे थे और एक दूसरे की जीभ से खेल रहे थे और हम दोनों यह बात बिल्कुल ही भूल चुके थे कि हम इस समय एक ट्रैन में हैं, लेकिन फिर भी हमे कोई चिंता नहीं थी, क्योंकि उस समय वहां पर हमारे आलावा और कोई भी नहीं था. अब वो अपने एक हाथ से लगातार मेरे चूचिया  दबा, मसल रहा था, तभी अचानक वो नीचे झुका और अब मेरे चूचिया  को चूसने लगा, जिसकी वजह से में पागल हो रही थी और उसने मेरी निप्पल को चूसने के साथ साथ काटना भी शुरू किया, जिसकी वजह से मेरी चूत अब पूरी तरह से गीली हो चुकी थी और मेरी चूत को अब एक लंड की ज़रूरत आ गयी थी, जो मेरी चूत में लगी और उस आग को बुझा सके और मेरी चूत को अपने लंड से एकदम शांत कर सके. कुछ भी  हो माल एक जबरजस्त था .

 उसको देखकर  किसी का मन बिगड़ जाये  फिर मैंने उससे कहा कि प्लीज अब चोद दो मुझे अब और मुझे ना तड़पाओ, प्लीज़ अब जल्दी से कुछ करो, मेरी प्यासी चूत को अपने लंड से चोदकर प्लीज एक बार त्रप्त कर दो, उह्ह्ह. फिर उसने कहा कि नहीं इतनी जल्दी नहीं, तुम तो बहुत चुदकड़  माल हो और में तुम्हे तो आज तड़पा तड़पाकर ही चोदूंगा, तुम जब से आई हो में तुम्हारे इस चुदकड़  बदन से मेरी नज़र नहीं हटा पा रहा हूँ और मेरा तो मन करता है कि में तुम्हे पूरी जिन्दगी भर चोदता रहूँ और अब उसने कुछ देर मुझे चूमकर, चाटकर और तरसाया, उसके बाद उसने मेरी जींस को उतार दिया और फिर वो पेंटी के ऊपर से अपनी उंगलियाँ घुमाकर मुझे और तरसाने लगा और जिसकी वजह से में अब और भी ज़्यादा गरम हो रही थी. मेरे मित्रगणों  मैंने किसी भाभी को छोड़ा नहीं है.

 मेरे मित्रगणों  एक बार स्कूल में चुदाई कर दिया बड़ा मजा आया  उह भाई साहब की माल है उसकी चुत की बात ही कुछ और है फिर उसने अपनी नाक को मेरी पेंटी पर लगाकर उसे सूंघने लगा और वो मुझसे कहने लगा कि वाह मेरी जान तुम्हारी इस जगह से बहुत अच्छी बिल्कुल मधहोश कर देने वाली खुशबू आ रही है, वाह मुझे इसको सूंघना बहुत अच्छा लगा और फिर उसने अपने दाँतों से पेंटी को थोड़ा सा साईड किया और हल्के से अपनी जीभ से मेरी गरम चूत को छूने लगा, अब वो मेरी चूत को लिक करने लगा और उसके ऐसा करने से में अब सातवें असमान पर पहुंच चुकी थी. मेरे मित्रगणों  चोदते  चोदते  कंडोम के चीथड़े मच गए.

 ओह्ह उसके यह का चुम्बन की तो बात अलग है में अब उससे ज़ोर ज़ोर से कहने लगी कि हाँ चाटो और चाटो, हाँ खा जाओ मेरी चूत को, कुत्ते की तरह चाटो, इस मेरी चूत को यह सिर्फ़ तुम्हारे लिए ही गीली हुई है, उह्ह्ह्ह हाँ और अंदर से चाटो. दोस्तों वो अब मेरी यह बात सुनकर जोश में आकर और भी ज़ोर से चाटने लगा और मुझे उसका मेरी चूत का चाटना, चूसना बहुत अच्छा लग रहा था, वो अपनी जीभ में मेरी चूत में अंदर तक डालकर मेरी चूत की पंखुड़ियों को अपने एक हाथ से फैलाकर चोदने लगा और उसकी वजह से मेरी चूत में अब बहुत जोश भर चुका था और अब में भी अपने चूतड़ को उठा उठाकर उसके लंड से अपनी चुदाई के मज़े लेने लगी और वो भी पूरे जोश में आकर मेरी चुदाई लगातार ज़ोर ज़ोर से धक्के देकर करता रहा. एक बार मैंने अपने मौसी की लड़की को जबरजस्ती चोद दिया.

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 है उसके गांड मेरा मतलब तरबूज क्या गजब भाई फिर करीब बीस मिनट की उस ताबड़तोड़ चुदाई के बाद में उसके मुहं पर झड़ गई और उसने मेरे वीर्य चाट लिया, वो ज़ोर ज़ोर से चूसता रहा और फिर उसने मुझसे कहा कि बेबी तुम्हारा चूत रस तो बहुत नमकीन है और मुझे तुम्हारा नमकीन चूत रस बहुत ज़्यादा पसंद आया और अब उसने बिना देर किए मेरी चूत के मुहं पर अपना लंड रख दिया, क्योंकि मेरी चूत बहुत गरम, गीली हो चुकी थी तो उसका लंड एक ही बार में फिसलता हुआ पूरा अंदर चला गया और उसके बाद उसने मुझे ज़ोर ज़ोर से धक्के देकर चोदना शुरू कर दिया और में लगातार मोन किये जा रही थी और वो मुझसे कहे जा रहा था कि वाह मेरी जान तेरी चूत तो बहुत टाईट है और अगर तू एक बार मुझसे कहे तो में तुझे ज़िंदगीभर चोद सकता हूँ, मुझे इतना मज़ा आज तक किसी को चोदने में नहीं आया और वो अब मुझसे यह बात कहकर मुझे किसी जानवर की तरह लगातार जोरदार धक्के देकर चोदता रहा, वो बहुत जोश से मुझे चोद रहा था, क्योंकि उसके हर एक धक्के से मेरा पूरा बदन हिलने लगता और में भी अब उसके साथ साथ अपनी चुदाई के पूरे मज़े ले रही थी. मेरे मित्रो मामा की लड़की की चुदाई में बड़ा मजा आया.

 मेरे मित्रगणों  कई बार जबरजस्ती शॉट मरने में चुत से खून निकल गया दोस्तों उसका लंड आकार में बहुत बड़ा और मोटा था, जिसकी वजह से वो सीधा मेरी बच्चेदानी से जाकर टकरा रहा था, उसके लंड की ज्यादा मोटाई की वजह से वो मेरी चूत की दीवारों पर रगड़ रहा था, जिसे में अपनी चूत में एक अजीब से जलन के रूप में महसूस करने लगी थी और उस लंड की वजह से मेरी चूत पूरी तरह से भर गई थी, लेकिन उस ताबड़तोड़ चुदाई के सामने में अपने वो सब दुःख दर्द भुलाने के लिए तैयार थी, मुझे बस उससे कैसे भी करके अपनी चूत को शांत करवाना था और उसने मुझे करीब तीस मिनट तक लगातार धक्के देकर चोदा और हम चुदाई करके बहुत थककर लेट गये और वो अब भी मेरे ऊपर लेटा हुआ था, उसका लंड मेरी चूत में था और वो मेरे चूचिया  से खेल रहा था और में अपनी चूत में उसका गरम गरम वीर्य टपकता हुआ महसूस कर रही थी. उसका भोसड़ा का छेड़ गजब का था मेरे मित्रगणों .

 उसकी बूब्स  देखते ही उसको पिने की इच्छा हो गयी   दोस्तों उसने मुझे उस रात को करीब दो बार और चोदा. उसके बाद हम दोनों अपनी अपनी सीट पर जाकर सो गए और फिर दूसरे दिन सुबह करीब 11.20 जब हम दोनों अपने अपने स्टेशन आने पर ट्रेन से उतरने लगे तो हमने उस समय अपने मोबाईल नंबर एक दूसरे को दे दिए. दोस्तों उसके बाद वो अपने रास्ते और में अपने रास्ते चले गए, लेकिन में आज तक उस चुदाई को नहीं भुला सकी, क्योंकि वो मेरी अब तक की सबसे यादगार चुदाई में से एक चुदाई थी और जिसके बाद ही मैंने सेक्स का असली मतलब समझा था, उसने मुझे चोदकर बताया कि चुदाई क्या और कैसे होती है. मेरे मित्रगणों  मै सबसे पहले उसकी गांड मरना चाहता हु उसको पेलने की इच्छा दिनों से है मेरे मित्रगणों.

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