Drishyam, ek chudai ki kahani-4

हेल्लो दोस्तों, अब आगे की कहानी पढ़िए! उधर जैसे ही अर्जुन दूकान से चाचाजी के घर पहुंचा लगभग उसी समय कालिया अपने भरे हुए ट्रक में सामान डिलीवरी करने के लिए दूकान पर पहुंचा। ट्रक की आवाज सुनकर सिम्मी बाहर आयी तो उसने कालिया को सामान उतारते हुए देखा। सिम्मी अकेली थी। वह कालिया को देख कर डर गयी। उसने दूकान के चारों और देखा। उसे दूर दूर तक कोई नजर नहीं आया। कुछ नकली हिम्मत दिखाते हुए सिम्मी ने कालिया से पूछा, “इतने लेट क्यों सामान लाये हो? शामको आना। चाचाजी घर चले गए हैं।” सिम्मी के मुंह से यह शब्द निकल तो गए पर बाद में उसे पछतावा होने लगा। शायद उसने ना चाहते हुए भी कालिया को यह मैसेज दे दिया की वह उस वक्त दूकान में अकेली ही थी और आसपास और कोई नजर नहीं आ रहा था। कालिया ने भी अपने चारों और नजर दौड़ाई। …

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Drishyam, ek chudai ki kahani-3

हेल्लो दोस्तों, अब आगे की कहानी पढ़िए! गर्मी का मौसम था, चीलचिलाती धुप थी। अक्सर गुजरात के छोटे कस्बों में दूकानदार दोपहर को १२.३० से चार बजे के बिच में दुकान बंद कर देते हैं और घर जाकर खाना खा कर सो जाते हैं। मैंने अनुभव किया है की अक्सर इन्हीं समय काल में कई विविध रस से परिपूर्ण कहानियां जन्म लेती हैं। शायद इसी समय में कई नवशिशु के अवतरण के बीज भी बोये जाते होंगे। वैसे ही रश्मिभाई दुकान बंद करने की तैयारी में थे। उस दिन ग्राहकी कुछ ज्यादा तेज थी। रश्मिभाई की भतीजी सिम्मी उनको बुलाने के लिए आ पहुंची थी। चूँकि चाचा को आने में देर हो गयी थी, इस लिए चाची कब से बड़बड़ा रही थी की खाना तैयार था पर चाचा नहीं आये। खाली बैठी सिम्मी ने चाची को कहा, “चाची आप चिंता ना करें। मैं अभी भाग कर जाती हूँ और चाचाजी …

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Chachi ki pyaas – Hindi sex kahani

chachi ki chudai

Hi friends my name is Mr H (Code name) yeh story jo m app ko sonany ja raha hon sachi kahani hay please comment Kr k feedback zaroor dijya ga pehly m apny bary m batata chaloon hight 5.11 hay mery laan ka size 6 inch hay aur age 23 hay m abi parh raha hon ab story ki tarf ata hon m apni famliy k sath garmiyon ki chutyan guzarny apny gaon gaya tha waha mery chacha chachi aur un k bachy rehty thy meri chachi dekny m aik dam mast lagti thee un ka figer 38 32 40 tha un Ki aankain aik dam nashelein the gulabi gaal raseely honth koi apsara maloom hoti thee un ko daikh kar to koi be un ka dewana ho jata m n jab un ko dekha to dekhta he rehgaya un k boobs bilkul tany howy thay aur bra sy bahr …

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बेटी की कमसिन जवानी-4

अब तक की सेक्स स्टोरी में आपने पढ़ा कि बापू अपनी जवान बेटी के बदन से खेल रहा था और उसकी मिन्नत कर रहा था.बापू घुटनों पर ही था और सर ऊपर उठाकर पद्मिनी से कहा- बस अपना यह स्कर्ट ऊपर उठाकर बापू को अन्दर की जाँघ और अपनी पेंटी दिखा दे, मैं बहुत खुश हो जाऊँगा.पद्मिनी शरम और हल्के से गुस्से से लाल पीली होते हुए बोली- क्या??अब आगे… तब तक बापू उसकी स्कर्ट को उठाने की कोशिश में था और पद्मिनी झुक कर अपनी स्कर्ट पर दोनों हाथों को रखते हुए कहने लगी- आज आप क्यों टीचर की तरह बर्ताव कर रहे हैं बापू?तब बापू ने अचानक कहा- अरे हाँ, तुमने तो अभी तक मुझको कहा ही नहीं, जो बातें की जा रही है तेरे और टीचर के बीच?पद्मिनी ने कहा- आपको आज सब कुछ स्कूल से आने के बाद आज पक्का बताऊँगी… ठीक है बापू? फिर बापू ने उसकी …

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बेटी की कमसिन जवानी-3

अब तक की सेक्स स्टोरी में आपने पढ़ा था कि पद्मिनी के बापू ने रात को उसकी चूत में उंगली डाल कर चैक कर लिया था कि उसकी बेटी अभी कुंवारी है. फिर उसके चूतड़ों की दरार में अपना लंड रगड़ कर माल निकाल कर सो गया था.अब आगे.. सुबह को यूँ तो हर रोज़ बापू पहले उठता है और चाय बना कर खेत जाने से पहले पद्मिनी को जगा कर जाता था और हर रोज़ उसको चाय देकर, जब वह जग जाए तब ही घर से निकलता था. पद्मिनी उसके बाद नहाती थी और स्कूल के लिए तैयार होकर घर से निकलती थी. स्कूल जाते वक़्त बापू के खेत के पास से गुज़रती और घर की चाभी उसको देकर तब स्कूल जाती. हर रोज़ ऐसा चलता था. मगर इस सुबह को जब पद्मिनी की आखें खुली तो देखा कि बापू उसको उठाने के लिए नहीं आया था और रात …

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बेटी की कमसिन जवानी – 2

इस सेक्सी कहानी में अब तक आपने पढ़ा कि पद्मिनी का बापू उसको चोदने की नजर से देखने लगा था और वो आज रात ही पद्मिनी की चूत का मजा लेना चाहता था. इसलिए वो अपनी बेटी से दारू पीने की कह कर घर से निकल गया.अब आगे… जब पद्मिनी का बाप ठेके पर पहुँचा तो उसको एक दोस्त की मां के देहांत का समाचार मिला और वह पीने से पहले अपने दोस्त के घर चला गया. जाते जाते वो अपने घर पद्मिनी को यह बताने गया भेजा कि वह देर से घर वापस आएगा. वो उसका इंतज़ार न करे और टाइम पर सो जाए. उसका पिता देर से आएगा, यह जान कर खाना खाने के बाद पद्मिनी सभी बातों को भूलकर सोने चली गयी. अब पद्मिनी साधारण परिवार की लड़की थी, तो रात को नाइटी नहीं पहनती थी बल्कि वैसी ही सो जाती थी, जिस ड्रेस में रहती थी, …

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बेटी की कमसिन जवानी – 1 Bap Beti CHudai

वासना की इस कहानी में आपका स्वागत है. पद्मिनी की माँ का उस समय ही देहांत हो गया था, जब पद्मिनी कच्ची उम्र की थी. उसका कोई भाई बहन न होने के कारण पद्मिनी अपने पिता की बड़ी दुलारी थी. एक ही औलाद होने के कारण छोटी उम्र से वह अपने पिता के साथ ही सोती थी. पिता को पद्मिनी से बहुत प्यार था और अपने दिल के टुकड़े को वो हमेशा अपने साथ रखता था. उस पिता को अपनी बेटी को लेकर कभी कोई बुरा ख्याल नहीं आया था. सब ठीक से चल रहा था और मोहल्ले के सभी बच्चों की तरह पद्मिनी भी स्कूल जा रही थी. स्कूल के बाद पद्मिनी ने अपने पिता से ही खाना पकाना सीखा. जब वो छोटी थी, तब से ही वो घर के सभी काम भी अच्छी तरह से करना सीख गई थी. पद्मिनी अपनी माँ के मरने के बाद अपने घर की …

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